(Posted on 19 Nov 2024)

माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, डॉ. डी.आर.सिंह ने 19.11.2024 को डॉ. प्रेम कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन से मुलाकात की। माननीय मंत्री जी, विश्वविद्यालय के शिक्षण, अनुसंधान, विस्तार और प्रशिक्षण गतिविधियों के बारे में जानकर प्रसन्न हुए। उन्होंने जल्द से जल्द वानिकी कॉलेज, मुंगेर में शैक्षणिक गतिविधियों को शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई और विश्वविद्यालय को चलाने में कुलपति को अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का वादा किया।

  (Posted on 29 Oct 2024)

डॉ डी आर सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ फिजा अहमद ने आज माननीय राज्यपाल, बिहार श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से शिष्टाचार मुलाकात कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। इसी क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित केला की G9 प्रभेद माननीय राज्यपाल को सप्रेम भेंट दिया गया।

  (Posted on 29 Oct 2024)

Honourable Governor UP courtesy meet and Diwali Greetings at Rajbhawan patna

  (Posted on 28 Oct 2024)

चान्दन प्रखंड के सातो गाँव में मनाया गया प्रक्षेत्र दिवस

आज दिनांक 25.10.2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बाँका के द्वारा चान्दन प्रखंड के सातो गाँव में मूँगफली (प्रभेद-कादरी लेपाक्षी) का प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग इस नयी प्रभेद के फसल को देखें और जागरूकता बढ़े।

कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने सातो गाँव में मूँगफली के प्रत्यक्षण के बारे में विस्तार से बताया और कहा पहले यहाँ के किसान नई फसल को अंगीकृत नहीं करना चाहते थे। यहाँ के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण एवं नियमित भ्रमण के उपरान्त यह कार्य सफल हो पाया और फसल भी काफी अच्छी स्थिति में है।

इस कार्यक्रम में बिहार कृषि विश्वविद्द्यालय, सबौर के सह निदेशक प्रसार शिक्षा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृ॰वि॰के॰ द्वारा किसानों को नई तकनीक के माध्यम से खेती करने हेतु प्रशिक्षण एवं प्रत्यक्षण के माध्यम से प्रेरित किया जाता है, जिससे कि उनकी उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है। लोग पारम्परिक खेती के साथदृसाथ नई तकनीक के माध्यम से खेती करेंगे तो इसका दूरीगामी प्रभाव पड़ेगा और निश्चित रूप से उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी।

डा० फिजा अहमद, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र ने कहा कि सातों गाँव प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है और यहाँ उद्द्यानिक फसलों की काफी संभावना है। इस गाँव में उद्द्यानिक फसलों की कमी देखा गया उन्होंने कहा कि यहाँ अमरूद फसल का अच्छा उत्पादन हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि यहाँ के लोग इच्छुक हों तो उन्नत किस्म का अमरूद का पौधा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यहाँ के लोग इन्टरमीडिएट में पढ़ रहे छात्रदृछात्राओं को कृषि शिक्षा की तैयारी करावें, ताकि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बी॰एस॰सी॰ (कृषि) में नामांकन कराकर आगे की शिक्षा ग्रहण कर सकें। इससे जहाँ एक तरफ लोगों को कृषि के क्षेत्र में कार्य करने में उत्साह बढ़ेगा, वहीं दूसरी तरफ अन्य छात्र इससे प्रेरणा लेकर कृषि शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि यहाँ के किसान रबी मौसम में बीज उत्पादन करना चाहते हैं तो उन्नत किस्म का बीज विश्वविद्द्यालय द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा और उत्पादित बीज को विश्वविद्द्यालय द्वारा बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर खरीद भी लिया जाएगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आए हुए बिहार कृषि विश्वविद्द्यालय, सबौर के माननीय कुलपति डा॰ डी॰ आर॰ सिंह ने कहा कि इतने सुदूरवर्ती क्षेत्र में मूँगफली जैसे नयी फसल को अपनाने वाले किसानों को बधाई और शुभकामनाएँ दी और सातो गाँव को गोद लेने की घोषणा की। उन्होंने अधीनस्थ पदाधिकारियों को निदेश दिया कि सातो गाँव का पूरा सर्वे करें, जिसमें प्रत्येक घर और प्रत्येक परिवार की समूची जानकारी हो। इसके एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाने का भी निदेश दिया। कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को समुचित प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। अभी रबी सीजन की फसल लगायी जानी है, इसमें लगाये जाने वाले फसल की वैज्ञानिक तरीके से लगाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र के सम्पर्क करने की बात कही गयी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा भी किसानों की दशा सुधारने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए कृषि रोड मैप श्रृखला के माध्यम से जनजागृति फैलाया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज कई खाद्द्यानो में उत्पादन बढ़ा है। जो किसान नवीन तकनीकी से खेती को अपनाया है और कृषि के साथद-साथ इसके अन्य घटकों को शामिल किया है, उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है। प्रशिक्षण के संबंध में किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र जाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए कहा कि केन्द्र के वैज्ञानिक यहीं आकर संबंधित विषय पर प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने यहाँ के किसानों के उत्साहवर्धन हेतु बिहार कृषि विश्वविद्द्यालय, सबौर का भी भ्रमण करने का सुझाव दिया और कहा यदि यहाँ के किसान इच्छुक हों तो विश्वविद्द्यालय से एक बस भेज दिया जाएगा और विश्वविद्द्यालय में दोदृतीन रहकर सभी इकाईयों का भ्रमण कर खेती की विधाओं को देखकर सीखें, क्योंकि देखकर सीखना आसान होता है। महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्द्यालय द्वारा इस दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर से ही महिला सशक्तिकरण को सार्थक किया जा सकता है। उन्होंने इच्छुक महिलाओं को संबंधित विषय पर प्रशिक्षण देने का निदेश दिया।

इसके पूर्व कुलपति महोदय द्वारा बंगालगढ़ में लगे लाह के प्रत्यक्षण को भी देखा गया और वे इससे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने लाह पर शोध करने की बात कही और कहा कि इस क्षेत्र में बहुत कम शोध हुए हैं। शोध करके इसका और विस्तार दिया जाएगा और इसे एक ब्रांड के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। इनके द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र बाँका में लगे विभिन्न इकाईयों विशेषकर तकनीकी पार्क का भ्रमण किया गया और इसकी काफी सराहना की गयी।

इस अवसर पर उपनिदेशक प्रशिक्षण डा अभय मानकर ने भी किसानों को संबोधित करते हुए मूँगफली फसल के प्रत्यक्षण की सराहना की। इस अवसर पर केन्द्र के कृषि अभियंत्रण के वैज्ञानिक ई॰ रविरंजन कुमार, मृदा वैज्ञानिक श्री संजय कुमार मंडल, कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ॰ नेहा सिंह और पशु वैज्ञानिक डाॅ संजीत कुमार ने भी अपनेदृअपने विषय से संबंधित किसानों की समस्याओं को सुना और उसका निदान बताया।

  (Posted on 26 Oct 2024)

डॉ मोहसिना अंजुम सहायक प्रध्यापक मृदा विज्ञान, डा. कलाम कृषि महाविद्यालय किशनगंज को "द मोजेक कम्पनी फाउन्डेशन द्वारा आउट स्टैन्डिंग डाक्टोरल रिसर्च फार ओमेन" अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया।

 

ज्ञात हो कि मोजेक कम्पनी (NYSE: MUS) फास्फेट और पोटाश के उत्पादन में विश्वभर में अग्रणी उत्पादक है। इस कम्पनी का मुख्यालय अमेरिका में स्थित है।

इस प्रतिष्ठित कम्पनी ने वर्ष 2022-23 से महिला वैज्ञानिकों के लिए “आउट स्टैंडिंग डाक्टोरल रिसर्च फॉर वोमेन इनo द एरिया ऑफ़ प्लांट न्यूट्रीशन एवार्ड” की शुरुआत की है । यह पुरस्कार महिला वैज्ञानिकों द्वारा किए गए उत्कृष्ट पी0 एचo डीo शोध कार्यो के लिए दिया जाता है । बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कलाम कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ मोहसिना अंजुम को वर्ष 2022-23 के लिए यह पुरुस्कार दिया गया। इस पुरुस्कार को दिनांक 24/10/2024 को गुरुग्राम में कार्यक्रम के दौरान दिया गया। पुरस्कार स्वरूप डा० मोहसिना अंजुम को 1.5 लाख रू, ब्लेजर, सर्टिफिकेट एवं गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया गया। बिहार विश्वविधालय के कुलपति डॉ डीo आरo सिंह ने इस पुरुस्कार को प्राप्त करने पर विशेष बधाई दी अधिष्ठाता कृषि डॉ एo के साहा, निदेशक शोध डाo अनिल कुमार सिंह, डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ के o सत्यनारायण, विभागाध्यक्ष मृदा विज्ञान डॉ एसo सीo पाल सहित सारे प्राध्यापको ने इस उपलब्धि पर उन्हें वधाइ‌याँ दी।

  (Posted on 25 Oct 2024)

 बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर  में 27वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक संपन्न, किसानों के उत्थान पर हुआ मंथन

 

 बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आगामी रबी फसल के लिए 27वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक का आयोजन आज सफलता पूर्वक किया गया | इस बैठक में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों और सभी महाविद्यालयों द्वारा चलायी जा रही योजनायों और कार्यक्रमों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया साथ ही तकनीकी सत्र में आगामी रबी फसल के लिए कार्य योजना की प्रस्तुति दी गयी | इस बैठक में सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान साथ ही सम्बंधित परियोजना के विषय वस्तु विशेषज्ञों ने भाग लिया साथ ही राज्य भर से आये हुए प्रगतिशील किसानों ने भी अपना अनुभव साझा किया | 

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. डी० आर० सिंह ने किया साथ ही मुख्य अतिथि के तौर पर डॉ. के० डी० कोकाटे, पूर्व डीडीजी, कृषि प्रसार, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद एवं डॉ वी० वी० सदामते, प्रख्यात विशेषज्ञ कृषि प्रसार एवं पूर्व सलाहकार कृषि योजना आयोग, भारत सरकार ने भी अपना बहुमूल्य अनुभव साझा किया | कार्यक्रम में अटारी पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार सिंह एवं राज्य के कई जिले के प्रगतिशील किसान शामिल हुए जिनमें श्री आनंद मुरारी पटना, श्री बिनीता कुमार नालंदा, श्रीमति बंदना कुमारी बांका, श्री प्रभात कुमार एवं अनिल वर्मा ने कार्यक्रम में शिरकत किया | 

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ | स्वागत भाषण और बीएयू में प्रसार गतिविधियों की रुपरेखा का प्रस्तुतिकरण प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. के. सोहाने ने दिया |

अपने अध्यक्षीय भाषण में बोलते हुए माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने कहा कि बाज़ार की मांग के अनुरूप हमें शोध और प्रशिक्षण करने की जरुरत है | उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के अनुसार केवीके को क्रोपिंग पैटर्न बदलने की जरुरत है | माननीय कुलपति ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी जल्द ही एक जिले को गोद लेकर मॉडल जिले के रूप में पुरे जिले के हर गांव को विकसित करें | उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही कचरा प्रबंधन पर कार्य करेगा और माननीय प्रधान मंत्री के “वेस्ट टू वेल्थ” मन्त्र को साकार करेगा | माननीय कुलपति ने कहा कि बीएयू सबौर एक ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है जो यूनाइटेड नेशन के सोलहों सतत विकास लक्ष्य (SDG Goals) पर कर कर रहा है | माननीय कुलपति ने डायरेक्टर अटारी से अनुरोध किया कि कृषि अनुशंधान परिषद की ओर से जल्द से जल्द कृषि विज्ञान केन्द्रों में व्याप्त जो भी समस्याएं हैं उसे निराकरण करें | 

आईसीएआर नयी दिल्ली के पूर्व डीडीजी, कृषि प्रसार, डॉ. के० डी० कोकाटे ने प्रसार शिक्षा के महत्व से सदन को अवगत कराया साथ ही उन्होंने कृषि प्रसार शिक्षा के इतिहास और विज़न के ऊपर एक प्रस्तुतीकरण दिया | उन्होंने कहा कि देश में लगभग सात लाख गांव हैं और जब तक गांव आत्मनिर्भर नहीं हो जाते तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता | 

प्रख्यात कृषि प्रसार विशेषज्ञ एवं पूर्व सलाहकार कृषि योजना आयोग, भारत सरकार डॉ वी० वी० सदामते ने कृषि प्रसार की अहमियत के बारे में कहा कि अगर कृषि में प्रसार ठीक नहीं है तो कृषि भी ठीक नहीं हो सकता | उन्होंने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह एक प्रसार का बेहतरीन मॉडल है इसे अंतर्राष्ट्रीय फोरम में प्रस्तुत किया जाना चाहिए | उन्हेंने कहा कि हालाँकि कृषि प्रसार एक जटिल प्रक्रिया है लेकिन एक बेहतरीन मॉडल अपना कर सफलता पूर्वक किसानों तक कृषि प्रसार किया जा सकता है |  

विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. ए० के० सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा चलायी जा रही शोध परियोजनाओं से सदन को अवगत कराया |

उद्घाटन सत्र के उपरांत एक-एक कर सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों और महाविद्यालयों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया | 

 *कृषि विज्ञान केन्द्रों को किया गया सम्मानित* : 

उत्कृष्ट कार्यों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों को सम्मानित किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र सबौर को इस वित्तीय वर्ष में चक्रीय खाते में एक करोड़ रूपये अर्जित करने के लिए वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ राजेश कुमार को सम्मानित किया गया साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र सबौर को एक अन्य उपलब्धि जो कि किसान सारथी पोर्टल पर किसानो के सर्वाधिक साढ़े चार लाख पंजीकरण के लिए सम्मानित किया गया | अन्य कृषि विज्ञान केन्द्रों में केवीके पटना को एक करोड़ की राशि अर्जित करने एवं बांका एवं पटना को किसान सारथी पोर्टल पर एक से दो लाख तक पंजीकरण के लिए सम्मानित किया गया | 

 *पुस्तकों का विमोचन* : बीएयू से प्रशिक्षण लेने वाले किसानों की सफलता की कहनियों के संकलन पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया साथ ही मधुमक्खी पालन एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों से कृषक सन्देश और कृषिक समाचार का भी विमोचन किया गया |

  (Posted on 22 Oct 2024)

अगले हरित क्रांति में “बीज” और “जल-संरक्षण” की होगी महत्वपूर्ण भूमिका

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में 28वी0 शोध परिषद् की बैठक (रबी 2024-25) का विधिवत् शुभारंभ दिनांक 22.10.2024 को माननीय कुलपति डा0 डी आर सिंह एवं सम्मानित अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्जवलीत कर किया गया। कार्यक्रम में आये हुए सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डा0 ए0 के0 सिंह द्वारा पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। अपने स्वागत भाषण में निदेशक अनुसंधान ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न शोध परियोजनाओ एवं इससे जुड़ी हुई उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि माननीय कुलपति महोदय के कुशल नेतृत्व, देखरेख एवं मार्गदर्शन के परिणाम स्वरूप मात्र दो वर्षो में विश्वविद्यालय को 14 पेटेंट प्राप्त हुए है और 5 मूल्यवान कृषि उत्पाद जैसे कतरनी धान, जर्दालू आम, शाही लीची, मगहीपान और मिथिला मखाना का ळण् प्ण् पंजीकरण प्राप्त हुआ है। उन्होने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में शोध की 692 परियोजनाऐ चल रहे है जिनमें 269 परियोजनाओ का सफलतापूर्वक समापन हो चुका है। और वर्तमान में 423 परियोजनाओ का कार्य प्रगति पर है।विश्वविद्यालय के द्वारा नई-नई फसलो में सोयाबीन, अरहंडी, रामतील, कुसुम पुष्प इत्यादि फसलो पर शोध कार्य को प्रारंभ करने के लिए वैज्ञानिकों को निर्देशित किया गया हैंें।

 कार्यक्रम में बी0एच0यू0, वाराणसी के विषय विशेषज्ञ डा0 सुरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में मिट्टी के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होनंे कहा कि अच्छे जीवन और अच्छे भोजन के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना आवश्यक है। 

 विषय विशेषज्ञ के तौर पर आये हुए चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के प्रख्यात वैज्ञानिक डा0 सी0 पी0 सचांन ने कहा कि आज की कृषि चुनौतियों से भरी हुई है। हमारे सामने अभी मौसम परिवर्तन, जनसंख्या में वृद्वि, खेतीयोग्य भूमि में कमी और श्रमिको का पलायन विकट समस्या के रूप में उभर चुका है। जिससे निजात पाने के लिए हमें अब ऐसी तकनीक और प्रभेदो को लाने की जरूरत है जिसके माध्यम से कम भूमि में कम समय में और पोषक तत्वों से भरपूर अनाजो को उपजाया जा सके। और इसके लिए जैव प्राद्योगिकी एवं जैव रसायन विभाग के माध्यम से ऐसे प्रभेद का ईजाद होना चाहिए जिससे अच्छी पैदावार हो सके। इसके साथ ही साथ बीज एवं जल संरक्षण का कार्य भी सही तरीके से होना चाहिए। 

अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय कुलपति महोदय ने शोध निदेशालय के कार्यो की प्रगति की सराहना की। खास कर इस बैठक में शामिल होने वाले विभिन्न जोन के नवाचारी किसानो की उपस्थिति एवं उनकी बातो से खुश होकर उन्होने निदेशक अनुसंधान को यह सुझाव दिया कि अगले शोध परिषद् की बैठक मेें इनकी संख्या दुगुनी कर दी जाय। कुलपति महोदय ने यह भी बताया कि हमारे सामने दो प्रकार की समस्याएंे है उतरी बिहार में बाढ़ तथा दक्षिणी बिहार में सुखाड़। इन दोनो परिस्थितियो को ध्यान में रखते हुए हमें अपने शोध कार्यो को अंजाम देना हैं। उतरी बिहार के लिए हमें ऐसे फसलो के प्रभेदो को विकसित करना है जो कम समय में तैयार हो सके और रबी की बुआई ससमय हो सकें। खरीफ मौसम में मक्का की अच्छी पैदावार के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की जा रही बीआरएम 17-4 एवं बीआरएम 17-6 प्रभेद को एक उत्तम विकल्प के रूप में देखा जा सकता हैं। हमें पेंटेट, कापीराईट, पेकेजिग, ब्राडिंग के प्रति ध्यान केंद्रित कर कार्य करना है। साथ ही साथ दलहन, तेलहन और श्री अन्न जैसी फसलो को विशेषरूप से प्राथमिकता देनी होगी। खादय सुरक्षा एवं संरंक्षण के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती के माध्यम से, जैव कीटनाशक का प्रयोग करते हुए हमें खेती करनी है।ं इसके साथ ही साथ उन्होने कृषि उत्पादो के मूल्य संवर्धन पर भी जोर दिया और इसके प्रचार एवं प्रसार के लिए वैज्ञानिको को जरूरी दिशा निर्देश दिये।

 सभा में उपस्थित प्रगतिशील महिला कृषक श्रीमति ललिता देवी, किसनगंज एवं पुरूष कृषको श्री प्रियव्रत कुमार शर्मा, बांका, श्री औकारनाथ पटेल, कैमूर एवं श्री रविशंकर सिंह, कैमूर ने अपने द्वारा किये जा रहे क्रियाकलापों एवं उन्नत तकनीको पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण सुझाव भी दियंे। इस अवसर पर शोध निदेशालय द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशन को विमोचित किया गया। इस अवसर पर माननीय कुलपति महोदय के कर कमलो द्वारा विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित विभिन्न फसलो के प्रभेदो को राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित करने के लिए संबधित वैज्ञानिको को प्रस्सतिपत्र प्रदान किया गया। धान के लिए डा0 प्रकाश सिंह एवं टीम, तिल के लिए सीमा सिन्हा एवं टीम। तीसी के लिए डा0 आर0 बी0 पी0 निराला एवं टीम तथा मसूर के लिए डा0 अनिल कुमार एवं टीम को प्रसस्तीपत्र दिया गया। 

 शोध परिषद् की यह बैठक दो दिनो तक चलेगी। आज के प्रभेद एवं तकनीकी विकास के सत्र में डा0 अनिल कुमार द्वारा प्रस्तुत मसुर के प्रभेद सबौर मसुर 1 को शोध परिषद् द्वारा सफलतापूर्वक विमोचित किया गया। 

 इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, प्राचार्य, क्षेत्रिय निदेशक, विभागाध्यक्ष सहित सभी विभागो के लगभग 250 वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम का समापन कल दिनांक 23.10.2024 के संध्याकाल में होगा।

  (Posted on 22 Oct 2024)

 कुक्कुट पालन इकाई, बिहार कृषि विश्वविद्यालय , सबौर में हुआ स्थापित 

आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय , सबौर के कुलपति डॉ डी आर सिंह के द्वारा कुक्कुट पालन इकाई का शुभारंभ किया गया | इस कुक्कुट पालन इकाई में स्काईलार्क बोवा प्रजाति के मुर्गी का पालन किया जा रहा है जो साल में 300 अंडा देती है | इस परिष्कृत कुक्कुट पालन इकाई की क्षमता 5000 अंडा प्रतिदिन होगा जिससे विश्वविद्यालय परिसर में रह रहे शैक्षणिक , गैर शैक्षणिक कर्मियों और छात्रों को रोज अंडा उपलब्ध होते रहेंगे | 

इस इकाई की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं स्नातक छात्रों में कुक्कुट पालन में उद्यमी बनकर स्वरोजगार करने के साथ-साथ नवयुवकों को भी उद्यमी बनना है | ज्ञात हो कि मुर्गी के अंडा का भंडारण क्षमता 10 डिग्री सेंटीग्रेट पर सिर्फ 7 दिन होता है । यह अंडा पोषक तत्वों के साथ-साथ उच्च गुणवत्तापूर्ण होगा । 

इस अवसर पर कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के निदेशक , बीज एवं प्रक्षेत्र , डॉ फिजा अहमद एवं प्राचार्य डॉ एस एन राय को बधाई दी तथा छात्रों को मांग अनुसार अंडा उपलब्ध कराने का दिशानिर्देश दिया ।

  (Posted on 22 Oct 2024)

 कृषि विश्वविध्यालय के बिहार कृषि महाविध्यालय मे आज 115 कम्प्युटर की क्षमता का डिजिटल कम्प्युटर परीक्षा केंद्र का उद्घाटन माननीय कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह जी के द्वारा किया गया। इस कम्प्युटर परीक्षा केंद्र मे छात्र आगामी कम्प्युटर आधारित परीक्षाओ की तैयायारी कर सकते हैं। इस केंद्र के सभी कम्प्युटर को 50/10 एमबीपीएस के इंटरनेट की क्षमता से जोड़ा गया है, ताकि क्षात्र केवल कम्प्युटर की कम्प्यूटिंग क्षमता का ही नहीं बल्कि इंटरनेट की दुनिया मे उपलब्ध अन्यत्र ज्ञान व बिज्ञान का भी लाभ उठा सकें। उद्घाटन के दौरान अधिष्ठाता (कृषि ) डॉ. अजया कुमार साह, सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य एस. एन. रॉय, रैजिस्ट्रार डॉ. मिजानूल हक व अन्य विश्वविध्यालय पदाधिकारी इस क्षण के साक्षी बने।

  (Posted on 21 Oct 2024)

Flood inundation map of Bihar as captured through RS-GIS software

  (Posted on 19 Oct 2024)

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्य पालन विभाग 19 अक्टूबर 2024 को बिहार के पटना स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रयोग और प्रदर्शन का उदघाटन माननीय मुख्यमंत्री  श्री नितीश कुमार के द्वारा किया गया | इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ-साथ श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री  और श्रीमती रेणु देवी, माननीया मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार  श्री विजय कुमार सिन्हा एवं श्री सम्राट चौधरी , बिहार के उपमुख्यमंत्री और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं बिहार पशु विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डा डी० आर० सिंह शामिल हुए |

  (Posted on 17 Oct 2024)

2ndInteractive session in the series of Scientific Discourse held on 1st October 2024

The Scientific discourse on Agribusiness Management Education: Addressing Challenges and Proposing Improvementswas held on 1st October 2024 under the Chairmanship ofDr.A.K.Sah, Dean (Agriculture), BAU Sabour. The speaker was Dr.Sanjiv Kumar, Senior Scientist at ICAR-NAARM. I/C Principal,CABM, Faculties and PG, PhD Students of social science group participated in the discourse.

Following areas were discussed in detail:

1.      Industry Need: necessity for educational institutions to align their course curriculumas per industry demands to produce competent graduates.

2.      Academics: The importance of integrating practical knowledge with theoretical education was discussed, highlighting the evolving needs of the agribusiness field.

3.      Demanding Courses: Dr. Kumar emphasized on developing skills by doing the courses which are currently in high demandlike soft skill development, Digital and Social Marketing

4.      Case Study Approach: The expert advocated for a case study methodology in teaching, allowing students to engage with real-world scenarios and enhance their problem-solving skills.

5.      Placement Aspect: The session highlighted the significance of robust placement strategies, which directly influence student success in placement.

6.      Alumni Association. Dr. Kumar discussed the role of alumni networks in supporting current students through mentorship and career opportunities.

7.      Placement Cell: The function and effectiveness of placement cells in institutions were also examined, emphasizing their role in bridging the gap between education and employment.

Key Concepts Discussed:

Flywheel Model: illustrating the cyclical relationship between admissions, educational pedagogy, and placements. All these three pillars are associated with each other. He also explained:

·         Virtuous Cycle: High-quality placements attract better students, leading to improved overall outcomes.

·         Vicious Cycle: Poor placement results in attracting lower-quality students, perpetuating negative outcomes.

·         Technical Skills: data visualizationsoftware, such as Tableau and Power BI are valuable tools for students and faculties in agribusiness.

In the chairman’s remark Dean Agriculture, Dr.A.K.Sah put emphasis on the following points:

1.      To prepare a recruitment guide for the improvisation of the current status of placement cell.

2.      Dr. Sah advised all the faculties and students to do courses on Data science.

3.      Dr. Sah encouraged the students for their holistic personality development for getting better chances in placement.

  (Posted on 16 Oct 2024)

विश्व खाद्य दिवस की सार्थकता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच "हर थाली में बिहार का एक व्यंजन" को पूरा करने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय पूरी तत्परता के साथ प्रतिवद्ध है।
डॉ. डी. आर. सिंह कुलपति

  (Posted on 15 Oct 2024)

चांसलर ट्रॉफी, अंतर विश्वविद्यालय कबड्डी प्रतियोगिता हेतु रवाना हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ

 

दिनांक 16.10.2024 से 19.10.2024 तक राजभवन पटना द्वारा आयोजित होने वाली चांसलर ट्रॉफी, अंतर विश्वविद्यालय कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अंगीभूत 07 महाविद्यालयों से 24 उत्कृष्ट खिलाड़ियों का चयन किया गया। इन्हें सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ 12 छात्रों एवं 12 छात्राओं की दो टीमों के रूप में पाटलिपुत्र स्पोट््र्स काॅम्प्लेक्स कंकड़बाग, पटना रवाना किया गया।

 

छात्र टीम का नेतृत्व दल प्रबंधक एवं प्रशिक्षक के रूप में डॉ॰ चंदन किशोर, सहायक प्राध्यापक, पौध प्रजनन विभाग, तथा डॉ॰ गौरभ कराड, सहायक प्राध्यापक, मृदा विज्ञान विभाग कर रहे हैं। वहीं, छात्राओं की टीम का नेतृत्व डॉ॰ सोनल कुमारी, सहायक प्राध्यापक, मृदा विज्ञान विभाग, एवं डॉ॰ गायत्री कुमारी, सहायक प्राध्यापक, सस्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।

 

माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, डॉ॰ डी॰आर॰ सिंह ने सभी खिलाड़ियों को प्रतियोगिता मंे विजय हेतु शुभकामनाएँ दीं साथ ही उनके निदेश पर सभी खिलाड़ियों को कबड्डी खेल हेतु स्पोट््र्स किट भी प्रदान किया गया। डाॅ॰ जे॰एन॰ श्रीवास्तव, निदेशक छात्र-कल्याण, डाॅ॰ ए॰के॰ सिंह, निदेशक अनुसंधान, डाॅ॰ एम॰हक, कुलसचिव, श्री अमित कुमार, प्रभारी क्रीड़ा अध्यक्ष, बि॰कृ॰विश्व॰, सबौर, डाॅ॰ वाई॰के॰ सिंह, प्रभारी क्रीड़ा अध्यक्ष, बि॰कृ॰महा॰, सबौर, श्री पवन कुमार निजी सहायक निदेशक छात्र-कल्याण की उपस्थिति में दिनांक 15.10.2024 के प्रातः काल में खिलाड़ियों की टीम को पटना रवाना किया गया।

  (Posted on 02 Oct 2024)

बीएयू सबौर में धूम धाम से मनाई गयी गांधी व शास्त्री जयंती
दिनांक 2 अक्तूबर 2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मिनी सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह के निर्देशन तथा उपस्थिती  में मनाई गयी। सर्व प्रथम माननीय कुलपति महोदय ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभ आरंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों, वैज्ञानिकों एवं छात्रों  द्वारा भी  पुष्प अर्पण किए गए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी के विचारों पर गहन मंथन किया गया तथा प्रेरणा स्वरूप उनके क्रियाकलापों को अपने जीवन में सुधार लाने के लिए उपयोग करने का प्रण लिया गया।  कार्यक्रम में उपस्थित छात्र, छात्राओं एवं वैज्ञानिकों द्वारा इन दो महापुरुषों के जीवन पर आधारित व्याख्यानों के माध्यम से प्रकाश डाला  तथा उनके प्रिय भजनों जैसे की वैष्णव जन और रघुपति राघव राजा राम आदि का गायन कर  प्रस्तुति दी गई। 
“माननीय कुलपति, डॉ डी आर सिंह ने अपने संदेश में गांधी एवं शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य पर पूरे विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ दी तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वपन को पूरा करने के लिए, शांति, न्याय एवं सत्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धतता को नवीनीकृत करने का सभी लोगों से आहवाहन किया।“ 
अपने उद्बोधन  में अधिष्ठाता कृषि, डॉ अजय कुमार साह ने इन महापुरुषों के जीवन के संघर्षों को छात्र जीवन में प्रेरणा स्त्रोत के रूप में व्यावहारिक बनाने को कहा। डॉ जे एन श्रीवास्तव, निदेशक छात्र कल्याण ने  अपने भाषण में इस प्रकार के महत्वपूर्ण राष्ट्रिय पर्वों पर सभी को बढ़ चड़ के हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। अपने वक्तव्य में डॉ एस एन राय, प्राचार्य, बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर तथा डॉ एम के वाढवानी , प्राचार्य, कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, सबौर ने स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक होने का संदेश दिया तथा साथ ही अपने विचारों में भी स्वच्छता लाने का आहवाहन किया। डॉ राजेश कुमार, विश्वविद्यालय जनसम्पर्क पदाधिकारी द्वारा इन दोनों महान विभूतियों के देश के प्रति समर्पण भाव का जिक्र करते हुए सभी से उन्हें आदर्श के रूप में प्रेरणा लेने की इच्छा व्यक्त की। अंत में सभी आगंतुकों, छात्र छात्राओं तथा वैज्ञानीकों ने एक साथ राम धुन भजन गाकर समाप्त किया। इस अवसर पर डॉ शंभू प्रसाद ने मंच संचालन किया। 
इससे पहले विश्वविद्यालय परिसर में गांधी जयंती के अवसर पर जैव प्रोद्योगिकी महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय तथा वानिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों, कर्मियों तथा छात्रों ने मिलकर  स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। आज के अवसर पर बिहार वानीकी महाविद्यालय एवं शोध संस्थान, सबौर में प्रशानोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । 
“स्वच्छता कार्यक्रम में माननीय कुलपति, डॉ डी आर सिंह के नेतृत्व में छात्रावास तथा पास की  सड़कों की साफ सफाई का कार्य किया गया। इस अवसर पर माननीय कुलपति द्वारा उपस्थित छात्रों, वैज्ञानिकों, करमचारियों को साफ सफाई तथा स्वच्छता के बारे में जानकारी दी गई  तथा स्वच्छता  को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग बनाने की सलाह दी गई।“
 वानिकी महाविद्यालय के प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ मिजानूल हक़ ने स्वच्छता कार्यक्रम तथा प्रशानोत्तरी प्रतियोगिता में छात्रों, वैज्ञानिकों एवं करमचारियों की सहभागिता के प्रति आभार व्यक्त किया।  प्रशनोत्तरी प्रतियोगिता में वानीकी महाविद्यालय के छात्र साकेत कुमार को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

  (Posted on 30 Sep 2024)

माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, डॉ. डी.आर.सिंह ने 30.09.2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री, श्री राजीव रंजन सिंह से मुलाकात की। माननीय मंत्री जी, विश्वविद्यालय के शिक्षण, अनुसंधान, विस्तार और प्रशिक्षण गतिविधियों के बारे में जानकर प्रसन्न हुए। उन्होंने जल्द से जल्द वानिकी कॉलेज, मुंगेर में शैक्षणिक गतिविधियों को शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई और विश्वविद्यालय को चलाने में कुलपति को अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का वादा किया।

  (Posted on 23 Sep 2024)

बीएयू के निदेशक शोध डॉ. अनिल कुमार सिंह विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में स्थान निदेशक शोध बीएयू डॉ. अनिल कुमार सिंह विश्व के शीर्ष 2% सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं में सम्लित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा जारी ८८ वैज्ञानिकों को की सूची में निदेशक शोध का तीसरा स्थान

कुलपति बीएयू डा. डी.आर. सिंह ने कहा निदेशक शोध का विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में स्थान विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व की बात है. विश्वविद्याल के कुलपति डा. डी. आर. सिंह ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है| विवि की उच्चकोटि के शोध व शिक्षण सुविधाओं का सुखद परिणाम मिलना तय है. निकट भविष्य में विवि के अन्य वैज्ञानिक भी विश्व स्तर पर बिहार का नाम विख्यात करेंगे. वर्तमान में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) में निदेशक शोध के पद पर कार्यरत शोध डॉ. अनिल कुमार सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय में अपनी सेवाए देने के पूर्व तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना में प्रधान वैज्ञानिक सस्य विज्ञान (Agronomy) के पद पर कार्यरत थे | कृषि वैज्ञानिक, निदेशक शोध डॉ. अनिल कुमार सिंह को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका की प्रतिष्ठित “विश्व के शीर्ष  वैज्ञानिकों” सूची में स्थान प्राप्त हुआ हैं। ज्ञात हो कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली अपने स्तर से मात्र 88 वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित करता है| इस सूची मे डॉ.अनिल कुमार सिंह, निदेशक शोध को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है | 
ज्ञात हो कि मूल रूप से यह वैश्विक सूची, एल्सीवियर द्वारा प्रकाशित किया गया है, जोकि शोध संस्थानों एवं शोधरत समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का आकलन करता है। यह सूची विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं के योगदान को रेखांकित करने के सात साथ मान्यता भी देती है। देखा जाय तो इस विश्व व्यापी रैंकिंग में सम्लित होना वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण शोध, एवं उसके व्यापक एवं दूरगामी प्रभाव को इंगित करता है| निदेशक शोध, डॉ. अनिल कुमार सिंह विश्व के शीर्ष 2% सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं में शामिल किया गया है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठित सूची  को एल्सीवियर के स्कोपस डेटा का उपयोग करके संग्रहित किया गया है, जोकि उनके चुने गए स्जोध क्षेत्र में गहरा प्रभाव डालने वाले वैज्ञानिकों की मान्यता के लिए एक बेंचमार्क प्रदान करती है। यह सूची विभिन्न संदर्भ सूचक, जैसे एच-सूची, सह-लेखकता, और संशोधित संदर्भ गणना, आदि को ध्यान में रखती है ताकि शोध योगदानों का एक निष्पक्ष और व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित हो।
डॉ. अनिल कुमार सिंह ने प्राकृतिक संसाधन प्रवंधन, पादप जैव संसाधन प्रवंधन पर शोध किया है। आपने बाकले की दो प्रजातियाँ भी विकसित की है| उन्होंने 189 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले शोध लेखों और अंतरराष्ट्रीय प्रेसों से 10 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं,  उनके 4100 संदर्भों के साथ 32 h और 84 i10 सूचकांक के माध्यम से उनके शोध का प्रभाव दिखाई देता है। जिन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट्स भी मिले हैं। वैदिक कृषि का वैज्ञानिक स्वरूप: जैवगतिशील नामक पुस्तक को भारत सरकार द्वारा  राजभाषा गौरव पुरस्कार से भी सम्मनित किया गया है | 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना की हिंदी अर्धवार्षिक पत्रिका “अक्षय खेती”  को गणेश शंकर विद्यार्थी हिंदी पत्रिका पुरस्कार से भी सम्मनित किया गया है जिसके आप संसथापक मुख्य सम्पादक थे| डॉ. सिंह जर्नल ऑफ़ अग्रिसर्च, कृषि मंजूषा एवं ई खेती के भी संसथापक मुख्य सम्पादक है |  वर्तमान में निदेशक शोध बी ए यू, कई वैज्ञानिक संस्था के फेलो भी है उनमे से प्रमुख इंडियन सोसाइटी ऑफ़ अग्रोनोमी, नई दिल्ली एवं इंडियन सोसाइटी ऑफ़ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेस नई दिल्ली | राष्ट्रीय कृषि विज्ञानं आकादमी के असोसिएट फेलो भी है |

  (Posted on 22 Sep 2024)

माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के सबएग्रिस द्वारा इन्कुबेटेड दो स्टार्ट अप को उद्योग विभाग बिहार साकार द्वारा जारी टॉप 5 में  स्टेप -इ - फाई  को प्रथम एवं सत्तूज़ को तृतीय स्थान प्राप्त होने पर खुशी जाहिर करते हुए सबएग्रिस के सभी सदस्य को बधाई दी । ज्ञात हो की इन्ही सब उपलब्धियों को देखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग,  भारत सरकार द्वारा हाल ही में हुई रिव्यु मीटिंग में सबएग्रिस, बीएयू, सबौर को अधिकतम 149 लाख रुपये प्रदान किया गया जो कि  पुरे ग्रुप में सर्वाधिक है |

  (Posted on 21 Sep 2024)

Inauguration of Remote Sensing and GIS Laboratory at the Department of Soil Science and Agricultural Chemistry, BAU 

An advanced Remote Sensing and GIS laboratory was inaugurated in the Department of Soil Science and Agricultural Chemistry on 19th September 2024 by Hon’ble Vice Chancellor Dr. D. R. Singh.

This cutting-edge facility represents a significant milestone in the University's journey towards technological advancements in soil science and agricultural research. The lab will empower students, researchers, and faculty to utilise the latest remote sensing and geospatial technology tools, contributing to enhanced land use planning, soil mapping, and natural resource management.

The journey towards incorporating remote sensing and GIS techniques in soil research began long ago. In 1955, under the Soil Survey and Land Use Planning (SS&LUP) scheme, the Department of Soil Science initiated cartography techniques for mapping soils across Bihar. These traditional methods laid the foundation for future advancements. Significant transformation occurred in 2009 when the department adopted digital cartography and integrated remote sensing and GIS technologies. This shift enabled the preparation of soil survey reports for key districts, including Nalanda, Sheikhpura, and Bhagalpur. 2013 marked another breakthrough, with the first-ever spectral signature capture of problematic soils in Bihar, conducted using hyperspectral data under a project sponsored by DST-SERB, New Delhi. This was followed by a study of the Ahar-Pyne systems in Bihar in 2014, under the BAU-IRRI collaborative project, aimed at promoting rice intensification in lowland rain-fed areas. In 2017, under a national networking project sponsored by DST-NRDMS, New Delhi, the department studied the revival of village ponds using microwave, thermal, and multispectral remote sensing to assess water potential and drainage patterns.

Aims and Objectives of the Lab: 

The Remote Sensing and GIS Lab has been established with the following aims and objectives:

Strengthening microwave SAR, LiDAR, and thermal remote sensing for efficient natural resource management.

Promoting large-scale mapping techniques for advanced soil surveying and land use planning.

Integrating geospatial modeling, artificial intelligence, machine learning, and web GIS design to support digital agriculture.

Enhancing soil spectroscopy, digital soil libraries, and diagnostic tools for comprehensive soil, water, and vegetation mapping.

Capacity building by offering undergraduate, postgraduate, and PhD students hands-on training and research opportunities.

The lab has already secured several ongoing research projects. Externally funded initiatives include a land suitability analysis for fruits and vegetables in the Bhagalpur division using RS-GIS and machine learning, led by B. K. Vimal and Dr Anshuman Kohli, and a project on UAV-based pest and disease management of cereal crops in Bihar, managed by B. K. Vimal. In-house research projects include Modeling of Crop Dynamics, Leaf Nitrogen and Yield using Sentinel-1 SAR integrated with Machine learning, led by Dr. Sai Parasar Das, Dr. Amit Kumar Pradhan, and Dr. Bhabani Prasad Mondal; Land Resource Appraisal and Land Use Planning of Shambhuganj, Phulidumar and Katoriya Blocks, managed by Dr. Ingle Sagar Nandulal, B. K. Vimal, and Dr. Anupam Das; and Identifying Residual Soil Moisture based Optimal Planting Window for rainfed Rabi Crops in Bhagalpur, led by Dr. Bhabani Prasad Mondal and Dr. Sai Parasar Das. The lab is also involved in research on Assessment of climate change impact on crop yield and soil carbon for Agroclimatic zone- IIIa, Bihar using the DSSAT-CERES and Century model, led by Dr Chandrabhan Patel and Dr Anupam Das, and soon it is preparing for partnering in the National Soil Mapping Programme (NMSP) to map Bihar’s soils at a 1:10000 scale.

The lab is equipped with various advanced digital tools and resources to support its research such as:

Digital Soil Science Library: A dedicated system houses 100 e-books covering soil physics, chemistry, biology, pedology, and micromorphology, providing an invaluable resource for students and researchers.

Advanced Digital Remote Sensing Library: A digital library of 70 e-books focusing on advanced remote sensing techniques, including microwave SAR, multispectral and hyperspectral imaging, supporting the latest developments in the field.

Organised Library Services: All digital library services of the University Central Library are integrated into a unified system, providing easy and efficient access for students and faculty.

Spatial data Analysis using R: The lab is equipped with R studio, offering a powerful tool for spatial data analysis, predictive modelling and data visualisation that is vital for master's degree and doctoral research projects.

Microwave SAR Data Processing: A dedicated system processes microwave SAR data, enabling the lab to handle SAR data for wide applications like crop type mapping, disaster management especially flood and environmental monitoring.

Hyperspectral Image Analysis: Another system specialises in hyperspectral image analysis, which is crucial for high-resolution spectral data processing, such as vegetation analysis and water quality assessment.

The Remote Sensing and GIS Lab has produced a range of data products and research findings that include:

Legacy data of soil surveyed areas of Bihar in the form of technical reports and maps.

Exclusive spectral signature data for red soil patches of Bihar.

Mapping of the geographical area of Ox-Bows, Tal, and Diara lands in Bihar.

Topographical, lowland physiography, climate, drainage, flood, and land use/land cover maps of Bihar.

Analysis of temporal changes in maize cultivation in Bihar.

NDVI (Normalized Difference Vegetation Index) dynamics for rice, wheat, and maize crops.

Large area mapping of farmland in Bihar.

Indexing of land suitability for cereals, millets, oilseeds, and pulses.

Varietal screening of coffee using land suitability analysis.

Ongoing land suitability classification of fruits and vegetables.

Sentinel-1 SAR for Flood Mapping

One of the lab’s key accomplishments is using Sentinel-1 Synthetic Aperture Radar (SAR) data to create a flood map for Bihar 2024. Sentinel-1 SAR is very effective for flood monitoring. It captures data even in cloudy weather conditions and regardless of daylight, providing real-time monitoring and thus effective for disaster management and mitigation efforts.

Hon’ble Vice-Chancellor Dr. D. R. Singh expressed satisfaction at the inauguration and highlighted the lab’s potential as a critical enabler for students and other stakeholders. He highlighted its role in capacity building, fostering innovations, and addressing critical issues like climate change and disaster mitigation and adaptation. He also emphasised the laboratory’s potential to become self-sustaining through revenue generation by collaborating with industry and academia while creating valuable job opportunities for students and stakeholders by equipping them with cutting-edge skills in geospatial technology.

  (Posted on 19 Sep 2024)

Dr. Siddiqui, an esteemed Assistant Professor at Bihar Agricultural University in Sabour, Bhagalpur, has recently been honored with a prestigious position in Stanford University's renowned "World's Top 2% Scientists" list for the year 2024. This distinguished recognition, curated by Elsevier, serves as a testament to Dr. Siddiqui's exceptional contributions to the scientific community and his significant impact on agricultural research. He has secured a position in this esteemed list for the fourth time since 2021.

His pioneering work in developing innovative technologies aimed at reducing postharvest losses in fruits and vegetables has garnered widespread acclaim. Of particular note are his advancements in palmyrah palm (Taad) based neera collection and processing, many of which have been patented both nationally and internationally. Dr. Siddiqui's impressive publication record includes over 90 high-quality research articles and more than 25 books published by leading international presses, underscoring the depth and breadth of his scholarly contributions.

The substantial impact of Dr. Siddiqui's research is evidenced by his remarkable citation count of 5200, as well as his h-index and i10 index values of 37 and 97, respectively. These metrics highlight the enduring influence of his work within the academic community and beyond. In addition to his role at Bihar Agricultural University, Dr. Siddiqui holds key positions at prominent institutions such as the World Food Preservation Center in the USA, where he serves as the Executive Director, and Bangladesh State University, where he is honored as an esteemed Honorary Professor. These roles not only reflect Dr. Siddiqui's global reach and influence but also underscore his commitment to advancing agricultural research on an international scale.

Dr. Siddiqui's consistent inclusion in Stanford University's "World's Top 2% Scientists" list for the fourth consecutive year speaks to the sustained excellence and impact of his research endeavors. This recognition is based on a rigorous evaluation of the quality and significance of his research output, as well as his enduring dedication to advancing the field of agricultural science.

By considering a range of key metrics, including the composite C-score, field and sub-field percentiles, and assessments of both career-long and single-year impact, the "Top 2% Scientists" list provides a comprehensive and rigorous assessment of Dr. Siddiqui's research contributions. This prestigious accolade not only highlights his standing as a leading figure in agricultural research but also opens up new avenues for collaboration, funding opportunities, and international engagements. Dr. Mohammed Wasim Siddiqui's exemplary achievements serve as a beacon of excellence in the field of agricultural research, inspiring future generations of scholars and researchers to make meaningful contributions to the advancement of science and innovation.

"We extend our heartfelt congratulations to Dr. Mohammed Wasim Siddiqui on his remarkable achievement of being recognized in the prestigious 'World's Top 2% Scientists' list for the fourth consecutive year. His dedication to pioneering research and impactful contributions to agricultural science exemplify the highest standards of academic excellence. Dr. Siddiqui's continued success is a source of pride for our institution and a testament to his unwavering commitment to advancing knowledge and innovation in the field."

 

      Dr Duniya Ram Singh

Vice Chancellor, BAU Sabour

 

  (Posted on 12 Sep 2024)

Dr. D. R. Singh, the Hon’ble Vice Chancellor of Bihar Agricultural University (BAU), Sabour, and Bihar Animal Sciences University (BASU), Patna, visited different stalls along with Shri Chaitanya Prasad, Development Commissioner of Bihar, during the Bihar Poultry & Aqua Expo.

  (Posted on 12 Sep 2024)

Dr. D. R. Singh hon’ble Vice Chancellor  of two universities of Bihar namely BAU, Sabour and BASU, Patna paid a courtesy visit to Chief Secretary of Bihar Shree  Amrit Lal Meena.

  (Posted on 12 Sep 2024)

बिहार पोल्ट्री एवं एक्वा एक्सपो का उद्घाटन 12.09.2024 को ज्ञान भवन, गांधी मैदान, पटना में माननीय उपमुख्यमंत्री, बिहार श्री सम्राट चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री चैतन्य प्रसाद, विकास आयुक्त, बिहार सरकार, डॉ. एन. विजयलक्ष्मी, प्रधान सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार, डॉ. डी.आर. सिंह, माननीय कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, डॉ. अंजनी कुमार, निदेशक, अटारी, जोन IV, पटना और डॉ. शिरीष निगम, अध्यक्ष, INFAH उपस्थित थे। पोल्ट्री और एक्वाकल्चर के क्षेत्र में काम करने वाले राज्य के सभी हितधारकों के पारस्परिक लाभ के लिए प्रदर्शनी-सह-व्यापार मेले का आयोजन किया गया है। इस एक्सपो की प्रमुख विशेषताओं में पोल्ट्री और जलीय क्षेत्रों के लिए नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन, सीमांत किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए उपकरण, औद्योगिक और कॉर्पोरेट प्रदर्शनी आदि शामिल हैं।

  (Posted on 12 Sep 2024)

An Engaging and Interactive Workshop on Agribusiness and Startups organized at BAU, Sabour

The Center of Excellence in Teaching and Learning at Bihar Agricultural University, Sabour, hosted a highly engaging virtual workshop titled ‘Exploring Agribusiness Insights with Case Studies in India’s Agricultural Sector.’ The event brought together a full capacity audience of 100 participants from the university and other institutions for a deep dive into the evolving field of agribusiness in India.

The session was led by Dr. Amritesh, a distinguished member of the faculty in Management at IIT Ropar, Punjab. Dr. Amritesh delivered an insightful presentation on ‘Agribusiness in India: Types of Agri-Start-ups and Agri-Process Innovation.’ His talk centered on the emerging trends within the agribusiness sector, particularly focusing on innovative business models and startups revolutionizing the industry.A key highlight of the workshop was the use of the case study method to explore the business model of the new startups. Dr. Amritesh utilized this real-world example to illustrate various aspects of agribusiness operations, encouraging participants to engage in discussions and explore potential strategies and solutions related to the case.The workshop was marked by its interactive nature, with active participation from attendees, including students from the College of Agribusiness Management at Bihar Agricultural University. The exchange of ideas and perspectives fostered a rich learning environment, providing valuable insights into the practical challenges and opportunities in agribusiness. Today’s workshop not only provided a comprehensive understanding of agribusiness innovations and case study methodologies but also facilitated a meaningful dialogue among future agribusiness leaders. The insights gained from Dr. Amritesh’sexpertise, and the case study discussions will undoubtedly contribute to the participants’ academic and professional growth in the field of agribusiness.

The session commenced with a welcome address by Dr. J.N. Srivastava, Director of Students Welfare and Convenor of the workshop. Dr. Srivastava emphasized the importance of such workshops in bridging theoretical knowledge with practical insights, setting a positive tone for the discussions that followed.Dr. A.K. Singh, Director of Research at Bihar Agricultural University, Sabour, served as the Chairman of the workshop.

The workshop wasorganized by Dr. Aditya Sinha, Assistant Professor from the Department of Extension Education. The information was provided by Dr. Rajesh Kumar, PRO, BAU, Sabour.

  (Posted on 09 Sep 2024)

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज (09.09.2024) को पटना में 534 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों और कॉल सेंटर का उद्घाटन और शुभारंभ किया। इस अवसर पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह भी मौजूद थे।

  (Posted on 07 Sep 2024)

राष्ट्रीय खेल दिवस-2024 के अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा दिनांक 29.08.2024 को 60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मीयों के लिए ”तेज चाल प्रतियोगिता“ दिनांक  30.08.2024 से 31.08.2024 को अंडर 40 एवं 40 से अधिक उम्र वाले कर्मीयों/छात्र-छात्राआ का कैरम प्रतियोगिता एवं 31.08.2024 से 01.09.2024 को छात्र-छात्राओं बनाम रेजिडेंन्ट के बीच बैडमिन्टन प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। इस टीम बैडमिन्टन प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं बनाम रेजिडेंन्ट के बीच कुल 11 मैच कराया गया, जिसमे रेजिडेंन्ट की टीम ने 09 मैचों में जीत हासिल कर इस टूर्नामेंट के विजेता का खिताब हासिल किया। वहीं छात्र-छात्राओं की टीम ने 02  मैचो में जीत हासिल किया। उपरोक्त सभी प्रतियोगिता के विजेता एवं उपविजेता प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के द्वारा पुरस्कार दिया। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन कुलपति, डॉ० डी॰ आर॰ सिंह, के निदेश पर एवं शुभारंभ अधिष्ठाता, स्नात्तकोत्तर ; निदेशक शोध, निदेशक छात्र कल्याण, एवं विश्वविद्यालय पी॰ आर॰ ओ॰ द्वारा किया गया। राष्ट्रीय खेल दिवस-2024 के लक्ष्य पर इन प्रतियोगिता को आयोजित कराने में विश्वविद्यालय खेल-कूद प्रभारी श्री अमित कुमार, बिहार कृषि महाविद्यालय खेल-कूद प्रभारी, डॉ० वाई॰ के॰ सिंह, डॉ० अवधेश पाल, डॉ० सरिता नाहकपम, डॉ० सिरीन अख्तर, डॉ० चंदन किशोर, डॉ० गायत्री, डॉ० वीरभद्रप्पा, श्री पवन कुमार के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाया गया |

  (Posted on 06 Sep 2024)

बीएयू के सभी विभागों में मना शिक्षक दिवस

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में शिक्षक दिवस पर सभी विभागों में कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय परिसर में ही तीन कालेज संचालित हैं, सभी जगहों पर उत्सवी माहौल दिखा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनुसंधान निदेशक डा. एके सिंह, पीआरओ डा. राजेश कुमार, कृषि अधिष्ठाता डा. अजय कुमार साह, डीन पीजीएस डा. आरपी शर्मा, रजिस्ट्रार मो. एम. हक आदि मौजूद थे।

  (Posted on 05 Sep 2024)

Hon’ble Vice Chancellor of two universities of Bihar namely BAU, Sabour and BASU, Patna paid a courtesy visit to Hon‘ble Deputy Chief Minister, Bihar, Sri Samrat Choudhary on 05.09.2024 and briefed him about the recent activities and achievements of both the universities. A detailed discussion on future course of action for better academic and research environment was also made

  (Posted on 05 Sep 2024)

बीएयू के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने मनाया तीसरा स्थापना दिवस समारोह, माननीय मंत्री ने लिया भाग 

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय (सीएबीटी) ने  अपना तीसरा स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर, “मूल्य संवर्धन और टिकाऊ कृषि के लिए जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन माननीय मंत्री सहकारिता एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, बिहार सरकार डॉ प्रेम कुमार सरकार द्वारा किया गया | कार्यशाला में भारत के दो प्रतिष्ठित पादप जैव प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ ने भाग लिया। जीनोमिक फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नगेंद्र कुमार सिंह और आईआईटी खड़गपुर के प्रो. मृणाल कुमार मैती इस विशेष आयोजन में अपना ज्ञान और अंतर्दृष्टि साझा किया । इस मौके पर पीरपैंती के माननीय विधायक श्री पवन कुमार यादव भी मौजूद रहे | इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय और जीनोमिक फाउंडेशन नई दिल्ली ने एक एम ओ यू पर हस्ताक्षर भी किया | माननीय अतिथियों ने कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के एक न्यूज लैटर का भी लोकार्पण किया |
इस अवसर पर माननीय मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने एक पुस्तक मेला और पोस्टर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया | इस तरह का यह बीएयू मेँ पहला पुस्तक मेला है। माननीय मंत्री ने कृषि जैव प्रोद्योगिकी महाविद्यालय मेँ एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण भी किया | उद्घाटन सत्र में सभा को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री ने सभी को सचेत करते हुए कहा कि आज हम जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं जिसका सबसे ज्यादा असर कृषि के उत्पादन पर पड़ रहा है, अतः हम सभी का कर्तव्य है कि जलवायु और पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक पेड़ अपनी माँ के नाम से जरूर लगायें | उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु बिहार में सीड बॉल को ड्रोन के द्वारा गिराकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पुरे देश में एक नयी पहल की है |माननीय मंत्री कहा कि आधुनिकता और भोगवादी संस्कृति विनाश की ओर ले जाती है अतः हमें सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया के मार्ग पर चलना चाहिए | 
बीएयू के माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्थापना दिवसीय की बधाई दी सभी से आह्वान कि इस अवसर पर आप सभी अपने माँ के नाम से एक पेड़ जरूर लगायें | उन्होंने कहा कि शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए जल्द ही बायोटेक के 07 प्रयोगशाला तैयार करवा रहे हैं, यहाँ पहले से बने  प्रयोगशाला में विश्व स्तरीय शोध हो रहे हैं | उन्होंने कहा कि अभी कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में 90 विद्यार्थियों का स्नातक में प्रवेश होता हैं और जल्द ही यहाँ स्नातकोत्तर की पढाई भी शुरू होने जा रही है |  
आईआईटी खड़गपुर के प्रो. मृणाल कुमार मैती ने बायोटेक के मदद से टिकाऊ खेती पर प्रकाश डाला और कहा कि आज हमने एक एम ओ यू पर हस्ताक्षर किया है और आगे भी आईआईटी खड़गपुर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के साथ खड़ी रहेगी | आईसीएआर के पूर्व राष्ट्रीय प्रोफेसर और जीनोमिक फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नगेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमें कृषि में पारंपरिक ज्ञान तो है लेकिन उसे वैज्ञानिक आधार देना होगा |
इस अवसर पर माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह द्वारा कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के छात्राओं के लिए आवासीय परिसर में दो छात्रावास का शुभारम्भ किया गया |  
उदघटन सत्र में स्वागत भाषण कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एन. चटोपाध्याय ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता कृषि डॉ ए० के० साह ने किया |

  (Posted on 04 Sep 2024)

IQAC, Bihar Agricultural University, Sabour is organizing a one day online workshop on Intellectual Property Rights (IPR) on 7th September, 2024 aiming to educate the participants on the importance of protecting intellectual property in academia. The workshop will feature sessions on patents, trademarks, copyrights and the legal framework surrounding IPR. The experts from AnovIP India will provide valuable insights on navigating the complexities of IPR and discuss the importance of patent portfolio for the university and researcher. 

The basic objectives of organizing this workshop are:

1. Basic concepts of IPR and their role in growth, procedure of filing and foreign protection. 

2. Basic concepts of creation, protection, enforcement, and monetization, technology transfer, etc. 

3. Extensive prior art search 

4. Quality patent drafting

 

The workshop is open for:

 Students of BAU, Sabour willing to take up a career in R&D

 Researchers and Faculty of BAU, Sabour. 

 Budding entrepreneurs will also find this workshop useful

  (Posted on 04 Sep 2024)

बिहार कृषि विश्वविध्यालय, सबौर मे प्रसार कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील किसानों हेतु दो दिवसीय सेमीनार-सह-प्रशिक्षण का समापन

 

बिहार कृषि विश्वविध्यालय, सबौर मे दिनांक मंगलवार को प्रसार कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील किसानों हेतु जलवायु परिवर्तन के बीच फलों की बगीचा में बेहतर उत्पादन को लेकर बामेती, पटना द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय सेमीनार का समापन हुआ। इस दो दिवसीय सेमीनार-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम मे बिहार के 38 जिलों से कुल 106 प्रसार कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील किसानों ने शतप्रतिशत भाग लिया। इस अवसर पर डॉ आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ मिजानुल हक, कुलसचिव-सह-निदेशक प्रशासन, डॉ फिजा अहमद, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, डॉ आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ अभय मानकर, उप निदेशक प्रशिक्षण, डॉ राजेश कुमार, पी.आर.ओ, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के साथ-साथ उद्यान (फल वैज्ञानिक) डॉ. कुमारी करुणा एवं डॉ पवन कुमार आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर मंच संचालन डॉ पवन कुमार, कनीय वैज्ञानिक, उद्यान (फल) द्वारा किया गया। 
अपने सम्बोधन मे डॉ आर. के. सोहाने ने बदलते जलवायु में फल उत्पादन के महत्व एवं बागों का प्रबंधन पर जोड़ देते हुए कहा कि किसान भाई अधिक से अधिक फल वृक्षों का रोपण करें इससे आपकी आमदनी भी बढ़ेगी एवं फल वृक्षों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम पड़ेगा। डॉ फिजा अहमद ने विभिन्न फलों के जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष्य में अधिक से अधिक फल वृक्षों के रोपन एवं नए बगीचों को लगाने हेतु उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को आवाहन किया। 
    इस अवसर पर डॉ मिजानुल हक ने भी किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। 
डॉ आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा ने अपने सम्बोधन में उपस्थित किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की समय की मांग के अनुरूप इस सेमीनार का आयोजन जो जलवायु परिवर्तन के अनुरूप फल वृक्षों से अधिक लाभ पा सकते हैं चूंकि इसमें सहनशीलता खाद्यान्न फसलों की तुलना मे काफी अधिक होता है अतः इस तरह के फल वृक्षों को लगाकर अधिक ये प्राप्त की जा सकती है। 
इसके पूर्व उपस्थित किसानों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं ने इस सेमीनार से संबंधित प्रतिक्रिया एवं अनुभव को साझा किया। लखीसराय जिले से आए एक किसान ने प्राकृतिक खेती के अपने अनुभव को साझा किया। 
    प्रथम दिन के तकनीकी सत्र में केन्द्रीय फल अनुसंधान संस्थान, मालदा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दीपक नायक ने ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और बागवानी: प्रभाव, शमन और अनुकूलन रणनीतियाँ पर प्रतिभागियों को अपना व्याख्यान दिया फिर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में रूटस्टॉक्स की भूमिका विषय पर संबंधित जानकारी डॉ फिजा अहमद ने विस्तार पूर्वक प्रतिभागियों के बीच साझा किया। डॉ रूबी रानी ने नारियल एवं ताड़ कुल पौधे की व्यवहारित एवं जानकारी को साझा किया जो भविष्य के लिए जलवायु लचीली फसलें है। फलों की फसलों में फेनोलॉजिकल अध्ययन: जलवायु परिवर्तन का एक जैविक संकेतक विषय, कार्बन अवशोषण में फलों के पेड़ों की भूमिका, नई पीढ़ी के पौध वृद्धि नियामक: फलों की फसलों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना, जलवायु परिवर्तन का फल फसलों के रोगों पर प्रभाव, जलवायु परिवर्तन और फल फसलों के कीटों पर इसका प्रभाव आदि विषय पर विस्तार से वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया।  
अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं वैज्ञानिकों द्वारा सामूहिक रूप से वितररित किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभय मानकर, उप निदेशक प्रशिक्षण द्वारा किया गया।

  (Posted on 03 Sep 2024)

बीएयू में खुला पहला जीआई क्षेत्रीय फैसिलिटेशन सेंटर


बिहार कृषि विश्वविद्यला में जीआई क्षेत्रीय फैसिलिटेशन सेंटर बन जाने से जीआई से संबंधित सभी गतिविधियों न सिर्फ तेजी आएगी बल्कि बिहार के धरोहरों को विश्व स्तर पहचान मिलने में भी सहूलियत होगी। सोमवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय ने नाबार्ड द्वारा प्रायोजित भौगोलिक संकेत (जीआई) क्षेत्रीय सुविधा केंद्र (फैसिलिटेशन सेंटर) के शुभारंभ पर कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने की। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विमल कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। मौके पर नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक अमिल कुमार गौथम और नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक चंदन कुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह द्वारा जीआई क्षेत्रीय सुविधा केंद्र के उद्देश्यों और महत्व के बारे में जानकारी देने के साथ हुई। इस दौरान, सीजीएम ने कुलपति को जीआई क्षेत्रीय सुविधा केंद्र के लिए स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किये। अपने संबोधन में सिन्हा ने बीएयू परिसर की प्रशंसा करते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला संस्थान बताया और समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया। साथ ही दोनों संस्थाओं के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। अपने अध्यक्षीय भाषण मेंकुलपति डॉ. डीआर सिंह ने कहा कि यह बिहार का पहला भौगोलिक संकेत (जीआई) केंद्र होगा, जो किसानों को उनके उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने में मदद करेगा और उनकी आय को बढ़ाने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि बीएयू इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जीआई पंजीकरण से बिहार के किसानों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलेगा। व्यापार प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों के कल्याण और उन्नति के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस कार्यक्रम में निदेशक अनुसन्धान, निदेशक प्रसार, कुलसचिव, निदेशक प्रशाशन, निदेशक छात्र कल्याण, प्राचार्य संग विश्वविद्यालय के सभी बड़े पदाधिकारी व वैज्ञानिक शामिल थे।

  (Posted on 01 Sep 2024)

बीएयू का प्रसार मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागु करने योग्य : डॉ यू० एस० गौतम

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में चल रहे बिहार और झारखण्ड के कृषि विज्ञान केन्द्रों का तीन दिवसीय कार्यशाला आज सफलता पूर्वक संपन्न हो गया | आज के समापन समारोह की अध्यक्षता पी पी वी एफ आर ए (पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण) नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ त्रिलोचन महापात्रा ने की एवं मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुशंधन परिषद् नई दिल्ली के डी० डी० जी० एक्सटेंसन  (उप महाप्रबंधक,प्रसार) रहे साथ ही पी.के.चक्रवर्ती सेवानिवृत्त एडीजी आईसीएआर डॉ. साईदास पूर्व निदेशक भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान भी उपस्थित थे| उन्होंने बीएयू के प्रसार मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि बीएयू के सभी प्रसार मॉडल बेहतर कार्य कर रहे है, इनमें से कई मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागु किया जा सकता है |  उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र को सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में विकसित करने एवं और भी सशक्त  करने की बात कही।

 पी पी वी एफ आर ए (पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण) नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ त्रिलोचन महापात्रा ने किसानों के अपनी फसलों की स्थानीय किस्मों, तकनीकों एवं प्रथाओं को प्राधिकरण में पंजीकृत करने का आग्रह किया, उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों को इस दिशा में किसानों में जागरूकता लाने एवं पंजीकरण करने में सहयता करने की अपील भी की | डॉ महापात्रा ने देश में किसानों की आय दुगनी करने एवं राष्ट्रव्यापी कृषि योजना को सफलता पूर्वक संचालन में कृषि विज्ञान केन्द्रों के योगदानों को प्रमुखता से रेखांकित किया और कहा कि प्रशासनिक कमियों को निराकरण करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र को और भी सशक्त बनाने की जरुरत है |

पी पी वी एफ आर ए के रजिस्ट्रार जनरल डॉ दिनेश कुमार अग्रवाल ने पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 के अंतर्गत कृषकों के अधिकारों एवं कृषक किस्मों के पंजीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला | उन्हें किसानों से कहा कि आपकी किस्म या तकनीक का दुनिया के किसी भी कोने में व्यावसायिक दोहन होता है तो इसका हिसा आपको भी मिलता है | इस अवसर पर आज कई किसान अपने फसलों के किस्मों के साथ पंजीकरण के लिए भी पहुंचे जिनका व्योरा के साथ फसलों के सैंपल को लिया गया | विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाये गये जिसका अतिथियों और किसानों ने भ्रमण किया | इस अवसर पर डॉ. पी. के. चक्रवर्ती सेवा निवृत ADG ICAR ने इस कार्यशाला के सार्थकता पर प्रकाश डाला साथ ही विश्वविद्यालय के प्रसार गतिविधियों की सराहना की। इस मौके पर डॉ साईदास पूर्व निदेशक भारतीय मक्का शोध संस्थान भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर पुस्तकों का विमोचन भी किया गया साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले केवीके और कर्मियों को सम्मानित भी किया गया |

इससे पहले विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने ने विश्वविद्यालय की प्रसार गतिविधियों पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण दिया और सभा को विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किसानों तक चल रहे परियोजनाओं, प्रशिक्षण और प्रत्यक्षण से अवगत कराया | सभा को विगत तीन दिनों तक चले तकनीकी सत्र के अनुशंषा अवगत कराया गया।

कार्यक्रम के अंत में सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर० एन० सिंह ने आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया | इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक शोध, डॉ०  ए० के० सिंह, निदेशक प्रशासन और कुलसचिव डॉ० एम० हक़० और अन्य अधिकारी मौजूद रहे |

  (Posted on 01 Sep 2024)

Three students fetched positions among the first five in Bihar in the National Students Paryavaran Competition (NSPC)

 

National Students Paryavaran Competition is organised every year by Paryavaran Sanraksha, an organization dedicated to improving the environment under the support of Ministry of Environment, Forest & Climate Change, Government of India & Ministry of Education, Government of India. The competition is being organised to create awareness among young minds and the next generation to comprehend the in-depth complexity of the looming dangers of uncontrolled climate devastation. It also helps in acquiring knowledge on the job skills, competency & attitude to confront the environment challenges & their mitigation. The NSPC-2024 recorded 7,09,173 participants from 45022 institutes and 107 countries. The environmental quiz competition took place between July 1st to Aug 21st, 2024. The registration fee of the competition is sowing of ten seeds an step to promote students the value of plantation and environment in one’s life. The Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh took keen interest and on his direction and guidance Dr. A. K. Pal, Environmental Nodal Officer, BAU, Sabour and his team facilitated and supported students to participate in this competition. More than hundred students from constituent colleges of BAU participated in the UG/PG group of the competition, the result of which was declared during August end, 2024. The result was announced state wise, where three students of BAU, Sabour marked their positions among the top five in Bihar. The students are Ms. Aditi Kumari from Mandan Bharti Agricultural College, Saharsa, Mr. Anubhav Raj from Nalanda College of Horticulture, Noorsarai and Ms. Himanshi Jha from College of Agricultural Biotechnology, Sabour. Here it is important to mention that under the proficient leadership and guidance of Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh who has been a fore player in changing the environmental scenario of university by large scale plantation drive and establishment of societies like Nature Club, the university has achieved the accreditation certificate for green university by passing the environment and energy audits. Today the students are keenly involved in all sorts of environmental related programmes by actively participating in plantations and awareness drives conducted by the university.

  (Posted on 31 Aug 2024)

Honorable Vice Chancellor Dr. D. R. Singh extends a warm welcome to Dr. Trilochan Mohapatra, Chairperson of the Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights Authority, New Delhi, and former Secretary of the Department of Agricultural Research and Education (DARE) and Director General of the Indian Council of Agricultural Research (ICAR).

  (Posted on 30 Aug 2024)

Annual Regional Workshop for Krishi Vigyan Kendras of Bihar and Jharkhand Kicks Off at Bihar Agricultural University

The three-day Annual Regional Workshop for Krishi Vigyan Kendras (KVKs) of Bihar and Jharkhand, organized by ICAR-Agricultural Technology Application Research Institute (ATARI), Patna, commenced at Bihar Agricultural University, Sabour. The event was inaugurated with a gathering of prominent figures from the agricultural sector, including Vice Chancellor D.R. Singh, who highlighted the vital role of KVKs in the development of agriculture and farmers in the region. He praised the university’s connection with over 2.5 lakh farmers annually and its efforts to enhance agricultural productivity in Bihar.

Vice Chancellor Singh underscored the impact of KVKs in advancing agriculture, particularly in the state’s leading production of maize, makhana, litchi, and various vegetables. He also discussed the university’s innovations in food processing and packaging, such as solutions for makhana, jardalu mango, and litchi, and introduced upcoming initiatives like the establishment of a secondary agriculture college and the state’s first NABL-accredited laboratory. Singh further emphasized the university’s commitment to combating malnutrition and achieving self-sufficiency in crops like oilseeds, pulses, and sorghum.

The workshop began with a welcome address by R.K. Sohane, Director of Extension Education, who praised the performance of Zone IV, attributing its success to the improved functioning of KVKs. Sohane emphasized the university’s dedication to providing quality products and services to farmers, aligning with the workshop’s goal of enhancing knowledge and innovation in agriculture.

Anjani Kumar, Director of ICAR-ATARI, Patna, outlined the structure of the workshop, which includes theme-based presentations on topics like Conservation Agriculture and NICRA, as well as lectures designed to increase awareness among participants. He also congratulated the Vice Chancellor for successfully appointing subject matter experts in KVKs, further strengthening the university’s academic and research capabilities.

Speakers such as K.G. Mandal from ICAR-MGFRI, Motihari, and Anup Das, Director of ICAR-RECR, Patna, praised the university’s achievements and encouraged scientists to adopt innovative approaches to meet the evolving needs of farmers. They highlighted the importance of the Integrated Farming System (IFS) model and urged participants to archive success stories and farmer experiences to enhance agricultural practices and outcomes.

 

The workshop also featured the release of several publications, including the annual report of ICAR-ATARI, Patna, a book of success stories from innovative farmers, and a new newsletter. Retired scientists of KVKs were also honored for their contributions to agricultural development in the region.

 

The event will continue over the next two days, focusing on presentations from various KVKs, a review of their ongoing work, and the formulation of an action plan for the upcoming year in consultation with experts. The inaugural session concluded with a vote of thanks and the National Anthem

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  (Posted on 28 Aug 2024)

माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने माननीय मंत्री, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन श्री प्रेम कुमार जी से मुलाकात की और मुंगेर में हाल ही में उद्घाटन किए गए वानिकी कॉलेज में दीक्षा अध्ययन के बारे में चर्चा की। जल्द से जल्द संकाय और कर्मचारियों के स्थानांतरण पर भी विस्तृत चर्चा हुई

  (Posted on 25 Aug 2024)

दिनांक 23.08.2024 को माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार श्री  शिवराज सिंह चौहान के बिहार के हरित पावन धरती पर प्रथम आगमन के उपलक्ष में बिहार की धरोहर मखाना, मगही पान, भागलपुरी कतरनी चावल एवं अन्य मुख्य कृषि उत्पाद जैसे चाय, आलू, चिनिया केला, विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पादित सब्जियां, शहद, मशरूम, मोटे अनाज आदि का कृषि विभाग बिहार सरकार के द्वारा एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डा. डी. आर. सिंह के निर्देशन में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने स्टाल लगाया जिसमे मखाना आधारित विभिन्न तकनीकियों का माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार श्री शीवराज सिंह चौहान, बिहार सरकार के माननीय उप मुख्य मंत्री श्री सम्राट चौधरी, माननीय कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डे, बिहार सरकार के माननीय कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल, भा.प्र.से., कृषि निदेशक मानोज कुमार, बी.आर.बी.एन. के निदेशक डा. आलोक रंजन घोष, भा.प्र.से.,  उद्यान निदेशक श्री अभिषेक कुमार के अलावा भारत सरकार एवं बिहार सरकार के कृषि एवं उद्यान निदेशालय के अन्य राज्य स्तरीय पदाधिकारियों ने भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान डा॰ अनिल कुमार द्वारा विगत 14 वर्षों में विकसीत की गई मखाना की उन्नतशील प्रजाति सबौर मखाना-1, मखाना उत्पादन तकनीकी, मखाना फसल में कीट एवं व्याधि प्रबंधन, मखाना आधरित फसल प्रणाली की तकनीकियों के बारे में साथ ही साथ उद्यान निदेशालय वित्तपोशित मखाना विकास योजना की सफलता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के दौर में जल जमाव क्षेत्रों का विकास कैसे किया जाए इसके लिए वैज्ञानिक तकनीकों को इस ऐतिहासिक अवसर पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान किया गया। पान अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी पदाधिकारी डा. एस. न. दास ने  कार्यों की उपलब्धियों तथा पान आधारित विभिन्न तकनीकियों का माननीय कृषि एवं किसान कल्याण  मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया! स्टीविया के पत्ते के साथ मगही पान  के  स्वाद का आनंद भी  लिये, जो कि उन लोगों ने काफी पसंद आया ! उन्हें पान के औषधीय गुण के बारे मे भी बताया गया और साथ ही साथ औषधीय गुण की किताब और पान का  गुल्दस्ता भी भेट किया गया ।

  (Posted on 23 Aug 2024)

Planting drive marks the Green conclusion of the 33rd Annual Group Meeting of ICAR- AICRP on Palms in Bihar Agricultural University

The 33rd Annual Group Meetting of ICAR-AICRP on Palms at Bihar Agricultural University concludes with a plantation campaign

A historic plantation program marked the conclusion of the 33rd Annual Group Meeting of ICAR-AICRP on Palms, which was hosted by Bihar Agricultural University, Sabour from 21st-23rd Aug 2024. The Annual Group Meeting this year focused on increasing the areas under palms, oilpalms, coconut, arecanut etc. in the Eastern regions of India. Various government schemes on encouraging the cultivation of these plantation crops were also highlighted during this meeting. Dr. D.R. Singh, Honourable Vice Chancellor, Bihar Agricultural University in his address mentioned that three of the university's fourteen patents are on Palmirah. He highlighted the importance of Palmirah crop for Bihar and emphasized on the potential of palms, oilpalms and coconut cultivation in the eastern states of India. He encouraged the scientists to explore possibilities in production and processing of palms to benefit the farmers of Bihar. The plantation drive on the last day of the meeting saw enthusiastic participation from the scientists and experts. Dr. V.B. Patel, ADG (Fruit & Plantation crops), ICAR, Dr. K. Narsiah, ADG (Process Engg.), ICAR, Dr. K.B. Hebbar, Director, ICAR-CPRI, Kasargod, Dr. R.K. Mathur, Director, IIOR, Hyderabad, Dr. K.Suresh, Director, ICAR-IIOR, Andhra Pradesh, Dr. P. Rethinam, Former Executive Director, ICC (APCC), Jakarta, Dr. B. Augustine Jerard, PC (Palms) along with 30 Scientists from ICAR and 60 Scientists from various State Agricultural Universities across the country, all united in their commitment in contributing to the local biodiversity. Total 100 tree saplings of Kachnaar, Maulsari, Ashok and Putrajeeva were planted in and around the campus area by the scientists to represent a lasting impact of the Annual group meeting that extend beyond the meet. This act of the Bihar Agricultural University will serve as a reminder of the efforts made during this meet will continue to flourish and contribute to the well being of farmers and ecological balance. The university pledged an ambitious environmental initiative to plant 7000 trees as a way of demonstrating its commitment to environmental stewardship for which it occasionally organizes many plantation drives. Bihar Agricultural University has taken many proactive approaches to lower its carbon footprint which includes mapping of the Green area cover in the college campus and the constituent colleges as well as of Krishi Vigyan Kendras, establishment of Nature Club, reviving of the Botanical garden, promotion of rooftop gardening and cultivation of indigenous medicinal plants, biowaste management, policy document on environmental stewardship and Blue resource conservation, landscaping with drought tolerant plants, rain water collection underground tanks and open wells, sewage treatment plant in the campus, promoting of e-vehicles in campus, rooftop solar panels to curtail its energy needs, floral waste processing plant. For these efforts the university has also been recognized as Green University with a Platinum ranking and is awarded with Environmental and Energy audit certificate. The university also bagged the Greenharvest Innovator Award for Environment Friendly farming practices at the Sustainable Agriculture Summit-2024 for practicing and promoting sustainable agricultural practices including increasing the area under cultivation by bringing wasteland to use, promotion of urban farming practices such as rooftop and vertical gardening, soil health awareness among farmers, Soil nutrient mapping of different districts of Bihar, Parthenium awareness campaigns, promoting awareness on role of honeybees, spiders and other beneficial insects for crops etc. These initiatives by the Bihar Agricultural University have stood out as a part of broader efforts to promote and support sustainable practices within the scientific community and beyond. 

 

  (Posted on 16 Aug 2024)

A plantation drive was organized at MBAC, Agwanpur, Saharsa on 06-08-2024 under the chairmanship of Prof. (Dr.) Arunima Kumari, Associate Dean-cum-Principal, MBAC. The plantation drive was conducted adhering as per the green area cover mandate of the university and all the scientific staff were present in the programme. 

  (Posted on 16 Aug 2024)

Pesticide Residue Analysis Laboratory (PRAL) at Bihar Agricultural University (BAU), Sabour, becomes the first NABL accredited laboratory in Bihar for testing pesticide residues in fruits and vegetables. The lab adheres to ISO/IEC 17025:2017 standards, ensuring international quality and proficiency. PRAL's mission is to guarantee the safety of agricultural products by detecting and analyzing pesticide residues and other contaminants in food.

  (Posted on 08 Aug 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के 15वाँ स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर माननीय कुलपति, डा० डी० आर० सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कर कमलों द्वारा आज दिनांकः 07.08.2024 को अपराह्न 01ः30 बजे केन्द्रीय पुस्तकालय के प्रांगण में दो रूद्राक्ष के पौधा एवं केन्द्रीय पुस्तकालय के सामने एक कल्पवृृक्ष के पौधा का रोपण किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशकगण, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष (पुष्प एवं भूदृृष्य), डा० जे० एन० श्रीवास्तव एवं अन्य वैज्ञानिक, पुस्तकालयाध्यक्ष, डा० राजेश कुमार,ं सभी पुस्तकालय कर्मी, पी० आर० ओ०, डा० राजेश कुमार एवं सभी छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

  (Posted on 07 Aug 2024)

टिकाऊ कृषि सम्मलेन में बीएयू को मिला दो पुरस्कार

नयी दिल्ली में चल रहे टिकाऊ कृषि सम्मलेन और अवार्ड्स कार्यक्रम में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर को दो पुरुस्कार से नवाज़ा गया | पहला “प्रसार और प्रशिक्षण में उत्कृष्ठता पुरुस्कार” (Extension & Training Excellence Award) और दूसरा ‘हरियाली उत्पादन नवाचारी पुरुस्कार” (Green Harvest Innovator award) दिया गया | एग्रीकल्चर पोस्ट डॉट कॉम और इंडी एग्री संस्था द्वारा दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर में आयोजित सम्मलेन में यह पुरुस्कार विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर. के सोहाने और सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर. एन. सिंह ने प्राप्त किया | 

“प्रसार और प्रशिक्षण में उत्कृष्ठता पुरुस्कार” विश्वविद्यालय द्वारा बिहार राज्य में कृषि प्रसार और किसानों के उत्थान के लिए बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षण देने के लिए प्रदान किया गया | गौरतलब है कि विश्वविद्यालय ने अपने विभिन्न इकाइयों के माध्यम से विगत वर्ष 2853 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये हैं जिसमें 103506 पुरुष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया है वहीँ किसान चौपाल और आईसीटी के माध्यम से राज्य में कृषि प्रसार के क्षेत्र में क्रन्तिकारी पहल किया है | विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से प्रद्दोगिकी हस्तांतरण और अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुयी है |  

ग्रीन हार्वेस्ट इनोवेटर अवार्ड विश्वविद्यालय परिसर में सघन हरियाली के आच्छादन, विभिन्न उद्यानों, फूलों के कचरों से विभिन्न उत्पाद बनाने, खाली स्थानों को खेती के उपयोग में लाने रूफ गार्डनिंग, मृदा स्वास्थ के लिए किये गये कार्य, पार्थेनियम जागरूकता, पारिस्थितिकी तंत्र को बरक़रार रखने में मधुमखियों और मकड़ियों के योगदान पर जागरूकता लाने एवं उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रदान किया गया   

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के इस उपलब्धि पर माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह ने कहा कि “विश्वविद्यालय अपने राज्य में कृषि और कृषकों के उत्थान के लिए बेहतर कार्य कर रही है साथ ही हम टिकाऊ खेती और हरित आच्छादन (ग्रीन कवरेज) को बढाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, हमारे इस प्रयास को पुरुस्कृत किया जाना ख़ुशी की बात है”|

  (Posted on 05 Aug 2024)

 नवाचारी रेडियो का किया गया लोकार्पण 


आज विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस के साथ साथ यहाँ से प्रसारित होने वाले सामुदायिक रेडियो स्टेशन की पांचवीं स्थापना दिवस भी है | इस अवसर पर  विश्वविद्यालय परिसर में एक बड़े आकर का रेडियो सेट का लोकार्पण किया गया | पांच फीट चौड़ा और तीन फीट लम्बे इस बड़े रेडियो सेट पर विश्वविद्यालय से प्रसारित सामुदायिक रेडियो स्टेशन से प्रसारित कार्यक्रम 24 घंटे चलते रहेंगे | लोग इसके आगे सेल्फी भी ले सकेंगे | इसे परिसर में लगाने का उद्देश्य नयी पीढ़ी  को रेडियो सुनने के लिए प्रोत्साहित करना है साथ ही एक माध्यम के रूप में रेडियो की विश्वसनीयता सबसे अधिक होने अवगत कराना है | गौरतलब है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अन्तरगत अभी तीन  सामुदायिक रेडियो स्टेशन का सा संचालन हो रह है वहीँ चौथा रेडियो स्टेशन कृषि विज्ञान केंद्र कटिहार में अगले माह से शुरू हो रहा है |

  (Posted on 05 Aug 2024)

बीएयू ने मनाया अपना 15 वां स्थापना दिवस दो दिवसीय सम्मलेन हुआ संपन्न 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना दिवस मना रहा है | इस अवसर पर आयोजित दो दिवसीय सम्मलेन “कृषि खाद्य प्रणालियों के परिवर्तन में जमीनी स्तर पर नवाचार और नवप्रवरतक”  का आज समापन हो गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के माननीय मंत्री ग्रामीण विकास श्री श्रवन कुमार ने हिस्सा लिया | समापन समारोह के शुरू होने से पूर्व माननीय मंत्री ने वृक्षारोपण किया एवं लैग्वेज लैब का उद्घाटन किया | माननीय मंत्री ने नवाचारी किसानों द्वारा लगाये गये स्टाल का भ्रमण किया एवं कृषि और इससे सम्बंधित उद्दम के लिए किये गये कई तरह के नवाचारों का अवलोकन किया |
समापन समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान से हुआ | इस समारोह में अन्य अतिथि के तौर पर  गोपालपुर के माननीय विधायक श्री नरेंद्र कुमार नीरज, पीरपैंती के माननीय विधायक श्री लालन कुमार, सुल्तानगंज के माननीय विधायक ललित नारायण मंडल, माननीय विधान पार्षद डॉ एन के यादव के अलावा अन्य गण्यमान अतिथियों ने हिस्सा लिया | सभी माननीय अतिथियों अतिथियों को पुष्पगुच्छ और प्रतिक चिन्ह देकर माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह ने स्वागत किया | 
अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय के 15 वीं स्थापना दिवस पर सभी वैज्ञानिकों और कर्मियों को बधाई दिया साथ ही विश्वविद्यालय के उत्थान में  पूर्व के सभी कुलपतियों  के योगदानों की सराहना की | विशेष कर उन्होंने प्रथम कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी को याद किया और कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना और इस विशाल संरचना के पीछे कोई एक व्यक्ति प्रथम कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी ही हैं | इसके साथ ही माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय को अस्तित्व में लाने से लेकर इस ऊंचाई पर पहुचाने के लिए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री का आभार जताया | उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को देश और दुनिया में पहुचाने के लिए पत्रकारों और मीडिया कर्मियों का भी आभार जताया | 
माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीएयू ने पिछले 16 से 18 माह के भीतर ही 14 पेटेंट हासिल किया हैं जो कि अपने आप में गर्व का विषय है | उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने रोजगार श्रीजन में विशेष योगदान दे रहा है , यहाँ से उतीर्ण विद्यार्थी तुरंत बेहतर रोजगार पा रहे हैं वहीँ युवायों को स्वावलंबी बनाकर भी विश्वविद्यालय निरंतर रोजगार श्रीजन कर रहा है | इस प्रकार विश्वविद्यालय नौकरी खोजने की मानसिकता से उबार कर युवाओं को नौकरी देने वाले स्थिति तक खड़ा कर रहा है | उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में पुरे देश में सबौर के योगदानों की चर्चा की | उन्होंने कहा कि बिहार के किस जिले में कौन सी खेती उपयुक्त रूप से हो सकती है इसका पूरा डाटा बीएयू के पास है और इसके अनुरूप ही नयी किस्मों को विकसित किया जा रहा है | 
माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय की शोध, शिक्षा और प्रसार गतिविधियों से आज पूरा राज्य लाभान्वित हो रहा है  | उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा  किसानों में नवाचार को प्रोत्साहन देने की कार्यों की सराहना की | पीरपैंती के माननीय विधायक श्री ललन कुमार प्राकृतिक और जैविक खेती में नवाचार औरउद्यम के अवसरों पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने भागलपुर के आसपास की क्षेत्रों में आर्सेनिक और फ्लोराइड के बढ़ते प्रभाव पर ध्यान दिलाया और इससे निपटने के उपाय खोजने का सुझाव दिया | उन्होंने भागलपुर और खासकर पीरपैंती में रोड, रेल, बिजली उत्पादन केंद्र  और अन्य प्रस्तावित योजनाओं को लेकर ख़ुशी व्यक्त किया और कहा कि अब सिर्फ फ़ूड पार्क की आवश्यकता है जिससे किसानों को अपना फल और सब्जियों को प्रसंस्करण करने में मदद मिलेगी | 
गोपालपुर के माननीय विधायक श्री नरेंद्र कुमार नीरज ने कहा किसान आगे बढेगा तो पूरा समाज, राज्य और देश आगे बढेगा | सुल्तानगंज के माननीय विधायक श्री ललित नारायण मंडल ने बदलते वातावरण में कृषि की चुनौतियों पर चिंता व्यक्त किया | उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शोधों  किसानोपयोगी बनाते हुए जल्द से जल्द किसानों को समर्पित करने का अहवान किया | 
कार्यक्रम में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले वैज्ञानिकों, कर्मियों, छात्रों और किसानों को सम्मानित किया गया  | विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया जिनमे “कृषि खाद्य प्रणाली के प्रवर्तक” “संकल्प से समृधि का आधार” “बढ़ते कदम” और “कृषक सन्देश” प्रमुख है | प्राकृतिक खेती पर आधारित फिल्म का लोकार्पण माननीय मंत्री ने किया जिसे विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा अभिनीत किया गया है बीएयू मीडिया सेंटर द्वारा बनाया गया है | 
स्वागत भाषण प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता कृषि डॉ ए के साह ने दिया | इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक और कर्मी मौजूद रहे | 

  (Posted on 04 Aug 2024)

बीएयू में शुरू हुआ कृषि खाद्य प्रणालियों के परिवर्तन में जमीनी स्तर पर नवाचार और नवप्रवर्तक विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन 

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में “कृषि खाद्य प्रणालियों के परिवर्तन में जमीनी स्तर पर नवाचार और नवप्रवरतक” (Grassroots Innovation and innovaters in Transforming Agri-Food System) (GIITAS-2024) विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन का शुभारम्भ आज दिनांक 04.08.2024 को हुआ | विश्वविद्यालय के 15 वीं स्थापना दिवस के पूर्व दिवस से शुरू हुआ यह राष्ट्रीय सम्मलेन स्थापना दिवस  05 अगस्त तक चलेगा | राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान, गुजरात के सहयोग से आयोजित इस सम्मलेन में राज्य भर से नवाचारी किसान हिस्सा ले रहे हैं | सम्मलेन का उद्देश्य कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करना है |
आज सम्मलेन  के उद्घाटन समारोह में  अतिथियों को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया | अतिथियों में डॉ अरविन्द सी. रानाडे, निदेशक राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान, डॉ वी. वी. सदामते योजना आयोग के पूर्व कृषि सलाहकार और मुख्य समन्वयक कृषि एक्सटेंशन प्लेटफार्म एसए(टीएएएस), डॉ. यू.के. दुबे, उप रजिस्ट्रार, पीपीवी एवं एफआरए, नई दिल्ली के अलावा  कौशल्या फौन्डेशन से श्री कौशलेन्द्र कुमार और सम्मानित किसान इत्यादि मौजूद रहे | सत्र की अध्यक्षता डॉ. डी.आर. सिंह, माननीय कुलपति, बीएयू, सबौर ने की। अतिरिक्त गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. आर.के. सोहने, संयोजक और प्रसार शिक्षा निदेशक, बीएयू, सबौर; डॉ. ए.के. सिंह, अनुसंधान निदेशक, बीएयू, सबौर; डॉ. ए.के. साह, अधिष्ठाता (कृषि), बीएयू, सबौर; और डॉ. ए.के. ठाकुर, प्रसार शिक्षा निदेशक, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना शामिल थे। 
माननीय कुलपति डॉ डी. आर. सिंह ने आज के दौर में कृषि क्षेत्र में नवाचार की नितांत आवश्यकता पर बल दिया | उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक नित्य नए पेटेंट हासिल कर रहे हैं लेकिन अब हमारे वैज्ञानिक किसानों द्वारा विकसित तकनीक को परिष्कृत करके पेटेंट दर्ज कराएँगे और पेटेंट के उपरांत प्राप्त रायल्टी को किसानों से साझा करेंगे | उन्होंने कहा कि किसान से बड़ा नवाचारी कोई अन्य क्षेत्र के लोग नहीं करते लेकिन किसानों को उनकी खोज को पहचान नहीं मिलती | अब विश्वविद्यालय अपने राज्य के किसानों के नवाचार को ऑफिसियल सोशल मीडिया प्लेटफोर्म से देश दुनिया में प्रचारित करेगा और किसान को उनका वाजिव पहचान दिलाएगा | माननीय कुलपति ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देने में नवप्रवर्तकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि किसानों के योगदान को एक पुस्तक के रूप में दर्ज किया गया है, जिसमें वैज्ञानिक मार्गदर्शन के तहत प्रौद्योगिकियों को और परिष्कृत किया जाना है। भविष्य में बेहतर प्रौद्योगिकियों को उद्योग के साथ साझा किया जाएगा,  जिसमें रॉयल्टी किसानों और वैज्ञानिकों के बीच विभाजित होगी। उन्होंने प्रयोगशाला के एनएबीएल प्रमाणन का भी महत्व बताया, जो राज्य के लिए एक उपलब्धि है। उन्होंने विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री पर ध्यान आकर्षित करवाया,  जिसे केंद्र सरकार से 3-स्टार रेटिंग मिली है। उन्होने अपने उद्बोधन में 54 राज्य उत्पादों के भौगोलिक संकेत (जीआई) प्रमाणीकरण के लिए चल रहे कार्य पर जोर दिया। उन्होंने प्रशाल मे उपस्थित आगंतुक नवाचारी किसानों को ख़रीफ़ मक्का और ख़रीफ़ प्याज की नई किस्मों और मूंगफली में अनुसंधान हस्तक्षेपों के बारे में सूचित किया, और किसानों से अपने विकास के लिए एक ज्ञान भागीदार के रूप में विश्वविद्यालय का साझेदार बनने का आग्रह किया। माननीय कुलपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जल्द ही बीएयू सबौर आम की गुणवत्तायुक्त फलन को बढ़ावा देने के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन करेगा साथ ही आने वाले दिनों में एक्सपोर्टर सम्मलेन भी आयोजित करेगा | माननीय कुलपति ने आगंतुक किसानों से अहवान किया कि अपने बच्चों को कृषि शिक्षा की ओर अग्रसर करें | उन्होंने कहा कि मेडिकल सायंस के बाद कोई दूसरा बड़ा सायंस है तो वह एग्रीकल्चर सायंस ही है, अतः सिर्फ मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा की ओर भागने से बेहतर है कि कृषि  को अपनाएं | 
अपने स्वागत भाषण में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर. के. सोहाने ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रसार के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अब तक के प्रयासों से अवगत कराया | डॉ. सोहाने ने ग्रीनहाउस प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म सिंचाई, फूलों की खेती, औषधीय पौधों की खेती और वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन सहित विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित विभिन्न मूल्य वर्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कृषि और पशुधन क्षेत्रों में नवीन विस्तार मॉडल पर भी चर्चा की, जिन्हें अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया जा रहा है, और विश्वविद्यालय के आईसीटी नवाचारों पर अंतर्दृष्टि साझा की, जैसे कि 450,000 से अधिक बार देखा जाने वाला एक प्रमुख यूट्यूब चैनल है बी ए यू, सबौर ।
निदेशक राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ अरविन्द सी. रानाडे ने कृषि में नवाचार के अवसरों पर प्रकाश डाला और किसानों को अपने नवाचार को लेकर आगे आने का सुझाव दिया, उन्होंने कहा कि कृषि में नवाचार की अपर संभावनाएं हैं अतः किसान बंधू नित्य नए खोज करते रहें और कुछ भी नया करने में कामयाब हो जाते हैं तो हमें यानि राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान (NIF) को बताएं, हम आपके खोज को उचाई तक ले जायेंगे और आपको पहचान भी दिलाएंगे | किसान हितों के प्रति समर्पण के लिए बीएयू, सबौर की सराहना की। उन्होंने किसानों के खेतों में प्रौद्योगिकी के दस्तावेजीकरण और सत्यापन और इसे उनके नाम पर पंजीकृत करने में एनआईएफ के प्रयासों पर चर्चा की।
आयोग के पूर्व कृषि सलाहकार डॉ वी. वी. सदामते ने किसानों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी के अभाव की समस्या की ओर इंगित किया और कहा कि नवाचार को बढ़ावा देना हो तो सरकार की योजनायें इसमें सहायक साबित हो सकती है | उन्होंने  किसान को नवाचारी बनने के लिए ICT अपनाने का सुझाव दिया जिसे बीएयू सफलता पूर्वक लागु कर रहा है | डॉ सदामते ने नवाचार करने के लिए  सामुदायिक भागीदारी बढाने का सुझाव भी दिया साथ ही युवाओं को कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण के अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय के अनुसंधान क्रियाकलापों की रूपरेखा प्रस्तुत की। हाल ही में नवीन अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 682.29 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं। विश्वविद्यालय ने 41 नई फसल किस्मों और 14 नए पेटेंट जारी किए हैं, जो कृषि अनुसंधान के लिए नई दिशाएं प्रदान करते हैं। डॉ. ए.के. साह, अधिष्ठाता (कृषि) ने उपस्थित लोगों को ई-लाइब्रेरी और एआरआईएस सेल जैसी सुविधाओं के परिचालन के साथ-साथ स्नातक अध्ययन के लिए आठ और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए चौदह स्मार्ट कक्षाओं के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी। 11 पाठ्यक्रमों वाला ईएलपी मॉड्यूल सफलतापूर्वक चल रहा है। 80 से अधिक छात्रों ने नेट/जेआरएफ/एसआरएफ जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए अर्हता प्राप्त की है, और 600 से अधिक छात्रों ने बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा विज्ञापित कृषि सेवा भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उद्घाटन सत्र के उपरांत चार तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें नवाचारी किसानों ने अपने अनुभव साझा किया साथ ही वैज्ञानिकों ने अपनी प्रस्तुतीकरण दी |
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक, प्रसार शिक्षा, बीएयू, सबौर ने दिया। डॉ. सिंह ने राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसानों और सभी गणमान्य व्यक्तियों व इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी वैज्ञानिकों, करमचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

 सम्मलेन मेँ शामिल हुए ये सभी राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित नावाचारी किसान
👉 सत्यदेव सिंह 
👉 दिलीप कुमार 
👉 बन्दना कुमारी 
👉 मधु देवी 
👉 अभिषेक कुमार 
👉वीणा देवी 
👉विनीता कुमारी

  (Posted on 04 Aug 2024)

Hon'ble vice Chancellor, BAU, Sabour, Dr. D.R.Singh attended meeting of 12th Steering Committee for Climate Resilient Agriculture (CRA) Program on 01.08.2024 under the chairmanship of Sectreatary Agriculture, Department of Agriculture, GoB at Patna inorder to discuss and formulate the details regarding implementaion of CRA program in all the distraicts of state during next 04 years (2025-26 to 2028-29).

  (Posted on 25 Jul 2024)

Student Sensitization-cum-Awareness Workshop” was organized at MBAC, Agwanpur, Saharsa on 16-07-2024. The programme was conducted to inoculate the final year students of Batch 2020-2021 towards their future. The programme was headed by Dr. Arunima Kumari, Associate Dean-cum-Principal, MBAC, Agwanpur. Mrs. Bain Priya, Mayor, Saharsa was the chief guest of the programme who addressed the students about the importance of agriculture in future. Among the other delegates, Dr. D. K. Mahto, ADR, RRS, Agwanpur; Mr. Gyanchand Sharma, ZDA, Saharsa; Mrs. Anita Pandey, Principal, KV, Saharsa; and others were present in the programme.

  (Posted on 21 Jul 2024)

मेधावी होने पर बेहतर करने की बढ़ जाती हैं चुनौतियां : कुलपति

कृषि क्षेत्र चुनें, सुरक्षित है कॅरियर : कुलपति : बीएयू के कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह ने कहा कि अब कॅरियर की कई क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। इनमें कृषि का क्षेत्र सबसे सुरक्षित है। आप कृषि वैज्ञानिक और कृषि अधिकारी बनें। सरकार स्तर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं। यह ऐसा फील्ड है, जिसमें आजीवन संभावनाएं होती हैं।

किसी भी फील्ड में यदि बेहतर करने पर सम्मान मिलता है तो बेहतर करने की चुनौतियां बढ़ जाती हैं। हमें आगे भी कड़ी चुनौती के साथ अच्छा करने की प्रेरणा और ऊर्जा देती है। हम जीवन में कैसा करते हैं, इसका सम्मान पूरा समाज और देश देता है। यह बातें टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने शुक्रवार को मेधा सम्मान के दौरान टाउन हॉल में कहीं।

हर स्थिति में बच्चों के साथ खड़े रहें अभिभावकः जिलाधिकारी : डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि फील्ड से व्यक्ति की पहचान नहीं होनी चाहिए। व्यक्ति से फील्ड की पहचान होनी चाहिए। डीएम ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों के साँथ हर परिस्थिति में खड़े हों। अपने सपनों को बच्चों पर ना थोपें। उनसे संवाद कर कॅरियर के बारे में चर्चा करें।

शुक्रवार को टाउन हॉल में आयोजित हिन्दुस्तान प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम का उद्घाटन करते टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल, बीएयू सबौर के कुलपति डॉ डीआर सिंह, डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी, एसएसपी आनंद कुमार व अन्य अतिथि।

बच्चों में भी कभी तुलना न करें, सभी में होते हैं विशेष गुणः एसएसपी

एसएसपी आनंद कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में माता-पिता का रोल बच्चों के कॅरियर में काफी महत्वपूर्ण है। सभी बच्चे अपने आप में विशेष गुण वाले होते हैं। एक परीक्षा में बेहतर कर सम्मान पाना सफलता की गारंटी नहीं है। हमें हमेशा बेहतर करते रहना है। सिर्फ पढ़ाई सफलता का मानक नहीं होती है।

  (Posted on 18 Jul 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर एवं बिहार पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने दिनांक 17.07.2024 को किशनगंज अर्राबारी स्थित डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय प्रांगण में  चल रहे एडवांस सेंटर ऑन सेरीकल्चर में राष्ट्रीय कृषि परियोजना के तहत परिसर में लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट का उद्घाटन किया । लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट के उद्घाटन के बाद कुलपति डॉ०  डी० आर० सिंह ने कहा कि महाविद्यालय प्रांगण में लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट लग जाने से अब किशनगंज जिले में ही लिक्विड नाइट्रोजन प्राप्त हो जायेगी जिस से परिसर  स्मेंथित तीनो महाविद्यालयो को अब  आणविक विज्ञान से सम्बंधित शोध कार्यो  जैसे DNA एवं RNA के आइसोलेशन में आसानी होने के साथ-साथ रेशम कीट के अंडो को ज्यादा दिनों तक रखने में एवं पशुओ के वीर्य संरक्षण में लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट से प्राप्त लिक्विड नाइट्रोजन मील का पत्थर साबित होगी | लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट के चल जाने से वैज्ञानिको को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा, परिसर  में स्थिर प्लांट  से ही लिक्विड नाइट्रोजन उपलब्ध हो जाएगा। बिहार के सीमांचल क्षेत्र में यह प्लांट अपने आप में पहला लिक्विड नाइट्रोजन प्लांट हैं | परिसर में डॉ० कलाम कृषि महाविद्कृयालय  के कृषि स्नातक के प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ आम के पौधो का रोपण के कार्मेंयक्रम में भी हिस्सा लिया  | 

  (Posted on 17 Jul 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर एवं बिहार पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने दिनांक 17.07.2024 को किशनगंज अर्राबारी स्थित डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय प्रांगण में  चल रहे तीनो महाविद्यालय, क्रमशः डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, मत्स्यिकी महाविद्यालय एवं पशुपालन महाविद्यालय का दौरा किया। अपने एक दिवसीय दौरे में अर्राबारी प्रांगण में तीनो महाविद्यालयों का संयुक्त रूप से निरीक्षण कर वह पर चल रही शोध परियोजनाओ, शिक्षण कार्य एवं प्रसार सहित तमाम बिंदुयो पर चर्चा की | कार्यक्रम के दौरान डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय परिसर में कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (एटीआईसी) का उदघाटन किया। उदघाटन के दौरन अपने उदबोधन में कुलपति  डॉ० डी० आर० सिंह ने कहा कि सीमांचल के किसानों को कृषि से जुडी तकनीकी जानकारी महाविद्यालय द्वारा आसानी से किसानों को मिल सकेगी । 

कार्यक्रम में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के अधिष्ठाता कृषि डॉ० ए० के० साह, बिहार पशुपालन महाविद्यालय, पटना के अधिष्ठाता डॉ० जे० के० प्रसाद, डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० के० सत्यनारायण, मत्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ० वेद प्रकाश सैनी, पशुपालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ० चन्द्रहास सहित तीनो महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं अन्य कर्मी उपस्थित थे |

  (Posted on 13 Jul 2024)

किसानों की आजीविका के उत्थान के लिए बीएयू सबौर को मिला प्रतिष्ठित स्कॉच (SKOCH) पुरस्कार* 

 

बीएयू के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि इसकी परियोजना, "किसानों की आजीविका के उत्थान के लिए कृषि-नवाचार" को भारत के प्रतिष्ठित SKOCH पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के अभिनव प्रयासों और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पुरुस्कार को नयी दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर मेँ माननीय कुलपति डॉ डी. आर. सिंह ने ग्रहण किया। 

SKOCH पुरस्कार उन लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों को सम्मान करता है जो भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हैं। समाज में योगदान देने में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार मिलता है।

 विश्वविद्यालय ने अपने प्रोजेक्ट के महत्वपूर्ण प्रभाव और क्षमता का प्रदर्शन करते हुए पहले ही ग्रैंड फिनाले मेँ स्थान सुरक्षित कर लिया है । माननीय कुलपति डॉ. सिंह ने विश्वविद्यालय की परियोजना को मान्यता देने और इसे पुरुस्कृत करने के लिए SKOCH अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बिहार के कृषक समुदाय के प्रति विश्वविद्यालय के समर्पित कार्य की सफलता पर ख़ुशी जाहिर की और कहा कि पुरुस्कृत की गयी यह परियोजना अन्य फसलों के साथ-साथ धान, गेहूं, मक्का, बैंगन और परवल जैसी आवश्यक फसलों की नई किस्मों को विकसित करने पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से नई कृषि प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे है।

डॉ. सिंह ने इन नवाचारों के प्रसार में विश्वविद्यालय के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अपने मीडिया सेंटर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ज्ञान वाहन पहल के माध्यम से, विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करता है कि मूल्यवान जानकारी और प्रौद्योगिकियां किसानों तक प्रभावी ढंग से पहुंचें।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय को मिले यह अवार्ड किसानों के प्रति BAU की प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।

  (Posted on 13 Jul 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के लिए मिली मान्यता 

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर अब फलों और सब्जियों मेँ कीटनाशकों एवं अन्य हानिकारक तत्वों की मौजूदगी का परिक्षण कर सकेगा। बीएयू के खाद्य विकास केंद्र (FDC) को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL) से परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला Testing and Certification Laboratory (TCL) के लिए 

मान्यता मिली है। इस नए प्रमाणन के साथ, BAU सबौर अब सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश भर में अपनी खाद्य परीक्षण सेवाएँ प्रदान करेगा, जो मुख्य रूप से पूर्वी भाग को कवर करेगा।

 NABL भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक घटक बोर्ड है जो भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय है। NABL प्रयोगशाला की स्थापना से बिहार की निर्यात क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और इसके कृषि उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

 

बिहार, भारत में सब्जियों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और फलों के उत्पादन में सातवां सबसे बड़ा उत्पादक है, जो अपने आलू, प्याज, बैंगन और फूलगोभी के लिए प्रसिद्ध है। यह लीची उत्पादन में अग्रणी है और अनानास, आम, केला और अमरूद का एक महत्वपूर्ण उत्पादक है। इसके बावजूद, इसका निर्यात हिस्सा न्यूनतम है। अपने फलों और सब्जियों की निर्यात क्षमता का लाभ उठाने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करना महत्वपूर्ण है। NABL प्रमाणन वैश्विक बाजार की आवश्यकताओं के साथ उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

 

विविध कृषि उपज के लिए प्रसिद्ध बिहार ने अपने GI-टैग वाले जर्दालू आमों को यूनाइटेड किंगडम में सफलतापूर्वक निर्यात किया है। बिहार सरकार, भारतीय उच्चायोग और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से APEDA द्वारा की गई इस पहल के तहत रसदार और सुगंधित आमों को लखनऊ में APEDA के पैकहाउस में पैक और उपचारित किया गया। बिहार विशेष रूप से मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर में लीची का एक महत्वपूर्ण उत्पादक है, और यह मालदा और जर्दालू जैसी आम की किस्मों के लिए भी जाना जाता है, जो मुख्य रूप से भागलपुर और मुजफ्फरपुर में उगाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त, बिहार में हाजीपुर में केले की व्यापक खेती, मिथिला क्षेत्र में मखाना का एक अनूठा उत्पादन और नालंदा, पटना और मुजफ्फरपुर में फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर और बैगन सहित महत्वपूर्ण सब्जी की खेती होती है।

 

बढ़ती उपभोक्ता जागरूकता और बेहतर जीवन स्तर के साथ, भारत में गुणवत्तापूर्ण भोजन की मांग तेजी से महत्वपूर्ण हो गई है। सरकार ने खाद्य सुरक्षा नियमों में भी वृद्धि की है, जिससे सुरक्षित खाद्य पदार्थों के महत्व पर बल दिया गया है। इस नए प्रमाणन के साथ, BAU सबौर अब देश भर में अपनी खाद्य परीक्षण सेवाएँ प्रदान करेगा, जो मुख्य रूप से पूर्वी भाग को कवर करेगा। TCL के पास उच्च स्तरीय प्रयोगशाला अवसंरचना के साथ खाद्य सुरक्षा मापदंडों जैसे फलों और सब्जियों और उनके उत्पादों में तीस कीटनाशक अवशेषों के ट्रेस स्तरों का परीक्षण करने की अनूठी क्षमता है। BAU सबौर में TCL उच्च स्तरीय उपकरणों से सुसज्जित है। NABL द्वारा मान्यता के पहले प्रयास में केवल फलों और सब्जियों और उनके उत्पादों में कीटनाशक अवशेषों को ही कवर किया गया है। हालाँकि, जल्द ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर की प्रयोगशाला का परीक्षण और प्रमाणन पोषण प्रोफाइलिंग, एंटीबायोटिक्स, भारी धातु संदूषक और अन्य माइक्रोबायोलॉजिकल मापदंडों को कवर करते हुए मान्यता के दायरे का विस्तार करेगा। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद वसीम सिद्दीकी, डॉ. शमशेर अहमद और डॉ. प्रीतम गांगुली ने गुणवत्ता प्रबंधक और तकनीकी प्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए खाद्य विकास केंद्र के परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला को एनएबीएल मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खाद्य विकास केंद्र की स्थापना बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के खाद्य विज्ञान और कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी विभाग में की गई थी और इसे निर्यात अवसंरचना और संबद्ध गतिविधियों के विकास के लिए राज्यों को सहायता (एएसआईडीई) योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था। एफडीसी की स्थापना का उद्देश्य राज्य के भीतर खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षेत्र को बढ़ावा देना और बढ़ावा देना है, साथ ही खाद्य उत्पादकों और उद्यमियों को सहायता प्रदान करना है। 

माननीय कुलपति डॉ डी. आर. सिंह ने कहा कि "बीएयू सबौर के खाद्य विकास केंद्र में परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला किसानों, उद्यमियों और फल और सब्जी उद्योगों को विकास और उत्पादन के सभी चरणों में अपने उत्पादों का मूल्यांकन और प्रमाणन करने में सक्षम बनाएगी। हम निकट भविष्य में एपीडा और एफएसएसएआई से आगे की मंजूरी और मान्यता प्राप्त करने की भी योजना बना रहे हैं।"

  (Posted on 12 Jul 2024)

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की 43वें स्थापना दिवस पर डॉ. डी.आर. सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की अध्यक्षता की। चार दशकों से अधिक की अपनी यात्रा में, प्रमुख विकास वित्तीय संस्थान ने कृषि-वित्त, बुनियादी ढांचे के विकास, बैंकिंग प्रौद्योगिकी, एसएचजी और जेएलजी के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने आदि के माध्यम से भारतीय गांवों में जीवन बदल दिया है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में सहभागी वित्तीय और गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों, नवाचारों, प्रौद्योगिकी और संस्थागत विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सहायता करना जारी रखता है।

  (Posted on 11 Jul 2024)

Hon’ble Vice Chancellor of two universities of Bihar namely BAU, Sabour and BASU, Patna paid a courtesy visit to Chief Secretary Sri Brijesh Mehrotra, I.A.S.  and briefed him about the recent activities and achievements of both the universities. 

  (Posted on 10 Jul 2024)

तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि संगोष्ठी “टिकाऊ पादप स्वास्थ्य हेतु जलवायु स्मार्ट रोग प्रबंधन” का बी ए यू, सबौर में हुआ शुभारंभ


बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के मुख्य सभागार में इंडियन सोसाइटी आफ माइकोलाजी एवं प्लांट पैथोलौजी, उदयपुर, राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में  “टिकाऊ पादप स्वास्थ्य हेतु जलवायु स्मार्ट रोग प्रबंधन” विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि संगोष्ठी का आज दिनांक 10 जुलाई 2024 को  विधिवत शुभारंभ हुआ। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन माननीय मुख्य अतिथि डॉक्टर जवाहर लाल, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। इस समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि डॉ ऐ के साह, निदेशक अनुसंधान डॉ ऐ के सिंह, निदेशक बीज एवम प्रक्षेत्र डॉ फिजा अहमद, कुलसचिव डॉ मिजानुल हक और अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवम आयोजन सचिव डॉ जे श्रीवास्तव मंच पर  उपस्थित रहे । इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित किया गया और सफरनामा के माध्यम से बीएयू, सबौर की गतिविधियों की झलक दिखायी गयी। 
स्वागत भाषण डॉ. जे.एन. श्रीवास्तव निदेशक छात्र कल्याण एवं सम्मेलन के संयोजक सह आयोजन सचिव ने दिया । उन्होंने सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य साझा किया तथा यह बताया की इस संघोष्ठी को दस मुख्य विषयों में विभाजित किया गया है जिसमे अलग अलग व्याख्यान एवं पोस्टर प्रदर्शित किए जाएँगे।  डॉ श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में  बदलती जलवायु के बारे में चिंता जताई जिससे  रोग-कीटों की घटनाओं को बढ़ावा मिला है तथा हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में भी बदलाव आया है। इस परिदृश्य में जलवायु स्मार्ट रोग प्रबंधन का महत्व अत्यंत आवश्यक है इसी दिशा में यह सम्मेलन इसे पूरा करेगा और वैज्ञानिकों और किसान समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होगा।  डॉ. फेजा अहमद, निदेशक बीज एवं  प्रक्षेत्र, बीएयू सबौर ने अपने उद्बोधन में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का उल्लेख किया और विशेष रूप से बदलती जलवायु के तहत अत्यधिक रोग-कीट स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक अवशेषों के खतरों पर जोर दिया। डॉ. मिजानुल हक, कुलसचिव, बीएयू सबौर ने अपने उद्बोधन में युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित किया और सतत विकास लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने के तरीकों के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने बढ़ती वैश्विक आबादी को खिलाने के लिए सतत कृषि प्रणालियों और इस उद्देश्य के लिए पारंपरिक ज्ञान के साथ नवीन विचारों के उपयोग पर जोर दिया। 
डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर ने सतत कृषि प्रणाली के लिए अंतःविषय अनुसंधान दृष्टिकोणों पर जोर दिया। उन्होंने कृषि प्रणाली में सुधार के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया। इसी कड़ी में डॉ. ए.के. साह, अधिष्ठाता (कृषि) बीएयू सबौर ने जलवायु स्मार्ट रोग-कीट प्रबंधन पर उत्कृष्ट विचार-विमर्श की अपेक्षा व्यक्त की जो जलवायु स्मार्ट रोग प्रबंधन रणनीतियों के लिए सिफारिशें लाएगी। उद्घाटन सत्र में सम्मेलन स्मारिका और डॉ. अभिजीत घटक द्वारा लिखित पुस्तक "अनरेपिंग द वैल्यू फ्रॉम वेस्ट" का अनावरण किया गया। 
अध्यक्षीय भाषण डॉ. जवाहर लाल, कुलपति तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा दिया गया। सर्वप्रथम उन्होने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर  के कुलपति माननीय डॉ॰ डी आर सिंह का धन्यवाद किया तथा विश्वविद्यालय में हो रही एनआईटी नयी गतिविधियों तथा विकास के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कौशल विकास के लिए बीएयू और टीएमबीयू के बीच सहयोगात्मक पहलों पर जोर दिया। उन्होंने समाज विकास को लक्षित करने वाले अनुसंधान करने का आग्रह किया। उन्होंने ज्ञान अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए ज्ञान आधारित विकास है। उन्होंने हमारी अगली पीढ़ियों के बारे में सोचने और बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र और बेहतर ग्रह के लिए फसल उगाने की एक स्थायी प्रणाली अपनाने के लिए कहा। डॉ लाल ने इस संगोष्ठी से निकलकर आने वाले मुख्य बिन्दुओं के ऊपर नीति निर्धारित करने के लिए आयोजन समिति द्वारा बिहार सरकार के समक्ष समर्पित करने का आहवाहन किया।  
इस संगोष्ठी में देश के अन्य भागों से आए हुए डॉ दिनेश सिंह, प्रमुख वैज्ञानिक और विभागाध्यक्ष, पौधा संरक्षण, आई आई ऐस आर, डॉ रेखा बलोदी, वैज्ञानिक आईसीएआर एनआरसीआईपीएम एवम विभिन्न संस्थानों के करीब 170 से अधिक वैज्ञानिक एवम छात्रों ने प्रतिबंधन करवाया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चंदा कुशवाहा ने प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों और प्रमुख वक्ताओं का स्वागत किया और धन्यवाद दिया। उन्होंने सम्मेलन के आयोजन में सीधे और परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों का धन्यवाद किया। वर्तमान परिपेक्ष मे बदलते जलवायु से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियो  के प्रबंधन हेतु यह संगोष्ठी विश्वविद्यालय के इस महत्त्वपूर्ण विषय के प्रति सम्वेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस संगोष्ठी मे ’’जलवायु अनुकूल रोग प्रबंधन’’ के विभिन्न चुनौतियां  एवं सम्भावनाओ  के दृष्टीगत दस विषयो पर चर्चा एवं प्रस्तुति दी जाऐगी।

  (Posted on 10 Jul 2024)

Hon’ble Vice Chancellor of BAU Sabour currently holding the post of Vice Chancellor Bihar Animal Sciences University, Patna met Principal Secretary, Animal and Fisheries Resource Department, Govt of Bihar, Dr N. Vijaya Lakshmi on 09.07.2024 and briefed her about the activities being undertaken at BASU, Patna. He also discussed in detail about his present and future plans with respect to the overall enhancement in teaching, research and extension activities. He was assured of full cooperation and support from the department.

  (Posted on 10 Jul 2024)

Hon’ble Vice Chancellor of two universities of Bihar namely BAU, Sabour and BASU, Patna paid a courtesy visit to Hon’ble Chancellor at Rajbhwan, Patna and briefed him about the recent activities and achievements of both the universities. A discussion on creation of quality academic environment in lines of NEP and recent circulars of UGC was done. Chancellor cum Governor, Shri Rajendra V Arlekar appreciated the activities being carried out in both the universities proposed his confidence in the dynamic leadership of Dr D R Singh and assured of full support of his office in taking both universities to a new height.

  (Posted on 28 Jun 2024)

आज दिनांक 28.06.2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के माननीय कुलपति डाॅ0 डी0 आर0 सिंह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा, डाॅ0 आर0 के0 सोहाने के द्वारा नालन्दा जिले के प्रगतिशील कृषक श्री आलोक आनंद, पिता श्री बीरेन्द्र कुमार सिन्हा, ग्राम- मेद्यी, प्रखण्ड- बिहारशरीफ में संरक्षित खेती के अंतर्गत करीब एक एकड़ में जरबेरा फूल एवं तीन पाॅली हाउस, रकबा 2.0 एकड़ में गुलाब फूल की खेती का भ्रमण किये एवं किसान की अन्य गतिविधियों से रूबरू हुए और उन्हें प्रोत्साहित किये। साथ ही साथ किसाान से फूलों की मार्केटींग के बारे में बात किये तो किसान ने कहा की हमें जरबेरा फूल की मार्केटींग में कोई दिक्कत नहीं है, साथ ही इनके यहाँ फूलों को स्टोर करने के लिए कुल चेम्बर की वयवस्था है।

किसान श्री आलोक आनंद ने बताया कि फूलों की खेती से करीब 7-8 लाख की शुद्ध वार्षिक आमदनी हो जाती है। इसके अलावा मैं करीब 6.0 एकड़ में शिमला मिर्च, 2.0 एकड़ में केला प्रभेद जी-9 की खेती रखे है, जिसका भी कुलपति महोदय ने अवलोकन किया और अधिक मेहनत करके नवयुवकों के लिए रोल मोडल बने। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, हरनौत, नालन्दा के डाॅ0 उमेश नारायण उमेश, वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान एवं श्रीमति कुमारी विभा रानी, वैज्ञानिक, उद्यान भी उपस्थित थे।

  (Posted on 27 Jun 2024)

Bihar Agricultural University and Nalanda University Forge Partnership for Sustainable Academic Collaboration

On June 27, 2024, Dr. D.R. Singh, Vice Chancellor of Bihar Agricultural University, Sabour, visited Nalanda University, Nalanda, Bihar and met with Prof. Abhay Kumar Singh, Interim Vice Chancellor of Nalanda University. The meeting highlighted Nalanda University’s significant progress in environmental sustainability at its new campus, recently lauded by Prime Minister Modi for pioneering the model of Net Zero energy, emissions, and waste. The university’s commitment to sustainability includes innovative initiatives such as renewable energy adoption, waste reduction strategies, and eco-friendly campus operations.

In addition to environmental achievements, the discussion emphasized mutual interests in academic collaboration between the two esteemed institutions. Both universities aim to enhance their educational offerings through faculty exchanges, and student mobility programs facilitated by an upcoming Memorandum of Understanding (MoU). This partnership will foster a dynamic exchange of knowledge and ideas, enriching the academic experience and promoting global perspectives among students and faculty alike.

The collaboration between Bihar Agricultural University and Nalanda University signifies a shared commitment to academic excellence, sustainability, and innovation in higher education, paving the way for future advancements and meaningful contributions to society.

  (Posted on 27 Jun 2024)

Professors from top American universities lead a workshop on ‘Emerging Trends and Opportunities in Agribusiness,’ hosted by CETL at BAU, Sabour

 

An online workshop on Emerging trends and opportunities in Agribusiness” was organized by the Center of Excellence in Teaching and Learning (CETL), BAU, Sabour on 26 June 2024, thanks to the expertise and insights shared by Dr. Vikram Kaundinya and Dr. Srini Konduru. Both esteemed speakers brought a wealth of knowledge and experience to the virtual session, which was attended by enthusiastic participants eager to deepen their understanding in these critical fields.

Dr. Vikram Kaundinya, Associate Professor of Extension & Evaluation Specialist at the University of California, Davis, captivated the audience with his extensive background in research methodology and evaluation practices. Joining him was Dr. Srini Konduru, Department Chair at The Jordan College of Agricultural Sciences and Technology, Fresno State University. Dr. Konduru's expertise in agribusiness management and policy analysis provided invaluable perspectives on agricultural economics and management strategies.

Throughout the workshop, participants actively engaged with the speakers, posing insightful questions that enriched the discussions. The session emphasized the importance of bridging research with practical application, a key takeaway for all attendees interested in agribusiness management. The session was highly valuable for students at the College of Agribusiness Management, BAU, Sabour, a newly inaugurated institution that offers an MBA program specializing in Agribusiness Management.

A total of 78 participants attended the workshop. The event concluded with a feedback session where participants expressed their appreciation for the valuable content and interactive format. The session was chaired by Dr. A.K. Singh, Director Research, BAU, Sabour while the convenor of the workshop was Dr. J.N. Srivastava, Director Students’ Welfare, BAU, Sabour. The organizing secretary of the workshop was Dr. Aditya Sinha, Assistant Professor-cum-Junior Scientist, Extension Education, BAC, Sabour.

  (Posted on 25 Jun 2024)

जर्मन पेटेंटः नीरा पाउडर के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को मिला


बिहार में बड़ी संख्या में ताड़ के पेड़ पाए जाते हैं और तमिलनाडु को सबसे अधिक नीरा उत्पादक के रूप में बदलने की क्षमता रखते हैं। नीरा ताड़ के पेड़ का ताजा रस है जिसका इस्तेमाल बिहार में व्यापक रूप से शराब बनाने के लिए किया जाता है। हालांकि, बिहार में शराब पर प्रतिबंध है जो किसानों के लिए, खासकर टोडी निकालने वालों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा करता है। टोडी निकालने वाले बिहार का एक समुदाय है जिसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति टोडी संग्रह और विपणन पर निर्भर करती है। टोडी एक किण्वित पेय है जिसे बिहार में बेचा नहीं जा सकता क्योंकि यह शुष्क राज्य होने के कारण अवैध है।
इस संबंध में बिहार सरकार ने हाल ही में नीरा आधारित उद्योगों को शुरू किया है ताकि इसके स्वस्थ्य उपभोग को बढ़ावा दिया जा सके और टोडी निकालने वालों के समुदाय को रोजगार दिया जा सके। टोडी के अलावा, नीरा को स्क्वैश, आरटीएस, गुड़ आदि जैसे विभिन्न उत्पादों में संसाधित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ताजा नीरा विटामिन, खनिज और अन्य स्वास्थ्यवर्धक यौगिकों का समृद्ध स्रोत है। इसका ताजा सेवन कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। लेकिन ताजा नीरा का संग्रह मुश्किल है क्योंकि यह संग्रह के तुरंत बाद किण्वन के लिए प्रवृत्त होता है और तापमान और समय अवधि बढ़ने के साथ यह बढ़ता जाता है। किण्वन को रोकने के लिए कई परिरक्षण विधियों का अभ्यास किया गया है, लेकिन अब तक कोई व्यवहार्य समाधान नहीं मिला है। इसलिए, किण्वन प्रक्रिया को रोके हुए ताजा नीरा को संरक्षित करने के लिए एक परिरक्षण पद्धति की आवश्यकता है। इस पहलू में, डॉ. मोहम्मद वसीम सिद्दीकी, वैज्ञानिक, खाद्य विज्ञान और कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी विभाग, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने नीरा को पाउडर के रूप में संरक्षित करने की एक प्रक्रिया विकसित की है। ताड़ के नीरा से पाउडर बनाने की प्रक्रिया को जर्मनी से पेटेंट प्राप्त हुआ है। यह तकनीक नीरा उत्पादकों के लिए नए उद्यमशीलता के रास्ते खोलेगी और लंबे समय तक नीरा को सुरक्षित रखने में सहायक होगी। यह पेटेंटेड तकनीक पूरे साल नीरा के स्वाद और आनंद को लेने में मदद करेगी।
ताजा नीरा का परिरक्षण अत्यंत कठिन होता है इसलिए यह तकनीक स्प्रे ड्रायर का उपयोग करके ताजा नीरा को पाउडर में परिवर्तित कर देती है। इस विधि में महीन बूंदों को सूखे पाउडर में परिवर्तित करना शामिल है। चरणों में वाहक सामग्री की विभिन्न सांद्रता के साथ नीरा का समरूपीकरण शामिल है। बाद में, एक नोजल के माध्यम से होमोजेनाइज्ड नीरा घोल का परमाणुकरण होता है, इसके बाद गर्म हवा के प्रवाह के संपर्क में तेजी से विलायक वाष्पीकरण होता है। सूखे कणों को फिर एक संग्रह कंटेनर के अंदर एकत्र किया जाता है।
पाउडर को एक साल तक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर किया जा सकता है। पानी में घोलने के बाद इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। घोलने के बाद इसके संवेदी गुण लगभग ताजा नीरा के समान ही होते हैं। इसके अलावा, सुविधा के लिए, इसके आयामों को किसानों की आवश्यकता के अनुसार संशोधित किया जा सकता है।

  (Posted on 24 Jun 2024)

Kickoff meeting to initiate the MoU between BAU, Sabour and C-DAC, Patna.

  (Posted on 24 Jun 2024)

भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ

कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में मखाना एवं जलजमाव क्षेत्रों के समुचित विकास एवं राष्टीय स्तर मखाना आधारित तकनीक के विस्तार हेत ुदिनांक 08 जून, 2024 से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ।

मखाना बिहार की धरोहर विश्व पटल पर स्थापित करेगा यह राष्ट्रीय सम्मेलन: कुलाधिपति-सह-राज्यपाल, बिहार श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर

तीन दिवसीय मखाना-जलीय कृषि के साथ जलजमाव वाले पारिस्थितिकी तंत्र के उपयोग पर राष्ट्रीय सम्मेलनः चुनौतियाँ एवं रणनीतियाँ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ एवं उदधाटन मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्याल, सबौर, भागलपुर के माननीय कुलाधिपति-सह-राज्यपाल, बिहार श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर राजभवन पटना एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में माननीय कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पांडेय पटना से ही आॅनलाईन/आभासी रूप से जुड़ कर संयुक्त रूप से किया। माननीय कुलपति डा॰ डी॰ आर॰ सिंह ने माननीय कुलाधिपति-सह-राज्यपाल, बिहार श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में माननीय कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पांडेय पटना तथा से को पौधा, मिथिला की पहचान पाग, अंगवस्त्र, भगवान बुद्ध की प्रतिमा एवं मिथिला मखाना का संदेश देकर आभासी रूप से स्वागत किया। पुनः माननीय कुलपति डा॰ डी॰ आर॰ सिंह ने डाॅ॰ संजय कुमार सिंह, उप महानिदेशक बागवानी विज्ञान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली एवं डाॅ॰ विश्व बन्धु पटेल, सहायक महानिदेशक फसल एवं रोपण फसलें, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली को, पौधा, मिथिला की पहचान पाग, अंगवस्त्र, भगवान बुद्ध की प्रतिमा एवं मिथिला मखाना का संदेश देकर स्वागत किया। अष्ठिाता (कृषि) डा. अजय कुमार साह ने माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्याल, सबौर, भागलपुर डा॰ डी॰ आर॰ सिंह को निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आर. के. सोहाने ने श्री विजय प्रकाष, पूर्व कृषि उत्पादन आयुक्त, बिहार सरकार, भा॰प्र॰से॰ एवं निदेशक बिहार विद्यापीठ पटना को प्राचार्य डाॅ पारस नाथ ने अष्ठिाता (कृषि) डा. अजय कुमार साह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आर. के. सोहाने को राष्ट्रीय सम्मेलन के अयोजन सचिव मखाना वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार ने प्राचार्य डाॅ पारस नाथ को पौधा, मिथिला की पहचान पाग, अंगवस्त्र, भगवान बुद्ध की प्रतिमा एवं मिथिला मखाना का संदेश देकर स्वागत किया। तदनोपरांत मंचासीन अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। छात्र/छात्राओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। 

माननीय कुलाधिपति-सह-राज्यपाल, बिहार श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आभाषी रूप में महाविद्यालय परिसर में नवनिर्मित सभागार का उद्घाटन के साथ-साथ राष्ट्रीय सम्मेलन की स्मारिका, मखाना फसल प्राइड आॅफ बिहार पुस्तक का विमोचन एवं वैश्विक स्तर पर मखाना के मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग हेतु भारतीय पैकेजिंग संस्थान द्वारा डिजाइन किया गया 100 ग्रा. तथा 200 ग्रा. पैकेट का भी विमोचन किया। 

इससे पूर्व माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डा॰ डी॰ आर॰ सिंह एवं अन्य अतिथियों के द्वारा महाविद्यालय में मखाना पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया साथ ही साथ मखाना तकनीकी आधारित स्टाॅल का अवलोकन भी किया गया।

माननीय कुलाधिपति-सह-राज्यपाल, बिहार श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर अपने संबोधन में सबसे पहले बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया को मखाना-जलकृषि के साथ जलजमाव पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोगः चुनौतियाँ एवं रणनीतियाँ विषय पर तीन-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दिये। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सम्मेलन बिहार में मखाना के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न मुद्दों पर ज्ञानवर्धक विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदार करेगा, साथ ही बिहार के किसानों के अलावे देश के अन्य राज्यों के जलजमाव से प्रभावित क्षेत्र के किसानों के लिए भी लाभप्रद होगा। तीन-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान मखाना उत्पादन, उत्पादकता, मूल्यसंवर्द्धन के विभिन्न आयामों पर विस्तार पूर्वक गहन परिचर्चा से बिहार में मखाना आधारित तकनीकियों के माध्यम से बेकार पड़े जलजमाव वाले क्षेत्रों की उत्पादन, उत्पादकता एवं लाभप्रदता में गुणोत्तर वृद्धि तो होगी ही साथ ही वैश्विक स्तर पर मखाना एवं मखाना आधरित मूल्यवर्द्धित उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा। बिहार इस संदर्भ में देश एवं विश्व के लिए मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करेगा। अंत में उन्होंने जोड. देते हुए कहा कि हमें मखाना उत्पादन पर जलवायु की प्रतिकूलता को दूर करने के लिए मखाना केन्द्रीत अनुसंधान एवं विकास की रणनीति बनाने की आवश्यकता है।

माननीय कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पांडेय ने अपने आभाषीय संबोधन में बताया कि बिहार राज्य से मखाना का सीधे निर्यात नहीं होने के करण वैश्विक स्तर पर मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण के लिए बिहार की पहचान नहीं हो पाती थी। मखाना का जी. आई. (ळण्प्ण्) टैगिंग मिथिला मखाना मिलने से किसानों को विपणन में अधिक से अधिक लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजारों में मखाना की विशेष ब्रांडिंग होगी साथ ही साथ किसानों की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति होगी। मखाना का जी. आई. (ळण्प्ण्) टैग दिलाने में कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ का महत्वपूर्ण योगदान है। बाढ़ की विभिषिका से हमारी खेती योग्य जमीन जलजमाव से समस्या ग्रस्त रहती है जिसे मखाना की खेती के दौरान अवसर में परिवर्तित किया जा सकता है। मखाना-सह- मत्स्यपालन को बड़े पैमाने बढ़ाव देने की आवश्यकता पर बल दिया। 

माननीय कुलपति डा॰ डी॰ आर॰ सिंह बिहार की धरोहर मखाना जिसे जलजमाव वाले क्षेत्रों में जंगली फसल के रूप में देखा जाता था। आज विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर चुका है।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के सात राज्यों के वैज्ञानिकों, उद्यमियों, प्रसार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मखाना की खेती में लगे प्रगतिशील किसानों की सक्रिय सहभागिता है। मखाना की मार्केटिंग एवं ब्रांडिग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार केे कार्यक्रम की अत्यंत आवश्यकता है, क्योकि मखाना बिहार की धरोहर फसल है और भारत के कुल मखाना उत्पादन का 85 से 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार राज्य में ही होता है। 

वैश्विक स्तर पर मखाना की मार्केटिंग एवं ब्रांडिग के लिए भारतीय पैकेजिंग संस्थान के साथ बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का सहमति पत्र (डमवतंदकनउ व िन्दकमतेजंदकपदह) हस्ताक्षरित किया गया है। मकसद है मखाना के पोषक एवं औषधीय गुणों को जनसाधरण तक पहुँचाना। इसके लिए डिजिटल मार्केटिंग, जियो टैगिंग, आधुनिक प्रसंस्करण इकाई आदि तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। इससे किसानों में विश्वास बढ़ेगा और उत्पादों के विपणन पर उचित मूल्य की गारंटी होगी। इसके अलावा, मखाना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (डैच्) निर्धारित करने के लिए कुछ तंत्र विकसित किए जा सकते हैं ताकि व्यापारियों द्वारा मखाना उत्पादकों का शोषण को रोका जा सके। इस शुभ अवसर पर महाविद्यालय परिसर में नवनिर्मित सभागार का उद्धाटन भी आज किया गया है, जिसकी क्षमता कुल 300 व्यक्तियों के बैठने की है, जिससे भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों का और भी सफलता पूर्वक आयोजन किया जा सकेगा।

डाॅ॰ संजय कुमार सिंह, उप महानिदेशक बागवानी विज्ञान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया हमारे पौराणिक खाद्यपदार्थों की पहचान अब भविष्य के उत्तम खाद्यपदार्थों के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इन खाद्यपदार्थों में पोषण के साथ-साथ औषधीय गुणों की प्रचुरता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मखाना जलजमाव क्षेत्रों में उपजाया जाता है। जहाॅं रासायनिक उर्वर्कों का प्रयोग न के बराबर होता है। इस प्रकार यह प्राकृतिक खाद्य औषधीय के रूप मे विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका है।

डाॅ॰ विश्व बन्धु पटेल, सहायक महानिदेशक फसल एवं रोपण फसलें, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली ने अपने संबोधन में देश के जलजमाव क्षेत्रों की समस्याओं एवं क्षमता पर चर्चा करते हुए कहा कि जलीयकृषि के अनुसंधान एवं विकास केन्द्रीत योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। मखाना के साथ पानीफल सिंघाड़ा की खेती काफी लाभप्रद है।

श्री विजय प्रकाश, पूर्व कृषि उत्पादन आयुक्त, बिहार सरकार, भा॰प्र॰से॰ एवं निदेशक बिहार विद्यापीठ पटना, प्राचार्य डाॅ पारस नाथ, अष्ठिाता (कृषि) डा. अजय कुमार साह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आर. के. सोहाने मखना के मार्केंटिंग एवं ब्रांडिंग पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। 

इससे पूर्व 35 बिहार बटालियन एन॰सी॰सी॰, पूर्णियाँ के कैडेट्स द्वारा माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के डा॰ डी॰ आर॰ सिंह को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। सफलता पूर्वक गार्ड आॅफ आॅनर प्राप्त करने के बाद गार्ड आॅफ आॅनर से संबंधित सभी कैडेट्स को माननीय कुलपति द्वारा उपहार भेंट किया गया। उसके बाद स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री जी के प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित किया गया। 

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के अन्य राज्यों के भी वैज्ञानिकों, उद्यमियों आदि कि सहभागिता रही डाॅ॰ आर॰ एन॰ दत्ता, अवकाष प्राप्त संयुक्त निदेषक, केन्द्रीय रेषम बोर्ड, भारत सरकार, डाॅ॰ रमनीकान्त ठकुरिया, प्रधान वैज्ञानिक असम कृषि विष्वविद्यालय जोरहाट असम, डाॅ॰ विनोद कुमार गुप्ता, अवकाष प्राप्त, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र दरभंगा, डाॅ. इन्दु शेखर सिंह, प्रधान वैज्ञानिक राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केन्द्र दरभंगा, डाॅ॰ विद्या नाथ झा, अवकाष प्राचार्य, एल॰एम॰एस॰एम॰ महाविद्यालय, दरभंगा, डाॅ॰ संजीव कुमार, प्राचार्य, वी॰एम॰एस॰ काॅलेज, सुपौल, डाॅ राजेश कुमार, पूर्व निदेशक छात्र कल्याण ,बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर , डाॅ जे. एन. श्रीवास्तव, निदेशक छात्र कल्याण ,बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर, डाॅ रेवति रमण सिंह, पूर्व अधिष्ठाता (कृषि) ,बिहार कृषि विष्वविद्यालय, भागलपुर , डा. पीं कें सिंह, ई. के. एस. रमण, ई. प्रदीप कौशल, के अलावा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थानों के वैज्ञानिकों, के साथ साथ षोध छात्रों के अलावे मखाना के उद्योग से जुड़े विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक डाॅ जर्नादन प्रसाद, डा॰ पंकज कुमार यादव, डाॅ॰ एन के शर्मा, डाॅ॰ तपन गोराई, डाॅ॰ रूबी साहा, डाॅ॰ राधेश्याम, डाॅ॰ सूरज प्रकाश, डाॅ॰ आशीष रंजन, डाॅ॰ माचा उदय कुमार, डाॅ॰ पंकज कुमार मंडल, डाॅ विकास कुमार एवं कर्मचारियों केलास मंडल, एव श्रवण कुमार, चन्दमणि चैधरी आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के स्नातक कृृषि के छात्रों में आशीष कुमार ठाकुर, विवेक, जयंत, आदित्य, विवेकानंद, हरिओंम, नमन, अभिराम, रीतिक, दीपक कुमार, मृत्युंजय कुमार, प्रिंस, सुन्दरम, पियुष, चंदन कुमार के साथ साथ छात्राओं में अंजना, शालनी, प्रिती, निधि, अक्षया, रषमी बाला आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। 

कार्यक्रम का संचालन डा॰ रूबि साहा तथा डा. विकास कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन मखाना वैज्ञानिक डा॰ अनिल कुमार द्वारा द्वारा दिया गया। 

 

  (Posted on 24 Jun 2024)

On the occasion of an International seminar on 13/06/2024 in BAU, Sabour, The Honorable Governor of Bihar Shri Rajendra Vishwanath Arlekar and Vice Chancellor, visited Krishi Gyan Rath and observed the facility of soil, plant, water and animal disease diagnosis. This Krishi Gyan Rath has been working in the village level. It provides immediate solutions on soil management, crop and livestock production to farmers by scientists with technical audio-visual videos.

  (Posted on 22 Jun 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 का आयोजन

आज दिनांक 21 जून 2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर द्वारा विश्वविद्यालय परिषर के ऑफिसर क्लब मे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के माननीय कुलपति, डॉ॰ डी॰ आर॰ सिंह के कर कमलों से हुआ। इस अवसर पर माननीय कुलपति ने सभी शिक्षक, पदाधिकारी एवं छात्र-छात्राओं को योग के बारे बताया कि यह एक ऐसी सुलभ एवं प्राकृतिक पद्धति है जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अनेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होने सभी पदाधिकारी एवं छात्र-छात्राओं को योग का लाभ बताने के साथ उनसे नियमित तौर पर, परिवार के साथ योगा करने को कहा जिससे कि योगा की सकारात्मक ऊर्जा का सर्वदिशा में प्रसार हो सके। कार्यक्रम के संयोजक डॉ जे॰ एन॰ श्रीवास्तव, निदेशक छात्र कल्याण ने अपने सम्बोधन में बताया की इस वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन पूरे देश में राष्ट्रीय सेवा योजना, नई दिल्ली, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में किया जा रहा है। उन्होने बताया की हमारे देश की पहल पर ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस आयोजित किए जाने की शुरुआत हुयी। कार्यक्रम के आयोजक सचिव, डॉ रामानुज विश्वकर्मा, प्रभारी पदाधिकारी, योग कोषंग, बी॰ए॰यू॰, सबौर ने मंच का संचालन किया एवं बताया कि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना काल से ही प्रत्येक वर्ष योग कार्यक्रम आयोजित करते आ रहा है। डॉ वाई॰के॰ सिंह, मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी, डॉ॰ राजेश कुमार, पी॰आर॰ओ॰, डॉ राकेश देव रंजन, प्रभारी पदाधिकारी, अतिथि निवास, श्री पवन कुमार, निजी सहायक, डी॰एस॰डब्लू॰, डॉ सौरभ कुमार चौधरी इत्यादि ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  (Posted on 22 Jun 2024)

27वीं शोध परिषद की बैठक 19-20 जुन 2024


27वीं शोध परिषद की बैठक 19-20 जुन 2024 का विधिवत उद्घाटन आज दिनांक 19.06.2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मुख्य प्रेक्षागृह में माननीय कुलपति डाॅ0 डी0 आर0 सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस कार्य में बाहर से आये हुए प्रसिद्ध विशेषज्ञ डाॅ0 सी0 पी0 सचान, भूतपूर्व अधिष्ठाता (कृषि), चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं तकनीकि विश्वविद्यालय, कानपुर, उत्तरप्रदेश, डाॅ0 आर0 एस0 सिंह, भूतपूर्व मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रधान, आई0सी0ए0आर0-एन0बी0एस0एस0 एण्ड एल0यू0पी0, उदयपुर, राजस्थान, निदेशक शोध डाॅ0 ए0 के0 सिंह तथा दो प्रगतिशील महिला कृषक श्रीमति नीतू देवी, कुमारी संगीता और शशिकुमार भी शामिल थे। 
उद्घाटन सत्र की शुरूआत में कुलपति महोदय ने दोनों आमंत्रित विशेषज्ञों का स्वागत पुष्प  गुच्छ, अंग वस्त्र एवं मोमेन्टो भेंटकर किया। 
शोध परिषद की बैठक हर वर्ष दो बार की जाती है- खरीफ और रबी मौसम की शुरूआत में। इस बैठक में विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न परियोजनाआंे की प्रगति पर चर्चा होती, किसानों की समस्याओं के निराकरण हेतु नई परियोजनाओं का प्रारूप तय होता है और नये-नये प्रभेदों और विकसित तकनीकों को किसानों के लिए रिलीज भी किया जाता है। ये सारे कार्य मुख्य रूप से कुलपति महोदय कि दिशा-निर्देश में निदेशक शोध के कुशल संचालन से सफल होता है। इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी विशिष्टगणों का स्वागत करते हुए निदेश शोध, डाॅ0 अनिल कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय में चल रहे शोध कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल 390 परियोजना चल रहे हैं जिनमें 270 पूर्ण हो चुकें है और इस वर्ष खरीफ में कुल 210 नये प्रोजेक्ट का स्वीकृति मिलने वाली। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के कुशल निर्देशन के परिणामस्वरूप कतरनी धान एवं लीची उत्पादकों के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है। शोध-निदेशालय, किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रहा है और उसी क परिणाम है कि विश्वविद्यालय के तेरह वर्ष की अल्पायु में तेरह पेटेंट सहित 5 उत्पादों को जी0 आई0 प्रमाण पत्र मिलें हैं, 69 तकनीकों को रिलीज किया गया है और मक्का, आम, बैगन, लहसुन के प्रभेद भी रिलीज किये गये।
    डाॅ0 आर0 एस0 सिंह ने अपने उद्बोधन में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, टाल एवं दियारा क्षेत्रों के विकास पर बल दिया और विश्वविद्यालय के द्वारा उन क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की प्रशंसा की। डाॅ0 सी0 पी0 सचान ने यह सुझाव दिया कि पारंपरिक तकनीकी को साथ में लेकर ही नई तकनीकों का विकास करें और नये प्रभेदों को बढ़ायें। इस कार्य में सभी विभागों का सामंजस्य एवं सहयोग होना आवश्यक है। उन्होंने सीड रिप्लेसमेंट को बढ़ावा देने और कम पानी वाली फसलों को फसल विविधिकरण में शामिल करने की सलाह दी। डाॅ0 सचान ने ऐसी तकनीक को विकसित करने पर जोर दिया जो किसानों के क्रय-शक्ति की सीमा में हो और टिकाउ उत्पादन के लिए श्रेयष्कर भी।
    अपने अध्यक्षीय भाषण/उद्बोधन में माननीय कुलपति डाॅ0 डी0 आर0 सिंह मौसम परिवत्र्तन को ध्यान में रखकर प्रभेदों और तकनीकों का विकसित करने की सलाह दिये। उन्होंने खरीफ मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तकनीकों को विकसित करने का सुझाव भी दिया।
कुलपति महोदय ने पारंपरिक फसलों और पारंपरिक तकनीकि अनुभवों के संरक्षण पर भी बल दिया। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह संदेश दिया कि उसी बीज का उत्पादन करें जो किसानों की माँग हो। जल-संसाधन के लिए फर्टीगेशन तकनीक का प्रत्यक्षण बड़े क्षेत्रफल में कराने, पारम्परिक पौधाों एवं औषधीय पौधों से कीटनाशी, रोगनाशक दवा बनाने और अन्तवर्ती फसलों को बढ़ावा देने की भी सलाह दी गयी। उन्होंने एम0एस0सी0 एवं पी0एच0डी0 के छात्रों को अपने समय का 10% हिस्सा प्रयोगशाला में बिताने का निर्देश भी दिया। अपने अभिभाषण के अंत में उन्होंने सभी नये वैज्ञानिकों को प्रोजेक्ट लीडर/इन्भेस्टीगेटर बनकर अपने वरीय वैज्ञानिक को साथ लेकर कार्य करने की सलाह दी।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीक सत्र प्रारंभ कर दिया जिसमें क्रमवार संबंधित वैज्ञानिकों के द्वारा परियोजना की प्रगति पर विचार-विमर्श चल रहे है। यह बैठक कल दिनांक 20.06.2024 तक चलेगी।

  (Posted on 22 Jun 2024)

बिहार के आम भारत की पहचान बन सकते हैं : माननीय राज्यपाल 

 राजभवन में दो दिवसीय "आमोत्सव-2024" का हुआ उद्घाटन 

बिहार में आम की विविधताओं को प्रदर्शित करने और आम उत्पादक किसानों को एक बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार के राजभवन में आज से दो दिवसीय आमोत्सव-2024 का आयोजन शुरू हुआ | यह कार्यक्रम बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है |  इस अमोत्सव में 300 से अधिक आम की किस्मों के 1000 से अधिक प्रादर्श पुरे बिहार से आये हैं, इसके अतिरिक्त आम के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गयी है | कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान, व्यापारी और आम के प्रेमी लोग हिस्सा ले रहे हैं | 
अमोत्सव-2024 का उद्घाटन माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर द्वारा किया गया | इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि “आम से मेरा प्यार बहुत पुराना है, गोवा जहाँ से मैं हूँ वहां का अल्फांजो और हापूस आम पूरी दुनिया में भारत की पहचान के तौर पर जाने जाते हैं | लेकिन जब मुझे बिहार आने पर बीएयू सबौर के कुलपति द्वारा भागलपुरी जर्दालू आम दिया गया तो मैं इसके स्वाद से काफी प्रभावित हुआ, मैं यह कह सकता हूँ कि बिहार के प्रमुख आम जर्दालू, दीघा मालदह और दुधिया मालदह में वह क्षमता है कि यह भारत की पहचान के रूप में स्थापित हो सके | माननीय राज्यपाल ने अमोत्स्व-2024 के आयोजन के पीछे का मकसद बताते हुए कहा कि “बिहार के आम का स्वाद बहुत अनोखा होता है और इसे उचित बाज़ार मिले तो निश्चित तौर पर आम उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा |” उन्होंने कहा कि बिहार में अगर हम इंडस्ट्री लगाने की बात करते हैं तो वह इंडस्ट्री कृषि आधारित होना चाहिए | 
इस अमोत्सव में बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा अपने संबोधन में आम और भारतीय संस्कृति में अनूठे रिश्ते पर प्रकाश डाला और कहा कि आम प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार और शास्त्रों में इसे अमृत फल के नाम से भी जाना जाता हैं | उन्होंने कहा कि बिहार में आमों की इतनी विविधताएँ पायी जाती है फिर भी बिहार का देश में आम उत्पादन में चौथा स्थान है, इस तरह के आयोजन से आम के उत्पादन और विपणन में बढ़ोतरी होगी और निश्चित तौर पर बिहार आम उत्पादन में अपना प्रथम स्थान हासिल करेगा | 
माननीय कृषि मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि आम प्रदर्शनी में 300 से अधिक किस्में और आम के विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किये गए हैं | यहाँ प्रदर्शित आम के विभिन्न उत्पादों में उद्दयमिता की भरपूर क्षमता हैं अतः यह बात आज ध्यान में आने के बाद कृषि विभाग इस दिशा में कार्य करेगी | उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 1.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती होती है और औसत उपज 9.7 टन प्रति हेक्टेयर है | बिहार सरकार के बागवानी मिशन और मुख्मंत्री तीव्र बागवानी योजना से हर वर्ष उपज क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है | माननीय मंत्री ने आम की उत्पादकता को बढ़ने में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के योगदानों की सराहना की | 
इस अवसर पर कार्यक्रम में देश भर के उद्यान वैज्ञानिकों के अलावा कई गणमान्य वक्तियों ने हिस्सा लिया | जिनमें बिहार सरकार के माननीय मंत्री डॉ प्रेम कुमार और श्रवन कुमार, पद्मश्री रामचेत चौधरी, किसान चची के नाम से मशहूर पद्मश्री राजकुमारी देवी, मैंगो मैन अशोक चौधरी, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् नयी दिल्ली के पूर्व उप महानिदेशक डॉ एच पी सिंह और वर्तमान में सहायक महानिदेशक (फल एवं रोपण फसलें) डॉ विश्वबंधु पटेल के अलावा बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह, माननीय राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री रॉबर्ट चोंगथू और सचिव कृषि विभाग श्री संजय कुमार अग्रवाल इत्यादि गण्यमान लोगों की उपस्थिति रही | 
इससे पूर्व माननीय राज्यपाल द्वारा आमोत्स्व-2024 की स्मारिका पुस्तिका और Varietal Wealth of Bihar नमक पुस्तक का विमोचन किया | माननीय राज्यपाल द्वारा जर्दालू आम पर बनी लघु वृतचित्र और मैंगो पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया |  
आमोत्स्व-2024 कल दिनांक 16.06.2024 तक सभी आम लोगों के लिए खुला रहेगा |

  (Posted on 22 Jun 2024)

बीएयू में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में दिनांक 13 एवं 14 जून 2024 को “कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशस्क्त बनाना : स्वतंत्रता से अमृत काल तक ग्रामीण विकास की यात्रा विषय पर चल रहे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज सफलता पूर्वक समापन हो गया | इस संगोष्ठी का उद्घाटन माननीय राज्यपाल द्वारा कल किया गया था | माननीय कुलपति डॉ डॉ० डी० आर० सिंह के निर्देशन में चल रहे संगोष्ठी में आज के समापन सत्र की अध्यक्षता कार्यक्रम के संयोजक डॉ ए० के० साह, अधिष्ठाता कृषि तथा सह संयोजक डॉ एम० के० वाडवानी द्वारा की गयी | इस संगोष्ठी में चार देशों, देश के दस राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थी, उद्यमी और किसानों ने इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इस संगोष्ठी को मुख्यतः 8 विषयों में विभाजित किया गया था जिनमें 18 लीड पेपर 100 मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिये गये । 
दुसरे दिन के कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत डॉ प्रीति प्रियदर्शनी  द्वारा किया गया | इस दो दिवसीय संगोष्ठी का सार डॉ अविनाश कुमार आयोजक सचिव द्वारा विस्तृत रूप से दिया गया | डॉ प्रकाश झा, मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए द्वारा अच्छे लीड पेपर को अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित करने की बात की | बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए प्रतिभागियों को प्रत्येक विषय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए गये | प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के विषय पर डॉ सचिन तथा खाद्य  प्रसंस्करण के लिए डॉ प्रेम प्रकाश को प्रथम पुरस्कार दिया गया |  
इस संगोष्ठी से प्राप्त सुझावों को बिहार सरकार तथा भारत सरकार को संस्तुति के लिए भेजा जायेगा | 
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजक समिति के सदस्यों को प्रसंशा पत्र दिए गये जिनमें मुख्यतः ई0 के० एस रमण, डॉ अंशुमन कोहली, डॉ आर० बी० वर्मा०, डॉ संगीता श्री, डॉ शम्भू प्रसाद, डॉ० अनीता कुमारी, डॉ० आर० डी० रंजन, डॉ अनिल पासवान और डॉ परमवीर सिंह इत्यादि शामिल हैं | 
अंत में अध्यक्षीय भाषण में डॉ ए० के० साह ने माननीय राज्यपाल और कृषि मंत्री को संगोष्ठी में शामिल होने के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया साथ ही कहा कि गावों को स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया और बताया कि गांवों को समृद्ध और संपन्न बनाकर ही ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कर सकते हैं, और बिना कृषि के ग्रामीण विकास की बात संभव नहीं है | कार्यक्रम में डॉ जे० एन० श्रीवास्तव, निदेशक छात्र कल्याण एवं अन्य गण्यमान व्यक्तियों की उपस्थिति रही | धन्यवाद ज्ञापन एक्सीलेंट विजन फौन्डेशन के प्रतिनिध श्री राजेश कुमार ने दिया |

  (Posted on 22 Jun 2024)

माननीय राज्यपाल ने सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का किया उद्घाटन:


 बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का माननीय राज्यपाल ने उद्घाटन किया। आर्ट गैलेरी में बिहार कि लोक कला को मधुबनी एवं अंगिका चित्रकला में विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा दर्शाया गया है।

चार देशों, देश के दस राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थी, उद्यमी और किसानों ने इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इसमें 26 लीड पेपर 100-150 मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिये जा रहे हैं। संध्याकाल में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता, कृषि डॉ० अजय कुमार साह द्वारा किया गया। इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के पी० आर० ओ० डॉ० राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 22 Jun 2024)

माननीय राज्यपाल ने कृषि ज्ञान वाहन का किया अवलोकन:


 बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा संचालित कृषि ज्ञान वाहन का माननीय राज्यपाल ने अवलोकन किया एवं इस वाहन द्वारा किसानों के हितों में किये जा रहे कार्यों जैसे मिट्टी जाँच, पशुपालन एवं अन्य कृषि प्रसार गतिविधियों का जायजा लिया।

  (Posted on 22 Jun 2024)

 मिला लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार


 माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह को कृषि के क्षेत्र में किये गये अतुलनीय कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद को उनके क्रॉप फिजियोलॉजी में फीड द फ्यूचर इनोवेशन लैब के निदेशक तौर पर उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।
त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

  (Posted on 22 Jun 2024)

बी०ए०यू० में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का माननीय राज्यपाल ने किया उद्घाटन 

"कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए आजादी से अमृतकाल तक ग्रामीण विकास की यात्रा" विषय पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आज दिनांक नांक 13.06.2024 को माननीय राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संयुक्त रूप से बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और एक्सेलेंट विजन फाउन्डेशन (ई वी एफ) द्वारा किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में तकनीकि सत्र का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश विदेश से आए हुए विशेषज्ञ संबंधित विषय पर मंथन कर रहे हैं, साथ ही प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा माननीय कृषि मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पाण्डेय, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जुड़े और साथ ही सभा को संबोधित किया। बिहार के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित किया। इसके साथ ही कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह, कैन्सास स्टेट यूनिवरसिटी के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रोफेसर राजनारायण यादव आदि अतिथियों का स्वागत माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता एवं वैज्ञानिकों सहित कार्यक्रम के संयोजक डॉ० अजय कुमार साह एवं आयोजक सचिव डॉ अविनाश कुमार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने कहा कि "आजादी के उपरान्त हम अन्न के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे लकिन हरित क्रांति और देश में कृषि विश्वविद्यालयों के रूथापना के उपरान्त किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम से आज हम इस स्थिति तक आ चुके हैं कि हम अन्न दूसरे देशों को आपूर्ति कर रहे है।" माननीय कुलपति ने जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में हमें आशातीत सफलता हमें मिली लेकिन अभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी सशक्त किये जाने कि आवश्यकता महसूस कि जाती है जिसे कि आजादी के 100वें वर्ष 2047 यानि अमृतकाल तक हमें पूर्णरूपेण स सशक्त बनाने का लक्ष्य है। मुख्य अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन में माननीय राज्यपाल ने कृषि में अंधाधुन्ध रासासनों के प्रयोग एवं इसके दुषपरिणामों के रेखांकित किया और इसका सीधा असर किसानों के कम आय के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम
किसानों और ग्रामीणों कि आय दोगुनी करने कि बात करते हैं तो पहले हमें प्राकृतिक खेती कि ओर मुड़ना होगा। माननीय राज्यपाल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढिकरण के लिए शहरीकरण को गैर जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे गाँव को शहर बनाने कि आवश्यकता नहीं है। बल्कि हमारे गाँव जैसे थे यही जरूरी है। लेकिन गाँव में बुनियादी सुविधाओं की मौजुदगी होनी चाहिए। हर ग्रामीणों को वहीं रोजगार मिले यह सुनिश्चित करना होगा। तभी ग्रामीणों की सम्पति एवं गाँव की समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी से हमारी अपेक्षा है कि इन सभी बिन्दुओं पर मंथन हो।

प्राख्यात सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि गाँव और शहरों का बाँटने का कार्य अंग्रेजों ने किया। गाँव आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सदियों से समृद्ध थे। लकिन कालांतर में अपनाई गई त्रुटिपूर्ण नितियों के कारण हम विकास के लिए सिर्फ शहरों की तरफ देखने लगे। आज हमें देश के पर्यावरण को बचाना है और ग्रामीण व्यवस्था को बचाना है।

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद ने बिहार के कृषि योग समृद्ध भूमि का जिक्र करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रमुख बिन्दुओं को रेखांकित किया।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव ने कहा कि बिहार और नेपाल का रोटी बेटी का संबंध है। अतः बिहार के गाँव अगर समृद्ध होते हैं तो निश्चित तौर पर इससे नेपाल भी समृद्ध होगा।

कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह ने कहा कि बिहार कृषि का तीर्थस्थल है। बिहार के माननीय कृषि मंत्री ने आभाशिक रूप से जुड़कर संबोधित किया और कहा कि बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप और अन्य ऐसी नीतियां बनाई है। जिससे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों का चौमुखी विकास हो रहा है।

  (Posted on 22 Jun 2024)

बीएयू को कृषि दक्षता के परीक्षण में इनोवेटिव डिजिटल कंप्यूटर डिवाइस के प्रयोग के लिए यूके डिजाइन पेटेंट से सम्मानित किया गया

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के लिए यह गर्व का विषय है कि उसे अपने अभूतपूर्व आविष्कार, "कृषि दक्षता परीक्षण में इनोवेटिव डिजिटल कंप्यूटर डिवाइस के प्रयोग के लिए"  यूके डिज़ाइन पेटेंट से सम्मानित किया गया है। यह नवोन्मेषी उपकरण कृषि शिक्षा और दक्षता परीक्षण में क्रांति लाने के लिए तैयार किया गया है, जो किसानों और प्रसार कर्मियों को कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली अवसर प्रदान करेगा। पेटेंट किए गए उपकरण को कृषि क्षेत्र में सीखने के अवसर प्रदान करता ही है यह उपयोगकर्ताओं की कृषि दक्षता का परीक्षण और सुधार करने के लिए यह डिज़ाइन कारगर साबित होगा। इसमें पौधों की सुरक्षा (फसल रोग और कीट प्रबंधन सहित), कीटनाशक खुराक, मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन, उर्वरक अनुप्रयोग, विभिन्न फसलों के लिए बुवाई का समय और खरपतवार प्रबंधन और सिंचाई शेड्यूलिंग जैसी व्यापक प्रबंधन जैसे आवश्यक विषयों को शामिल किया गया है। व्यापक पहुंच और प्रभाव सुनिश्चित करते हुए डिवाइस को कई रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है। इन स्थानों में किसान प्रशिक्षण केंद्र, सामुदायिक केंद्र, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कार्यालय और परिसर और अन्य क्षेत्र शामिल हैं जहां उपयुक्त माना जाता है। 
बीएयू का लक्ष्य  किसानों और कृषि पेशेवरों के लिए यह उपकरण आसानी से उपलब्ध कराना है, जिससे निरंतर सीखने और सुधार को बढ़ावा मिलता है।
इस उपकरण का अंतिम लक्ष्य किसानों के बीच विभिन्न फसल प्रणाली की बुनियादी समझ का आकलन करना और उसे बढ़ाना है। इसमें फसलों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है: - प्रमुख अनाज: मक्का, गेहूं और चावल, - प्रमुख सब्जियां: बैंगन, आलू, प्याज, गोभी और फूलगोभी, - महत्वपूर्ण फल फसलें: आम, अमरूद और लीची. 
खेती की दक्षता के परीक्षण के लिए डिजिटल कंप्यूटर उपकरण इस सिद्धांत पर काम करता है कि उपयोगकर्ता अपनी गति से डिवाइस के साथ जुड़ सकते हैं, जिससे उन्हें जानकारी को पूरी तरह से समझने और इसे अपनी कृषि गतिविधियों में व्यावहारिक रूप से लागू करने की अनुमति मिलती है। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि सीखना कुशल और प्रभावी दोनों है, प्रत्येक उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत आवश्यकताओं और शेड्यूल को पूरा करता है।
कृषि ज्ञान को बढ़ाना
इस नवोन्मेषी उपकरण से कृषि क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है:
- किसानों को उनकी कृषि पद्धतियों को अनुकूलित करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करना
- प्रसार कर्मियों के कौशल को बढ़ाना, उन्हें कृषक समुदाय को बेहतर समर्थन देने में सक्षम बनाना
- सूचित निर्णय लेने के माध्यम से टिकाऊ और कुशल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना

 बीएयू, सबौर के माननीय कुलपति डॉ. डी.आर.  सिंह ने इस परियोजना के प्रति अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "कृषि दक्षता के परीक्षण में हमारे डिजिटल कंप्यूटर डिवाइस को यह पेटेंट पुरस्कार मिला है जो कि कृषि शिक्षा और अभ्यास को आगे बढ़ाने के हमारे चल रहे मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है। हम इसके लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। किसानों और कृषि पेशेवरों को सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करना और  कृषि क्षेत्र में नवीन और प्रभावशाली समाधानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
डॉ. ए.के.  सिंह अनुसंधान निदेशक ने व्यावहारिक और टिकाऊ कृषि प्रगति के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण पर जोर देते हुए इन भावनाओं को दोहराया। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य उन्नत शैक्षिक उपकरणों और संसाधनों के माध्यम से कृषक समुदाय को व्यापक सहायता प्रदान करना है। यह उपकरण न केवल खेती की दक्षता का परीक्षण करता है बल्कि फसल की खेती और प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं की गहरी समझ को भी बढ़ावा देता है।"
इस उपकरण के नवप्रवर्तक डॉ. चंदन कुमार पांडा, डॉ. तमोघना साहा, डॉ. मीरा कुमारी, डॉ. सुबोरना रॉय चौधरी, डॉ. अनुपम दास, डॉ. दुनिया राम सिंह, डॉ. अनिल कुमार सिंह और डॉ. अजय कुमार साह हैं।

  (Posted on 21 Jun 2024)

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में 26वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक

दिनांक 21.06.2024 को प्रसार शिक्षा परिषद की 26वीं बैठक बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में डा. डी. आर. सिंह, माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। डाॅ. सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के एक तिहाई से ज्यादा वैज्ञानिक सीधे किसानों से जुड़े हुए है और उनके खेतों में जाकर उन्हें कृषि की नई तकनीकों को अवगत कराते है तथा उनकी कृषि संबंधी व्यवहारिक समस्याओं का निदान करते है। उन्होंने कहा कि मौसम परिवर्तन के परिपेक्ष्य में किसानों से सजीव सम्पर्क स्थापित करके उनकी आवश्यकता के अनुसार उन्नत तकनीक उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। डाॅ. सिंह ने बताया कि आने वाले समय में उद्यानिक फसलों पर ज्यादा बल देना होगा क्योंकि इसी क्षेत्र से कुपोषण की समस्या दूर होगी और हमारे किसानों की आमदनी में गुणात्मक वृद्धि होगी।

 डाॅ. डी. आर. सिंह ने फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए किसानों का आह्वान किया और कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि वर्षा आधारित क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण राज्य में खरीफ मौसम की फसलों में विविधता लाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनियमित वर्षा के कारण धान की फसल को नुकसान होता है जबकि मक्का, अरहर सहित मोटे अनाज की खेती में जोखिम कम है और ज्यादा लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि खेती के उत्पाद को बाजार व्यवस्था से जोड़कर हमारे किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है और फसल कटाई उपरान्त होने वाले नुकसान से अपने आप को बचा सकते है। डाॅ. सिंह ने बताया कि बिहार राज्य में आम फसल में बहुत विविधता है जिसे देश विदेश की बाजारों में भेजकर हमारे किसान अपने आमदनी को ऊँची उड़ान दे सकते है। उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर इसी वर्ष दिसम्बर माह में अन्तर्राष्ट्रीय निर्यातक सम्मेलन आयोजित करेगा और बिहार के आम को देश-विदेश में निर्यात करने हेतु रणनीति बनाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि बिहार राज्य की उत्पाद विविधता को विश्व फलक पर स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा चिन्हित 54 उत्पादों के जी.आई. टैग प्राप्ति हेतु पूर्ण मनोयोग से कार्य करे और आगामी तीन माह में इसका फलाफल प्राप्त करने का प्रयास करें। 

 डाॅ. अंजनी कुमार, निदेशक, आई.सी.ए.आर.-अटारी, पटना ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों का कार्य बहुत प्रशंसनीय है और इसका पूरा श्रेय कुलपति महोदय के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रयास को जाता है। डाॅ. अंजनी कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के अनेक कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा बड़ी संख्या में प्रत्यक्षण इकाईयाँ संचालित की जा रही है और उससे विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद उचित मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधि बहुत प्रशंसनीय है और ऐसी इकाईयों को बिजनेश माॅडल के रूप में विकसित करना अच्छा होगा। उन्होंने बताया कि देश के कई कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप में इसी प्रकार के बिजनेश माॅडल स्थापित करके बड़े पैमाने पर किसानों की मदद की जा रही है।

 डाॅ. अतर सिंह, भूतपूर्व निदेशक, आई.सी.ए.आर.-अटारी, कानपुर ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों/कृषि उद्यमियों को नवीनतम कृषि तकनीकों की आवश्यकता है परन्तु वे किसी भी उन्नत तकनीक को सीधे स्वीकार नहीं करते है। इसके लिए हमारे कृषि वैज्ञानिक को संबंधित जिले की कृषि पारिस्थितिकी, स्थानीय स्तर पर उत्पाद विशेष की मांग सहित अन्य भौतिक विषयों की जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त व्यवहारिक तकनीक को हस्तांतरित करने का कार्य करना होगा। 

 इस अवसर पर रोहतास जिला के किसान श्री भिखारी राय, पटना जिला के किसान श्री अमरजीत कुमार सिन्हा तथा नालन्दा जिला के प्रगतिशील महिला किसान श्रीमती रिंकू देवी ने भी अपना विचार व्यक्त किया। 

 26वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के के क्षेत्राधिकार में संचालित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने भाग लिया तथा अपनी वार्षिक उपलब्धि तथा आगामी कार्य योजना का प्रस्तुतिकरण किया। डा. आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे विभिन्न प्रसार कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 

 इस अवसर पर विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान एवं विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, कुलसचिव, नियंत्रक सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं वैज्ञानिकगण सम्मिलित हुए।

 अन्त में, धन्यवाद ज्ञापन डा. आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा दिया गया।

  (Posted on 14 Jun 2024)

बी०ए०यू० में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का माननीय राज्यपाल ने किया उद्घाटन* 

 

"कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए आजादी से अमृतकाल तक ग्रामीण विकास की यात्रा" विषय पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आज दिनांक नांक 13.06.2024 को माननीय राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संयुक्त रूप से बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और एक्सेलेंट विजन फाउन्डेशन (ई वी एफ) द्वारा किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में तकनीकि सत्र का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश विदेश से आए हुए विशेषज्ञ संबंधित विषय पर मंथन कर रहे हैं, साथ ही प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा माननीय कृषि मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पाण्डेय, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जुड़े और साथ ही सभा को संबोधित किया। बिहार के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित किया। इसके साथ ही कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह, कैन्सास स्टेट यूनिवरसिटी के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रोफेसर राजनारायण यादव आदि अतिथियों का स्वागत माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता एवं वैज्ञानिकों सहित कार्यक्रम के संयोजक डॉ० अजय कुमार साह एवं आयोजक सचिव डॉ अविनाश कुमार उपस्थित रहे।

 

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने कहा कि "आजादी के उपरान्त हम अन्न के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे लकिन हरित क्रांति और देश में कृषि विश्वविद्यालयों के रूथापना के उपरान्त किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम से आज हम इस स्थिति तक आ चुके हैं कि हम अन्न दूसरे देशों को आपूर्ति कर रहे है।" माननीय कुलपति ने जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में हमें आशातीत सफलता हमें मिली लेकिन अभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी सशक्त किये जाने कि आवश्यकता महसूस कि जाती है जिसे कि आजादी के 100वें वर्ष 2047 यानि अमृतकाल तक हमें पूर्णरूपेण स सशक्त बनाने का लक्ष्य है। मुख्य अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन में माननीय राज्यपाल ने कृषि में अंधाधुन्ध रासासनों के प्रयोग एवं इसके दुषपरिणामों के रेखांकित किया और इसका सीधा असर किसानों के कम आय के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम

किसानों और ग्रामीणों कि आय दोगुनी करने कि बात करते हैं तो पहले हमें प्राकृतिक खेती कि ओर मुड़ना होगा। माननीय राज्यपाल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढिकरण के लिए शहरीकरण को गैर जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे गाँव को शहर बनाने कि आवश्यकता नहीं है। बल्कि हमारे गाँव जैसे थे यही जरूरी है। लेकिन गाँव में बुनियादी सुविधाओं की मौजुदगी होनी चाहिए। हर ग्रामीणों को वहीं रोजगार मिले यह सुनिश्चित करना होगा। तभी ग्रामीणों की सम्पति एवं गाँव की समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी से हमारी अपेक्षा है कि इन सभी बिन्दुओं पर मंथन हो।

 

प्राख्यात सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि गाँव और शहरों का बाँटने का कार्य अंग्रेजों ने किया। गाँव आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सदियों से समृद्ध थे। लकिन कालांतर में अपनाई गई त्रुटिपूर्ण नितियों के कारण हम विकास के लिए सिर्फ शहरों की तरफ देखने लगे। आज हमें देश के पर्यावरण को बचाना है और ग्रामीण व्यवस्था को बचाना है।

 

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद ने बिहार के कृषि योग समृद्ध भूमि का जिक्र करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रमुख बिन्दुओं को रेखांकित किया।

 

त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव ने कहा कि बिहार और नेपाल का रोटी बेटी का संबंध है। अतः बिहार के गाँव अगर समृद्ध होते हैं तो निश्चित तौर पर इससे नेपाल भी समृद्ध होगा।

 

कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह ने कहा कि बिहार कृषि का तीर्थस्थल है। बिहार के माननीय कृषि मंत्री ने आभाशिक रूप से जुड़कर संबोधित किया और कहा कि बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप और अन्य ऐसी नीतियां बनाई है। जिससे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों का चौमुखी विकास हो रहा है।

 

 *मिला लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार*

 माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह को कृषि के क्षेत्र में किये गये अतुलनीय कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद को उनके क्रॉप फिजियोलॉजी में फीड द फ्यूचर इनोवेशन लैब के निदेशक तौर पर उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

 

 *माननीय राज्यपाल ने कृषि ज्ञान वाहन का किया अवलोकन:*

 बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा संचालित कृषि ज्ञान वाहन का माननीय राज्यपाल ने अवलोकन किया एवं इस वाहन द्वारा किसानों के हितों में किये जा रहे कार्यों जैसे मिट्टी जाँच, पशुपालन एवं अन्य कृषि प्रसार गतिविधियों का जायजा लिया।

 

 *माननीय राज्यपाल ने सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का किया उद्घाटन:*

 बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का माननीय राज्यपाल ने उद्घाटन किया। आर्ट गैलेरी में बिहार कि लोक कला को मधुबनी एवं अंगिका चित्रकला में विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा दर्शाया गया है।

 

चार देशों, देश के दस राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थी, उद्यमी और किसानों ने इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इसमें 26 लीड पेपर 100-150 मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिये जा रहे हैं। संध्याकाल में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता, कृषि डॉ० अजय कुमार साह द्वारा किया गया। इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के पी० आर० ओ० डॉ० राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 12 Jun 2024)

First student completes the Paid Internship programme of SABCONs, BAU, Sabour

Ms. Shramalina Dey, a master’s student of Ramakrishna Mission Vivekananda Educational & Research Institute (RKMVERI), West Bengal has successfully completed the paid internship programme of SABCONs, BAU, Sabour on 11th June, 2024 under the guidance of Dr Tirthartha Chattopadhyay. She worked in the Molecular Genetics and Breeding Laboratory, Department of Plant Breeding and Genetics, BAU Sabour on the topic “Genetic characterization of tomato genotypes”. Fifteen tomato genotypes were analysed for basic fruit quality parameters and characterized at molecular level using a large number of molecular markers including markers related to disease resistance and fruit quality traits. Ms. Shramalina joined the Molecular Genetics and Breeding Laboratory, Department of Plant Breeding and Genetics as an intern under the paid internship programme of Sabour Consultancy Services (SABCONs), Bihar Agricultural University, Sabour on 29th January, 2024 for a period of maximum 6 months to complete her. project work. The intern was trained to use various tools and techniques of plant molecular biology, like plant DNA extraction, polymerase chain reaction, agarose gel electrophoresis, molecular diversity analysis, tomato fruit quality assessment, etc. At the same time, she has been properly oriented in research activities and laboratory culture. She has expressed her gratitude towards Bihar Agricultural University for providing her with the state of art research facilities and eminent mentorship. Dr. P.K. Singh, Chairman, Department of Plant Breeding and Genetics and Dr. Anshuman Kohli, CEO, SABCONs congratulated her on completion of the assignment in an informal farewell programme organised at the Molecular Genetics and Breeding Laboratory on 11th June, 2024. Shramalina was presented with a lab T-Shirt and memento to make her stay at BAU Sabour memorable. Shramalina, the first success story of paid internship programme through SABCONs, BAU Sabour is likely to motivate prospective students to join Molecular Genetics and Breeding Laboartory and other state of the art laboratories of Bihar Agricultural University, Sabour through similar programmes.

  (Posted on 05 Jun 2024)

World Environment Day celebrated at Bihar Agricultural University, Sabour

 

The World Environment Day was celebrated at Bihar Agricultural University, Sabour on 5th June, 2024. STudent volunteers of National Service Scheme and the cadets of National Cadet Corps actively participated in a tree plantation drive organized at BAU, Sabour. The first sapling of Gulmohar was planted by the Hon'ble Vice Chancellor, Dr. D. R. Singh to start the campaign. The campaign would accomplish the planting of 7000 tree saplings in BAU, Sabour campus by the end of the ensuing monsoon season with the corporate financial support of NTPC, Kahalgaon.

  (Posted on 05 Jun 2024)

राजभवन  में आयोजित होगा बिहार आमोत्सव -2024

 

आगामी 15 से 16 जून 2024 को राजभवन पटना में "बिहार आमोत्सव -2024" का आयोजन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर और कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। इस अवसर पर आज राजभवन पटना में महामहिम राज्य्पाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा 'आमोत्सव-2024' का पोस्टर एवं प्रतीक चिन्ह (Logo) का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी. आर. सिंह और निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार उपस्थित रहे । 

आमोत्सव कार्यक्रम में बिहार में पायी जाने वाली आम की विविधता को प्रदर्शित किया जायेगा। कार्यक्रम का शुक्ति वाक्य रखा गया है "स्वाद, संस्कृति एवं समृद्धि का उत्सव"। 

 गौरतलब है कि बिहार राज्य में आम की विविधता प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है लेकिन इसकी जानकारी आम उत्पादन किसानों और अधिकांश लोगों को नहीं है। अतः इस कार्यक्रम के माध्यम से आम के प्रचलित प्रभेदो के अलावा अन्य लुप्त होती किस्मो को भी प्रदर्शित किया जाएगा। 

आम उत्पादक और कृषि व्यवसायों के लिए बाजार के अवसर सृजित करके आम उद्योग के आर्थिक विकास के साथ-साथ उद्यमिता करना भी प्रदर्शनी का उद्देश्य है। ग्रामीण युवा को स्वरोजगार उत्पन्न करने के लिए आम प्रसंस्करण, पैकेजिंग और निर्यात गतिविधियों में निवेश की जानकारी उपलब्ध कराया जायेगा। बिहार आमोत्सव 24 के आयोजन से बिहार में पाये जाने वाले आम की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर मिलेगा तथा आम उत्पादन किसान/वैज्ञानिक अच्छे किस्मों को संग्रहित एवं संरक्षित कर सकेंगे। 

बिहार राज्य के सभी क्षेत्रों के फल उत्पादक एवं संबंधित संस्थाएँ तथा नर्सरियाँ इसमें भाग ले सकते है।

इस प्रदर्शनी में कोई भी प्रतिभागी किसी भी खण्ड में भाग ले सकते हैं। इसके लिए शर्त यह है कि प्रदर्शन में लाई जाने वाली वस्तु प्रतिभागी के अपने खेत या बाग का होना अनिवार्य है।

  (Posted on 29 May 2024)

Sabour Chapter of ISSS and SSAC, BAU Host Special Lecture on Soil Science 

On May 28, 2024, the Sabour Chapter of the Indian Society of Soil Science (ISSS) and the Department of Soil Science and Agricultural Chemistry (SSAC) at Bihar Agricultural University (BAU) jointly organized a special lecture program. The event was arranged by President Prof. Nilanjan Chattopadhyay and Secretary Dr. Nintu Mondal of this chapter under the dynamic leadership of Dr. Anshuman Kohli, Chairman of SSAC, BAU. Dr. Bhabani Prasad Mondal, Assistant Secretary of the chapter, anchored the program. Scientists and students from the SSAC department actively participated and helped to organize this program. Dr. Rakesh Kumar, Associate Director at the Zonal Research Station, Dumka, and Dr. Shiv Ram Singh, Principal Scientist in Soil Science at ICAR-Indian Institute of Sugarcane Research, delivered lectures on "Measuring Carbon Sequestration in Soils and Plants" and "Soil Quality is the Key to Sustainable Management of Ecosystem Productivity" respectively. The President and Secretary presented bouquets to the speakers. Prof. Chattopadhyay gave the presidential remarks, and Dr. Nintu Mandal provided an overview of the chapter's activities. Mementos were also presented to the speakers in recognition of their contributions. A minute of silence was observed in memory of Dr. Rakesh Kumar, a former Assistant Professor at SSAC, BAU. The event concluded with a vote of thanks by Dr. A. K. Jha, Vice President of the Sabour Chapter of ISSS. Finally, a group photograph was taken on the lawn of the Soil Survey and Land Use Planning building.

  (Posted on 28 May 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रागंण में आयोजित महिला क्रिकेट टूर्नामेंट का तीसरा व निर्णायक दिन मंगलवार को फाईनल मैच बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर के पी0जी0 (स्नकोत्तर) छात्रों की टीम बनाम यू0जी0 (स्नातक) छात्रों की टीम के बीच खेला गया। जिसमें यू0जी0 टीम ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। यू0जी0 की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 08 ओवर में 5 विकेट खोकर 52 रन हासिल किये। वही लक्ष्य का पीछा करने उतरी पी0जी0 की पूरी टीम ने 6.5 ओवर में 01 विकेट खोकर 53 रन बनाकर जीत हासिल की जिसमें टाॅप स्कोरर रूबी कुमारी है तथा रिचा रघुवंशी को प्लेयर आॅफ द मैच धोषित किया गया। वहीं इससे पहले सोमवार को भी दो मैचों का आयोजन किया गया , जिसमें पहले मैच में कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर (सी0ए0बी0टी0) बनाम स्नातक (यू0जी0) टीम के बीच खेला गया। जिसमें सी0ए0बी0टी0 के छात्राओं द्वारा टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 08 ओवर 06 विकेट खोकर 51 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी स्नातक (यू0जी0) की टीम ने 07 विकेट खोकर 52 रन बनाकर मैच में जीत हासिल की एवं फाईनल में प्रवेश किया तथा सृष्टि कुमारी को प्लेयर आॅफ द मैच चुना गया। वहीं तीसरे शाम को मैच कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर (सी0ए0बी0टी0) बनाम बी0ए0यू0 सबौर के फैकल्टी (शिक्षक/वैज्ञानिक) के बीच खेला गया। जिसमें सी0ए0बी0टी0 ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 08 ओवर में 55 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी बी0ए0यू0 सबौर के फैकल्टी (शिक्षक/वैज्ञानिक) की टीम निर्धारित ओवर में 47 रन ही बना पाई। जिसमें सी0ए0बी0टी0 टीम की जीत हुई तथा शैल कुमारी को प्लेयर आॅफ द मैच चुना गया। इस महिला क्रिकेट प्रतियोगिता - 2024 का खिताब पी0जी0/पी0एच0डी0 की टीम ने हासिल किया। इस महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन अब प्रतिवर्ष कराया जाऐगा एवं अगली प्रतियोगिता जनवरी 2025 में आयोजित की जाऐगी।

  (Posted on 27 May 2024)

बिहार कृृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रागंण में आयोजित महिला क्रिकेट प्रतियोगिता - 2024 का उद्घाटन

आज दिनांक 26.05.2024 को माननीय कुलपति महोदय, डाॅ॰ डी० आर० सिंह द्वारा विधिवत शुभांरभ स्वयं बैटिंग करके किया गया । सभी प्रतिभागियों को निष्ठा और अनुशासन पूर्वक खेलने की शपथ दिलायी गई। उद्घाटन समारोह में निदेशक छात्र-कल्याण ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और अगले तीन दिनों के महिला क्रिकेट प्रतियोगिता - 2024 के लिए शुभकामनाऐं दी। माननीय कुलपति ने प्रतिभागियों को तन्मयता से सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने को कहा और उन्हें टूर्नामेंट के लिए सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दीं । माननीय कुलपति ने अपने संबोधन में कहा की खेल-कूद हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए, पढाई के साथ-साथ आपके सर्वांगीण विकास के लिए खेल में अव्वल रहना बहुत जरूरी है। इस कड़ी में माननीय कुलपति ने बिहार के महान खिलाड़ियों के योगदानों को याद किया एंव प्रतिभागियों को उनसे प्रेररणा लेने की बात कही।  
 क्रिकेट टूर्नामेंट के पहले दिन का शुभारंभ बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर के पी० जी०  (स्नातकोत्तर)  टीमें  बनाम महिला फैकल्टी (शिक्षक/वैज्ञानिक) टीम के बीच खेला गया। जिसमें महिला शिक्षक टीम ने टाॅस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का निर्णय लिया, पीÛजीÛ (स्नातकोत्तर)  टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 08 ओवर में 02 विकेट खोकर 81 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी महिला शिक्षक की पूरी टीम 05 विकेट खोकर 61 रन बनाकर ओवर की समाप्ति हो गई। जिसमें पीÛजीÛ (स्नातकोत्तर)  टीम को विजेता घोषित किया गया तथा पी० जी०/पी० एच० डी०  टीम के रिचा रघुवंशी को प्लेयर आफ द मैच चुने गये।
अगला मैच सोमवार को कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर (सी० ए० बी० टी० ) बनाम स्नातक (यू० जी० ) टीम के बीच आयोजित की जायेगी।
कार्यक्रम के उद््द्याटन समारोह में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा, निदेशक अनुसंधान, निदेशक प्रसार-शिक्षा, निदेशक कार्य एवं संयंत्र, कुलसचिव, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, वरीय वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर, सभी विभागाघ्यक्ष, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राऐं मौजूद थे। मैच में निर्णायक की भुमिका में श्री अमित कुमार, डाॅ०  वाई० के०  सिंह एवं डाॅ०  टी०  चट्ठोपाध्याय थे एवं स्कोरिंग में श्री शशि कान्त शशि, दीपेन्द्र कुमार एवं आकाश अम्बानी  के द्वारा किया गया।

  (Posted on 24 May 2024)

दिनांक 23.05.2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर के केन्द्रीय व्याख्यान हाॅल मे बी.पी.एस.सी. पटना द्वारा बिहार कृषि सेवा अंतर्गत विज्ञापित विभिन्न कोटि के पदो  यथा SDAO, BAO इत्यादि पर चयन हेतु ली गयी लिखित परीक्षा मे सफलता प्राप्त करने वाले प्रतिभागियो को बधाई देने एवं आगामी साक्षात्कार की तैयारी के मार्गदर्शन हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति, डाॅ. डी. आर. सिंह की अध्यक्षता मे कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुलपति ने सभी प्रतिभागियो  से मुलाकात कर उन्हे सफल होने की बधाई दी एवं साक्षात्कार मे भी सफलता प्राप्त करने हेतु शुभकामनाएं दी। कुलपति डाॅ. डी. आर. सिंह ने अपने उद्बोधन मे कार्यक्रम मे उपस्थित 200 से अधिक छात्र-छात्राओ का मार्गदर्शन करते हुए साक्षात्कार मे सफल होने के कई ’’टिप्स’’ बताये और आपस मे  विभिन्न महत्वपूर्ण विषयो पर चर्चाकर अपनी तैयारी और आत्मविश्वास को सुदृढ़ करने की सलाह दी। अपने 60 मिनट के उदबोधन मे उन्हो ने अपने कृषि वैज्ञानिक बनने से लेकर कुलपति बनने तक के सफर के महत्वपूर्ण अनुभवो  को साक्षा किया और सभी छात्र-छात्राओ  को साक्षात्कार मे अच्छे अंक से  उत्तीर्ण होकर अंतिम रूप से चयनित होने की शुभकामनाएं दी। विदित हो कि प्रदेश मे बिहार कृषि सेवा के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड-कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण पदाधिकारी इत्यादि पदो पर चयन हेतु बी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित किए गये लिखित परीक्षा मे बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के 600 से अधिक छात्र सफल हुए है  जिनमे  से 200 छात्र current अन्य पूर्ववर्ती छात्र-छात्राऐ है। उपरोक्त छात्र-छात्राऐ इस परीक्षा मे  सफल होने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय से जुडे है  एवं विश्वविद्यालय द्वारा तैयारी हेतु चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमो से लाभान्वित हो रहे है। विश्वविद्यालय के वास्तविक सफल छात्र-छात्राओ की संख्या इससे कहीं अधिक है। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के ’प्रतियोगिता परीक्षा एवं मार्गदर्शन सेल (Competitive Examination & Guidance Cell) के तत्वाधान मे  आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम मे  विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता (कृषि), डाॅ. ए. के. साह ; अधिष्ठाता स्नातको Ÿार, डाॅ. आर.पी.शार्मा ; निदेशक छात्र कल्याण, डाॅ. जे.एन. श्रीवास्तव ; प्राचार्य, डाॅ. एस.एन.राय ; निदेशक, आई.क्यू.ए.सी., डाॅ. अंशुमन कोहली ; श्री अमित कुमार, उप निदेशक प्रशासन-सह-प्रभारी पदाधिकारी, CEG, CELL सहित डाॅ. आर.डी. रंजन, डाॅ. मुकेश कुमार, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. मीनू कुमारी, डाॅ. सरोज कुमार यादव एवं विश्वविद्यालय के कई शिक्षक/वैज्ञानिक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. शम्भु प्रसाद, वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान विभाग) द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पी आर ओ डाॅ. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि यहाँ के अध्यनरत एवं उŸाीर्ण छात्र-छात्राओ  को उनके सफलता के मुकाम तक पहुँचाने हेतु विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमो के माध्यम से सतत् प्रयास कर रहा है।

  (Posted on 24 May 2024)

An MoU has been signed between Kosi Dugdh Utpadak Sahkari Sangh Ltd., Supaul and MBAC, Agwanpur for promotion of activities between the two institutions on 14-05-2024. Kosi Dugdh Utpadak Sahkari Sangh Ltd., Supaul is a unit of Bihar State Milk Co-Operative Federation Ltd., COMFED, Patna and the parties have agreed for a statement of intent on cultural, educational, and research cooperation. The activities may extend to any fields and subjects in which the two institutions may identify shared interests.

  (Posted on 24 May 2024)

A Workshop on Importance of GRE, TOEFL, IELTS toStudy Abroad with Assistantship was organized at BPSAC, Purnea on 21-05-2024. The programme was convened by Prof. (Dr.) Arunima Kumari, Associate-Dean-cum-Principal, MBAC, Agwanpur. Dr. Pawan Kumar (Principal, MLT College, Saharsa), Mrs. Monika Pandey (Principal, KV, Saharsa) and Mr. Amol Kumar Jha (Vice-Principal, KV, Saharsa) were present as the guest speakers of this programme. The programme was organized by Mr. Trhibhuwan Kumar under the banner of CETL, BAU, Sabour. 

  (Posted on 16 May 2024)

मिशन लाइफस्टाइल पर एक सप्ताह के जागरूकता कार्यक्रम का हुआ समापन

मिशन लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने के लिए 6-12 मई 2024 के दौरान आयोजित कम्पोस्ट/बायोगैस उत्पादन पर विचार/हैकथॉन पर एक सप्ताह के जागरूकता कार्यक्रम का समापन 12 मई, 2024 को सुबह 11.30 बजे बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मिनी  सभागार में किया गया। सत्र की अध्यक्षता डॉ. आर के सोहने, निदेशक, प्रसार शिक्षा, बीएयू, सबौर ने की। समापन सत्र के दौरान कुल सचिव, डा एम हक, प्राचार्य बिहार कृषि महाविद्यालय, डा एस एन राय, अध्यक्ष, पादप कार्यिकी एवं जैव रसायन, डा संजय कुमार तथा संकाय के वरीय सदस्य डा शशिकांत उपस्थित थे। इस कार्यक्रम मे बीएयू, सबौर के तीन महाविद्यालयों के यूजी/पीजी के छात्र भी उपस्थित हुए। डा सोहने ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए इस बात पर जोड़ देते हुए छात्रों को मिशन लाइफ के सात उदेश्यों को अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रावास की रसोई से अपशिष्ट पदार्थों का पुनः उपयोग कर खाद तथा बायोगैस उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा की विश्वविद्यालय परिसर को प्लास्टिक मुक्त होना चाहिए एवं केवल बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं का ही उपयोग होना चाहिए।  मंच पर उपस्थित सम्मानित जनों ने आने वाली पीढ़ी की भलाई के लिए पर्यावरण के संरक्षण पर अपने दृष्टिकोण और विचार व्यक्त किए।

इससे पहले मिशन लाइफ कार्यक्रम के पांचवें दिन बीएयू, सबौर के नवनिर्मित लेक्चर थिएटर में यूजी छात्रों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता दोपहर तीन बजे शुरू हुई। निबंध प्रतियोगिता का विषय मृदा अपरदन, मरुस्थलीकरण एवं भूमि पुनरुद्धार था। उक्त प्रतियोगिता में बिहार कृषि महाविद्यालय, वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान महाविद्यालय तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, सबौर के 28 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विशिष्ट प्रतियोगिताओं के लिए गठित निर्णायक समितियों ने मौके पर ही परिणाम संकलित किये।

कार्यक्रम के छठे दिन बीएयू, सबौर के नवनिर्मित लेक्चर थिएटर में भाषण, फोटोग्राफी, स्लोगन, निबंध लेखन, मॉडल और पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। प्रतियोगिताएं 11 मई, 2024 को अपराह्न 3.00 बजे शुरू हुईं। सभी प्रतियोगिताओं का विषय मिट्टी का कटाव, मरुस्थलीकरण और भूमि बहाली के इर्द-गिर्द घूमता रहा। भागलपुर के नौ अलग-अलग स्कूलों के लगभग सौ छात्रों ने भाग लिया । उक्त प्रतियोगिताओं में आनंद पब्लिक स्कूल, हैप्पी वैली स्कूल, होली फैमिली स्कूल, दीक्षा इंटरनेशनल स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, आद्या पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर और माउंट असीसी स्कूल ने भाग लिया। प्रतियोगिताओं को दो समूहों में विभाजित किया गया था यानी जूनियर समूह (कक्षा- प् . ट) और वरिष्ठ समूह (कक्षा टप् . ग्)।

  (Posted on 09 May 2024)

One Week Awareness Program to promote mission LiFE action in Agriculture (MLAA-2024) (6th – 12th May, 2024)

Plantation programme (8th May, 2024)

 Under the Awareness programme to promote mission LiFE action in Agriculture (6th -12th May being organised by Nature Club, Bihar Agricultural University Sabour a plantation programme was carried out in BAU main campus near and road side of Library back yard and the front of FST auditorium at 7.00 AM on 8th May, 2024. The Associate Dean cum Principal, Dr. S.N Ray headed and inaugurated the plantation programme by planting a tree of Gulmohar trees (Delonix regia) and delivered a speech highlighting the importance of tree planting in our lives and in protection of degrading environment. He said more we plant trees more will be our environment clean and useful for us. More than eighty students of three colleges, Bihar Agricultural College and College of Forestry, and College of Agricultural Biotechnology, Sabour participated enthusiastically in the programme. Considering the landscaping needs of the BAU campus, Gulmohar trees were chosen strategically to provide shade along roadways in the future. The planted trees will contribute towards campus beautification and environmental well-being in the long run. The programme ended with brief discussion on how to care the trees that had been planted and the importance of planting Gulmohar trees. Finally student presented vote of thanks to the principal for encouraging the events. The plantation programme was carried out in presence of faculty members namely Dr. Shashikant, Dr. R. D. Ranjan, Ar. A. K. Pal, Dr. Sareeta Nahakpam, Dr. Anand Kumar, Dr. Ravi Kesari, Dr. Arti Kumari,  Dr. Sudip Das and  Dr. Abhisekh Kumar, Dr. Veerbhdrappa etc

  (Posted on 09 May 2024)

One Week Awareness Program to promote mission LiFE action in Agriculture (MLAA-2024) (6th – 12th May, 2024)

 

Hand on training on Vermicompost preparation

The 2nd day 7th May, 2024 of the Mission LiFE action in Agriculture programme was linked with a hands-on training on Azolla cultivation and Vermicompost preparation at 3.00 PM. Prior to this flag down of Krishi Gyan vahan by Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour who addressed the students of Nature Club, BAU, Sabour from Bihar Agricultural College, College of Forestry and Environmental Study and College of Agricultural Biotechnology, Sabour. He pointed out the tragic situation of soil erosion, land degradation and dreadful effect of climate change. He urged the students for taking individual responsibility for saving the environment at all level of their lifestyle.    

            Thereafter the students moved to university Azolla cultivation and vermicompost production unit, where expert and incharge Dr. A. K. Jha detailed the importance and procedure of Azolla cultivation and vermin-compost production. He made students to visit different part of the unit, explaining every knowhow of the procedure. The various spp. of Azolla cultured in the unit was the centre of attraction for the students where they visualized the azolla cultures in different structure and asked the questions regarding its production procedure, cost of production and beneficial effects of Azolla. Dr. A.K. Jha addressed their queries in a simple way and provided the brief idea about its production techniques, its uses in various crops and also about the precautions that is required during its production and application in field.

Later Dr A.K. Jha took the students to the vermicompost production unit where they were shown two different types of vermicompost production, i.e. heap method and pit method. The pros and cons of both the production methods were explained in a very methodological way. The students were informed about various spp. and number of earthworms that can be used for a particular unit of vermicompost production while briefing about their roles in the composting process. They were also explained about the size of the vermi-pits, materials required and the procedure of preparation of vermi-bed for vermicomposting. The discussion ended with the provision of a brief idea about vermicompost harvesting which included approximate time taken for vermicompost formation and method of its harvesting. The students were finally explained with the processing unit that included sieving and packaging of vermicompost. Dr Jha ended the discussion with brief information about the economy of vermicompost production and its benefits to crops and environment.

The training ended with a group photo and vote of thanks by the organizing secretaries and other Nature Club members. .

  (Posted on 09 May 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रिय सेवा योजना इकाई द्वारा स्वेच्छिक रक्तदान शिविर में 81 यूनिट रक्तदान 

दिनांक 08 मई 2024 (बुधवार) को राष्ट्रिय सेवा योजना, बीएयू,सबौर के स्वयंसेवकों द्वारा स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन विश्वविद्यालय सभागार में किया गया। उक्त कार्यक्रम में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के डॉक्टर एवं स्वस्थ्य कर्मियों द्वारा रक्त संग्रहण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति, डॉ डी आर सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने की। अपने सम्बोधन में विश्व थेलेस्सिमिया दिवस पर अधिक से अधिक रक्त दान करने हेतु सभी विद्यार्थियों एवं कर्मियों से आह्वान किया एवं राष्ट्रिय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए बधाई दी । इस शिविर के माध्यम से 81 यूनिट रक्तदान किया गया जिसमें 65 पुरुष एवं 16 महिलाओं ने अपनी भागीदारी दी। विश्वविद्यालय के 49 विद्यार्थी तथा 32 वैज्ञानिक व शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा रक्त जांच के उपरांत रक्तदान किया गया। इस कार्यक्रम में एचडीएफ़सी बैंक द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी अधिष्ठाता, निदेशक, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, संकाय के सदस्यों तथा विद्यार्थियों की भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ अंशुम।न कोहली, कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रिय सेवा योजना द्वारा किया गया।

  (Posted on 07 May 2024)

 

 कृषि ज्ञान वाहन किसानों के द्वार हुआ रवाना

 

आज दिनांक 07.06.2024 कों अपराह्न 03:00 बजे माननीय कुलपति डॉ डी. आर. सिंह द्वारा कृषि ज्ञान वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कृषि एवं पशुपालन के चाहूंमुखी उत्थान के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त इस ज्ञान वाहन से मिट्टी जाँच की सुविधा, किसानों को फसल विशेष के लिए उर्वरक व्यवहार की मात्रा, पशुओं की समस्याओं का त्वरित निदान, कीड़ा-बीमारी सहित खरपतवार की पहचान एवं उसके प्रबंधन की जानकारी प्राप्त होगी। कृषि ज्ञान वाहन द्वारा आज गोरडीह पंचायत के पिपरा गाँव में किसानों को कृषि की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के साथ उन्हें जागरूक करने का कार्यक्रम किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक और वैज्ञानिक साथ ही भागलपुर के सह-निदेशक कृषि मौजूद रहे।

इस अवसर पर माननीय कुलपति ने कहा कि "कृषि ज्ञान वाहन द्वारा हम किसानों के द्वार पर पहुंच रहे हैँ इसके माध्यम से पशुपालन, बागवानी या खेती में आने वाली समस्याओं का निदान त्वरित रूप से किया जायेगा, अब किसानों कों अपनी समस्या कों लेकर इधर उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है बल्कि उसका निदान उनके द्वार पर ही हो जायेगा।" 

 

 क्या ख़ास है कृषि ज्ञान वहां में :

किसानों के ज्ञान संवर्धन के लिए तकनीकी फिल्मों का प्रदर्शन हेतु दो बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन लगायी गयी है। इसके माध्यम से मिट्टी जाँच नमूनों का संग्रहण किया जायेगा जिसका रिपोर्ट किसानों तक भेजा जायेगा। कृषि से जुड़े समस्याओं का किसानों के द्वार पर निराकरण करने की सुविधा इस वाहन में मौजूद है. इसके माध्यम से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से जुड़ी व्यवहारिक समस्याओं का निदान संभव हो पायेगा। खाद्यान्न / बागवानी / अन्य फसलों के कीट-व्याधि के साथ-साथ पशु एवं पक्षी के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया। 

इसके माध्यम से कृषि उपादानों यथा बीज, जैविक खाद, तरल बायो फर्टिलाईजर सहित मशरूम स्पॉन आदि उपलब्ध कराया जायेगा।

 

 पिपरा गाँव पहुंचा कृषि ज्ञान वाहन:

 परिचालन के पहले दिन कृषि ज्ञान वाहन गोरडीह पंचायत के पिपरा गाँव पहुंची जहाँ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को आम, लीची, ग्रीष्म कालीन सब्जी की खेती, मिट्टी जाँच के साथ-साथ पशुपालन पर भी जानकारी दी गयी। ग्रामीणों के समक्ष ज्ञान वाहन मे लगे एलईडी स्क्रीन पर सम सामायिक विषयों पर फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। ग्रामीणों ने अपने खेतोँ से मिट्टी का नमूना जाँचा के लिए सम्बंधित वैज्ञानिक को सौंपा। इस अवसर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ राजेश कुमार, भागलपुर के जिला कृषि पदाधिकारी श्रीराम अनिल कुमार के साथ-साथ केवीके के सभी वैज्ञानिक और कर्मी मौजूद रहे।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहने ने पिपरा गाँव के किसानों कों ज्ञान वाहन का भरपूर फायदा उठाने का आहावन किया।

  (Posted on 07 May 2024)

One Week Awareness Program to promote mission LiFE action in Agriculture (MLAA-2024) (6 th – 12 th May, 2024)

Inaugural Session (6th May, 2024)

One Week Awareness Program on Ideation/ Hackathon on Compost/ Biogas production (Waste to Wealth) to be held during 6-12th May 2024 was inaugurated on 6th May, 2024 at 11.00 AM in the FST auditorium of Bihar Agricultural University, Sabour to promote Mission Lifestyle for Environment (LiFE) in Agriculture. The session was chaied by Dr. A. K. Sah, Dean, Agriculture, BAU, Sabour. During the inaugural programme Dr. Manish Kumar, Faculty of Munger University, Munger was the invited speaker of the programme. The programme was started in the presence of dignitaries: Dr. J.N. Srivastava, Director Students Welfare, BAU, Sabour, Dr. A. K. Singh, Director Research, BAU, Sabour and Dr. R. K. Sohane, Director of Extension Education, BAU, Sabour. The UG/PG students of BAU, Sabour and faculties were benefitted from this programme.

After lightening of a lamp the dignitaries present on the dias were welcomed by the organizing secretary (MLAA), Dr. S. Nahakpam, who also briefly introduced the workshop. Dr. A. K. Pal, Organizing Secretary (MLAA) gave the outline of activities to be carried out during the one week programme on mission LiFE. Dr. J. N. Srivastava, Director Students Welfare, BAU, Sabour, focused on the importance of environmental protection emphasizing the value of natural resources and their conservation methods. Dr. D. R. Singh, Director Research, BAU, Sabour, talked about our duties towards the nature and relationship between nature and nurture. Dr. R. K. Sohane, Director of Extension Education, BAU, Sabour talked about inculcating the knowledge obtained from this workshop into the day to day life of students. He emphasized to use waste products from hostels for composting and encouraged students to be involved in such programmes. He also gave examples of success stories related to the generation of wealth from waste in Bihar such as e.g. Kothiya village as the first biological village and Kediya, Jamui, the first village to switch to organic farming. Invited speaker Dr. Manish Kumar, Munger University, Munger, talked about the urgency of conserving the degrading environment by taking initiatives from small scale biogas for recycling our daily wastes.  Dr. A. K. Shah, Dean (Ag.), BAU, Sabour appealed to implement the United Nations framework of climate change i.e. mitigation, adaptation and implementation. He elaborated LiFE as Little Innovation for the Future Environment. He said that there should be a tangible change when students are involved in such programme. He told that the students should come up with innovative models that can be implemented at the community level for the conservation of natural resources. He emphasized that the aim of such a workshop should be to motivate, innovate and participate.

The inaugural session ended with formal vote of thanks by co-organizing secretary Dr. Ruby Rani.

Technical Session (6th May, 2024)

Plenary Lecture by Dr. Manish Kumar, Munger University, Munger on “Composting/ Biogas Production (Waste to Wealth)”

During the technical session Dr. Manish Kumar, faculty of Munger University shared groundbreaking experience in the field of composting or biogas production, processes involved and its applications. He talked on innovative techniques for composting organic waste or producing biogas from various organic materials, leading to more efficient and sustainable practices. Dr. Manish Kumar highlighted the importance of shifting to composting and biogas. He discussed the 5 R’s concept i.e. Reduce waste, Reuse, Recycle, Refuse to buy non-eco-friendly products and Reform materials. Dr. Manish Kumar enlightened the audience with his thought provoking biogas innovative production technologies.

At the end of the technical session Dr. Manish Kumar was honoured by organizing secretary Dr. A. K. Pal and co-organizing secretary Dr. R. D. Ranjan with a memento depicting the logo of Work is workship-Work with Smile, adopted by university.

  (Posted on 07 May 2024)

A meeting of the Internal Quality Assurance Cell was held on 03-05-2024 under the Chairmanship of Hon'ble Vice Chancellor. The meeting emphasized on strict compliance of previous IQAC meeting proceedings, discussed suggestions of the Alumni in improving the quality of services at BAU, Sabour and timely announcement and publication of results of final semester examinations.

  (Posted on 04 May 2024)

Bihar Agricultural University Alumni Association (BAUAAS) interaction meeting

A programme was organised by Bihar Agricultural University Alumni Association (BAUAAS) on 3/05/2024 for interaction with one of our distinguished alumni Shree Santosh Kumar Sinha, of batch 1976-79 of BAC, Sabour and ex financial advisor, Govt. of Bihar with UG and PG students and faculty members of different department of the University. Mr. Sinha addressed the gathering and told that students should put their goal in 1st Semester and should planned accordingly to achieve the goal. Further he also asked that now a days there are lots of avenues in agriculture sector, so an agriculture graduate should be a job provider in place of job seeker. Dr A. K.Sah, Dean (Ag)&Patron BAUAAS, Dr R. P Shama, Dean ( PGS) & Patron BAUAAS, Dr P.K. Singh, Chairman, PBG & President, BAUAAS, Dr. J.N. Shrivastav, Dean ( PGS),  Dr S. N. Ray, Associate Dean-cum- Principal, BAC, Sabour, Dr Ruby Rani, Treasurer, BAUAAS, Dr. Preeti Singh and Dr. Bipin Bihari, Councillor, BAU, Sabour, BAUAAS were also present  the programme. Altogether more than 180 members participated in the interaction meeting including 155 UG and PG students

  (Posted on 04 May 2024)

Workshop on "Importance of GRE, TOEFL, IELTS for Study Abroad with Assistantships" organized at BAU, Sabour

The one day workshop on the "Importance of GRE, TOEFL, IELTS for Study Abroad with Assistantships" held at Bihar Agricultural University (BAU), Sabour, on May 4, 2024, was a comprehensive event organized by the Center of Excellence in Teaching and Learning (CETL) and the Internal Quality Assurance Cell (IQAC) to equip students with knowledge and tools for pursuing higher education opportunities abroad. The workshop was inaugurated by Dr. A.K. Singh, Director Research, BAU Sabour, aimed to familiarize students with the structure and pattern of examinations like GRE, TOEFL, and IELTS, essential for admission to universities abroad. He enlightened the students about the invaluable opportunities and vast potential that pursuing higher studies abroad in the field of agriculture could offer, opening doors to a world of enriching experiences and cutting-edge knowledge.

 

Dr. Aditya Sinha, the organizing secretary and main speaker, provided insightful presentations on the nuances of these examinations, strategic time management, effective study techniques, and enhancing verbal and writing skills. The event featured hands-on activities, panel discussions, and opportunities for students to clarify doubts, fostering a conducive learning environment. With a total of 90 students from diverse agricultural disciplines actively participating, the workshop demonstrated BAU's commitment to facilitating the academic and professional growth of students.A technical manual on study abroad was also released on the occasion. Dr. J.N. Srivastava, Director Students’ Welfare, BAU, Sabour served as the convenor of the workshop while Dr. Abhijeet Ghatak acted as Joint Organizing Secretary. Dr. Aditya Sinha, Assistant Professor, Extension Education and Officer Incharge, CETL, BAU, Sabour was the organizing secretary and speaker of the workshop.

  (Posted on 22 Apr 2024)

C-DAC and BAU Forge Alliance for Technological Revolution in Bihar's Agriculture Sector

On April 22, 2022, the Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC) and Bihar Agriculture University (BAU) formalized a strategic collaboration through the signing of a Memorandum of Association (MoA). This MoA heralds a new era of partnership aimed at revolutionizing the agriculture sector in Bihar through innovative technological interventions.

The MoA was signed in the august presence of Shri Rajendra Vishwanath Arlekar, Hon’ble Governor of Bihar, by Shri. Aditya Kumar Sinha, Scientist ‘G’ & Director, C-DAC, Patna & Kolkata and Dr. D R Singh, Vice Chancellor, BAU at Raj Bhawan, Patna. The signing of the MoU was also witnessed by the team of C-DAC Patna and BAU.

Under this collaboration, C-DAC Patna will bring its expertise in cutting-edge technologies such as artificial intelligence, machine learning, and data analytics, BAU, on the other hand, will provide C-DAC Patna with its state-of-the-art research facilities and the expertise of agriculture professionals. This synergy is expected to result in significant advancements in the field of agriculture, benefiting both organizations as well as the wider community. 

The Hon’ble Governor took a keen interest in understanding how to overcome Bihar-specific agriculture issues like crop protection, seed and inventory management with technological interventions. 

Shri Aditya Kumar Sinha highlighted the significance of merging technological advancements with agricultural expertise, stating, "This collaboration marks a pivotal moment in leveraging advanced technologies like AI, drone technology, digital twin, etc. to revolutionize agricultural practices, ensuring sustainable growth and increased yields for farmers. Shri Aditya Kumar Sinha also expressed his gratitude to the Hon’ble Governor for his invaluable support and encouragement towards fostering such impactful collaborations in the agricultural sector.

Dr. D R Singh, also shared his thoughts, highlighting BAU's dedication to offering top-notch research facilities and working closely with C-DAC to explore new frontiers in agricultural research and development. Dr. D R Singh emphasized that the university has already prioritized the integration of Artificial Intelligence into agriculture. The university plans to adopt villages across different agroclimatic zones of Bihar for the application of AI in agriculture, scaling it up gradually through the State Department of Agriculture, Govt. of Bihar. He highlighted the university's state-of-the-art Media Centre and its role as the Fourth Krishi Roadmap of Bihar, with a special focus on services such as weather advisories up to the village level, Decision Support Systems, Kisan Gyan Vahan, technical films, Community Radio Stations, and teleconferencing with farmers, among others.

Addressing the gathering, the Hon’ble Governer shared the vision of the tech-driven agriculture sector aligned with the fourth agriculture roadmap of Bihar and affirmed that the future of agriculture would be bright when organizations like C-DAC and BAU are there to deal with existing and emerging challenges and problems of sustainability in the sector which can be handled technologically and converted into opportunities.

This collaboration marks a pivotal step towards realizing the fourth agriculture roadmap of Bihar, aligning with the vision of a vibrant and technologically empowered agriculture sector. C-DAC and BAU are poised to lead the charge in transforming challenges into opportunities, ensuring a brighter and more sustainable future for Bihar's agriculture industry.

  (Posted on 21 Mar 2024)

BAU Leads the Way with First-Ever Extension Plant Pathology Course in India
 
BAU is proud to complete the first batch of Extension Plant Pathology. This is a course that is being taught only in BAU amongst all State Agricultural Universities and Deemed Universities of India. This postgraduate course is unique in itself which is a blend of two applied disciplines of agricultural sciences viz. Extension Education and Plant Pathology. The course is developed for postgraduate and PhD students and is remarked with a code, PL PATH-520 with 2+1=3 credit hours. This course can be opted for by any student who is interested in plant stress and keen on developments of ICT and digital agriculture.

The course was unanimously accepted and approved by the House of the 32nd Academic Council of the university and thereafter students got enthusiastic to sink into the knowledge of this blended course. The course was designed by Dr Abhijeet Ghatak (Plant Pathology) and Dr Aditya Sinha (Extension Education); they became the very first instructors to launch this course.

At the end of the session, both of the instructors along with another instructor, Dr Shraddha Sawant thanked the Hon'ble Vice-Chancellor for believing in the team and kind support. The students and teachers, together, assembled in a session-end gathering wherein the authorities like the Registrar, Dean (PGS), and DSW were invited who interacted with the students and got feedback from the students.
 

  (Posted on 19 Mar 2024)

बीएयू भागलपुर में ओरिएंटेशन कार्यशाला आयोजित… कुलपति ने किया उद्घाटन…

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर सबौर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों में नवनियुक्त विषय वस्तु विशेषज्ञों के ओरिऐन्टेशन कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन डा. डी. आर. सिंह कुलपति द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा. सिंह ने कहा कि .कृषि विज्ञान केन्द्र मुख्य रूप से खेती-किसानी में लगे लोगों के लिए जिला स्तर पर ज्ञान-विज्ञान का प्रमुख स्थल है और यहाँ पर आने वाला हर किसान हम सब का विशिष्ट अतिथि है।

उन्होंने ने कहा कि वत्र्तमान परिवेश में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समक्ष कठिन परिस्थिति है जिसमें फसल उत्पादकता में ठहराव, भूमि की उर्वरता में लगातार गिरावट के साथ सिंचाई साधनों में कमी और मौसम में लगातार हो रहा परिर्वतन आदि विशेष कारक है। डा. सिंह ने कहा कि ऐसे समय में कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों की पहुँच ज्यादा से ज्यादा किसानों एवंकृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों तक बढानी होगी इसके लिए राज्य सरकार सहित अन्य संस्थाओं के संगठन, सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों के उपयोग पर विशेष बल देना होगा और इस वर्ष प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र को कम से कम एक लाख लोगों से जुडना होगा।

डा. सिंह ने कहा कि प्रत्येक विषय वस्तु विशेषज्ञ को अपने जिले की भोगौलिक स्थिति सहित प्राकृतिक संसाधनों तथा कृषि की मूलभूत समस्याओं से अवगत होना बहुत आवश्यक है तभी हमलोग किसानों की तकनीकी सहायता करने में सफल होंगे। उन्होनें कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों में पदस्थापित विशेषज्ञ किसी एक विषय के जानकार के रूप में अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं करे फार्म साइंटिस्ट बनकर के किसानों की सेवा करे। साथ ही खा4 सुरक्षा के साथदृसाथ समाज के पोषण सुरक्षा पर जानकारी देकर लोगों को सुरक्षा के साथ समाज के पोषण सुरक्षा पर जानकारी देकर लोगों को स्वस्थ बनाएँ।

डा. आर. के. जाट, वरीय वैज्ञानिक, बीसा, समस्तीपुर, ने इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि हमारे जीवन का आधार है जिसपर मौसम में हो रहे परिवर्तन का सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होने कहा कि वर्ष 2019 से बिहार सरकार ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम प्रारंभ कर के देश दुनिया के सामने कृषि विकास का एक अनूठा माॅडल प्रस्तुत किया है जिसका परिणाम है कि बिहार की कृषि उत्पादकता में 10दृ12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तथा किसानों के आमदनी में 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। धन्यवाद ज्ञापन डा. आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा के द्वारा दिया गया। उक्त कार्यशाला में राज्य के 42 विषय वस्तु विशेषज्ञ भाग ले रहे है।

  (Posted on 19 Mar 2024)

आईडीबीआई बैंक Mata कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का किया आयोजन… पांच छात्रों का अतिंम रूप से हुआ चयन..

आईडीबीआई बैंक ने अपने कैंपस कनेक्ट प्रोग्राम के हिस्से के रूप में जूनियर असिस्टेंट मैनेजर (जेएएम) की न्युक्ति के लिए विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के कृषि स्नातक छात्रों के लिए एक कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किया।

समूह चर्चा और व्यक्तिगत साक्षात्कार सहित कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरते हुए, इस पहल में कुल 28 छात्रों ने भाग लिया। कुल पांच विद्यार्थियों का अंतिम रूप से चयन किया गया। चयनित अब्यार्थियों को वार्षिक पैकेज के रुप में 6.14 लाख से 6.50 लाख रूपये तक मिलेंगें।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू ) के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने भाग लेने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दी और साक्षात्कार आयोजित करने के लिए आईडीबीआई बैंक के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस सफल कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव को व्यवस्थित करने में डॉ. जे.एन. श्रीवास्तव, निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. चंदन कुमार पांडा, प्लेसमेंट सेल के प्रभारी, डॉ. अनिल पासवान और डॉ. अपूर्वा पाल द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी । यह प्रयास न केवल छात्रों के लिए कैरियर मूल्यांकन के लिए अवसर प्रदान करता है बल्कि विश्वविद्यालय और कॉर्पोरेट क्षेत्र के बीच संबंध को भी मजबूत करता है।

  (Posted on 16 Mar 2024)

A six day Bootcamp on Drones and Allied Technologies concluded at BAU, Sabour. The Bootcamp was organized by the Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC), Patna. During the concluding ceremony, certificates were awarded to 37 successful participants. As a part of the assessment process, all participants were divided into groups and made to present an innovative idea on application of drones in Agriculture. The winner was decided by a popular vote and appreciated.

  (Posted on 15 Mar 2024)

प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

आज दिनांक 15 मार्च 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़, पटना के प्रांगण में प्रकृतिक खेती पर जागरूकता सह दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाo डीo आरo सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में डाo आरo सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार मौजुद थे। कार्यक्रम का उदघाटन डाॅ डीo आरo सिंह, कुलपति, डाॅ आरo केo सोहाने, निदेषक प्रसार शिक्षा बि.ए.यू, सबौर, डाॅ रीता सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, प्रगतिशील किसान श्री शम्भू नारायण सिंह एवं श्री चंदन कुमार के द्वारा दीप प्रज्जवलीत कर किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डाo रीता सिंह ने अपने स्वागत भाषण में विभिन्न अतिथियों का स्वागत करते हुए उपस्थित किसान, कृषक महिलाएं, जीविका समुह से जीविका दीदीयां एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ता को केन्द्र में चल रहे किसान उपयोगी कार्यक्रम को विस्तार से बतलाया एवं उपस्थित किसानों को लगातार केन्द्र के संपर्क में रहने की सलाह दी। तकनीकी सत्र में किसाानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न स्तंभ, विभिन्न प्रकार के जैव उत्पाद यथा बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, अग्नीयस्त्र, ब्रहमास्त्र एवं दषपर्णी अर्क बनाने की जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये किसानों ने प्राकृतिक , जैवीक खेती, पोषक अनाज की खेती, बटन मशरुम उत्पादन, शून्य जुताई विधि से आलू की खेती एवं षुन्य जुताई विधि से गेहूँ की खेती एवं सब्जी बीज उत्पादन पर अपने अनुभव साझा किये। डाॅ आरo केo सोहाने ने किसानों को संबोधित करते हुए बतलाया कि कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़ के द्वारा मशरूम उत्पादन, दलहन, विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सवाल जबाव कार्यक्रम, ई निरोग एैप, किसान हेल्प लाईन नं0, ड्रोन, खेसाड़ी के उन्नत प्रभेद-रतन एवं प्रतीक के प्रसार पर बिहार कृशि विश्वविद्यालय, सबौर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़, पटना के पहल की जानकारी दी। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बतलाया कि बदलते मौसम में पोषक अनाज एवं मक्का की खेती पर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं, साथ हीं उन्होंने कृषि शिक्षा के प्रति स्कुली बच्चों में जागरूकता लाने पर बल दिया। उन्होंने प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्रों में कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र (एटीक) की स्थापना का आश्वासन दिया। उन्होंने पटना जिले के भौगोलिक परिदृश्य को देखते हुए पटना जिले में एक अन्य कृषि विज्ञान केन्द्र की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने किसानों को छोटे क्षेत्रफल में फूल की खेती, सब्जी की खेती एवं छत पर बागवानी कर अतिरिक्त आय अर्जीत करने की सलाह दी। उन्होंने प्रदेश में अधिक संख्या में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना करने पर बल दिया। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र में पोषक अनाज प्रसंस्करण यंत्र उपलब्ध करवाने का आशवासन दिया। 

इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से 550 कृषकों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन डाo मृणाल वर्मा के द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के सभी कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से सहयोग दिया।

  (Posted on 14 Mar 2024)

कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल में दो दिवसीय किसान मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन

कृषि विज्ञान केन्द्र, लोदीपुर, अरवल के प्रांगण में अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत 14 एवं 15 मार्च 2024 को दो दिवसीय किसान मेला-सह-प्रदर्शनी 2024 का आयोजन किया गया है । आज दिनांक 14 मार्च 2024 को पहले दिन दीप प्रज्ज्वलित कर किसान मेला-सह-प्रदर्शनी 2024 का शुभ-उद्घाटन माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डॉ0 दुनिया राम सिंह जी के कर कमलों से किया गया । मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ0 आर0 के0 सोहाने, भा0कृ0अनु0प0-अटारी, ज़ोन-4, पटना के प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 धर्मवीर सिंह, अग्रणी जिला प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक, अरवल, उप-परियोजना निदेशक, आत्मा, अरवल, जिला मतस्य पदाधिकारी, अरवल, जिला गव्य विकास पदाधिकारी अरवल एवं जिला के अन्य कृषि संबंधित विभागों के अधिकारी सहित केन्द्र की वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ0 अनीता कुमारी ने कृषकों को संबोधित किया । 

उक्त मेले में स्टॉल के माध्यम से विभिन्न नई तकनीकों एवं यंत्रों से कृषकों को अवगत कराया गया जिसके अंतर्गत सुधा (कॉमफेड), कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल के गृह विज्ञान, पौधा संरक्षण, उद्यान एवं पशुपालन, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, पान अनुसंधान केन्द्र, महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद एवं सभी कृषि संबंधित विभागों के स्टॉल शामिल थे तथा उद्यान प्रदर्शनी भी लगाई गई । कुल 900 कृषकों ने मेले के प्रथम दिन भाग लिया । 

मौके पर डॉ0 अनीता कुमारी, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल में चल रहे अनुसूचित जाति उप-योजना, पाँच गावों में चल रहे जलवायु अनुकोल कृषि कार्यक्रम, अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण, समूह अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण, कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में कृषकों को विस्तार से बताया । तत्पश्चात जिला गव्य विकास पदाधिकारी अरवल के द्वारा विभिन्न योजना एवं उपयोजना के बारे में चर्चा किया गया । मतस्य विभाग के पदाधिकारी ने मछली उत्पादन से संबंधित सरकार की योजनाओं का जिक्र किया जिसके अंतर्गत बायोफ्लाक विधि से मछली उत्पादन कर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं । उद्यान पदाधिकारी ने गर्मी मौसम में मूंग और हरी खाद की खेती करने की सलाह दिया । अरवल जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक ने खेती से संवंधित किसान क्रेडिट कार्ड साथ ही साथ खेती से उद्याग सृजन में बैंको के योगदान के बारे में विस्तार से बताया । पान अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर के प्रभारी ने फसल विविधीकरण के तहत मुख्य फसल के साथ साथ औषधीय पौधों के अन्तर्वर्तीय फसल के रूप में खेती कर के अतिरिक्त आय बढ़ाने के बारे में बताया । प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 धर्मवीर सिंह ने किसानों को मेले में लगे प्रदर्शनियों के माध्यम से कृषकों को नए-नए तकनीकों को अपनाने पर जोड़ दिया । निदेशक प्रसार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के तकनीकों को किसानों के दरवाजे तक पहुंचाने के लिए टोल फ्री नंबर 18003456455 के बारे में किसानों को बताया जिसके माध्यम से किसान अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं । माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में किसानों की आय बढ़ाने हेतु उपयोगी सुझाव दिए जिसमे अरवल जिले में खरीफ मौसम में मक्का उत्पादन की अपार संभावना है जिससे एथेनॉल का उत्पादन कर किसान बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते है। साथ ही साथ उन्होंने अरवल किसानों को फल – फूल, सब्जी, देशी कुक्कुट पालन के मार्केटिंग को पटना मार्केट से जोड़ने की बात पर बल दिया । उन्होंने पोषक वाटिका में साग-सब्जियों के साथ-साथ औषधीय पाधों को लगाने पर जोड़ दिया । साथ ही उन्होंने किसानों से यह आग्रह किया कि अपने बच्चों को मेडिकल-इंजीनियरिंग की भीड़ में न भेज कर कृषि शिक्षा की तरफ झुकाव को बढ़ावा दें ताकि रोजगार लेने वाला नहीं रोजगार सृजन करने वाला बने। साथ ही उन्होंने कृषकों को FPO से जुडने के लिए प्रेरित किया । साथ ही उन्होंने जिले में जई फसल का क्षेत्र बढ़ाने पर जोड़ दिया। 

उक्त कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, जहानाबाद के वैज्ञानिक, पान अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर के वैज्ञानिक तथा केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 उदाय प्रकाश नारायण, डॉ0 कविता डालमिया, श्री अजय कुमार दास के द्वारा तकनीकि सत्र महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई । उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के कर्मीगण यथा श्री प्रशांत कुमार सिन्हा, श्री कुंदन कुमार, श्रीमती कुमारी ज्योति, श्री श्याम सुंदर राम, श्री अशोक दास एवं श्री रंजन कुमार दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही

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  (Posted on 13 Mar 2024)

Kisan Mela 13-15 March 2024 Started at KVK Nalanda .Inaugurated by Hon'ble Minister Germain Vikash& Samaj Kalyan shree Shrawan Kumar jee, Hon'ble MLA Nalanda Shree Kaushlendra Kumar jee , Hon'ble VC BAU Sabour Dr D R Singh,DEE BAU Sabour Dr R K Sohane , Principal Scientist ATARI Patna Dr Amrendra Kumar Associate Cum Principal NCOH Dr Randhir Kumar were Graced the Occasion. More than thousand Farmers Participated in the Kisan Mela. Dignitaries also visited CRA Demonstration in CRA Village Chainpur

  (Posted on 12 Mar 2024)

बीएयू सबौर में ऐटिक सेंटर और एआई आधारित स्क्रीन का हुआ लोकार्पण

 

दिनांक 12.03.2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मुख्यालय में नव स्थापित कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र सहित कृषक पाठशाला कक्ष का उद्घाटन एवं विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एल.ई.डी. स्क्रीन का लोकार्पण बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह के कर-कमलों से किया गया। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र विश्वविद्यालय मुख्यालय में आने वाले किसानों/युवाओं सहित अन्य लोगों को खेती किसानी सहित विभिन्न प्रकार की जानकारियों एवं उपादान उपलब्ध कराने का केन्द्र होगा जहाँ एक ही छत के नीचे कृषि संबंधी सभी प्रकार की जानकारियाँ एवं उत्पाद उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य एक ही छत के नीचे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की तकनीकी जानकारी एवं साहित्य सहित विभिन्न प्रकार के कृषि उपादान उपलब्ध कराने की एकल खिड़की व्यवस्था है। डॉ. सिंह ने बताया कि यह केन्द्र किसानों, विशेष रूप से महिला किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ पोषण सुरक्षा के लिये आवश्यक फसलों के उत्पादन उसके भंडारण, प्रसंस्करण आदि से संबंधित तकनीकी जानकारी प्रदान करने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि आज के बदलते मौसम में प्रचलित खेती के स्थान पर आवश्यकता आधारित फसल पद्धति को अपनाना जरूरी होगा। इस सूचना केन्द्र में परिभ्रमण करने वाले सभी लोगों को आवश्यकता आधारित फसल विविधीकरण के साथ फसल अवशेष प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन एवं समेकित पशुपालन के लिये प्रोत्साहित करेगा।

 आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स आधारित एल. ई. डी. स्क्रीन का हुआ लोकार्पण :

 

 इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थापित किये गये एल.ई.डी. स्क्रीन का लोकार्पण करते हुए डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा कि इसके माध्यम से विश्वविद्यालय में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों/गतिविधियों सहित मौसम की जानकारी ऑडियो-विडियो माध्यम से सभी लोगों को प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्रा में संचालित संस्थानों को इससे जोड़ने की पहल की जायेगी। यह स्क्रीन आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स के माध्यम से विश्वविद्यालय की दैनिक गतिविधियों और मौसम अनुकूल खेती की सलाह देगा। विश्वविद्यालय में किसानों के लिए उपलब्ध, बीज, पौधों और अन्य समग्रीयों की जानकारी सहजता से बताएगा।

 

 अनुसूचित जाति के कृष्णकों मिला प्राथमिक कृषि यँत्र : 

 

 कृषि विज्ञान केंद्र सबौर भागलपुर में चल रहे अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत 50 अनुसूचित जाति के कृषकों के बीच आज प्राथमिक कृषि यंत्र स्वरूप कुदाल,खुरपी, मेंज सेलर, हसुआ एवं विडर के यंत्र के साथ-साथ दो-दो आम एवं नींबू के पौधे को माननीय कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉक्टर डी आर सिंह के द्वारा वितरित किया गया।

 इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान, डॉ. ए. के. साह, अधिष्ठाता कृषि, डॉ. आर. पी. शर्मा, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, डॉ. एम. फिजा अहमद, निदेशक, बीज एवं प्रक्षेत्रा, ई. कुमार संजीव रमण, निदेशक, कार्य एवं संयंत्रा, डॉ. मिजानुल हक, कुलसचिव, श्री विरेन्द्र कुमार सिन्हा, नियंत्राक, डॉ. आर. एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. अभय मानकर, उप निदेशक प्रशिक्षण, डॉ. राजेश कुमार, जन सम्पर्क पदाधिकारी सहित बिहार कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य/वैज्ञानिकगण एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान उपस्थित थे।

  (Posted on 09 Mar 2024)

कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र का उदघाटन

 

कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र का   उदघाटन माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा दिनांक 09 मार्च, 2024 को कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना परिसर में किया गया। इस अवसर पर निदेशक शोध डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक कार्य एवं संयंत्र, ई. के. एस. रमण, सह निदेशक (शष्य) डॉ. डी. पी. त्रिपाठी, निदेशक भूमि संरंक्षण श्री सुदामा महतो, पूर्व प्राचार्य नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय डॉ. पंचम कुमार सिंह, निदेशक दूरदर्शन, पटना एवं संस्थान के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी तथा स्थानीय कृषक बन्धु उपस्थित रहे।

 

इसके पूर्व माननीय कुलपति एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया जिसके दौरान औषधीय एवं सगंध वाटिक, हाईटेक नर्सरी, अमरूद/आम/नींबू इत्यादि मातृवृक्ष एवं तीसी प्रजनक बीज उत्पादन को और अधिक किसानोपयोगी बनाने का निर्देश दिया गया।

 

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति ने कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना के द्वारा कृषि जलवायु क्षेत्र जोन-3बी के किसानों के लिए किये जा रहे प्रयासो की सराहना की तथा उन्होने वैज्ञानिकों को आहवान किया कि राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित चौथी कृषि रोड मैप के अनुरूप किसानो के आर्थिक उन्नयन के लिए हर संभव प्रयास किया जाये। उन्होंने कहा कि सरकार के इन्ही उद्देश्यों के प्राप्ति के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा इस संस्थान में क्षेत्रीय किसानों को कृषि संबंधित नयी तकनीकी के सूचना के आदान-प्रदान के लिए "कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र" की स्थापना की जा रही है। इसके पूर्व संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. एम.डी. ओझा ने आये हुए अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत करते हुए संस्थान के द्वारा अनुसंधान, प्रसार और प्रशिक्षण आदि गतिविधियों के लिए कृषि जलवायु के अनुरूप किये जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से चर्चा की तथा संस्थान द्वारा भविष्य में अपनायी जाने वाले विभिन्न गतिविधियों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की। निदेशक शोध बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डॉ. ए.के. सिंह ने संस्थान में स्थापित किये जा रहे कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र के उद्देश्यों की चर्चा की तथा संस्थान के द्वारा किये जा रहे अनुसंधान, प्रसार गतिविधियों की प्रशंसा की तथा उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान को आवश्यकतानुसार सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने की बात कही। इस अवसर पर संस्थान के द्वारा तैयार की गई तकनीकी बुलेटिन "प्राकृतिक खेती" का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया तथा माननीय कुलपति के कर कमलो द्वारा संस्थान के दो महिला कर्मियो श्रीमती सरिता कुमारी एवं श्रीमती विनीता तीग्गा को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ती पत्र दिया गया। इसी क्रम में कुलपति ने सभी प्रतिभागी कृषक बन्धुओं को आदर्श गृह वाटिका किट, लेमन ग्रास एवं पुदीना का गमला तथा बिहार कृषि विश्वविद्यालय का वर्ष 2024 का कैलेण्डर भी भेंट किया। उद्घाटन कार्यक्रम में सभी विशिष्ट अतिथियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। समारोह में उपस्थित लोगो का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रणवीर कुमार कनीय वैज्ञानिक (कृषि अर्थशास्त्र) एवं मंच संचालन डॉ. संगीता कुमारी कनीय वैज्ञानिक (उद्यान) ने किया। इस अवसर पर डॉ. एन.वाई. आज़मी, डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. एस.एन. दास, डॉ. प्रभात कुमार, श्री अवधेश कुमार सिंह, श्री गोपाल शरण सिन्हा, श्री आशिष कुमार सिन्हा, श्री अशोक कुमार, श्री नरेश कुमार, श्री राजेश कुमार सिंह, श्री मुकेश कुमार आदि ने सराहनीय भूमिका निभाई।

  (Posted on 08 Mar 2024)

बीएयू सबौर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन, नारी सशक्तिकरण पर हुई विशेष चर्चा

 

दिनांक 07 मार्च, 2024 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के माननीय कुलपति महोदय, डॉ डी आर सिंह के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय अन्तर्गत सभी विभागों में उस विभाग की वरीय महिला वैज्ञानिक/ शिक्षिका को एक दिन के लिए विभाग के अध्यक्ष पद से सुशोभित किया गया एवं उनके कुशल नेतृत्व में 8 मार्च 2024 को 'राष्ट्र विकास में महिलाओं की भूमिका' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। कार्यशाला का सुभारम्भ सुबह 10:30 बजे बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मिनी सभागार में डीन, निदेशक, कुलसचिव, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति में शुरू हुई। कार्यक्रम की शुरुआत सम्मानित डीन एग्रीकल्चर डॉ. ए.के. साह, निदेशक छात्र कल्याण डॉ. जे. एन. श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ. एम. हक, निदेशक प्रशासन डॉ. एम. के. वाधवानी एवं नियंत्रक श्री बीरेन्द्र कुमार सिन्हा सहित गणमान्य व्यक्तियों के औपचारिक स्वागत के साथ हुई। श्रीमती रश्मी कुमारी, टेक्नो ग्राउंड, बेगुसराय, बिहार की संस्थापक इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थीं। दीप प्रज्वलन से इस आयोजन की शुरुआत हुई। कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजक डॉ किरण कुमारी ने अपना स्वागत भाषण दिया। अपने संबोधन में निदेशक छात्र कल्याण डॉ. जे. एन. श्रीवास्तव ने जीवन के हर पहलू में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की उत्पत्ति के बारे में बताया। श्रीमती रश्मि कुमारी ने गृहिणी से उद्यमी बनने तक की अपनी यात्रा साझा की, जो सभी प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही। रजिस्ट्रार डॉ. एम. हक ने विश्वविद्यालय में हाल ही में कई महिला वैज्ञानिकों की भर्ती पर प्रकाश डाला, जो महिला सशक्तिकरण का एक उज्ज्वल उदाहरण दर्शाता है। उन्होंने अपने काव्यात्मक चिंतन के माध्यम से जीवन के प्रत्येक पहलू में महिलाओं की भूमिका की सराहना की। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, सबौर की वार्डेन श्रीमती प्रियंका ने अपने भाषण में छात्रों के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्कूल को गोद लेने पर प्रकाश डाला। निदेशक प्रशासन डॉ. एम. के. वाधवानी ने विकासात्मक अर्थशास्त्र की भूमिका के बारे में चर्चा की और सभी संकाय सदस्यों से समाज के समग्र विकास के लिए महिला उत्थान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया। डीन एग्रीकल्चर डॉ. ए. के. साह ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए संकाय सदस्यों को बधाई दी और महिला सशक्तिकरण में पुरुषों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रों को कृषि में उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी की भी सराहना की। कई संकाय सदस्यों और छात्रों ने राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने विचार साझा किए। आयोजन सदस्य डॉ. चंदा कुशवाहा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बीएयू, सबौर के माननीय कुलपति और एसोसिएट डीन-सह-प्रिंसिपल, बीएसी, सबौर, संकाय सदस्यों और छात्रों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का समापन समूह-फोटोग्राफी, प्रतिभागियों के लिए ढेर सारी प्रेरणा, प्रेरणा और स्पष्ट घर ले जाने के संदेश के साथ हुआ।

  (Posted on 08 Mar 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में वर्ष 2024 के अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8, मार्च) के प्रति सम्मान प्रकट करने एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिनांक 07 मार्च, 2024 को माननीय कुलपति महोदय के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय अन्तर्गत सभी विभागों में उस विभाग की वरीय महिला वैज्ञानिक/ शिक्षिका को एक दिन के लिए विभाग के अध्यक्ष पद से सुशोभित किया गया।

यह कार्य माननीय कुलपति महोदय के महिलाओं के महत्व को समझाने के लिए लोगों को जागरूक कराना है। इस थीम का अर्थ महिलाओं के लिए एक ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देना भी है, जहाँ महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकें, सशक्त महसूस कर सकें, उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का हक मिले। यह कार्य विश्वविद्यालय द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक पहल है।

  (Posted on 29 Feb 2024)

 

Internal Quality Assurance Cell and Sabour Consultancy Services, BAU, Sabour organized an Orientation Workshop for Railwaymen in Agriculture. Thirty six participants from The Indian Railways Institute of Mechanical and Electrical Engineering (IRIMEE), Jamalpur attended the orientation workshop. IRIMEE is one of the six Centralized Training Institutes of Indian Railways functioning for training of Railway Officers.

 

The railway officers were sensitized towards responsible use of natural resources such as soil, water, organics and inorganic nutrients. Modern techniques such as hydroponics and tissue culture were a topic of their interest. The visits to roof top garden, enriched vermicompost production unit, commercial biofertilizer production unit, botanical garden and horticulture garden generated a lot of interest among the participants.

  (Posted on 23 Feb 2024)

बिएयू द्वारा आइसीटी के माध्यम किये गए "परिवर्तन" को मिला राष्ट्रीय पुरुस्कार

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का कृषि प्रसार तंत्र देश के सबसे उत्कृष्ट आइसीटी तंत्र में से एक है। इसे साबित किया है राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) द्वारा दिया गया राष्ट्रीय पुरुस्कार। बीयेयू के मीडिया सेंटर द्वारा निर्मित फ़िल्म "परिवर्तन" को आज भारत सरकार के अतरिक्त कृषि सचिव मोo फ़ैयाज़ किदवई और मैनेज के डायरेक्टर जनरल श्री चंद्रशेखर ने पुरुस्कृत किया । इस फ़िल्म मे विश्वाविद्यालय द्वारा आइसीटी के माध्यम से बिहार मे कृषि क्षेत्र में किये गए परिवर्तन कों दिखाया गया है।

कुलपति डॉ. डीo आरo सिंह ने इस मौके पर कहा कि विश्वविद्यालय का आईसीटी मॉडल का लोहा पूरा देश मानता है, परिवर्तन फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे विश्वविद्यालय ने अपने हाईटेक प्रसार प्रणाली से बिहार के किसानों को त्वरित और सटीक समाधान उपलबध कराया है, इस राष्ट्रीय पुरुस्कार ने एक बार फिर से बीएयू कि उत्कृष्टता सिद्ध की है।

इससे पूर्व भी विश्वविद्यालय कों आइसीटी के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्ननेंस अवार्ड, यहाँ से संचालित सामुदायिक रेडियो कों राष्ट्रीय अवार्ड एवं उम्मीद कों राष्ट्रीय पुरुस्कार मिल चूका है। यूजीसी के सीइसी ने भी पराली प्रबंधन पर बनी फ़िल्म कों भी सर्वश्रेष्ठ पुरुस्कार देने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि विगत वर्ष भी मैनेज संस्था द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा बनायीं गयी ड्रेगन फ़्रूट की खेती पर बनी फ़िल्म को पुरुकृत किया था एवं यूजीसी सीईसी द्वारा "वाटर फॉर टुमारो" को स्क्रीनिंग में प्रमाणित किया था। 

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने ने इस अवसर पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का मीडिया सेंटर सफलता का नित्य नए इबारात लिख रहा है, यह राष्ट्रीय पुरुस्कार हमारी प्रसार प्रणाली की उपयोगिता कों सिद्ध करती है।

विश्वविद्यालय की ओर से इस पुरुस्कार कों केंद्रीय भंडार के प्रभारी पदाधिकारी श्री विजय कुमार ने हैदराबाद में ग्रहण किया। इस अवसर पर मीडिया सेंटर प्रभारी डॉ राजेश कुमार मीडिया सेंटर के कर्मियों कों बधाई दी।

  (Posted on 22 Feb 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में 21 दिवसीय CAFT प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने "कृषि विस्तार और अनुसंधान के लिए आईसीटी में विघटनकारी प्रौद्योगिकी का उपयोग" विषय पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन हो गया । कार्यक्रम, जो कि 1 फरवरी से 21 फरवरी, 2024 तक चला, इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को कृषि की प्रसार के लिए अत्याधुनिक तकनीकों  पर प्रशिक्षित करना था।
21 फरवरी, 2024 को आयोजित समापन समारोह मे प्रतिभागियों ने 21 दिनों के दौरान सीखी गयी विधा कों प्रस्तुत किया । सीखे गए पाठों पर विस्तृत प्रस्तुति के साथ प्रतिभागियों द्वारा प्रदान की गई प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक थी। असम से आये वैज्ञानिक ने यहाँ पर फ़िल्म निर्माण करना सीखा और स्वं द्वारा बनायीं गयी फ़िल्म कों प्रस्तुत किया। सभी प्रतिभागियों ने रेडियो पर प्रसारण सीखा साथ ही अपना रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत किया। तेलंगाना से आये हुए वैज्ञानिकों ने यहाँ बिताये गए 21 दिन के अनुभव कों साझा किया और बताया कि बीएयू का सूचना एवं संचार तंत्र दक्षिण के राज्यों से बेहतर है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, सी-डैक, पटना के वरिष्ठ निदेशक डॉ. आदित्य कुमार सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति रही। डॉ. सिन्हा ने कृषि के भविष्य को आकार देने में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की भूमिका पर जोर देते हुए विघटनकारी प्रौद्योगिकी और कृषि विकास के अंतर्संबंध पर अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने बताया कि सीडीएसी सुपर कंप्यूटर विकसित करने वाला देश का पहला संस्थान था, जिसका कृषि में विविध अनुप्रयोग है।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने कृषि पद्धतियों को बदलने में आईसीटी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में हर दिन नई तकनीक सीखने की जरूरत है क्योंकि हर चीज बदल रही है। साथ ही, उन्होंने विस्तार प्रौद्योगिकियों की सफल पहुंच के लिए बाहरी संस्थानों के साथ नए सहयोग विकसित करने पर जोर दिया। माननीय कुलपति ने कहा कि यहाँ से सीखकर आप सभी वैज्ञानिक अपनी संस्थाओं मे इन अनुप्रयोगों कों किसानों के हित मे लागु करें। 
डॉ. आर.के. सोहने,  प्रसार शिक्षा निदेशक ने सभा  को बताया कि देश के आठ अलग-अलग राज्यों से कुल 22 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
समापन समारोह प्रतिभागियों के समर्पण और सफल समापन को मान्यता देते हुए एक प्रमाण पत्र वितरण समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों के बीच अर्जित ज्ञान को अपने संबंधित क्षेत्रों में लागू करने के लिए उत्साह और प्रेरणा की भावना को बढ़ावा दिया, जिससे नवीन और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कृषि की प्रगति में योगदान दिया जा सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. आदित्य सिन्हा एवं डॉ. सी.के. थे। पांडा, प्रसार शिक्षा विभाग, बीएयू, सबौर। उक्त जानकारी विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 20 Feb 2024)

कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार को पुष्पगुच्छ भेंट किये साथ ही माननीय मुख्यमंत्री ने बीएयू के नव नियुक्त वैज्ञानिकों को दिया नियुक्ति पत्र 

माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने  आज सचिवालय स्थित 'संवाद' में आयोजित कार्यक्रम में  सांकेतिक रूप से 10 नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक सह कनीय वैज्ञानिकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया।  बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अधीन 239 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा तथा जल संसाधन सह भवन निर्माण मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने भी नवनियुक्त अभ्यर्थियों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया।

  (Posted on 20 Feb 2024)

 माननीय मुख्यमंत्री ने बीएयू में नवनिर्मित हाईटेक सुविधाओं से युक्त नया सभागार का हुआ उद्घाटन 

14 करोड़ रूपये की लागत से बने बीएयू सबौर का नानिर्मित सभागार 600 लोगों की क्षमता वाला है। दिव्यांग लोगों की सहूलियत कों ध्यान मे रखते हुए इसका निर्माण किया गया है। सभागार में डिजिटल पोडियम, आटोमेटिक कैमरा एवं उच्च क्षमता वाला लाइन-अरे साउंड सिस्टम लगाया गया है। यहाँ सभा कक्ष के अतिरिक्त दो अतिथि कक्ष और एक स्वागत कक्ष बनाया गया है।सभागार मे चल रहे कार्यक्रम कों किसी भी कक्ष से देखा जा सकता है, इसके लिए सभी स्थानों पर टीवी लगायी गयी है। रंग-बिरंगे स्टेज स्टेज लाइट से सुसज्जित यह सभागार संस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के मुताबिक भी डिजाइन की गयी है। पूरा सभागार केंद्रिकृत वातानुकूलित है। यहाँ आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग स्वतः हो सकती है साथ ही सभी सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म पर सीधा प्रसारण किया जा सकता है। उद्घाटन के मद्देनज़र सभागार को फूलों एवं रंग-बिरंगे रौशनी से सुसज्जित किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन के उपरांत अब यह सभागार सुचारु हो गया है। 
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह भवन निर्माण मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव श्री चंद्रशेखर सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० डी०आर० सिंह सहित कृषि विभाग के पदाधिकारीगण/कर्मीगण, नवनियुक्त अभ्यर्थीगण अभाषिक रूप से जुड़े रहे।

  (Posted on 18 Feb 2024)

किसान मेले के दूसरे दिन भारी संख्या में उमड़े किसान और कृषि प्रेमी

 

किसान मेले के दूसरे दिन बड़ी संख्या में स्थानीय और पूरे राज्य से आए हुए किसानों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। मेला देखने का उत्साह इस कदर था कि पूरा विश्वविद्यालय परिसर शाम होते-होते किसानों और कृषि मे रूचि रखने वाले लोगों से पट गया। मेला घूमने वाले विभिन्न कंपनियों के स्टॉल से नए किस्म के फसलों और कृषि के नई तकनिकों के बारे मे जानकारी लेते नज़र आये। विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में लगे फसलों का जिवंत प्रदर्शन किया गया है जिसका किसानों द्वारा बड़े ही कौतुहालता पूर्वक देखा जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के समेकित कृषि प्रणाली को देखने मे किसान खूब रूचि लेते दिखे।

 

 *पशु प्रदर्शनी रहा आकर्षण का केंद्र* :

 

आज के दिन मेले की शुरुआत पशु प्रदर्शनी से हुई। तरह-तरह के पालतू पशु इस पशु प्रदर्शनी में देखने को मिले। छोटे से लेकर बड़े पशुओं तक मेला देखने वालों के बीच आकर्षण के केंद्र बने रहे। छोटे पशु पक्षियों में मुख्य रूप से कबूतर जाति की पक्षी आकर्षण का केंद्र रहा। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के कुत्ते और बकरियों के नस्ल लोगों को खूब आकर्षित किया। इस पशु प्रदर्शनी में देसी नस्ल के गाय खूब देखने को मिले वहीं भैंस की अच्छी प्रजातियों ने भी मेला देखने वाले को अपनी ओर खींचा। कुल मिलाकर विभिन्न प्रजाति के पशुओं की संख्या मेले में 175 रही। मेले के दौरान किसानों को पशुओं का अवलोकन करने के लिए भागलपुर के जिला पशुपालन पदाधिकारी पशु चिकित्सकों के साथ मौजूद रहे। पशु मेला का उद्घाटन बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉक्टर डॉ डी. आर. सिंह और पूर्णिया विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉक्टर राजनाथ यादव ने किया। कुत्तों के प्रमुख नस्लों में जर्मन शेफर्ड, साइबेरिया वुल्फ, लेब्रा डॉग, पल्मेरियन इत्यादि प्रमुख रहे वहीं बकारीयों मे जमुना परी और बारबरी नस्ल की बकारीयों ने आकर्षित किया। देसी गाय कि नस्लों में साहीवाल और गीर ने मन को मोह लिया। इसके अलावा पछियों में कबूतर, बटेर और कड़क नाथ मुर्गा भी पशु प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खिंचा। बच्चों ने खरगोश के साथ भी मनोरंजन किया। 

 बेहतरीन पशुओं को पुरस्कृत भी किया गया जिसमें भैंस के लिए प्रथम पुरस्कार मंटू यादव को, गाय मे शंकर नस्ल के लिए प्रथम पुरस्कार अमित कुमार को, बकरी के लिए प्रथम पुरस्कार रिहाना खातून को बकरा के लिए प्रथम पुरस्कार मोहम्मद राजा अहमद को, बकरी की उन्नत नस्ल का प्रथम पुरस्कार विशाल कुमार को, मुर्गा के लिए प्रथम पुरस्कार मोहम्मद आसिफ आरिफ को, बत्तख के लिए प्रथम पुरस्कार मोहम्मद अंसार को, और कुत्ता में बड़ा नस्ल के लिए प्रथम पुरस्कार राहुल भारद्वाज को और मध्यम आकार के लिए रवि कुमार के कुत्ते को पुरस्कृत किया गया वहीं छोटे नस्ल के नर और मादा के लिए आदर्श कुमार को पुरस्कृत किया गया।

 

 *कार्यशाला का हुआ आयोजन* : 

 

 "तकनीक आधारित खेती से आत्मनिर्भर किसान" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिसका उद्घाटन माननीय कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉक्टर डॉ डीo आरo सिंह और माननीय कुलपति पूर्णिया विश्वविद्यालय डॉक्टर राजनाथ यादव ने संयुक्त रूप से किया। विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर सुहाने ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। पूर्णिया विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉक्टर राजनाथ यादव ने स्वदेशी के साथ-साथ आधुनिक तकनीक से भी खेती करने के लिए किसानों को सलाह दिया, उन्होंने कृषि में जेनेटिक इंजीनियरिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉक्टर डॉ डीo आरo सिंह ने कहा कि सिर्फ प्रयोगशाला से खेत तक हम सीमित नहीं रहेंगे बल्कि आज जरूरी है कि खेत से वापस प्रयोगशाला को भी जोड़ा जाए। इसी क्रम में माननीय कुलपति ने समस्तीपुर के नवाचारी किसान श्री सुधांशु कुमार के खेतों का भ्रमण करने के लिए छात्रों और सभी वैज्ञानिकों को सलाह दी। कुलपति ने कहा कि हमें पारंपरिक तकनीक को भी पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है हमें अपने धरोहर को बचाने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय अपनी जी आई फसलों को पुनः संरक्षित करने के लिए शोध ब्रांडिंग और पैकेजिंग करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा की खेती को बचाना और खेती को बढ़ाना युवाओं के समक्ष आज एक चुनौती है। इस मंच से माननीय कुलपति ने स्व निर्मित फूलों के रंगों से ही होली खेलने का आह्वान किया साथ ही घोषणा की कि विश्वविद्यालय के सभी कर्मी और वैज्ञानिक फूलों से ही स्वयं रंग बनाकर होली खेलेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सिंदूर के पौधों का टिश्यू कल्चर द्वारा उत्कृष्ट पौधा बनाए जाने की जानकारी दी। उद्घाटन सत्र मे विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक और वैज्ञानिकों के अलावा सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रधान एवं वैज्ञानिक शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर एन सिंह ने किया।

 

 *खेती से चार करोड़ सालाना टर्न-ओवर वाले किसान सुधांशु ने किसानों को किया सम्बोधित:* 

 

 समस्तीपुर के नवाचारी किसान श्री सुधांशु कुमार ने इस कार्यशाला में किसानों को संबोधित करते हुए अपने अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि बेहतर स्कूलिंग और प्रोफेशनल डिग्री करने के बाद भी वह पिछले 34 साल से खेती कर रहे हैँ। मुख्य तौर पर सुधांशु हाईटेक हॉर्टिकल्चर पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अब जरूरत है कि पारंपरिक खेती से अलग हटकर नए जमाने की खेती करने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने बारे में बताया कि वह समस्तीपुर में ड्रेगन फ़्रूट, लीची, स्ट्रॉबेरी, मौसमी, अनार, शरीफा, आम, केला, संतरा इत्यादि की खेती हाईटेक तरीके से कर रहे हैं। सुधांशु ने बताया कि वे प्रति बीघा साढ़े तीन लख रुपए की आमदनी कर रहे हैं। उनकी खेती लीक से अलग हटकर है और उनके खेतोँ मे पूरी तरह से ऑटोमेटिक कार्य होता है। उनके खेतों में फाइबर ऑप्टिक वाई-फाई सीसीटीवी लगी हुई है। वह यहां से भी बैठकर अपने खेतों की निगरानी कर सकते हैं और खेतों में जरूरत पड़ने पर कहीं से भी अपने मोबाइल से स्प्रिंकलर या ड्रिप इरीगेशन के सिस्टम को ऑन कर सकते हैं।

इस आशय की जानकारी विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 17 Feb 2024)

बीएयू सबौर में शुरू हुआ किसान मेला

तीन दिनों तक चलने वाला राज्य के सबसे लोकप्रिय किसान मेला का शुभारम्भ आज दिनांक 17.02,2023 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर में हुआ | इस मेले का उद्घाटन बिहार सरकार के माननीय मंत्री ग्रामीण विकास श्री श्रवन कुमार ने किया | बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुए उद्घाटन सत्र में भागलपुर के सांसद श्री अजय मंडल, गोपालपुर के विधायक श्री गोपाल मंडल, सुल्तानगंज के विधायक श्री ललित नारायण मंडल, नाथनगर विधायक अली असरफ सिद्दकी, बिहारी गंज के विधायक श्री निरंजन कुमार मेहता, तारापुर के विधायक श्री राजीव कुमार सिंह के अलावा अन्य गण्यमान अतिथि उपस्थित रहे | मेले के पहले दिन पुरे बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और झारखण्ड के दस हजार से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया जिमें छः हजार किसानिन ने शुल्क देकर अपना निबंधन भी करवाया |

इस मौके पर सभी अतिथियों ने परिसर में लगे सौ से अधिक स्टालों का भ्रमण किया | यहाँ लगे स्टालों पर कृषि के नवीनतम तकनीकों के अलावा नयी किस्मों को प्रदर्शित की गयी है | उद्यान प्रदर्शनी में तरह-तरह के फल जैसे आम, ड्रैगन फ्रूट, काला अंगूर, लाल अंगूर इत्यादि फलों की प्रदर्शनी लगायी गयी है वहीँ सब्जियों में पिला गोभी, बैंगनी गोभी सात किलो का मुली पच्चीस किलो का कद्दू इत्यादि के अलावा आकर्षक फूलों की प्रद्रशनी भी लगायी गयी है | 

इस बार के मेले का विषय “तकनीकी आधारित खेती से आत्मनिर्भर किसान” पर केन्द्रित है | उद्घाटन सत्र में बोलते हुए माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने कहा कि भले ही यह मेला तीन दिनों का ही हो रहा है लेकिन किसान अगर यहाँ से प्रदर्शित तकनीकी को सीखकर जा रहे हैं तो निश्चित ही उनके लिए जीवन भर फायदा होगा | आगे उन्हों कहा कि बिहार पुरे देश में सबसे अधिक विकास दर हासिल करने वाला राज्य बना तो आप सभी किसानों के ही बदौलत | माननीय मंत्री ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के शोध कार्यों की प्रसंशा की और कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के सोच को बीएयू ने साकार किया है और नयी तकनीकी और किस्मों का इजाद कर किसानों को दिया है जो आज उनकी खेतों में लहलहा रहे हैं | विश्वविद्यालय के प्रसार के क्षेत्र में किये गये प्रयासों की भी सराहना की | माननीय मंत्री ने कहा की आज पूरी दुनिया में प्रतिस्पर्धा है और हमें बराबरी पर आना है तो वैज्ञानिकों के बताये गए तकनीकों को अपनाना ही होगा | 

अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने कहा कि यहाँ आये हुए किसान यहाँ से देख और सीख कर अपने गांवों और कस्वों में जाएँ तो अन्य किसान बंधुओं को भी नवीन तकनीकों के बारे में जरुर बताएं | माननीय कुलपति ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय जब भी शोध करती है तो छोटे और मंझोले किसानों के हितों को ध्यान में रख कर करती है, हमारा लक्ष्य है तकनीकी आधारित खेती और युवाओं को वैज्ञानिक खेती के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करना | 

गोपालपुर के माननीय विधयक ने विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यों की जमकर सराहना की | इससे पूर्व सभी माननीय अतिथियों को स्वागत किया गया, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने ने स्वागत भाषण दिया एवं निदेशक शोध डॉ ए० के० सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया |

 

 नवाचारी किसानों को किया गया सम्मानित :

इस अवसर पर कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कर करने वाले नव्चारी किसानों को अंगवस्त्र ओढ़कर एवं प्रसस्ती पत्र देकर माननीय ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया | 

 *इन किसानों को किया गया सम्मानित* 

पूर्वी चंपारण के किसान : दुर्गा सिंह 

भागलपुर के किसान : अमित कौशिक 

भोजपुर के किसान : अभिमन्यु कुमार सिंह 

रोहतास के किसान : प्रेमचंद्र कुमार पटेल 

बक्सर के किसान : जय प्रकाश सिंह 

औरंगाबाद के किसान : श्री विनय कुमार 

शेखपुरा के किसान : मधूमिता कुमारी 

कटिहार के किसान : कुमारी प्रीती 

राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किसान श्री सत्यदेव सिंह को भी इस मेले में सम्मानित किया गया |

 

 *अनुकम्पा पर दिया गया नियुक्ति पत्र* :  

इस मौके पर माननीय मंत्री श्री श्रवन कुमार ने कर्मियों के असामयिक मृत्यु के उपरांत आश्रितों को अनुकम्पा के अधर पर नियुक्ति पत्र प्रदान किया |

 

 *कृषि कैलेण्डर और अन्य प्रकाशनों का लोकार्पण* : इस मौके पर गण्यमान अतिथियों द्वारा वार्षिक कृषि कैलेण्डर और कृषि की कहवतें पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया | एक किसान श्री कृष्ण मुरारी सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “ऋषियों की कृषि संस्कृति” का भी लोकार्पण हुआ |

 

 *“नयी सोच और नई खोज”* : मेले में विश्वविद्यालय के अन्य इकायों जैसे कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञानं केन्द्रों द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टाल को नयी सोच और नयी खोज पर आधारित थीम पर बनाया गया है, जिसके प्रति युवाओं ने खूब रूचि दिखाई | 

 *सांस्कृतिक संध्या का आयोजन* : मेले की शाम में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया | जिसके अन्तरगत नृत्य और गायन के अतिरिक्त बिहार की विभिन्न लोक कलाओं को भी प्रस्तुत किया गया, जिसे दखकर अगतुक किसान मंत्रमुग्ध हो गये |

  (Posted on 16 Feb 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के रूफ टॉप गार्डन का उदघाटन 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के रूफ टॉप गार्डन का उदघाटन दिनांक  16 फरवरी को माननीय कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह द्वारा किया गया। इस मौके पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक शोध डॉ. ए. के. सिंह, अधिष्ठाता परास्नातक डॉ. आर. पी. शर्मा, बिहार कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एस. एन. राय, जेब प्राद्योगिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एन. चट्टोपाध्याय, तथा कृषि वाणिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम. के. वाधवानी, सभी विभागों के अध्यक्ष तथा पी. आर. ओ. डॉ. राजेश कुमार एवं अन्य वैज्ञानिक मौजूद थे।
इस उपलक्ष पर माननीय कुलपति ने तुलसी के पौध का रोपण, तथा पालक के पहली तुड़ाई किए। रूफ टॉप गार्डन में सब्जी, फल, फूल एवं औषधीय पौधे लगे हुए है। 
शहरी विकास के साथ छत पर बागवानी की अहम भूमिका पर चर्चा हुई।

  (Posted on 16 Feb 2024)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के केंद्रीय पुस्तकालय में बसंत पंचमी के अवसर पर माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण किया गया ।

  (Posted on 07 Feb 2024)

National Seminar on Maize Production Technology

Perspective for Income and Employment Generation (MPTPIEG-2024) organized at BPSAC, Purnia in collaboration with BISA, Pusa, Bihar and Dhanuka Agritech Ltd. The event was presided over by Dr. D R Singh, Vice Chancellor ,Bihar Agricultural University, Sabour. The inaugural session began with the lighting of the lamp by the dignitaries in the presence of the scientific community and the progressive farmers of the region. Dr. D R Singh, in his presidential address delivered in virtual mode emphasized on increasing the production and productivity of maize with a special attention to increase the income of the farmers.

  (Posted on 03 Feb 2024)

BAU में आठ राज्यों के साठ वैज्ञानिक लेंगे आई सी टी के ज्ञान

कृषि विस्तार और अनुसंधान के लिए आईटीसी में प्रभावशाली प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषय पर आईसीएआर प्रायोजित CAFT प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में किया गया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. एम हक ने डॉ. आरपी शर्मा, डीआरआई सह डीन पीजीएस, बीएयू , डॉ. ए.के. साह, डीन (कृषि), डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक अनुसंधान, बीएयू सबौर, डॉ. मोहम्मद फेज़ा अहमद, डॉ. एस.एन. रॉय, एसोसिएट डीन सह प्राचार्य, बीएसी, सबौर, की गरिमामयी उपस्थिति रही।

इस इक्कीस दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम में कुल 22 वैज्ञानिक प्रशिक्षण लेंगे। तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार सहित कुल आठ राज्यों के वैज्ञानिक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में प्रभावशाली प्रौद्योगिकियों पर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह, माननीय कुलपति मानते हैँ कि बीएयू सबौर कृषि के क्षेत्र में आई सी टी प्रयोग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान रखता है अतः भारतीय कृषि अनुसन्धान केंद्र नई दिल्ली यहाँ पुरे देश भर के वैज्ञानको को यहाँ प्रशिक्षण लेने के लिए भेजती है।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय द्वारा ड्रोन प्रौद्योगिकी, तकनीकी फिल्म निर्माण और किसानों के लिए एआई-आधारित सलाहकार सेवाओं सहित कई प्रभावशाली तकनीकों को बखूबी प्रयोग कर रही है और न सिर्फ अपने देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर यहाँ के हाई टेक कार्यों की सराहना होती है। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण विस्तार और अनुसंधान के लिए आईसीटी उपकरण सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

  (Posted on 01 Feb 2024)

Brainstorming cum interactive session organized by ISSS, Sabour Chapter

The Sabour Chapter of ISSS and Department of Soil Science and Agricultural Chemistry organized a brainstorming cum interactive session on ‘Soil Survey and Land Use Planning: Research Advances and Future Scope” chaired by Dr Krishnendu Das, Former Head, ICAR- National Bureau of Soil Survey and Land Use Planning (ICAR-NBSS&LUP) Regional Centre, Kolkata on 31st January, 2024 at 4:00 PM in the Conference Hall of SSAC. Identification of problem, project planning, funding opportunities and inter-disciplinary team formation were focal area of discussion. There were lively interactions among faculty, students and expert. Earlier, Dr Anshuman Kohli, Chairman, SSAC & CSSO welcomed Dr Krishnendu Das with flower bouquet. Dr Nintu Mandal, Secretary, ISSS, Sabour chapter coordinated the session whereas vote of thanks was delivered by Dr. Kasturika Sen Beura, Treasurer, ISSS, Sabour chapter. 

  (Posted on 29 Jan 2024)

गणतंत्र दिवस समारोह में बेहतरीन झांकी प्रदर्शनी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सबौर को मिला प्रथम पुरुस्कार

 

75वें गणतंत्र दिवस समारोह के आवास पर माननीय कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र सबौर को सर्वश्रेष्ठ झांकी प्रदर्शनी के लिए सम्मानित किया। कृषि विज्ञान केंद्र सबौर द्वारा प्राकृतिक खेती और इसके महत्व को दर्शाते हुए एक बेहतरीन झांकी प्रस्तुत की गयी। झांकी में देसी गाय पालन, गोमूत्र और गोबर के प्रयोग से जैविक खेती को दर्शाया गया। केंद्र के रावे विद्यार्थियों द्वारा एक संगीतमय और मोनो एक्ट की प्रस्तुती द्वारा प्राकृतिक खेती के तरीकों एवं महत्व को बताया गया। गौरतलब है कि कृषि विज्ञान केंद्र सबौर द्वारा प्रकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु परियोजना भी संचालित की जा रही है साथ ही केंद्र पर देसी गाय पालन भी सफलता पूर्वक की जाती है। इस उपलब्धि पर केंद्र के सभी कर्मियों हर्षोल्लास व्याप्त रहा। केंद्र के प्रमुख डॉ राजेश कुमार ने सभी कर्मियों और रावे विद्यार्थियों को बधाई दी।

  (Posted on 22 Jan 2024)

Place visited in Trekking Camp -

1) Aizwal zoological park 20 km from camp location 

 2) Solomon temple 

 3) Helipad

 4) Mizoram University

 *Lecture attend* - 1) Mizo language basic .

2) Unexplored Mizoram nd it's importance..

 *State participate in treking camp - Bihar and Jharkhand directorate, North East state, Arunachal Pradesh, Assam, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland and Tripura , Rajasthan, West Bengal nd Sikkim directorate, Odisha directorate,

  Cultural activities - Bihar and Jharkhand director winner 🏆, program given on national integration ( Unity in diverse culture nd caste in India) which is one of the aim of NCC participants BAC student Santosh Kumar, Madan Mohan, Monu Kumar Manas Kumar , rishabh kumar , sachin kumar, nihal Kumar ,, nd also know the tradition nd rich culture of mizoram nd different State.. presentation given on Bihar and Jharkhand directorate by BAC student Madan Mohan..

  (Posted on 14 Jan 2024)

 सबौर मे क्रिकेट लीग टूर्नामेंट का हुआ आगाज़

 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के परिसर में आयोजित क्रिकेट लीग प्रतियोगिता 2024 का उद्घाटन आज दिनांक 13.01.2024 को माननीय कुलपति महोदय, डॉ० डी आर सिंह द्वारा विधिवत शुभांरभ स्वयं बैटिंग करके किया गया। सभी प्रतिभागियों को निष्ठा और अनुशासन पूर्वक खेलने की शपथ दिलायी गई। उद्घाटन समारोह में निदेशक छात्र-कल्याण डॉ आर. के. सोहाने ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और अगले पाँच दिनों के क्रिकेट प्रतियोगिता 2024 के लिए शुभकामनाऐं दी। माननीय कुलपति ने प्रतिभागियों को तन्मयता से सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने को कहा और विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन करने को कहा। माननीय कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि खेल-कूद हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए, पढाई के साथ-साथ आपके सर्वांगीण विकास के लिए खेल में अव्वल रहना बहुत जरूरी है। इस कड़ी में माननीय कुलपति ने बिहार के महान खिलाड़ियों के योगदानों को याद किया एंव प्रतिभागियों को उनसे प्रेररणा लेने की बात कही।

 

क्रिकेट टूर्नामेंट के पहले दिन का शुभारंभ बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर के (स्नातक) यू.जी. छात्रों बनाम पी जी (स्नातकोत्तर) छात्रों के बीच खेला गया। जिसमें पी.जी. (स्नातकोत्तर) छात्रों द्वारा टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 10 ओवर में 157 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी यूजी (स्नातक) छात्रों की पूरी टीम 107 रन बनाकर आलआउट हो गई। आर्यन राज को श्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये।

 

वहीं आज के दूसरे मैच में बी.ए.यू. सबौर के फैकल्टी (शिक्षक / वैज्ञानिक) और एडमिनिस्ट्रेशन कर्मचारियों के बीच का मुकाबला हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 10 ओवर में 99 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी फैकल्टी (शिक्षक / वैज्ञानिक) टीमों द्वारा निर्धारित 10 ओवर में 75 रन बना पाई। विश्वविद्यालय प्रशासन टीम 25 रन से विजय धोषित किये गये। इस मैच में संदीप कुमार को टीम का खिलाड़ी श्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये।

 

अगला मैच कल रविवार को आयोजित की जायेगी, जिसमें तीन मैच कराया जायेगा।

 

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, निदेशक छात्र एवं कल्याण, निदेशक कार्य एवं संयंत्र, कुलसचिव, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, सभी विभागाध्यक्ष, पीआरओ, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे ।

  (Posted on 05 Jan 2024)

नव नियुक्त वैज्ञानिकों के प्रभावशालि शिक्षण, शोध और प्रसार हेतु पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में पांच दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन आज दिनांक 05.01.2024 को माननीय कुलपति महोदय डॉ डी. आर. सिंह, के द्वारा किया गया. उपरोक्त कार्यशाला का विषय प्रभावशालि शिक्षण, अर्थपूर्ण शोध एवं प्रसार है. इस कार्यशाला का उद्देश नव नियुक्त प्रध्याय्पक सह कनीय वैज्ञानिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, शोध व् प्रसार कार्य में अभिविन्यास करना है . इस कार्यशाला में कुल 27 नव नियुक्त वैज्ञानिकों ने भाग ले रहे हैं. कार्यशाला के उदघाटन के दिन मुख्य अतिथि व वक्ता प्रो. जगदीश प्रसाद, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, राष्ट्रीय मिट्टी सर्वेक्षण ब्यूरो, नागपुर, अधिष्ठाता कृषि, निदेशक प्रसार शिक्षा, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, प्राचार्य, बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर, भागलपुर ने नव नियुक्त वैज्ञानिकों को प्रभावशालि शिक्षण, शोध और प्रसार कार्य के लिए गुण मंत्र प्रदान करने के साथ- साथ उनके उज्जवल भविष्य की कमाना की. माननीय कुलपति महोदय ने अपने संबोधन में समय प्रबंधन पर बल देते हुए उन्होंने बताया प्रत्येक वैज्ञानिको को अपने लक्ष्य को केन्द्रित करते हुये कार्यो का निष्पादन करना चाहिए. वैज्ञानिकों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण हेतु मुलभुत पुस्तकों को अध्ययन कर पढ़ाने का अभ्यास कर ना चाहिए जबकि अर्थपूर्ण शोध हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशित शोध पत्रों का समीक्षात्मक अध्ययन करना चाहिए. किसानों के बीच कुशल प्रसार कार्यकर्त्ता के रूप में प्रशिक्षण देने हेतु सभी विषयों पर अनुभव होना

चाहिए. इस मौके पर विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, कार्यशाला के संयोजक डॉ एन. चट्टोपाध्याय, विभागाध्यक्ष डॉ अंशुमान कोहली एवं अन्य वरीय वैज्ञानिकों उपस्थित थे. उदघाटन सत्र के अंत में आयोजन सचिव डॉ सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किये.

  (Posted on 04 Jan 2024)

नवनिर्मित केन्द्रीय पुस्तकालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के इ-लाइब्रेरी का शुभारंभ (Opening) आज दिनांक 04 जनवरी 2024 को शाम 5 बजे माननीय कुलपति महोदय   डा0 डी0 आर0 सिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। कुलपति ने छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि छात्र नियमित रूप से लाइब्रेरी में अध्ययन करें तथा Computer पर Cera apps का प्रयोग नियमित रूप से करें तथा e-Library से Video Lectures का भी उपयोग नियमित रूप से कर सकते है। उपरोक्त अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर, निदेशक अनुसंधान, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, निदेशक कार्य एवं संयंत्र, निदेशक प्रशासन, निदेशक प्रसार शिक्षा, कुलसचिव, नियंत्रक, प्राचार्य सहित सभी विभाग के विभागाध्यक्ष, छात्र-छात्राएं एवं पुस्तकालय के सभी कर्मी उपस्थित थे। पुस्तकालय के e-Library में वत्र्तमान में 42 कम्प्यूटर सिस्टम Internet के साथ उपलब्ध है। इसके शुभारंभ से विधार्थियों, शिक्षकों एवं शोधकत्र्ता को लगभग e-Journals, 5000 e-Books, लाखों में e-Thesis की online सुविधा का लाभ मिलेगा। वत्र्तमान में पुस्तकालय में 8 Wi-Fi System भी उपलब्ध है। केन्द्रीय पुस्तकालय का त्थ्प्क्RFID System & Technology के Automation का कार्य किया गया है। इसमें Centralized AC एवं Lift की सुविधा उपलब्ध है।

  (Posted on 02 Jan 2024)

Courtesy Meet with Chancellor on the New Year

Vice Chancellor met Honourable Chancellor to seek blessings on New Year. He extended new year greetings and presented him the copy of patents acquired by the university and citizen charter of the university. He also updated him about submissions of NAAC SSR and NIRF Ranking.

  (Posted on 22 Dec 2023)

 बीएयू में अन्तर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक समागम 2023 का शानदार समापन 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के परिसर में आयोजित अन्तर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक समागम 2023 का आज शानदार समापन हो गया | नौ महाविद्यालयों की टीमों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी गयी | नौ महाविद्यालयों से 10 टीम की कुल प्रतिभागियों की संख्या 394 था जिसमें 149 छात्राएं तथा 245 छात्रों की भागीदारी रही । इसके बावजूद खेल भावना की कोई कमी नहीं रही | गौरतलब है कि इतने बड़े स्तर पर इस वार्षिक आयोजन सफल आयोजन किया गया | यहाँ से गोल्ड मैडल प्राप्त खिलाडी भारतीय कृषि अनुसन्धान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खेलों में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे | 

 सांस्कृतिक प्रतियोगिता में पैरों की थिरकन नें ठण्ड की ठिठुरन को किया कम 

खेल प्रतियोगिताएं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की छंटा से सबौर परिसर पूरी तरह सराबोर हो गया | प्रतिभागियों की पैरों की थिरकन ने ठण्ड की ठिठुरन को कम कर दिया |सांस्कृतिक प्रतियोगिता में लोक नृत्यों जैसे कजरी, ठुमरी, जट-जटिन और झिझिया से मंच सजा वहीँ फ़िल्मी और क्लासिकल नृत्यों की भी धूम रही | एकांकी नाटक से प्रतिभागियों ने मन मोहा तो वहीँ लघु नाटिका के अंतर्गत बीएसी के विद्यार्थियों ने स्वतंत्रता आन्दोलन में तिलका मांझी के योगदानों का मंचन कर लोगों का मन मोह लिया |  

 बीएसी (स्नातकोत्तर) रहा चैम्पियन : 

अंतिम चैंपियनशिप में प्रथम स्थान बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) कुल 71 अंको (08 स्वर्ण, 7 रजत एवं 05 कांस्य पदक) के साथ चैम्पियन महाविद्यालय रहा । दुसरे स्थान पर 60 अंकों (6 स्वर्ण, 8 रजत एवं 03 कांस्य पदक) के साथ वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), तीसरे स्थान पर 42 अंकों (05 स्वर्ण, 03 रजत एवं 04 कांस्य पदक) के साथ बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) विजेता रहे। विश्वविद्यालय के सबसे तेज धावक एवं धाविका सुधांशु राज वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) एवं लड़कियों में सुप्रिया कुमारी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक छात्रा) रही ।
उच्ची और लम्बी कूद सुप्रिया ने मारी बाजी लड़कों में संदीप भी रहे प्रथम : 
उच्ची कूद में लड़की समूह से सुप्रिया कुमारी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक छात्रा), नेहा रानी शाक्या एवं सोनाक्षी राज क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लड़को में संदीप कुमार बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) ऋषिकेश कुमार सिंह, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) अंकित सिंह भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज पूर्णिया क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे ।
लम्बी कूद में लड़की समूह से सुप्रिया कुमारी बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक छात्रा), कौशिकी सिंह डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, प्रिया भारती उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लड़को में संदीप कुमार कुमारी बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक छात्र), गोल्डन कुमार, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय आरा तथा रौशन कुमार उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

 गोला फेंक में आरती और गोपाल रहे चैम्पियन

गोला फेंक में लड़की से आरती कुमारी डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, निशु प्रिया बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), रिया राज भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज पूर्णिया क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, वही लड़को में गोपाल कुमार बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) सुधांशु राज वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), यशवंत कुमार, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

 चक्का फेंक में मोनीका और सुमन प्रथम : 

चक्का फेंक में लड़की से मोनीका कुमारी मंडन भारती कृषि कॉलेज, सहरसा, भव्या बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), निशु प्रिया बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही। वही लड़को में सुमन कुमार बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) सुधांशु राज वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), रवि शंकर बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक छात्र), क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

 भाला फेंक में निशु और प्रताप रहे विजेता : 

भाला फेंक में लड़की से निशु प्रिया बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), श्रेया सिंह बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), कनिका झा वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही। लडको में सुधांशु राज वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), मदन मोहन बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) दिपक चौधरी बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

 दौड़ में नविन और अंकिता श्रेष्ठ धावक : 

1500 मीटर दौड़ में लड़को में नवीन कुमार, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) प्रताप कुमार, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय आरा, ऋषिकेश कुमार सिंह, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

800 मीटर दौड़ में लड़की से अंकिता कृषि जैव प्रौधोगिकी महाविद्यालय, सबौर, प्रिया उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, प्रीति कुमारी वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लडको में नवीन कुमार, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव (बक्सर) नुनु कुमार वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, उमेश रॉय बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

100 मीटर दौड़ में लड़की से रूपरेखा वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव, रूबी कुमारी डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, श्रेया प्रगती उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लडको में गोपाल कुमार बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), जयंत पतवारी डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, कमलेश राम बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

200 मीटर दौड़ में लड़की से रूबी कुमारी डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, रूप रेखा वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, रूबी कुमारी बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लडको में रोहन कुमार उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, नुनु कुमार वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, निलेश कुमार भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज पूर्णिया, क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

400 मीटर दौड़ में लड़की से प्रिया भारती उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, प्रीति कुमारी वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, सुमेधा प्रियदर्शी बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, लडको में नुनु कुमार वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, कमलेश बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), सुरज कुमार बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहें।
4 X 100 मीटर रिलें दौड़ में लड़की से प्रथम स्थान कृषि जैव प्रौधोगिकी महाविद्यालय, सबौर द्वित्तीय स्थान वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव, तृतीय स्थान पर उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय विजेय रहे। लडकों से रिलें दौड़ में प्रथम स्थान उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय द्वित्तीय स्थान बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), तृतीय स्थान पर कृषि जैव प्रौधोगिकी महाविद्यालय, सबौर विजेय रहे।

 सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा में छः स्वर्ण के साथ बीएसी चैम्पियन : 

सास्कृतिक कार्यक्रम में कुल 18 कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 365 प्रतिभागी शामिल हुए, सास्कृतिक कार्यक्रम में बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक), के छात्र-छात्राओं को 06 स्वर्ण, 04 रजत एवं 06 कांस्य पदक प्राप्त हुए जबकि बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), के छात्र-छात्राओं को 10 पदक प्राप्त हुए जिसमें 02 स्वर्ण, 04 रजत एवं 06 कांस्य 02 कांस्य पदक प्राप्त हुए हाँलाकि वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव ने भी 10 पदक हासिल किये जिसमें 02 स्वर्ण, 04 रजत एवं 04 कांस्य, 02 कांस्य पदक शामिल है, इस सांस्कृतिक प्रतियोगिता में अधिकतम अंक प्राप्त कर बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातक) को प्रथम चैम्पियन धोषित किया गया एवं बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, (स्नातकोत्तर), को द्वित्तीय चैम्पियन धोषित किया गया। प्रतियोगिता में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली छात्रा सुश्री सुफिया फराज, जो डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय किशनगंज की छात्रा हैं उन्हें बेस्ट परफॉर्मेंस का अवार्ड दिया गया। 
समापन समारोह अधिष्ठाता (कृषि), अधिष्ठाता कृषि डॉ० अजय कुमार साह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । समापन समारोह के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं कर्मचारी उपस्थित थे, सभी बच्चों को बधाई दिया और अनुरोध किया कि वो और बेहतर प्रदर्शन करें तथा राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते। राष्ट्रीय स्तर पर जीतने से विश्वविद्यालय की रैंकिग उपर जाऐगी। निदेशक, छात्र कल्याण डॉ. फिज़ा अहमद ने छात्रों को अपनी शुभकामनाएँ दी।

कार्यक्रम का संचालन श्री अमित कुमार, प्रभारी पदाधिकारी खेल-कूद, बी.ए.यू. सबौर एवं डॉ. शंभू प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम डॉ० अवधेष पाल, डॉ० रवि रंजन, डॉ श्वेता शाम्भावी तथा विभिन्न इवेंट कोच, बि.ए.यू., सबौर के द्वारा किया गया ।

  (Posted on 22 Dec 2023)

अंतर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक समागम का तीसरे दिन प्रतिभागियों का उत्साह अपने चरम पर (17-12-2023)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रागंण में आयोजित अन्तर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक समागम 2023 का तीसरा दिन प्रतिभागियों का उत्साह अपने चरम पहुँच गया है। अपनी लेखनी से धाक जमाने वाले छात्र-छात्राएँ खेल में भी अपने प्रदर्शन से अमिट छाप छोड़ रहे हैँ। पढ़ाई की दौड़ मे अववल रहने वाली छात्राएँ मैदानी दौड़ में भी अववल आ रही हैँ। आज 400 मीटर दौड़ में लड़की से प्रिया भारती, उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, प्रीति कुमारी, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर) सुमेधा प्रियदर्शी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर तथा लड़को से नुनु कुमार, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), कमलेश कुमार (स्नातकोत्तर छात्र), बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, सुरज कुमार (स्नातक छात्र) बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। 200 मीटर दौड़ में लड़की से रूबी कुमारी, डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज, रूप रेखा वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), रूबी कुमारी (स्नातकोत्तर छात्रा), बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही वहीं लड़को में रोहन कुमार, उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, नुनु कुमार, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), निलेश कुमार भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज पूर्णिया से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। 4X100 मीटर रिलें दौड़ लड़की टीम से प्रथम स्थान रहे कृषि जैव प्रौधोगिकी महाविद्यालय, सबौर तथा द्वितीय स्थान वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमराँव (बक्सर) तथा तृतीय स्थान उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, वहीं लड़को टीम से प्रथम स्थान रहें उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, द्वितीय स्थान (स्नातकोत्तर) बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, तृतीय स्थान पर कृषि जैव प्रौधोगिकी महाविद्यालय, सबौर । भाला फेंक में लड़की से निशु प्रिया, (स्नातकोत्तर छात्रा), बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, श्रृया सिंह (स्नातकोत्तर छात्रा), बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर तथा कामिनी झा, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही तथा लड़को से सुधांशु राज, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज, डुमरॉव (बक्सर), मदन मोहन बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, दिपक चौधरी (स्नातकोत्तर छात्र) बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर में क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। उच्ची कूद में लड़की से सुप्रिया कुमारी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, नेहा रानी, (स्नातकोत्तर छात्रा), बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, सोनाक्षी राज, भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज पूर्णिया से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही। कबड्डी के सेमी फाईनल में मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर ने उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय के विरूद्ध जीत दर्ज की वहीं फाईनल वालीबॉल के महिला टीम ने बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर) ने डॉ० कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज के विरूद्ध जीत दर्ज की इस के अलावा बैडमिंटन, वॉलीबॉल, कबड्डी, गोला फेंक तथा सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विभिन्न कार्यक्रम जैसे समूह नृत्य, डिबेट, एलोकेशन क्विज आदि खेलों सम्पन्न कराई गयी।
संध्या काल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें नृत्य प्रतियोगिता, एकांक नाटक और लघु नाटिका का आयोजन हुआ। सभी महाविद्यालयों से आये हुए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों की समा ऐसी बंधी कि दर्शक मन्त्रमुग्ध हो गए।
 सोमवार को अंतर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन किया जाऐगा तथा विभिन्न महाविद्यालय स्तरीय चैम्पियनशिप घोषित कर छात्र-छात्राएं को सर्टिफिकेट एवं स्वर्ण, रजत एवं कास्यं पदक से सम्मानित किया जायेगा।

सभी प्रतियोगिताओं को नियम पूर्वक एवं ससमय सम्पन्न करवाने में अधिष्ठाता क़ृषि डॉ अजय कुमार शाह, निदेशक, छात्र-कल्याण, डॉ. फिज़ा अहमद, श्री अमित कुमार, प्रभारी पदाधिकारी खेल-कूद, बी.ए.यू. सबौर एवं डॉ० यानेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी पदाधिकारी खेल-कूद, प्रभारी पदाधिकारी बी ए सी सबौर, डॉ० अवधेष पाल, डॉ० रवि रंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम के कंवेनर डॉ शम्भू प्रसाद, डॉ टी0 चटोपाधाय, डॉ पंडा तथा विभिन्न इवेंट कोच ने कबड्डी एवं ऐथलेटिक करवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
 इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 22 Dec 2023)

बी.ए.यू. सबौर में अंतर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता-2023 के दूसरे दिन रोचक रहा मुकाबला (16-12-2023)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में चल रहे वार्षिक अंतर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता-2023 के कारण परिसर में उल्लास का वातावरण कायम है। परिसर में हर तरफ राज्यभर के विश्वविद्यालय अन्तर्गत नौ महाविद्यालयों के आये छात्र-छात्राएँ विभिन्न खेलों में भाग ले रहें हैं। कहीं दौड़ का आयोजन हो रहा है तो कहीं चक्का फेंक एवं भाला फेंक में छात्र-छात्राएँ हाथ अजमा रहीं हैं। सभी टीम अपनी-अपनी प्रतिभागियों का जोश बढ़ा रहे है वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम से भी परिसर साराबोर है देश भक्ति गीत, समूह गायन एवं अन्य संगीतमयी प्रस्तुति पर विद्यार्थी झूम रह रहे हैं।

दूसरे दिन खेल की शुरूआत लड़कों के 1500 मीटर दौड़ से हुई। लड़को में नवीन कुमार, वीर कुवंर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमरॉव (बक्सर), वहीं प्रताप कुमार, कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, आरा, ऋषिकेश कुमार सिंह, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्र) क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान रहे । चक्का फेंक में लड़कियों दम-खम दिखाया, इनमें से मोनिका कुमारी, मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, भाव्या, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्रा) एवं निशु प्रिया, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्रा) क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही, लड़को भी पिछे नहीं रहे इनमें से सुमन कुमार, (स्नातकोत्तर छात्र) बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, सुधांशु राज वीर कुवंर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमराँव, रवि शंकर, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातक छात्र) क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। ऊंची कूद में लड़कियों से सुप्रिया कुमारी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातक छात्रा) नेहा रानी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्रा), सोनाक्षी राज, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही। ऊंची कूद में लड़को से संदीप कुमार, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्र), ऋषिकेश कुमार सिंह, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातकोत्तर छात्र), अंकित सिंह, भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे।

400 मीटर दौड़ में धावक लड़कीयों में से प्रिया भारती, उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, प्रीति कुमारी, वीर कुवंर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमरॉव (बक्सर) सुमेधा प्रियदर्शी, बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर (स्नातक छात्रा) से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही, पुरे दिन में लड़के एवं लड़कियों की लम्बी एवं ऊंची कूद, गोला फेंक, कबड्डी एवं टेबल टेनिस की प्रतियोगिताएं सम्पन्न हुई। इस के अलावा बैडमिंटन, वॉलीबॉल के खेल भी आयोजित हुए।

सांस्कृतिक प्रतियोगिता में विभिन्न कार्यक्रम जैसे पेटिंग, लाईट वोकल, पोस्टर मेकिंग, समूह गान, रंगोली, देशभक्ति गीत, स्पॉट पेटिंग आदि सम्पन्न कराई गयी। यह कार्यक्रम अगले सोमवार 18.12.2023 तक चलेगा।

सभी प्रतियोगिताओं को नियम पूर्वक एवं ससमय सम्पन्न करवाने में निदेशक, छात्र-कल्याण, डॉ. फिज़ा अहमद, श्री अमित कुमार, प्रभारी पदाधिकारी खेल-कूद, बी.ए.यू. सबौर एवं डॉ० यानेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी पदाधिकारी खेल-कूद, प्रभारी पदाधिकारी बी ए सी सबौर, डॉ० अवधेष पाल, डॉ० रवि रंजन, एवं श्री पवन कुमार, निजी सहायक, निदेशक छात्र-कल्याण तथा विभिन्न इवेंट कोच ने कबड्डी एवं ऐथलेटिक करवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने दी।

  (Posted on 22 Dec 2023)

बीएयू में वार्षिक अन्तर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक समागम का हुआ शानदार आगाज़ (15. 12. 2023) 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रागंण में आयोजित अन्तर महाविद्यालय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता 2023 का उद्घाटन माननीय कुलपति महोदय, डॉ० डी आर सिंह ने विधिवत रुप से शुभांरभ करते हुए मशाल प्रज्जवलित किया एवं प्रतिभागियों को मशाल प्रदान किया । उद्घाटन समारोह का शुभारम्भ प्रतिभागियों के मार्च पास्ट द्वारा हुआ । सभी प्रतिभागियों को निष्ठा और अनुशासन पूर्वक खेलने की शपथ दिलायी गई। मशाल दौड़ के बाद निदेशक छात्र-कल्याण डॉ फिजा अहमद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और अगले चार दिन के खेल एवं संस्कृतिक प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाऐं दी। माननीय कुलपति ने प्रतिभागियों को तन्मयता से सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने को कहा और विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन करने को कहा। माननीय कुलपति आगे कहा की खेल-कूद हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए, पढाई के साथ-साथ आपके सर्वांगीण विकास के लिए खेल में अव्वल रहना बहुत जरूरी है। माननीय कुलपति ने बिहार के महान खिलाड़ियों के योगदानों को याद किया एंव प्रतिभागियों को उनसे प्रेररणा लेने की बात कही।

इस चार दिवसीय खेल-कूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन छात्र-कल्याण निदेशालय, द्वारा किया गया है। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के नौ महाविद्यालयों, की भागीदारी हो रही है। इस प्रतियोगिता में कुल 482 छात्रों की भागीदारी रही, जिसमें 299 छात्र एवं 183 छात्राएँ की भागीदारी है, इन चार दिनों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर 1500 मीटर और 4x100 मीटर रिलें दौड़, वाली बॉल, बैडमिनटन, टेबल टेनिस, कब्बडी, भाला फेंक, गोला फेंक, चक्का फेंक, लम्बी कूद, उच्ची कूद, रंगोली, पोस्टर, कार्टून, पेंटिंग, कोलॉज, एकल एवं समूह गान, नाटक एवं समूह नृत्य में सभी महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राएँ भाग लेंगे। इन सभी प्रतियोगितायों के आधार पर अन्तिम दिन सर्वश्रेष्ठ छात्र और छात्रा खिलाड़ी एवं चैम्पियन कॉलेज का चयन किया जाएगा । प्रतियोगिता का आरंभ 800 मीटर दौड़ (लड़की एवं लड़को) से हुआ, 800 मीटर दौड़ (लड़की) में अंकिता कुमारी, क• जै प्रौ महा•, सबौर, प्रिया कुमारी, उ.महा, नूरसराय तथा प्रीति कुमारी, वी कुं• सिं• कृ० महा, डुमराँव (बक्सर) क्रमशः प्रथम, द्वित्तीय, एवं तृतीय स्थान पर रहीं। लड़कों में नवीन कुमार, नुनु कुमार, वी • कुं• सिं कृ महा डुमराँव, उमेश कुमार बी.ए.सी. सबौर, सौरभ कुमार, भोपा शा कृ० महा• पूर्णिया क्रमशः प्रथम, द्धितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे तथा 100 मीटर दौड़ में लड़की से रूपरेखा वीर कुंवर सिंह क़ृषि महाविद्यालय डुमराँव, रूबी कुमारी डॉ०कलाम क़ृषि महाविद्यालय, किशनगंज, श्रेया प्रगती उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय तथा लड़कों में गोपाल कुमार (स्नातकोत्तर छात्र) बी. ए.सी सबौर, जयन्त पटवाली डॉ० कलाम क़ृषि महाविद्यालय किशनगंज, कमलेश राम ( स्नातकोत्तर छात्र) बी ए सी सबौर से क्रमशः प्रथम, द्धितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। लम्बी कूद में लड़की से सुप्रिया कुमारी बी ए सी सबौर, कौशिका सिंह डॉ०क कृ महा, किशनगंज, प्रिया भारती उद्यान महा0, नूरसराय से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही। लम्बी कूद में लड़कों से संदीप कुमार बी ए सी सबौर, अनमोल राज कृ अभि• महा आरा, रौशन कुमार उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। गोला फेंक में लड़की से आरती कुमारी डॉ०कलाम क़ृषि महाविद्यालय किशनगंज, निशु प्रिया (स्नातकोत्तर छात्रा) बी ए सी सबौर, रिया राज BPSAC  पूर्णिया, से क्रमशः प्रथम, द्धितीय, एवं तृतीय स्थान पर रही तथा लड़कों से गोपाल कुमार (स्नातकोत्तर छात्र) बी ए सी सबौर, सुधांशु राज, यशवन्त कुमार वी VKSCOA  डुमराँव से क्रमशः प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान पर रहे। कबड्डी में दो मैच का आयोजन हुआ जिसमें बी ए सी सबौर के स्नातकोत्तर टीम ने डॉ०कलाम क़ृषि महाविद्यालय, किशनगंज के विरूद्ध जीत दर्ज की तथा उद्यान महाविद्यालय , नूरसराय ने बी ए सी सबौर के विरूद्ध जीत दर्ज की वालीबॉल के महिला टीम ने कृ अभि महा आरा की ओर से उद्यान महाविद्यालय , नूरसराय के विरूद्ध अपना जीत दर्ज किया तथा दूसारे मैच में बी.ए.सी. सबौर स्नातकोत्तर छात्राओं ने स्नातक छात्राओं के विरूद्ध शानदार जीत दर्ज किया । प्रतियोगिता के प्रथम दिन लड़के और लड़कियों की लम्बी कूद, भाला फेंक, बैडमिंटन, के लीग मैच का भी आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा, निदेशक अनुसंधान, निदेशक कार्य एवं संयंत्र, कुलसचिव, तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के अधिष्ठाता छात्र-कल्याण के अलावा सबौर, पूर्णिया, नूरसराय, डुमराँव एवं किशनगंज के प्रचार्य, सभी विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे । कार्यकम का संचालन अन्नु ने किया । संस्कृतिक प्रतियोगिता में आज क्ले मॉडलिंग, कार्टूनिंग, कोलॉज, स्किट, वन एक्ट प्लेय, मोनो एक्टिंग, नृत्य एवं गीत-संगीत का भी आयोजन किया गया।

  (Posted on 18 Dec 2023)

Workshop on "Vikshit Bharat@2047 -Voice of Youth held at Raj Bhawan Patna on 11th December, 2023

 

The workshop on "Vikshit Bharat@2047 – Voice of Youth" held on December 11, 2023, was a significant event inaugurated by the Hon’ble Prime Minister of India through an online platform. The gathering included Vice-Chancellors from various state and central universities, along with ten senior officers and teachers, who were assembled at their respective Raj Bhavans.

In Bihar, the workshop was inaugurated by the Hon’ble Governor and Chancellor of the University of Bihar, Shri Rajendra Vishwanath Arlekar ji, immediately after the formal inauguration by the Prime Minister of India. The workshop focused on five relevant subthemes related to the vision of a developed India by 2047 under the banner of "Vikshit Bharat@2047 – Voice of Youth."

Dr. Anil Kumar Singh, the Director of Research at Bihar Agricultural University, Sabour, and 10 faculty members represented the university during the workshop. Dr. Singh presented his views on the contribution of agriculture to the vision of a Developed India by 2047. He specifically highlighted the role and responsibilities of the Bihar government in the context of the '4th Agriculture Road Map.' This included the role of Bihar Agricultural University, Sabour, in achieving the goals and objectives outlined in the roadmap, particularly in areas such as crop diversification, millets, pulses, oilseeds, and overall self-sufficiency in agriculture. Dr. Singh also emphasized that Bihar is among the leading states in achieving higher annual growth in the agricultural sector and highlighted the significant contribution of agriculture to the state's GDP. Following his presentation, a question-answer session was held, providing an opportunity for further discussion and clarification on the topics presented during the workshop.

  (Posted on 05 Dec 2023)

Generic MoU exchanged between BAU, Sabour and Kansas State University, Manhattan, Kansas, USA for collaboration in education and research in mutual areas of interest.

  (Posted on 01 Dec 2023)

Accreditation of Bihar Agricultural University as a Green University in Plantinum Ranking

 

We are proud to announce that, Bihar Agricultural University, Bhagalpur has achieved the standards for Accredited Green University and hereby accredited a Green University in Plantinum Ranking

  (Posted on 30 Nov 2023)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय में पोषक अनाज पर किसान, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप और निवेशकों के सम्मलेन विषय पर कार्यशाला का उद्द्योग मंत्री ने किया उद्घाटन 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर में आज से दो दिवसीय पोषक अनाज विषय पर  किसान, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप और निवेशकों के सम्मलेन पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है | इस कार्यशाला का उद्घाटन बिहार के माननीय उद्योग मंत्री, बिहार सरकार श्री समीर कुमार महासेठ ने किया | इस सम्मलेन में बिहार के कृषि उद्यमी, किसान और निवेशक के तौर पर कई बैंकों के प्रतिनिधि बिहार में पोषक अनाज आधारित उद्यम को विकसित करने की संभावनाओं, चुनौतियों एवं समाधान पर मंथन कर रहे हैं | 
मुख्य अतितिथि के तौर पर बोलते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि बाढ़ जैसी आपदाओं से हमेशा जूझने के बावजूद  बिहार के पास पूरी क्षमता है कि यह उद्यमिता में एक अग्रणी राज्य बने लेकिन लम्बे समय से विशेष राज्य का दर्जा की मांग की जा रही है, मांग पूरी की जाती तो आज बिहार देश के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में होता | उन्होंने जोर देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए | कृषि को उद्यमिता का दर्जा मिलने पर बिहार में कृषि और कृषक दोनों का काया पलट हो सकता है | माननीय मंत्री ने आह्वान किया कि हम सभी को बिहार को अगले पांच वषों में देश के पांच अग्रणी राज्य में शामिल करने के  लिए कार्य करना है |   
इससे पूर्व अतिथियों को अधिष्ठाता कृषि डॉ ए० के० साह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर० के० सोहाने ने माननीय उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, नाथनगर के माननीय विधायक अली अशरफ सिद्दीकी, CCS NIAM जयपुर के निदेशक डॉ रमेश मित्तल को पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया | अधिष्ठता कृषि द्वारा स्वागत भाषण दिया गया |  NIAM के निदेशक ने डॉ रमेश मित्तल ने कहा कि बिहार कृषि और उद्यम में काफी समय से आगे रहा है और भविष्य में भी बिहार में उद्यमिता के क्षेत्र में भरपूर संभावनाएं हैं | उन्होंने कहा कि उद्योगों में कृषि का योगदान 70 प्रतिशत से अधिक है | 
तकनीकी सत्र में आज कई प्रस्तुतीकरण दिए गये जिसमें डॉ रमेश मित्तल, NIAM जयपुर  द्वारा  “पोषक अनाज आधारित नवाचार एवं मूल्य श्रृंखला का विकास” डॉ जोसेफ IIT, पटना द्वारा IIT पटना द्वारा बिहार में उद्यमिता विकास के लिए किये गये योगदान विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया |  
इस कार्यशाला में आये कई उद्यमियों के उत्पादों को भी लोकार्पित किया गया| एक स्टार्टअप ऋचा कुमारी द्वारा केले के रेशे से बना सैनेटरी पैड का लोकार्पण किया गया वहीँ मनीष कुमार द्वारा बनाये गये मिलेट्स बाइट और मिल्लेट्स केक का भी लोकार्पण किया गया | अध्यक्षीय भाषण निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर के सोहाने द्वारा किया गया | 
 यह कार्यशाला बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह के विजन के परिणाम स्वरुप आयोजित किया गया | गौरतलब है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि उद्यमियों को प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहन देने के लिए पहले से SABAGRIs योजना द्वारा इन्क्युवेशन सेंटर चलाया जा रहा है | 
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ एस० एम० रहमान रहे एवं धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक प्रसार शिक्षा  डॉ आर० एन० सिंह ने किया  |  इस आशय की सुचना विश्वविद्यालय के पी०आर०ओ० डॉ राजेश कुमार ने दी | 

 माननीय मंत्री ने सामुदायिक रेडियो से किया संबोधन  :
इससे पूर्व माननीय उद्योग मंत्री ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर का दौरा किया एवं सामुदायिक रेडियो स्टेशन से बिहार युवाओं, कृषि उद्यमियों एवं किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि “बिहार के युवा बहुत ही क्षमतावान हैं बस उन्हें बिहार के उद्यमिता के अवसरों को पहचानने की आवश्यकता है” उन्हें कहा कि बिहार के सभी जिलों में स्थानीय विशेषता के आधार पर छोटे-छोटे उद्योग स्थपित हो रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें भरपूर सहायता कर रही है | माननीय मंत्री बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार इकाई के रूप में मीडिया सेंटर और सामुदायिक रेडियो के कर्यों को सराहा एवं कहा कि बिहार के उद्यमियों के हित में बनने वाले फिल्म या रेडियो से जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर उद्योग विभाग हरसंभव मदद करेगी |

  (Posted on 28 Nov 2023)

One-day Health checkup camp and Nutri-kits distribution programme on 27.11.2023

A one-day Health checkup camp of adopted primary school childrens and Nutri-kits distribution programme was organized by Dr. Kalam Agricultural College, Kishanganj, as part of the Bihar Agricultural University, Sabour's Malnutrition Eradication Programme under the chairmanship of Dr. K. Sathyanarayan, Assoc. Dean-cum-Principal. The programme took place on November 27th, 2023, at the Village Ganiyabadi, Panchayat Motathana, Block Pothiya, District Kishanganj. The said programme was conducted in collaboration with the medical staff of the Pothiya Community Health Centre, of Kishanganj District. Initially, the model Nutri-garden, where farmers had planted fruits and medicinal plants, was visited by Dr. Sathyanarayana K. Assoc. Dean-cum-Principal. Following the field visit, about 50 farmers received a nutri-kit containing vegetable seeds. The medical team subsequently assessed the kids' nutritional conditions at Jharwabadi Primary School.

  (Posted on 26 Nov 2023)

Vice Chancellor, Bihar Agricultural University, Sabour, Dr DR Singh, made a courtesy call upon the Hon'ble Chancellor, BAU, Sabour, and Governor, Bihar, Sh Rajendra Vishwanath Arlekar and greeted him on the occasion of Constitution Day, 26th November, 2023.

  (Posted on 08 Nov 2023)

MoU between DKAC Kishanganj and Central Silk Board, Bangalore on 08.11.2023

 

Dr. Kalam Agricultural College, Kishanganj under Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur and Central Silk Board,  Ministry of Textiles,  Govt. of India, Bangalore, entered in to a non-financial MoU on 08.11.2023 at Administrative Staff College, Guwahati, Assam. The MoU was signed by Dr. Sathyanarayana K., Associate Dean cum Principal, Dr. Kalam Agricultural College, Kishanganj and Dr. S. Manthira Moorthy, Director [Tech], CSB, Bangalore in the presence of Padma Shree Dr. S. Ayyappan, Former Secretary,  DARE & DG, ICAR & Chairman, Research Co-ordination Committee- CSB, Shri. P. Shivakumar, Member Secretary, CSB, other members of RCC- CSB, Directors & scientists of CSB and stakeholders in Silk Industry from NE States. The main areas of cooperation in the MOU are to provide quality education and training in all the sectors of sericulture and to conduct research in areas of mutual benefits.

  (Posted on 08 Nov 2023)

BAU Scientists facilitated during the International Conference of Soil Conservation Society of India, New Delhi.

 

Dr. Ajeet Kumar, Assistant Professor (Soil Science) has been conferred with the Student Incentive Award (Ph.D.) of the Soil Conservation Society of India, New Delhi. Dr. S. K Gupta, Assistant Professor (Agronomy) has been conferred with the Leadership Award of the Soil Conservation Society of India, New Delhi. These awards were conferred during the inaugural session of the 5th International Conference of the SCSI on Sustainable Natural Resource Management under Global Climate Change on 7th November, 2023 at NASC complex, New Delhi by the Hon'ble Union Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying, Sh Parshottam Khodabhai Rupala, in the presence of Dr. Sanjay Kumar, Chairman, Agricultural Scientists Recruitment Board, ICAR, New Delhi and Dr. A K Singh, Former DDG (NRM), ICAR, New Delhi.

  (Posted on 06 Nov 2023)

MoU Signed between BAU, Sabour and AAU, Jorhat, Assam for cooperation in Horticulture and Plantation crops like Tea

 

Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur and Assam Agricultural University, Jorhat, entered in to a non-financial MoU on 06.11.2023 at 10th Indian Horticulture Congress-2023 held at College of Veterinary Science Campus, Assam Agricultural University, Khanapar, Guwahati. The MoU was signed by Dr. D. R Singh, Vice Chancellor, BAU Sabour and Dr Bidyut C. Deka, Vice Chancellor AAU, Jorhat in the presence of Shri Atul Bora, Hon’ble Minister Agriculture, Horticulture and Food Processing, Animal Husbandry and Veterinary, Urban Development, Town and Country Planning, Govt. of Assam; Dr Sanjay Kumar Singh, Vice President, IAHS, New Delhi; Dr K.L. Chadha, President, IAHS, New Delhi; Dr H.S. Gupta Chairman, Assam Agriculture, Commission, Assam; Dr V.B. Patel, ADG (Fruits & Plantation Crops). The main areas of cooperation in the MOU are to provide quality education and training in the areas of agriculture and allied fields like Horticulture and Plantation crops like Tea and to conduct Agriculture/ Horticulture research in areas of mutual benefits.

  (Posted on 06 Nov 2023)

The Indian Society of Soil Science (ISSS), Sabour Chapter and Department of Soil Science and Agricultural Chemistry, Bihar Agricultural College, Sabour organized a scintillation lecture on 2nd November 2023 at SSAC, seminar Hall. Prof P.K. Sharma, Professor, Soil Science, Banaras Hindu University, Varanasi delivered the talk on ‘Soil Science: Past, Present & Future’. Prof Sharma highlighted the glorious past of soil research in India starting from Vedic era to recent times. Illustrious contribution of legendary soil scientist such as Prof. N.R. Dhar & Prof. Sant Singh who were nominated for Nobel prize were also highlighted. Dr Sharma also stressed upon use of dry chemistry based techniques in soil research along with amalgamation of wet chemistry.  There was lively interaction among students, faculty and others at the end of the session. Earlier, Prof Sharma was welcomed by Prof N. Chattopadhyaya, President, Sabour Chapter  & Prof. A. Kohli, Chairman, SSAC & CSSO. Dr Sharma was also presented a memento as token of love and respect from Sabour chapter and the SSAC department.   

  (Posted on 01 Nov 2023)

 कृषि मंत्री ने बीएयू में किया सवाल जवाब कार्यक्रम का उद्घाटन

बिहार सरकार के कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत ने आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में किसानों को समर्पित एक कार्यक्रम सवाल-जवाब का उद्घाटन किया | इस कार्यक्रम में पुरे राज्य भर के किसान विश्वविद्यालय के यूट्यूब और चैनल और वीडियो कन्फेरिन्सिंग के माध्यम से जुड़े | आगे से यह कार्यक्रम हर माह के प्रथम शनिवार को किसानों के सवालों के जवाब को लेकर आता रहेगा | फसल अवशेष प्रबंधन के थीम पर आज के कार्यक्रम में किसानों के जवाब देते हुए माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि फसल उपजने के उपरांत अवशेष को जलाना नहीं है बल्कि गलाना है| मज़बूरी बस हमें ऐसे किसान भाइयों पर दंडात्मक कार्रवाई करनी पड़ती है जो पराली को जलाते हैं | 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी आर सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास रहा है प्रयोगशाला से खेत तक एक बेहतर समन्वय हो और यह कार्यक्रम उसी लक्ष्य के साथ एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा | उन्होंने कहा कि किसान समस्या में विश्वविद्यालय की और देखता है हमसे उम्मीद करता है है कि हम उन्हें सही रास्ता दिखाएँ | विश्वविद्यालय के प्रसार कार्यक्रम का यही लक्ष्य है की अंतिम छोर पर खड़े किसानों तक हम सही समय पर तकनीक और वैज्ञानिक सलाह पंहुचा सकें | इस अवसर पर भागलपुर के संसद श्री अजय मंडल और सुल्तानगंज के विधायक श्री ललित नारायण मंडल ने भी हिस्सा लिया | कार्यक्रम का सञ्चालन अन्नू ने किया |

माननीय मंत्री ने वैज्ञानिकों को किया सम्मानित :

इसके उपरांत विश्वविद्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में विश्वविद्यालय का ई-मैनुअल तैयार करने वाले 17 वैज्ञानिकों को माननीय मंत्री द्वारा प्रमाणपत्र देकर समान्नित किया गया | वैज्ञानिकों को सम्मानित करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि यहाँ 17 युवा वैज्ञानिकों को सम्मनित करते हुए मुझे अति प्रसन्नता हो रही है, देश और दुनिया में विकसित देश के वैज्ञानिक उन्नत हथियार बना रहे हैं जिससे बड़ी संख्या में इंसानों को खत्म किया जा सके लेकिन हमें आप पर गर्व है कि आप सभी युवा वैज्ञनिक उन्नत खेती के लिए दिन-रात एक करके शोध कर रहे हैं ताकि कोई इंसान भूखा न सोये | गौरतलब है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने देश में प्रतिभाओं को आकर्षित करने एवं उच्च कृषि शिक्षा को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (NAHEP) की शुरुआत की गयी थी। इस परियोजना को विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 के आधार पर वित्त पोषित है। इस परियोजना के अंतर्गत स्नात्तक एवं स्नातकोतर विषयों के सभी पाठ्यक्रम को बनने के लिए देश भर के कृषि वैज्ञानिकों से आवेदन मांगे गए थे और इसी क्रम में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के १७ वैज्ञानिकों का चयन  ३१ पाठ्यक्रम बनाने के लिए ICAR-NAHEP  द्वारा किया गया था। इन्हीं वैज्ञानिकों इस मैनुअल को तैयार किया है | माननीय कुलपति ने मैनुअल तैयार करने वाले वैज्ञानिकों की तारीफ की | इन वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित :
 डॉ. अंशुमान कोहली, डॉ. रूबी रानी, डॉ., श्वेता शाम्भवी, डॉ. राजीव रक्षित, डॉ. एच. मीर, डॉ. शशांक शेखर सोलंकी, डॉ. मृणालिनी कुमारी, डॉ. मैनाक घोष, डॉ. वसीम सिद्दिकी, डॉ. अनुपम दास, डॉ. तमोघना साहा, ई. विकास चंद्र वर्मा, डॉ. मनोज कुंडू, डॉ. प्रीतम गांगुली, डॉ. तुषार रंजन, डॉ. चन्दन पांडा एवं डॉ. कल्मेश मंगवी

 बिहार कृषि महाविद्यालय के सौ वर्षों के सफ़र पर वृतचित्र का हुआ लोकार्पण  
माननीय मंत्री ने बीएयू के मीडिया सेंटर द्वारा निर्मित ऐतिहासिक फिल्म का लोकार्पण किया, इस फिल्म में एक ब्रिटिश राज में सबौर में कृषि महाविद्यालय खोलने से लेकर विश्वविद्यालय बनाने तक के सफ़र को दिखाया गया |

लोकगीत पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम का लोकार्पण : 

सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन पर आज से एक जागरूकता कार्यक्रम “फसल अवशेष मत जलना यह है खेती का गहना” का लोकार्पण माननीय मंत्री ने किया | यह कार्यक्रम लोकगीत और नाटक के जरिये लोगों से फसल अवशेष और पुआल नहीं जलाने का सन्देश देता है | आज के माननीय मंत्री के लोकार्पण के साथ ही रेडियो पर एक लोकगीत का प्रसारण हुआ जिसके बोल थे “खेत में अगर जलाया पुआल मिटटी हो जाएगी बेहाल”..... यह लोकगीत स्थानीय कलाकार श्री ताराकांत ठाकुर ने गया है | माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि गीत आज कल लुप्त हो रहे है अतः बीएयू का एक कृषि गीत संकलन करने का एक अच्छा प्रयास है |

 गुड प्रैक्टिस एंड एक्स्टेंशन मॉडल’ पुस्तक का हुआ विमोचन : 

विश्वविद्यालय में किसानों के हितों में किये गये शोध और चलाये गये कार्यक्रमों का संकलन एक पुस्तक में किया गया है जिसका नाम है “गुड प्रैक्टिस एंड एक्स्टेंशन मॉडल’ | माननीय मंत्री और सभी गणमान्य व्यक्तियों ने पुस्तक का विमोचन किया | 
इन कार्यक्रमों का स्वागत भाषण प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने ने किया, संचालन डॉ स्वेता संभावी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता कृषि डॉ ए० के० साह ने किया | इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ राजेश कुमार ने दी |

  (Posted on 11 Oct 2023)

"Exposure-cum-Sensitization Visit" of the students from Aukahi High School, Sattar Kataiya, Agwanpur; unde School Adoption Programme was conducted at MBAC, Agwanpur, Saharsa on 10-10-2023. The visit was conducted by Dr. Kumar Sanjeev, Dr. Tribhuwan Kumar, Dr. Mukul Kumar, and Dr. D. K. Choudhary. During the visit, the students were sensitized towards the importance of agriculture towards mankind and the blooming career as an agriculturist. Dr. Arunima Kumari, Associate Dean-cum-Principal, acquainted the young ones about different cops which are planted at the college. Dr. Manoj Kumar provided the insights about gardening techniques and Dr. Amit kumar Pandey taught them about soil health.

  (Posted on 09 Oct 2023)

BAU Sabour received its first International Patent on Postharvest Shelf-life Extension of Banana 
Bihar Agricultural University, Sabour has achieved a remarkable milestone by securing its first international patent from Germany. This groundbreaking utility patent is titled as "A System to Improve the Post-harvest Quality of Banana using Synthesized Carbon Quantum Dots (Utility model number 20 2023 104 654)." Dr. Mohammed Wasim Siddiqui, a postharvest researcher at the university, in collaboration with a multidisciplinary team, has developed an innovative technology designed to improve the postharvest quality of bananas using synthesized carbon quantum dots (CQDs). 
In this pioneering work, carbon quantum dots were meticulously synthesized from banana peels using an environmentally friendly green synthesis method, followed by a comprehensive characterization process. The resulting CQDs have proven to be highly effective in preserving and enhancing the postharvest quality of bananas during storage. This achievement marks a significant advancement in the field of agricultural research and has the potential to revolutionize the way bananas are stored and preserved, benefitting both producers and consumers alike.

  (Posted on 07 Oct 2023)

"Shram Daan" programme was conducted under NSS under the guidance of Dr. Arunima Kumari, Associate Dean-cum-Principal. The programme was conducted by Dr. Mukul Kumar, O/I NSS and Dr. Sneha Kumari, HS (GH) and the students of second semester actively participated in the same.

  (Posted on 01 Oct 2023)

“Shramdaan Se Swachhta” Programme organized in Bihar Agricultural University, Sabour

Enthusiastic volunteers of National Service Scheme, various faculty members and supporting staff of Bihar Agricultural University, Sabour participated in Shramdaan se Swachhta programme organized at Bihar Agricultural University, Sabour from 10:00 AM to 11:00 AM. The faculty and students of the University led by the dynamic Vice Chancellor, BAU, Sabour along with the Director Students Welfare, Dr. R K Sohane, Associate Dean cum Principal, Bihar Agricultural College Sabour, Dr. S. N. Ray; Principal, College of Agricultural Biotechnology, Sabour, Dr. N Chattopadhyaya; Programme Coordinator of NSS, BAU, Sabour, Dr. Anshuman Kohli started the campaign by sweeping the main approach road of the University, roads in front of various PG departments and the lawns in front of the administrative building. Over 100 students and faculty members participated in the campaign in which the Hon’ble Vice Chancellor appealed to the students and staff to maintain their surroundings clean and hygenic. He stressed upon proper disposal of wastes and garbage, bio-composting of organic wastes and minimising the use of polyethylene bags in the campus for making it clean and beautiful. Hon’ble Vice Chancellor appealed the students to adopt one plant each and a section of the university each so as to maintain them in a neat and clean manner. All participants vowed to put their whole hearted efforts to maintain the campus clean and green.

  (Posted on 01 Oct 2023)

दिनांक 30 सितम्बर 2023 को कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, गया के नवनिर्मित प्रशिक्षण भवन में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अंतर्गत मगध प्रमंडल में कृषि विविधिकरण की संभावना विषय पर कार्यशाला -सह-संगोष्ठी कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि-सह-उद्घाटनकर्ता श्री कुमार सर्वजीत, माननीय कृषि मंत्री, बिहार सरकार के कर कमलों द्वारा एवं माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कृषि मंत्री, बिहार ने अपने संबोधन में गया जिला में फसल विविधीकरण की संभावना को देखते हुए मोटे अनाज-चीना, मड़ुआ, रागी, कोदो आदि की खेती परम्परागत खेती से हटकर करने का आह्वान किया। इस कड़ी में उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र पर मोटे अनाज के बीज उत्पादन करने की सलाह दी। जिससे किसानों को आसानी से मोटे अनाज के बीज उपलब्ध हो सके। इस दिशा में जिले में भी कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। उनके प्रयास से गया जिला में तिल की खेती की शुरूआत हो चुकी है जिसका अच्छा परिणाम देखने को मिल रहा है। बिहार के गरीब किसानों को आसानी से सभी सुविधा मिल सके इसके लिए छोटे कृषि यंत्रों को भी योजना में शामिल किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के माननीय कुलपति डा0 डी0 आर0 सिंह ने अभिभूत होकर बताया कि गया जिला में मोटे अनाज तथा शुष्क क्षेत्रों के लिए उद्यानिक फसलों की काफी संभावना है। इसके लिए उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र पर उन्नत प्रभेद के कटहल, जामुन, आँवला, बेर एवं बेल का मातृ पौधषाला लगाने का निर्देश दिया जिससे इन फसलों को गया प्रमंडल में बढ़ावा दिया जा सके। इस अवसर पर करीब 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

मौके पर डा0 आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, संयुक्त निदेषक कृषि मगध प्रमंडल श्री सुधीर कुमार; डा0 अभय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक आई0 सी0 ए0 आर, पटना; डा0 अमरेन्द्र कुमार, प्रधान वैज्ञानिक अटारी जोन-4, पटना एवं डा0 आर0 के0 जाट, वरीय सस्यविद, बीसा, पूसा (समस्तीपुर) ने मगध प्रमंडल में कृषि विविधीकरण की संभावना पर अपने-अपने अनुभव एवं विचार किसानों के बीच व्यक्त किए। इस अवसर पर केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ई0 मनोज कुमार राय ने सभी अतिथियों, पदाधिकारियों, कृषकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

  (Posted on 30 Sep 2023)

केवीके, मानपुर, गया में सामुदायिक रेडियो स्टेशन का किया गया लोकार्पण

आज माननीय कृषि मंत्री बिहार सरकार श्री कुमार सर्वजीत ने कृषि विज्ञान केंद्र गया में सामुदायिक रेडियो स्टेशन का लोकार्पण किया। कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर गया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मई 2023 में एफएम बैंड के 89.6 मेगाहर्ट्ज पर लाइसेंस प्रदान किया है । जिसके उपरांत एक शानदार स्टूडियो का निर्माण बिहार सरकार के वित्तीय सहायता से किया गया है। इस नवनिर्मित सामुदायिक रेडियो स्टेशन में एक प्रसारण कक्ष, एक कार्यक्रम निर्माण कक्ष और एक ट्रांसमिशन कक्ष बनाये गए हैं। लोक कलाकारों के रिकॉर्डिंग में सहूलियत को ध्यान में रखते हुए एक कलाकार मंच भी बनाया गया है, सामुदाय से आने वाले अगन्तुकों के लिए एक स्वागत कक्ष बनाया गया है। स्टेट ऑफ आर्ट के तर्ज पर बने इस स्टूडियो में अत्याधुनिक रिकॉर्डिंग और प्रसारण यंत्रों से युक्त बनाया गया है। यहाँ से रोजाना चार घंटे के प्रसारण की शुरुआत की जा रही है, कार्यक्रम निर्माण में गति आने के उपरांत प्रसारण अवधि को भविष्य में बढ़ाया जाएगा। इस स्टूडियो की क्षमता 24 घंटे प्रसारण की है। 

 मुख्य कार्यक्रम

कृषक मंच

स्वस्थ रहें हम

लोक रंग

स्वरोजगार की बातें

हमारे लोक नायक

मगही मंच

महिला जगत

भोरे-भिन्सारे 

समुदाय को क्या होगा लाभ

सामुदायिक रेडियो संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है। सामुदायिक रेडियों, सार्वजनिक सेवा और वाणिज्यिक मीडिया से अलग प्रसारण का महत्वपूर्ण तीसरा स्तर है । यह स्थानीय लोगों को उनके जीवन से संबन्धित मुद्दों को स्वर देने के लिए एक मंच मुहैया कराता है। ऐसे सामुदायिक रेडियो स्टेशन द्वारा कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, सामुदायिक विकास, संस्कृति सम्बन्धी कार्यक्रमों के प्रसारण के साथ-साथ समुदाय के लिए तात्कालिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा सकता है ताकि उनकी चिंताओं को आवाज देने के लिए सशक्त माध्यम बन सके। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार है : 

1. किसानों को खेती के बारे में त्वरित जानकारी मिलेगी, फसलों में रोग, व्याधि एवं अन्य समस्यों से निराकरण हेतु वैज्ञानिक सलाह का प्रसारण किया जाएगा। 

2. महिलाओं के स्वास्थ्य, गृह कार्य, शिशु देखभाल से संबंधित जानकारियों के प्रसारण से स्थानीय महिला समुदाय लाभान्वित होंगे। 

3. मौसम से संबंधित भविष्यवाणी एवं इसके अनुरूप खेती की त्वरित जानकारियों का प्रसारण होगा

4. लोक कलाकारों को सामुदायिक रेडियो एक मंच प्रदान करेगा एवं यहां से स्वस्थ मनोरंजन पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण होगा

5. पशुपालन में आने वाली समस्यों पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण होगा

6. स्वरोजगार एवं स्टार्टअप को समुचित सलाह पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा

7. प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान, ठनका एवं भूकंप से बचाव से संबंधित कार्यक्रमों और यथासंभव सटीक भविष्यवाणी का प्रसारण किया जाएगा। 

8. युवाओं के लिए कैरियर सलाह, रोजगार समाचार और विश्वविद्यालयों में प्रवेश से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा।

9. सामुदाय में देशप्रेम की भावना जागृत रखने, राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करने एवं सामाजिक समरसता कायम रखने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का प्रसारण सामुदाय की भागीदारी से किया जाएगा।

10. समाज मे व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, बाल श्रम एवं अंधविश्वास को दूर करने के लिए कार्यक्रमों का प्रसारण सामुदाय की भागीदारी के साथ किया जाएगा। 

11. नशामुक्ति को प्रोत्साहित करने पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा

12. पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा। 

13. कृषि विपणन एवं बाज़ार में फसलों के सही मूल्य की जानकारी दी जाएगी साथ ही खरीददार और किसान के बीच संवादहीनता को दूर किया जाएगा।

  (Posted on 22 Sep 2023)

बीएयू में 25वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न 

आज बिहार कृषि विश्वविद्यालय में 25वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें प्रगतिशील किसानों के अलावा देशभर के विभिन्न संस्थाओं से आए अतिथियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्ज्वलन और अतिथियों के स्वागत के साथ किया  गया। 
बैठक में स्वागत भाषण देते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने ने सभा को विश्वविद्यालय के प्रसार गतिविधियों से अवगत कराया। साथ ही सफरनामा फ़िल्म के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया।  
मुख्य अतिथि के तौर पर एआरआई, पूसा नई दिल्ली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ डी के सिंह ने शिरकत किया, साथ ही चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व निदेश प्रसार शिक्षा डॉ धूम सिंह ने भी बैठक में भाग लिया। आईसीएआर, अटारी पटना के निदेशक डॉ अंजनी कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से हुए प्रसार कार्यों की समीक्षा की। 
इस अवसर पर बोलते हुए माननीय कुलपति ने  कहा कि "हमारे वैज्ञानिक बदलते मौसम, बाजार और किसानों के हालात को देखते प्रस्ताव लेकर आएं।" उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के साथ-साथ सभी महाविद्यालयों और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों पर एटिक सेंटर खुलेगा जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा तैयार बीज, प्रकाशन एवं अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।   
बैठक में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रसार कार्यक्रम पूरे बिहार के किसानों के हित मे ध्यान रखकर चलाये जा रहे हैं। 
विश्वविद्यालय से उतीर्ण एक पूर्व छात्रा मीनाक्षी ने अपने द्वारा शुरू किए गए मखाना स्टार्टअप से सभा को अवगत कराया एवं अन्य कृषि छात्र-छात्राओं से नौकरी मानसिकता से निकलकर अपार संभनाओं से भरा कृषि स्टार्टअप की ओर ध्यान देने को कहा। 
प्रगतिशील किसानों में श्रीमति विनीता देवी, श्री सुधांशु कुमार और श्री आनंद ठाकुर ने बैठक में हिस्सा लिया। 
 पुस्तकों का हुआ विमोचन : प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक के दौरान मोटे अनाज पर कृषि विज्ञान केंद्र शेखपुरा और बाढ़ द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया। इसके अतिरिक्त केवीके शेखपुरा द्वारा प्रकाशित बकरी के शिशु की देखभाल और केवीके मुंगेर से प्रकाशित श्री अन्न पुस्तक का भी विमोचन हुआ

 डिजिटल मृदा उर्वरता मैप का हुआ विमोचन : इसी अवसर पर माननीय कुलपति द्वारा एक पोर्टल लांच किया गया जिसमें विभिन्न जिलों के सॉइल फर्टीलिटी को दर्शाने वाले मैप उपलब्ध हैं, इससे किसान अपने जिले की मिट्टी के प्रकार को समझ सकते हैं और उसके अनुरूप अनुसंशित कृषि कार्य कर सकते हैं। 

 बैठक में सभी कृषि विज्ञान केंद्रों ने प्रस्तुत किया प्रगति पतिवेदन : बैठक में बीएयू के अधीन सभी 25 कृषि विज्ञान केंद्रों ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया एवं विशेषज्ञों ने केवीके के कार्यों की समीक्षा की एवं बेहतर क्रियान्वयन हेतु कई सुझाव दिए। 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता और प्राचार्यगण उपस्थित रहे। सभा का संचालन आरजे अन्नू ने किया किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आर एन सिंह ने किया। इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ राजेश कुमार ने दिया।
बैठक के मुख्य बिंदु 

1. छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मॉडल बनाएं वैज्ञानिक

2. जी०आई० टैगिंग के लिए उत्पादों या फसलों को चिन्हित करें वैज्ञानिक

3. विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल के मध्यम से राज्य भर के किसानों के लिए 16 अक्टूबर से "सवाल-जवाब" कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण 
 
4. किसानों द्वारा ग्रास रूट टेक्नोलॉजी (जुगाड़ टेक्नोलॉजी) कर उन्हें परिष्कृत करेंगे वैज्ञानिक

5. सीड पोर्टल होगा लॉन्च, इसके माध्यम से किसान अपनी मांग दर्ज कर सकेंगे। 

6. किसानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे वैज्ञानिक

7. पटना सहित सभी महाविद्यालयों में खुलेगा एटिक, यहां सिंगल विंडो के तर्ज पर मिलेगा विश्वविद्यालय का बीज, उत्पाद और प्रकाशन।

  (Posted on 22 Sep 2023)

बी॰ ए॰ यू॰ मे 26वीं शोध अनुसंधान परिषद का शुभारंभ बिहार कृषि विश्वविध्यालय की 26वीं शोध परिषद (RCM) (रबी-2023) की बैठक का उद्घाटन सत्र दिनांक 20.09.2023 को विश्वविध्यालय के माननीय कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह की अध्यक्षता में आमंत्रित विशेषज्ञों की गरिमापूर्ण उपस्थिति में आयोजित किया गया। इस दो दिवसीय बैठक में एफ़एओ और यूएनओ जैसी अंतराष्ट्रीय संस्थाओं मे देश का मान बढ़ा चुके जाने माने वैज्ञानिक डॉ राम चेत चौधरी, और डॉ. मान सिंह, पूर्व परियोजना निदेशक, जल प्रौद्योगिकी केंद्र, आईएआरआई, नई दिल्ली विशेषज्ञ के तौर पर शिरकत कर रहे हैं। विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसान श्रीमती प्रीति कुमारी (कटिहार), श्री ओंकार प्रसाद महतो (लखीसराय) और श्री अविनाश कुमार (औरंगाबाद) भी उद्घाटन सत्र का हिस्सा रहे। डॉ. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान, बीएयू, सबौर ने अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय में चल रही अनुसंधान गतिविधियों को प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि बीएयू द्वारा अभी तक विभिन्न फसलों के 35 उन्नतशील प्रभेदों का विकास किया जा चुका है वहीं  विश्वविध्यालय द्वारा कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में 67 तकनीकों को भी विकसित एवं विमोकित कर किसानों को समर्पित किया गया है। विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ॰ मान सिंह ने बीएयू के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रहे कद के लिए कुलपति डॉ॰ डी॰ आर॰ सिंह की दूरदर्शिता एवं किसानों के लिए उनकी सोच की सराहना की जिससे बिहार मे प्रयोगशाला से खेत तक (लैब टु लैंड) का सपना साकार होता नज़र आ रहा है। विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ॰ आरसी चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनका बीएयू से जुड़ाव बहुत पुराना है जब उन्होने एआरआई पटना को बतौर क्षेत्रीय प्रबन्धक सन 1979 में जॉइन किया था। उन्होने विश्वविध्यालय के मीडिया सेंटर द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। बैठक मे आईआरसी इस्लामपुर के वैज्ञानिक डॉ॰ शिवनाथ दास द्वारा औषधीय पौधों से संबन्धित तीन प्रकाशनों का भी विमोचन किया गया। बीएयू के कुलपति डॉ॰ डी॰ आर॰ सिंह ने अध्यक्षीय सम्बोधन मे वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए हुए कहा कि देश मे पहली बार किसी विश्वविध्यालय से जुड़े किसानों को इतनी बड़ी संख्या मे एक साथ राष्ट्रीय पादप जीनोम सेवियर पुरुषकार मिले है। उनहोंए बताया कि बीएयू को तीन पटेंट्स मिल चुके है और हाल ही मे विकसित 4 फसल प्रभेदों और अन्य कृषि तकनीकों को भी विकसित किया गया है जो राज्य के किसानों को समर्पित किए जा चुके हैं। इसके अलावा कतरनी धान और जरदालू आम के पैकेजिंग को भी मूर्त रूप दिया गया है जो इन बहुमूल्य कृषि उत्पादों की बढ़ोत्तरी मे सहायक सिद्ध होंगे। उन्होने वैज्ञानिकों को प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव और उनकी गुणवत्ता में गिरावट, कुपोषण, व्यावसायीकरण और विविधीकरण, अधिक पोषक मूल्य वाले भोजन में परिवर्तन जैसे सात प्रमुख क्षेत्रों पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया । तत्पश्चात अलग अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार क्षेत्रीय अनुसंधान एवं सलाहकार समिति की बैठक की कार्रवाही का प्रस्तुतीकरण डॉ॰ एसएन राय, प्राचार्य, बिहार कृषि महाविध्यालय (ज़ोन-3ए) डॉ॰ रणधीर कुमार, क्षेत्रीय प्रबन्धक, एआरआई पटना (ज़ोन-3बी), और डॉ॰ अरुणिमा कुमारी, प्राचार्या, एमबीएसी, अगवानपुर सहरसा (ज़ोन-2) द्वारा किया गया। इनमे ज़ोन 3बी के लिए  दो दिवसीय शोध परिषद मे बीएयू मे चल रहे विभिन्न शोध परियोजनाओं के प्रगति प्रतिवेदन पर चर्चा होने के साथ ही धान और गेहूं के एक-एक प्रभेद और तीन उन्नत कृषि तकनीकों के संस्तुतिकरण किए जाने की संभावना है। सभा के उदघाटन सत्र का ध्यानवाद ज्ञापन उपनिदेशक शोध डॉ॰ शेलबाला ड़े द्वारा प्रस्तुत किया गया।

  (Posted on 18 Sep 2023)

Team of Scientist led by Dr Nintu Mandal, Assistant Professor at Department of Soil Science and Agricultural Chemistry, BAU, Sabour have developed unique product (NSP) for which the university got patent ( Patent no :  451589;  Date of grant :14.09.2023 ) from the Patent office, govt of India.  The title of patent is “A Superabsorbent Polymer (NSP) and process for preparing the same” with application number 202031020785 filed on 18.05.2020. This patent has been granted the term of 20 years from the 18th day of May 2020 in accordance with the provisions of the Patents Act, 1970.

Hon’ble Vice-Chancellor, Prof (Dr) D. R. Singh while congratulating scientists for this remarkable accomplishment directed that the work should be immediately started for commercialization of the product so that farming community can be benefited at large.

  (Posted on 16 Sep 2023)

              माननीय कुलपति महोदय डा० दुनिया राम सिंह के दिशा-निदेश के आलोक में दिनांकः 08/09/2023 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में TDS/TCS/GST से संबंधित जागरूकता अभियान-सह-कार्यशाला, आयकर एवं वाणिज्य कर विभाग, भागलपुर के संयुक्त सहयोग से आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में श्री संजीत कुमार, संयुक्त आयुक्त(जी०एस०टी०), भागलपुर, श्री आनन्द कुमार, सहायक आयुक्त(जी०एस०टी०), भागलपुर, डा० श्री कुमार रविशंकर, आयकर पदाधिकारी(टी०डी०एस०), भागलपुर, श्री राजीव कुमार, आयकर पदाधिकारी (आई० एण्ड सी०आई०), भागलपुर के द्वारा TDS/TCS/GST से संबंधित सभी मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। डा० रविन्द्र कुमार सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं श्री बीरेन्द्र कुमार सिन्हा, नियंत्रक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन कराया गया।

                TDS/TCS/GST से संबंधित जागरूकता अभियान-सह-कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीनस्थ सभी महाविद्यालयों/इकाईयों/शाखाओं एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा कार्यक्रम में भाग लिया गया। कार्यशाला का संचालन नियंत्रक कार्यालय के श्री राकेश कुमार तांती , सहायक नियंत्रक(मुख्यालय), श्री उमेश कुमार, सहायक नियंत्रक(बजट एवं पेंशन), श्री अजय कुमार मल्लिक, अंकेक्षण पदाधिकारी के द्वारा किया गया एवं श्री उमाशंकर शर्मा, वरीय अंकेक्षक एवं श्री रामज्ञान महतो, कनीय अंकेक्षक के अतिरिक्त सहयोग से कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।

  (Posted on 15 Sep 2023)

दिनांक 14 09 2023 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि एक दिवसीय  निर्णय समर्थन प्रणाली  (ADSS) पर कार्य दक्षता कार्यशाला का आयोजन किया गया।  इस कार्यशाला का उद्घाटन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने किया। साल का मुख्य उद्देश्य बिहार में कृषि को जलवायु के अनुकूल बनाने तथा जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली कमजोरियों से लड़ने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली (ADSS) जिसमें मौसम आधारित कृषि सलाहकार बुलेटिन को ज्यादा से ज्यादा किसानों के बीच पहुंचाया जाता है जिसके द्वारा किसान जलवायु से होने वाले फसल क्षति को बचा सकते हैं तथा यदि मौसम की जानकारी किसानों को पहले ही हो जाती है तो फसलों में दिए जाने वाले अवयव जैसे कि सिंचाई, तथा कीटनाशी एवं खरपतवारनाशी तथा कृषि रसायन आदि को फसल में डालने से रोका जा सकता है। इस मौके पर कृषि मौसम विभाग के प्रमुख हुआ कृषि मौसम संगठन के अध्यक्ष डॉ के के सिंह, डॉ सेल सिंह पूर्व निदेशक भारत मौसम विभाग, डॉ आर के सिंह, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, तथा डॉ आर के सुहाने निदेशक प्रसाद शिक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा कार्यक्रम में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ अनूप चौबे, श्री दयानिधि चौबे, डॉ नेहा पारीक व श्री रोशन कुमार सहित देश भर के कई नामी गिरामी कृषि मौसम वैज्ञानिक मौजूद रहे। 
कार्यक्रम संचालन श्री संतोष कुमार नोडल ऑफिसर जीकेएमएस एवं डॉक्टर श्रीनिवास राघवन सहायक प्राध्यापक बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डॉ सिंह ने बताया कि कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली बिहार में किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा जिसके माध्यम से किसान वर्षा आदि की जानकारी पूर्व में ही प्राप्त कर लेंगे जिससे वह अपनी छति को रोक सकेंगे।

  (Posted on 12 Sep 2023)

पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षक प्राधिकरण द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 12 से 15 सितंबर 2023 का उद्घाटन   महामहिम भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा किया गया  इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति महोदय द्वारा देश के विभिन्न प्रांतो से आए किसानों को पादप जीन संरक्षक पुरस्कार समारोह में 6एफपीओ ग्रुप   के फार्मर  तथा 19 व्यक्तिगत किसानों को सम्मानित किया गया जिसमें बिहार से दो  ग्रुप लीची फार्मर्स ग्रोवर समूह तथा भागलपुर कतरनी राइस फार्मर समूह को सम्मानित किया गया इसमें किसानों को ग्रुप फार्मर्स को 10 लख रुपए तथा व्यक्तिगत किसानों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए साथ ही साथ व्यक्तिगत  किसानों में जमुई से श्री अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों की खेती का संरक्षण करने हेतु, मुंगेर से आए श्री सत्यदेव सिंह जी को चना, तीसी प्रवेद के संरक्षण हेतु, रोहतास जिले से आए दो किसान श्री दिलीप कुमार सिंह को बैगन, टमाटर ,करेला एवं धनिया के सफेद प्रबेद को संरक्षित करने तथा श्री अर्जुन सिंह को चावल, हल्दी एवं लौकी के
संरक्षण हेतु पुरस्कार से नवाजा गया इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति महोदय ने किसानों को अन्यदाता  तथा कहा कि बिना अन्य के यह तन भी नहीं रह पाएगा किसान हमारे देश एवं दुनिया के धरोहर है इसमें माननीय कृषि एवं  किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा ,तथा पीपीवी के अध्यक्ष डॉक्टर त्रिलोचन महापात्र ,आईसीआर के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक तथा पूर्व महानिदेशक आर एस परोदा ,जापान एवं नाइजीरिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे इसमें विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति तथा विभिन्न संस्थाओं के डायरेक्टर ने भी भाग लिया इसमें कुल लगभग देश-विदेश से आए हुए 500 प्रतिनिधि एवं किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह भी उपस्थित होकर सम्मानित किसानों को शुभकामना दी तथा उनका मान बढ़ाया उन्होंने सम्मानित किसानों को कहा की विश्वविद्यालय हमेशा उनके अधिकारों और सम्मान को आगे बढ़ता रहेगा।।

  (Posted on 12 Sep 2023)

Extra-mural lecture on “Indian Summer Monsoon” delivered by Dr K. K. Singh, Former Head, Agromet Advisory Services, IDM on 11th September 2023.

  (Posted on 11 Sep 2023)

Extra-mural lecture on “Efficient Application of statistical techniques in Agricultural Research” delivered by Dr A. Dhandapaani, Principal Scientist, ICM Division, NAARM, Hyderabad.

  (Posted on 11 Sep 2023)

Training on preparation of greeting card

Waste to wealth is the mantra in today’s world. Flowers and foliage eventually dry and become waste. These flowers can be collected and dried to make many decorative items including greeting cards, bookmarks, sceneries, etc. A training on greeting card preparation using dry flowers was imparted to the students of KGBV, Sabour on 2nd September, 2023. They were taught the process of flower collection, drying, pasting as well as making sketches earlier when they were taught bookmark preparation in July, 2023. They were again reminded the same and taught the intricacies of greeting card making. The students enjoyed the training and showed positive response towards the programme. Later on, they were enthusiastically engaged in making greeting cards for the upcoming Teacher’s Day.

Gifting of greeting card to dignitaries by KGBV students on Teacher’s Day

The students of KGBV, Sabour learnt how to make greeting cards with dry flowers, foliage and waste materials last week and on Teacher’s Day (i.e. 5th Spetember, 2023), they gifted cards prepared by themselves to Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour, Dr. D.R. Singh at the university as well as District Magistrate Mr. Subrat Kumar Sen at a programme organised at Town Hall, Bhagalpur to celebrate Teacher’s Day. It is a matter of immense pride for BAU, Sabour how these girls have mastered the art of card making so fast under the able guidance of the team of scientists from BAU, Sabour and their teachers.

  (Posted on 01 Sep 2023)

केवीके सबौर में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की हुई बैठक 

कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार सह- प्रशिक्षण कक्ष में “वैज्ञानिक सलाहकार समिति” की 20वीं बैठक का आयोजन किया गया। डॉ. डी. आर. सिंह, माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा दीप प्रज्जवलित कर बैठक का उद्घाटन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा किया गया। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों की सराहना की एवं अन्य उपस्थित विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के पदाधिकारियों एवं मनोनीत किसान सदस्यों को कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों में सहयोग एवं सुझाव देने की बात कही, जिससे कृषि विज्ञान केन्द्र और बेहतर कार्य कर सके साथ ही उन्होंने केन्द्र के प्रधान एवं वैज्ञानिकों को कृषि विभाग के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने की सलाह दी.

जिससे केन्द्र की गतिविधियों एवं परियोजना के माध्यम से किसानों को अधिकाअधिक लाभ पहुँचाया जा सके। साथ ही उन्होंने डी.डी.एम. नावार्ड, भागलपुर को नावार्ड द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, सबौर से प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण मुहैया कराने में त्वरित कारवाई करने का सुझाव दिया। प्रगतिशील किसान अमित कौशिक द्वारा बीज एवं खाद की उपलब्धता देर से होने की बात कही गई जिसपर माननीय कुलपति ने जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर को इस संबंध में संज्ञान लेने का अनुरोध किया।

कुलपति ने महिला उद्यमियों को स्वरोजगार परक प्रशिक्षण के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़ने का आवाह्न किया। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान को प्रशिक्षण के माध्यम से नये-नये किसानों को जोड़ने का निर्देश दिया.इस अवसर पर विश्वविद्यालय निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आर.के. सोहाने, सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आर. एन. सिंह, डॉ. एस. एन. राय सह अधिष्ठाता एवं प्राचार्य बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर, डॉ. राजेश कुमार, जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, सहायक प्राध्यापक-सह नोडल पदाधिकारी सी.आर.ए., डॉ. वाई.के. सिंह, सहायक प्राध्यापक-सह-मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी, डॉ. पवन कुमार, सहायक प्राध्यापक, डॉ. एच. मीर, सहायक प्राध्यापक,

डॉ. अंशुमन कोहली, अध्यक्ष मृदा विज्ञान विभाग, कृषि विभाग भागलपुर के पदाधिकारी निदेशक, भागलपुर प्रमण्डल, रमेश कुमार रमण जिला कृषि संयुक्त कृषि निदेशक, भागलपुर पदाधिकारी-सह-परियोजना निदेशक आत्मा अभय कुमार मंडल, सहायक निदेशक उद्यानसुजीत कुमार पाल, कृष्ण कन्हैया जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक पौधा रोग सदस्य सर्वेश कुमार, श्रीमती सरिता देवी, नीरज साहु, सुनीता गोस्वामी सहित केन्द्र के वैज्ञानिक ई. पंकज कुमार, डॉ. ममता कुमारी, डॉ. मो. ज्याउल होदा, सक्षम कुमार सिन्हा, अंजुम हासिम, श्री ईश्वर चन्द्र, शशि कान्त, डॉ. नूपुर विश्वास, सुश्री रूपम रानी एवं अन्य कर्मी उपस्थित थे। संचालन वरीय वैज्ञानिक व प्रधान अनिता कुमारी ने किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ ममता कुमारी ने की। इस आशय की जानकारी जन संपर्क पदा डा.राजेश कुमार ने दी.

 

  (Posted on 30 Aug 2023)

CCINM Training organized at Mandan Bharti Agriculture College, Agwanpur, Saharsa

Fifteen Days (22 August to 05 September, 2023) certificate course on Integrated Nutrient Management for Agricultural Input Dealers was organized on 22.08.2023 at Mandan Bharti Agriculture College, Agwanpur, Saharsa. Thirty farmers selected by District Agriculture Office of Saharsa, Supaul and Khagaria were participated in this training programme. In her inaugural speech Associate Dean-cum-Principal, MBAC, Agwanpur, Saharsa Prof. (Dr.) Arunima Kumari highlights the problem and prospect of Integrated Nutrient Management. She appealed to the participant  to promote Soil testing in their respective districts. Joint Director Agriculture, Koshi Commissionary Mr. A. N. Ray, District Agriculture Officer, Saharsa Mr. Gyan Chand Kumar also interact with the trainees. All the scientist of MBAC, RRS and KVK, Saharsa were actively participated in the training programme.       

  (Posted on 27 Aug 2023)

All India Inter University Sports Meet-2023 was organised on 26.08.2023 at Bihar Agricultural University, Sabour and under which Badminton Team Event and Table Tennis Team Events were organized. This sports meet was inaugurated by Dr. D. R. Singh, Vice Chancellor, BAU Sabour and Dr. (Mrs.) B. Neerja Prabhakar, Vice Chancellor, SKLTSHU, Telangana. The players from Uttar Banga Krishi Vishwavidyala, West Bengal; Jawahar Lal Nehru Krishi Vishwavidyalaya, Jabalpur, Madhya Pradesh; Indira Gandhi Krishi Vishwavidyala, Raipur, Chhattisgarh; Bihar Animal Science University, Patna; Mahatma Gandhi Central University, Motihari, Bihar and Bihar Agricultural University, Sabour participated in this Sports meet. The Badminton Team Event and Table Tennis events were organized by dividing the players arrived here from different states into four zones- East, West, North and South. Matches of Badminton Team Event were conducted in Doubles Boys and Doubles Girls categories. Total 24 numbers of players, namely- Sanjan Kumar Bharti, Vivek Kumar, Navneet Kumar, Manish Raj, Prachi, Kajal, Shashi Kumar Gupta, Abhishek, Deepak Kumar Choudhary, Shubham Kumar, Aparajita Shukla, Rashmi Agrawal, Kundan Kumar, Dinkar, Abhay, Vinay Sharma, Harsha Kumari, Monika Raj, Shubham Jha, Himanshu Gupta, Nikhil, Sameer, Nikita Gaud, Sonu Gupta participated in four team- East, West, North and South in this Badminton competition. Mr. Deepak Kumar Chaudhary, BAU Sabour got the award of Best Badminton Player (Boys) and Ms. Harsha Kumari, BAU Sabour got the award of Best Badminton Player (Girls) of this event. The Players were awarded with the Trophies, medals and certificates. Team West (Sanjan Kumar Bharti, Vivek Kumar, Navneet Kumar, Manish Raj, Prachi, Kajal ) was declared the Runner team and Team North (Shashi Kumar Gupta, Abhishek, Deepak Kumar Choudhary, Shubham Kumar, Aparajita Shukla, Rashmi Agrawal) won this Badminton Event. Matches of Table Tennis Event were conducted in Singles and Mixed Doubles categories. Total 16 numbers of players, namely- Anushka Kumari, Md. Ahmad Hussain, Abhijeet Kumar, Piyush Gupta, Seema Kumari, Abhishek Kumar, Aman Kumar, Karunesh Yadav, Neha, Vivek Kumar, Avinash Kumar, Saif Ali Rahman, Kaynat Banu, Abhay Kumar Dubey, Shubham Kumar, Dibyanshu Pandey participated in four team- East, West, North and Southi n this Table Tennis competitio Mr. Vivek Kumar, UBKV West Bengal got the award of Best Table Tennis Player (Boys) and Ms. Anushka Kumari, BAU Sabour got the award of Best Table Tennis Player (Girls) of this event. The Players were awarded with the Trophies and certificates. Team East (Anushka Kumari, Md. Ahmad Hussain, Abhijeet Kumar, Piyush Gupta) was declared the Runner team and Team North (Neha, Vivek Kumar, Avinash Kumar, Saif Ali Rahman) won this Table Tennis Event. 

The Players of Winner and Runner team were awarded with the Trophies, medals and certificates by the Dr. D. R. Singh, Vice C hancellor, BAU Sabour. Players of other participant team were also awarded with the Participation Certificates. Deans/ Directors, faculties, officials and students of BAU Sabour & other participating universities and other guests were present during these events in large number. Sports infrastructures and facilities for the students here have regularly been upgraded by the Vice Chancellor, BAU Sabour. Under his guidance and support different sports meet/ events have continuously been organized for the overall development of the students of the university.

  (Posted on 27 Aug 2023)

The two-day All India Undergraduate Convention in Biotechnology, which commenced with an inspiring inauguration yesterday, has now successfully concluded with a valedictory session that brought together a distinguished assembly of dignitaries, participants, and organizers. Dr. Neeraja Prabhakaran, the Hon'ble Vice Chancellor of SKLTSHU, Siddipet, Telangana, graced the event as the Chief Guest of the session. Dr. D.R. Singh, the Hon'ble Vice Chancellor of Bihar Agricultural University, held the position of Chairman for the session. Sharing the stage were other dignitaries including Dr. Anil Kumar Singh, Director of Research at Bihar Agricultural University, Dr. Md. Mizanul Haque, Registrar of Bihar Agricultural University, and Dr. N. Chattopadhyaya, Principal of CABT, Sabour.

 

The valedictory session commenced with the presentation of floral bouquets to the dignitaries, setting a tone of respect and appreciation. At the onset, Dr. Ravi Ranjan Kumar, the Joint Organizing Secretary of the convention, presented a comprehensive report detailing the two-day journey, showcasing the variety of events and activities that took place. Notably, the convention witnessed a significant turnout, with more than 200 participants from various colleges attended the event.

 

Dr. Neeraja Prabhakaran, the esteemed Chief Guest, imparted her blessings and words of wisdom to the attending students, motivating them to pursue excellence in their future endeavors. The experts present in the session also extended their blessings and encouraged the participants to aim for the highest goals in life. The session moved forward with a feedback session, where representatives from each college shared their impressions of the convention.

 

The program proceeded with Sri Amit Kumar, Deputy Director Administration at BAU, elaborating on the sports events held during the convention. The winners in badminton and table tennis, categorized by zones, were awarded for their outstanding performances.

 

Dr. Shambu Prasad, the Chairman of the cultural program, then provided an overview of the cultural events that unfolded during the convention. Participants excelled in diverse categories such as singing, dancing, and dramatic performances, earning them well-deserved awards.

Dr. Dharamsheela Thakur, the Organizing Secretary, highlighted the winners of the four technical sessions along with various other categories including poster presentations, model displays, debates, and quizzes. The event acknowledged their achievements and contributions to the convention's success.

 

In a gracious gesture, the Vice Chancellor presented mementos to the Principals of BAC, Sabour, and CABT, Sabour, acknowledging their instrumental roles in supporting and organizing the convention.

 

The session proceeded with insightful addresses from Dr. Anil Kumar Singh, Director of Research at Bihar Agricultural University, and Dr. Md. Mizanul Haque, Registrar of Bihar Agricultural University, who offered encouraging words and meaningful insights. Dr. N. Chattopadhyaya, Principal of CABT, Sabour, expressed gratitude for the successful completion of the convention.

 

The Hon'ble Vice Chancellor of Bihar Agricultural University delivered a notable address, expressing profound gratitude to the organizing committee for the success of the event. He described the convention as a remarkable integrated initiative encompassing a wide array of programs, making it an exceptional and rare occurrence. He praised the students for their active participation and engagement, urging them to carry forward the knowledge gained to their respective colleges and propagate such impactful events.

 

The program concluded with a vote of thanks by Dr. Tushar Ranjan, the Joint Organizing Secretary, acknowledging all contributors and participants for their dedication and commitment to making the convention a resounding success. The event left a lasting impact, showcasing the potential of collaboration and education in shaping the future of biotechnology in India.

  (Posted on 25 Aug 2023)

The College of Agricultural Biotechnology, Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur, commenced a two-day All India Undergraduate Academic Convention in Biotechnology today, on August 25, 2023. The event, organized under the visionary leadership of University Vice Chancellor, Dr. D.R. Singh, aims to foster collaboration between undergraduate students and experts from various fields of biotechnology. Recognizing the students as the harbingers of India's future, the convention seeks to impart a clear understanding of the benefits and diverse opportunities presented by biotechnology in higher education, startups, and beyond.

The inauguration ceremony witnessed the presence of distinguished personalities who have made significant contributions to the field of biotechnology. Dr. Neeraja Prabhakar, Hon'ble Vice Chancellor of SKLTSHU, Siddipet, Telangana, graced the event as the chief guest. Dr. A.K. Shasany, Director of CSIR-NBRI, Lucknow, and Dr. Arvind Kumar, Deputy Director General (R) of ICRISAT, Hyderabad, were esteemed guests of honor.

The inaugural session was marked by the traditional welcome of the guests with floral bouquets, shawls, and mementos, followed by a ceremonial offering of water (jal arpan) by all the dignitaries. Dr. N. Chattopadhyaya, Convener of the convention, delivered the welcome address, expressing his enthusiasm for the platform's potential to nurture young talent. Dr. Dharmasheela Thakur, the Organizing Secretary, elaborated on the convention's objectives and structure.

The event showcased a 'safarnama' (journey) of Bihar Agricultural University's recent accomplishments, highlighting the institution's dedication to progress. Dr. A.K. Shasany and Dr. Arvind Kumar, the guests of honor, delivered insightful addresses, shedding light on the rapid advancements in biotechnology and the opportunities it presents.

A series of ceremonial inaugurations followed, including the launch of the College of Agricultural Biotechnology's website, the unveiling of a replica model of CABT, Sabour, and the inauguration of an E-newsletter of CABT, Sabour. 

Dr. Neeraja Prabhakar, the chief guest, addressed the gathering, stressing the importance of academic gatherings in shaping young minds.

A pivotal moment of the ceremony was the release of the Souvenir-cum-Abstract Book of AIUGACB-2023. 

Dr. D.R. Singh, the esteemed Vice Chancellor of Bihar Agricultural University, delivered a thought-provoking Presidential Address that resonated deeply with the audience. His words, full with wisdom and experience, served as a guiding light for the attending students, igniting their aspirations for a prosperous and impactful journey ahead. His words not only underscored the significance of biotechnology but also instilled a sense of purpose and determination in the young minds present.

Following the enlightening address, the Director Research, BAU, Sabour, took the stage to convey heartfelt appreciation to all participants, and contributors. This gesture of gratitude not only acknowledged the collaborative efforts that made the convention possible but also highlighted the importance of collective endeavor in fostering growth and innovation.

Following the inauguration, two technical sessions were conducted. The first session focused on plant biotechnology, chaired by the guest of honour, Dr. Arvind Kumar and co-chaired by Dr. K. Kathiravan from the University of Madras, Chennai. This session featured keynote lectures by Dr. A.K. Shasany, Dr. Arvind Kumar, and Dr. Siddharth Tiwari from NABI, Mohali, followed by interactive discussions and 14 oral presentations by participants on various plant biotechnology topics.

The second technical session explored animal biotechnology, stem cell research, drug delivery, and cancer research. Chaired by Dr. Vinod Kumar Nigam from Birla Institute of Technology, Mesra, Ranchi, and co-chaired by Dr. Rajesh Kumar, Assistant Prof. (Animal husbandry) at BAU, Sabour, this session included keynote lectures by Dr. Ashok Kumar from AIIMS, Bhopal, and Dr. Rizwan ul Haque from Central University of South Bihar, Gaya. The session concluded with interactions and five oral presentations by participants.

Both technical sessions played a crucial role in expanding the horizons of students' knowledge, providing them with valuable insights and in-depth understanding. Through engaging discussions and informative presentations, participants had the opportunity to delve into the intricate realms of their chosen subjects within biotechnology.

Furthermore, these sessions went beyond the individual impact by contributing to the broader agricultural community. By sharing the latest research, advancements, and perspectives, the conventions sparked collaborative thinking and innovation. The knowledge gained and connections formed during these sessions are expected to ripple through the community, influencing research directions, practical applications, and overall progress in the field of biotechnology and agriculture.

In essence, these technical sessions were not only educational experiences for the students, but also catalysts for a larger positive transformation within the agricultural landscape.

  (Posted on 24 Aug 2023)

On 23.08.2023 Hon’ble Secretary, Agriculture Govt. of Bihar, Sri Sanjay Kumar Agrawal, IAS, visited the Bhola Paswan Shastri Agricultural College, Purnea along with Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh. Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour welcomed the Hon’ble Secretary, Agriculture Govt. of Bihar, Sri Sanjay Kumar Agrawal with bouquet. Among the other dignitaries present were Shri Anil Kumar Jha, IAS, Joint Secretary, Department of Agriculture Govt. of Bihar, Sri Kundan Kumar, IAS, District Magistrate, Purnea, Smt. Sahila, IAS, DDC, Purnea, SDM, Sadar Purnea, Joint Director Agriculture Purnea, District Agriculture Purnea etc. Hon’ble Secretary, Agriculture visited different unit of the ongoing activities of the college such as Smart Class Room, Library, Laboratory, Makhana-cum-Fish modal etc. During the visit Hon’ble Secretary, Agriculture interacted with the student of 4th and 6th Semester in their respective class room. Later he addressed the Scientists/Teacher and staff of the college. A meeting was organized in which Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh honored Hon’ble Secretary, Agriculture Govt. of Bihar Sri Sanjay Kumar Agrawal, IAS with bouquet, shawl and memento. Associate Dean-cum-Principal, Dr. Paras Nath honored Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh, Sri Anil Kumar Jha, IAS, Joint Secretary, Agriculture, DDC, Purnea and other dignitaries. In the welcome speech Principal of the college narrated different ongoing activities and brief achievements of the college. Dr. D. R. Singh, Hon’ble Vice Chancellor spoke about the best practices of the college such as NSS, NCC, Teaching, Research, Extension and Training. On the occasion he also said about significant contribution of this college in the field of Makhana, Research and Development. Sri Sanjay Kumar Agrawal, IAS, Hon’ble Secretary, Agriculture expressed his satisfaction over different ongoing activities of the college and further directed to focus on value addition and branding of Makhana products, design and development of Makhana harvesting and poping machine, research on dragon fruit etc. 

  (Posted on 24 Aug 2023)

A team of dignitaries lead by Hon`ble Secretary, Agriculture, Sri. Sanjay Kumar Agarwal, I.A.S., Govt of Bihar visited Dr. Kalam Agricultural College Kishaganj on 22.08.2023 along with Hon’ble Vice Chancellor Dr. D. R. Singh, Bihar Agricultural University, Sabour. Among other dignitaries present during the visit were Sri Anil Kumar Jha, I.A.S., Joint Secretary, Department of Agriculture, Govt. of Bihar, Sri Shrikant Sastree, District Magistrate. Kishanganj, Sri Nishat Ahmad, Director, Fisheries, Govt. of Bihar, Sri Srikrishnanand Chakravarty, District Agriculture Officer, Kishanganj. The team visited different sites of DKAC campus including the research farm, tissue culture laboratories and administrative building facilitated by Dr. Sathyanarayana K., Assco. Dean cum Principal, DKAC, Kishanganj. Hon`ble Secretary, Agriculture, Govt. of Bihar and VC, BAU, interacted with the farmers, scientists and highlighted the need for scaling up research and extension work on Tea, pineapple, dragon fruit and makhana. He also emphasized on exploring the avenues for increasing the area under the crops as well as key support on improving the marketing of the products.

  (Posted on 17 Aug 2023)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में दिनांक 17 अगस्त, 2023 को बीज उद्योग अकादमिक बैठक का संयोजन कुलपति की अध्यक्षता में की गयी । इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं निजी उद्योग के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान पर विस्तृत चर्चा कर ज्ञान के आदान - प्रदान और सहयोगात्मक पहल के साथ साथ अन्य क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान से अवगत कराना था। डॉ डी आर सिंह, कुलपति महोदय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उद्योग एवं विश्विद्यालय के बीच एक मजबूत कड़ी स्थापित कर कृषि को नये आयाम प्रदान करने की पहल की जाए। साथ ही साथ कुलपति महोदय ने कहा की शोध सलाहकार समिति में निजी क्षेत्र का प्रतिनिधि रखने हेतु पहल की जाए। कुलपति महोदय ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय से विकसित सभी प्रभेदों के विस्तार के लिए निजी क्षेत्र के द्वार खोले जाएंगे ताकि विश्वविद्यालय के बीज ज्यादा से ज्यादा किसानो के बीच जा सके। भारतीय बीज अनुसंधान संस्थान, मऊ के निदेशक ने बताया कि सार्वजनिक एवं निजी एजेंसियों के बीच विश्वास बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने वर्ष में दो बार फील्ड दिवस आयोजित करने का सुझाव दिया जिससे नई नई तकनीक का प्रचार और प्रसार दूर-दूर तक के किसानों को कम अवधि में पहुंच सके। निजी क्षेत्र से आए हुए प्रतिनिधि ने विश्वविद्यालय की इस पहल की प्रशंसा की एवं भविष्य में इसे बड़े स्तर पर करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकों जैसे सबौर आर्सेनिक मिटिगेटर, ट्राइकोडर्मा आदि को किसानों तक पहुंचाने में अपनी संयोगिता की रूचि दिखाई। डॉ फ़िज़ाअहमद, संयोजक (SIAM, 2023) ने अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित प्रभेदों, तकनीकों एवं उत्पादों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बीज उत्पादन कार्यक्रम को विस्तार से बताय। डॉ फ़िज़ा ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में निजी एजेंसियों के सहयोगिता को आगे बढ़ाने के लिए SOP बनाने की जरूरत है जिससे दोनों पक्ष लाभान्वित हो सकें। इस सम्मेलन का समापन कुमारी रजनी के धन्यवाद ज्ञापन से संपन्न हुआ।

  (Posted on 16 Aug 2023)

The award ceremony of the Intra College, Indoor Games Sports, namely Table Tennis, Badminton, Carrom and Chess of Bihar Agricultural College  was done today by Hon'ble Vice Chancellor, BAU, Sabour Dr. D. R. Singh on the occasion of Independence Day-2023. Altogether 80 boys and 48 girls students participated in different Games. Twenty students received gold and sixteen students received each of Silver & Bronze medals. While addressing Hon'ble Vice Chancellor asked students to take part in Games & Sports very actively to build their all round development.

  (Posted on 15 Aug 2023)

Bihar Agricultural University, Sabour celebrates 77th Indepedence Day with hosting of the National Flag by the Hon'ble Vice Chancellor Dr. D. R. Singh.

  (Posted on 15 Aug 2023)

Under the aegis of Nature Club, BAU, Sabour, a logo preparation competition was held. Twenty two students participated in this competition. The logo of Ms Komal Kumari of BSc Ag. 6th Semester stood first. The awarded  logo of Nature Club was launched by Hon'ble Agriculture Minister, Govt  of Sri Kumar Sarvajeet jee, during his visit to university on 14th August, 2023. On the occasion of Independence day, the logo preparation awardees along with other participants were distributed with certificates by Hon'ble Vice Chancellor, BAU, Sabour, Dr D. R. singh. Also, fourteen students of Nature Club, who actively took part in different activities of Nature Club were given the Appreciation award.

  (Posted on 14 Aug 2023)

राज्य में कृषि वृद्धिकरण को मिलेगा बढ़ावाः कृषि मंत्री, बिहार 

मौसम परिवर्तन के परिपेक्ष्य में बिहार सरकार वर्तमान फसल पद्धति में आवश्यकता आधारित वृद्धिकरण पर जोर देगी। राज्य के प्रत्येक जिले से वर्तमान मौसम के अनुकूल कृषि पद्धति अपनाने संबंधी आंकड़ों का संग्रहण किया जायगा और प्रत्येक जिले के लिए स्वतंत्र कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन कराया जायगा। उक्त बातें श्री कुमार सर्वजीत, माननीय कृषि मंत्री बिहार के द्वारा कृषि विश्वविद्यालय सबौर में नवनिर्मित प्रसार शिक्षा निदेशालय तथा बीज एवं प्रक्षेत्र निदेशालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर कही गयी। माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि धान, गेहूँ फसल पद्धति के आच्छादन को कम करने की आवश्यकता है क्योंकि मौसम परिवर्तन के कारण सही समय पर एवं पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं होने के फलस्वरुप किसानों को बहुत हानि होती है। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए एवं उस पर अनुसंधान के लिए राज्य सरकार द्वारा गया जिले में 150 करोड़ की लागत से सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किया गया है जिसका लाभ हमारे किसान भाईयों को होगा। कृषि विभाग के द्वारा भूमि संरक्षण पर आवश्यकता अनुसार आधारित अनुसंधान के लिए भी "सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किया जाएगा। माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रकृति में हो रहे बदलाव के लिए सभी प्रकार का सहयोग विश्वविद्यालय को राज्य सरकार प्रदान करेगी। कृषि मंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों की तात्कालिक समस्याओं के समाधान हेतु छोटे-छोटे विडियो मैसेज बनाकर सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करें जिससे राज्य के किसानों को अधिक लाभ हो। इस अवसर पर डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा कृषि मंत्री का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया गया। कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के शिक्षा, शोध प्रसार सहित अन्य गतिविधियों एवं उपलब्धियों को विस्तार से चर्चा की हाल ही में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के 81 छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है जो कि एक रिकार्ड है। विश्वविद्यालय के एक छात्र ने पी.एच.डी. की एक प्रतियोगी परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है और एक छात्रा की थीसिस को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है। कुलपति महोदय ने बताया कि विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPV&FRA) नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर दिये जाने वाले पुरस्कारों के लिए बिहार के दो कृषक समुदायों और चार कृषकों का चयन हुआ है। सर्वश्रेष्ठ पादप जीनोम संरक्षक कृषक समुदाय पुरस्कार के लिए कतरनी धान उत्पादक संघ और लीची उत्पादक संघ को चयनित किया गया है तथा सर्वश्रेष्ठ पादप जीनोम संरक्षक कृषक के लिए जमुई के श्री अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों, रोहतास के श्री दिलीप कुमार सिंह को

टमाटर, रोहतास के ही श्री अर्जुन सिंह को लौकी एवं धान तथा मुंगेर के श्री सत्यदेव सिंह को मसूर, तीसी और चना के लिए पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है साथ ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।

इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के प्रसार एवं प्रशिक्षण उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और बताया कि 'चतुर्थ बिहार कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन से राज्य में कृषि प्रसार को नया आयाम मिलेगा साथ राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक प्रखंड में स्थापित ई-किसान भवन को सूचना संचार क्रांति से जोड़कर उसे किसानों के घर-घर तक पहुँचाया जाएगा।

इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री जी द्वारा जैव विविधता को संरक्षित करने के उद्देश्य से "नेचर क्लब' के लोगो का लोकार्पण साथ ही नव-निर्मित भवन के परिसर में कार्य किया गया। वृक्षा रोपण का

इस अवसर पर डॉ. फिजा अहमद, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं डॉ. राज नारायण सिंह, सह-निदेशक प्रसार शिक्षा के द्वारा मंच का संचालन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, अधिष्ठाता कुलसचिव, नियंत्रक, पी.आर.ओ. सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्रा उपस्थित थे।

  (Posted on 14 Aug 2023)

राज्य में कृषि वृद्धिकरण को मिलेगा बढ़ावाः कृषि मंत्री, बिहार* 

मौसम परिवर्तन के परिपेक्ष्य में बिहार सरकार वर्तमान फसल पद्धति में आवश्यकता आधारित वृद्धिकरण पर जोर देगी। राज्य के प्रत्येक जिले से वर्तमान मौसम के अनुकूल कृषि पद्धति अपनाने संबंधी आंकड़ों का संग्रहण किया जायगा और प्रत्येक जिले के लिए स्वतंत्र कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन कराया जायगा। उक्त बातें श्री कुमार सर्वजीत, माननीय कृषि मंत्री बिहार के द्वारा कृषि विश्वविद्यालय सबौर में नवनिर्मित प्रसार शिक्षा निदेशालय तथा बीज एवं प्रक्षेत्र निदेशालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर कही गयी। माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि धान, गेहूँ फसल पद्धति के आच्छादन को कम करने की आवश्यकता है क्योंकि मौसम परिवर्तन के कारण सही समय पर एवं पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं होने के फलस्वरुप किसानों को बहुत हानि होती है। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए एवं उस पर अनुसंधान के लिए राज्य सरकार द्वारा गया जिले में 150 करोड़ की लागत से सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किया गया है जिसका लाभ हमारे किसान भाईयों को होगा। कृषि विभाग के द्वारा भूमि संरक्षण पर आवश्यकता अनुसार आधारित अनुसंधान के लिए भी "सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किया जाएगा। माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रकृति में हो रहे बदलाव के लिए सभी प्रकार का सहयोग विश्वविद्यालय को राज्य सरकार प्रदान करेगी। कृषि मंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों की तात्कालिक समस्याओं के समाधान हेतु छोटे-छोटे विडियो मैसेज बनाकर सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करें जिससे राज्य के किसानों को अधिक लाभ हो। इस अवसर पर डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा कृषि मंत्री का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया गया। कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के शिक्षा, शोध प्रसार सहित अन्य गतिविधियों एवं उपलब्धियों को विस्तार से चर्चा की हाल ही में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के 81 छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है जो कि एक रिकार्ड है। विश्वविद्यालय के एक छात्र ने पी.एच.डी. की एक प्रतियोगी परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है और एक छात्रा की थीसिस को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है। कुलपति महोदय ने बताया कि विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPV&FRA) नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर दिये जाने वाले पुरस्कारों के लिए बिहार के दो कृषक समुदायों और चार कृषकों का चयन हुआ है। सर्वश्रेष्ठ पादप जीनोम संरक्षक कृषक समुदाय पुरस्कार के लिए कतरनी धान उत्पादक संघ और लीची उत्पादक संघ को चयनित किया गया है तथा सर्वश्रेष्ठ पादप जीनोम संरक्षक कृषक के लिए जमुई के श्री अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों, रोहतास के श्री दिलीप कुमार सिंह को

टमाटर, रोहतास के ही श्री अर्जुन सिंह को लौकी एवं धान तथा मुंगेर के श्री सत्यदेव सिंह को मसूर, तीसी और चना के लिए पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है साथ ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।

इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के प्रसार एवं प्रशिक्षण उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और बताया कि 'चतुर्थ बिहार कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन से राज्य में कृषि प्रसार को नया आयाम मिलेगा साथ राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक प्रखंड में स्थापित ई-किसान भवन को सूचना संचार क्रांति से जोड़कर उसे किसानों के घर-घर तक पहुँचाया जाएगा।

इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री जी द्वारा जैव विविधता को संरक्षित करने के उद्देश्य से "नेचर क्लब' के लोगो का लोकार्पण साथ ही नव-निर्मित भवन के परिसर में कार्य किया गया। वृक्षा रोपण का

इस अवसर पर डॉ. फिजा अहमद, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं डॉ. राज नारायण सिंह, सह-निदेशक प्रसार शिक्षा के द्वारा मंच का संचालन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, अधिष्ठाता कुलसचिव, नियंत्रक, पी.आर.ओ. सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्रा उपस्थित थे।

  (Posted on 13 Aug 2023)

भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्याल, पूर्णिया में दिनांक १२ अगस्त को एक साथ कई  कार्यक्रमों का हुआ आयोजन 

अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस,  हर घर तिरंगा और अपनी माटी अपना देश जागरूकता सह कृषि गोष्ठी के साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन दिनांक 12 अगस्त को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्याल, पूर्णिया में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति डॉ डी आर सिंह द्वारा किया गया । यह कार्यक्रम जी 20 की बैठक को ध्यान में रखते हुए आकाशवाणी, दूरदर्शन पटना और भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्याल, पूर्णिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। माननीय कुलपति ने कहा कि जी 20 को भी कृषि से जोड़ा जा रहा है ताकि इन 20 देश और बिहार की कृषि को कैसे आगे ले जाया जाय इस पर मंथन हो सके । इसके बाद माननीय ने नेहरू युवा केन्द्र द्वारा महाविद्यालय में मोटे अनाज पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। साथ ही कुल 26 सफल NCC कैडेट को बी और सी सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।

  (Posted on 11 Aug 2023)

बिहार विधानसभा की कृषि उद्योग विकास समिति का बीएयू में अध्ययन यात्रा 

बिहार विधानसभा की कृषि उद्योग विकास समिति के माननीय सभापति श्री सुदामा प्रसाद सहित अन्य सदस्यों जैसे श्रीमति मंजू अग्रवाल (माननीय सदस्य बिहार विधान सभा), श्री जितेंद्र कुमार (माननीय सदस्य बिहार विधानसभा), श्रीमति बीमा भारती (माननीय सदस्य बिहार विधानसभा) के अलावा चक्रपाणि हिमांशु (माननीय अध्यक्ष बाल विकास संरक्षण) इत्यादि ने अध्धयन यात्रा के क्रम में बीएयू का दौरा किया। 
इस समिति का प्रयास होता है कि किसानों के हितों में हो रहे कार्यों की समीक्षा करना एवं उसमें बेहतरी के लिए सुझाव को विधानसभा में रखना। 

माननीय कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय डॉ डी आर सिंह ने सभी माननीय सदस्यों को पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया। मिनी सभागार में सदस्यों सहित विश्वविद्यालय के सभी अधकारियों ने बैठक किया एवं विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर आधारित वीडियो फ़िल्म सफरनामा देखा। माननीय कुलपति ने सभी आगंतुकों को विश्वविद्यालय की गतिविधियों उर उपलब्धियों से अवगत कराते हुए विश्वविद्यालय को हाल में मिले पेटेंट से अवगत कराया एवं विश्विद्यालय द्वारा कृषि आधारित उद्योग में सहायक कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। विश्वविद्यालय के सहयोग से प्राप्त जीआई टैग वाले उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। साथ ही माननीय कुलपति ने सभापति और अन्य सदस्यों को कतरनी उत्पादकों की समस्याओं से भी अवगत कराया। कतरनी धान की बेहतर मिलिंग के लिए अच्छे मिल की स्थापना की जरूरत के बारे में भी बताया। मखाना और बिहार में उत्पादित चाय की ब्रांडिंग की नितांत आवश्यकताओं को बताते हुए माननीय कुलपति ने इसे एग्रो-एक्सपोर्ट पालिसी स्थान देने के आग्रह किया। 
समिति के माननीय सभापति ने विश्वविद्यालय की कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आपके सुझावों पर हम जरूर करेंगे। उन्होने कहा कि हर हाल में किसानों को उचित मूल्य मिलना जरूरी है, सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तो तय करती है लेकिन उसके लागत मूल्य का खयाल नहीं रखती। 
किसान अपने भरोसे नवाचार कर रहे हैं हमें आशा है कि विश्वविद्यालय उनके इन कार्यों में सहायता कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि विधानसभा से आने वाले प्रतिवेदन में बिहार कृषि विश्वविद्यालय से प्राप्त अनुभव को समाहित करेंगे। 
माननीय सदस्य और बीएयू सीनेट के सदस्य श्री जितेंद्र कुमार ने कहा कि हम इस अध्ययन यात्रा में यह देख रहे हैं कि किसानों को उचित मूल्य मिल रहा है या नहीं, उन्हें उचित वैज्ञानिक सलाह मिल रहा है या नहीं । जिस प्रकार से  बिहार कृषि विश्वविद्यालय शोध से नए पेटेंट प्राप्त की है इससे जाहिर है किसानों का कार्य आसान होगा। उन्होंने कहा कि यहां से कृषि शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत अगर युवा कृषि उद्यम नहीं अपनाते तो कृषि शिक्षा ग्रहण करने का उद्देश्य सार्थक नहीं हो पाता। 

सभी माननीय सदस्यों को कृषि वीडियो युक्त माइक्रो एसडी कार्ड प्रदान किया गया। सभा का संचालन डॉ फ़िज़ा अहमद ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ पीके सिंह ने किया। इस आशय की जानकारी पीआरओ डॉ राजेश कुमार ने दी

  (Posted on 11 Aug 2023)

As per the G-20 theme,  “Vasudhaiva Kutumbakam” or “One Earth, One Family, One Future,” which encapsulates India's vision to foster international cooperation, focusing on inclusive economic growth, digital transformation, and climate action, one kishan Gosthi was organised at Bihar Agricultural University, Sabour by Akaswani, Patna and  Durdarshan, Bhagalpur. Students of under graduate and Post Graduate Programme were participated in this Gosthi. 

Hon’ble Vice Chancellor, Dr. D. R. Singh, Bihar Agricultural University, Sabour briefed the importance of Kishan Gosthi in the perspective of Financial and sustainable Development of the country. He mentioned that this Kisan Gosthi will be the best platform to address common economic challenges, promote stability, and prevent or mitigate financial crises.  He highlighted the importance of addressing climate change and promoting clean energy in G-20 forum. He mentioned about the impact of Bihar Krishi Road Map on Agriculture. He highlighted the achievements of Bihar including GI Tagged products, Patented Products and national and international awards. In the year 2023, the five farmers of Bihar Bagged Genome Savvier Award Prize where, the Katarni Rice grower and Jardalu Mango grower will get the Prize value of Rupees 10 lakh. With the help of University’s support and guidance, farmers of Bihar, can able to export their Jardalu Mango at International Market Dunbai @ Rs 900/- per kg.

  (Posted on 11 Aug 2023)

26th ZREAC Meeting organized at Bihar Agricultural College, Sabour

The 26th Zonal Research Extension Advisory Committee Meeting (ZREAC) for Rabi season for Zone III was organized today at Bihar Agricultural College, Sabour. The inaugural address was delivered by Dr. Ajay Kumar Sah, Dean (Agriculture), BAU, Sabour. He explained the importance of farmer participation in framing the research objectives of the university, which was possible through this meeting. He said that the feedback of the farmers will lead to the development of new research projects for solving the problems related to agriculture of the farmers to be researched by scientists. 
Dr. S.N. Ray, Assoc. Dean-cum-Principal, BAC, Sabour presented the progress report of the previous ZREAC meeting for Rabi in which he informed the house that all queries of farmers were solved successfully by the scientists of the university.
Dr. P.K. Singh, Chairman, Department of Plant Breeding and Genetics, BAC, Sabour informed the house about the new varieties released by the university for Rabi season which could be helpful in Agroclimatic Zone III of Bihar.  
In the next session, the farmers apprised about the problems faced in Rabi crops like Wheat, Linseed, Maize, etc. The agricultural scientists and farmers from six districts Bhagalpur, Banka, Munger, Sheikhpura, Khagaria and Lakhisarai were present in this programme. 
The welcome address and arrangement of the program was performed by Dr. Anil Paswan, Asst. Professor, Department of Extension Education, BAC, Sabour who acted as the coordinator of the program.

  (Posted on 08 Aug 2023)

Badminton Tournament organized on the occasion of 14th Foundation Day of Bihar Agricultural University, Sabour:

On the auspicious occasion of the 14th Foundation Day of Bihar Agricultural University, Sabour a ‘Badminton Team Tournament’ was organized at the Badminton Court of Officer’s Club of the university on 08th August, 2023 in the series of different programmes organized throughout a week celebration.  The ‘team of the students’ and the ‘team of the residents’ of Sabour campus participated in this tournament.  Dr. D. R. Singh, Vice Chancellor, BAU Sabour inaugurated this tournament and enjoyed some of the matches there as well as he cheered up and supported the players.  The Vice Chancellor has always reiterated the importance of organizing the sports events on regular basis. Under his guidance for the first time in BAU Sabour an “Annual Sports Calendar” has been issued for the students of the university.  The Vice Chancellor has mentioned to increase the sports infrastructure and facilities and to make a provision for the sports in the budget of the university.

            Students of Bihar Agricultural College, Sabour and College of Agricultural Biotechnology, Sabour  namely- Manish Raj, Deepak Kumar Choudhary, Navneet, Raviraj, Aman Nisar, Aditya, Shubham, Kundan and Harsha Kumari participated in this tournament from Students Team.  Whereas officials/players of the campus namely- Dr. R. B. Verma, Ashish Chourasia, Amit Kumar, Satyasai Saran Sharma, Birendra Murmu, Santosh, Neev, Sameer and Ananya Osh participate from the Residents Team. All the duties of reception team, match umpire, line judge etc. were performed successfully by the junior badminton players/ kids of the officials residing in the campus and this became the attraction of this event.  The students’ team won this badminton tournament by 3-2 at close quarters and amid nail-biting performances by the players.  All the Deans, Directors, senior officers, and many of the officials, residents and students were present during this tournament.  Sports meets/ tournaments have been organizing regularly in the university campus in view of preparing the students/ players of the university for different sports competitions at national or state level and in view of promoting the sports spirit among the officials of the university.

  (Posted on 08 Aug 2023)

Voluntary Blood Donation Camp organized to commemorate the 14th Foundation day of BAU, Sabour

A voluntary blood donation camp was organized on 7th August, 2023 in the Sehat Kendra, BAU, Sabour to commemorate the 14th Foundation day of Bihar Agricultural University, Sabour. The camp was inaugurated by Dr D. R. Singh, Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour. Altogether, 41 students and teachers of BAU, Sabour came forward to donate blood. Addressing the donors and volunteers , Dr. D. R. Singh encouraged the youth to come forward for the cause of humanity. Ms Varsha, Kumari, a first year student of the Bihar Agricultural College, came forward to become the first donor of the camp. She was felicitated by the Hon’ble Vice Chancellor. The blood donation camp was co-sponsored by the HDFC Bank Ltd., Bhagalpur and organized under the medical supervision of the Regional Blood Bank, JLNMCH, Bhagalpur. Dr. Anshuman Kohli, Nodal Officer, Sehat Kendra along with Dr Saurabh Kumar Chaoudhary, ANO, BAC, Sabour coordinated with NSS volunteers and NCC cadets to successfully organize this event.

  (Posted on 06 Aug 2023)

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आयोजित हुआ 14 वाँ स्थापना दिवस समारोह 

आज दिनांक 05/08/2023 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 14 वाँ स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ | आज ही के दिन 2010 में बिहार में कृषि और कृषकों के चहुंमुखी विकास को लक्ष्य लेकर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार कृषि विश्वविद्याल की नीव रखी गायी थी | आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने परिसर के दो दिनों के भ्रमण के उपरांत अपने अभिभाषण में कहा कि “स्थापना दिवस हमारे कार्यों को अवलोकन करने का मौका देता है और इस विश्वविद्याल की उपलब्धियों को कल से देखते जा रहे हैं तो उपलब्धियों की लिस्ट ख़त्म ही नहीं हो रही है और यही यहाँ के लिए बड़ी बात है |” साथ ही मुख्य अतिथि ने कहा कि हमने जो भी यहाँ भ्रमण के दौरान देखा और समझा उससे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं यहाँ से बहुत कुछ सीख कर जा रहा हूँ | माननीय सचिव ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को प्रभावी रूप से लागु करते फसल पद्धति का पुनरवलोकन करने की बात कही | इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के संयुक्त सचिव श्री अनिल कुमार झा, विभाग के उद्यान निदेशक एवं माननीय कृषि मंत्री के ओएसडी के अलावा भागलपुर के जिला अधिकारी ने भी अतिथि के तौर पर शामिल हुए | 
स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया | स्वागत भाषण में विश्वविद्याल के माननीय कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक शानदार संरचना की रखी गयी बुनियाद पर ही आज हमलोग इतने बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं |  माननीय कुलपति ने कहा कि संसथान जितना पुराना होता है उसकी गरिमा उतनी बढती जाती है | आज हमारा विश्वविद्यालय 13 वर्ष पूर्ण कर 14वें वर्ष में प्रवेश किया है, हमारा विश्वविद्याल किशोरा अवस्था में ही विभिन्न फसलों के 32 प्रभेद विकसित कर एक कृतिमान बनाया है | उन्होंने बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव द्वारा विश्वविद्याल को दिनों तक गहन निरिक्षण करने के लिए आभार व्यक्त किया | माननीय कुलपति ने सचिव महोदय से विश्विद्यालय में मौजूदा 15 विभागों को विस्तार देकर बिना अतिरिक्त खर्च के 20 विभागों को मान्यता देने के लिए आग्रह भी किया |  

 वेबसाइट, पुस्तक एवं पैकेजिंग का विमोचन : 
इस कार्यक्रम में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम पुस्तक एवं कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया | साथ ही कतरनी धान और जरदालू आम की ब्रांड पैकेजिंग का विमोचन किया गया, इसकी पैकेजिंग भारतीय पैकेजिंग संसथान ने किया है | बीएयू सबौर का नए प्रारूप में वेबसाइट का भी लोकार्पण किया गया | 

 शिक्षकों, कर्मियो, किसानों और विद्यार्थियों को किया गया पुरुस्कृत :    
 आज बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों को बेस्ट टीचर अवार्ड से नवाज़ा गया साथ ही बेहतर शोध करने वाले शिक्षकों को भी पुरुस्कृत किया गया | अपने कक्षा में में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाले सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी पुरुस्कृत किया गया | कई नवाचारी किसानों को भी पुरुस्कृत किया गया | 


छ्त्रवास के लिए मिलेगी राशि : 
माननीय सचिव ने कहा कि अगर यहाँ से सम्बंधित किसी भी महाविद्यालय में छ्त्रवास कि कमी हो तो मांग की जाने पर सरकार राशि प्रदान करेगी | इसी क्रम में उद्यान महाविद्यालय नूरसराय में छ्त्रवास में नये कमरों का निर्माण किया जायेगा | 

भागलपुर को रूफ टॉप गार्डन की सौगात 
कृषि विभाग भागलपुर को भी रूफ टॉप गार्डन यानि छत पर बागवानी कार्यक्रम में शामिल करेगा, अभी सिर्फ पटना में ही यह कार्यक्रम चल रह है | इसके तहत विश्वविद्याल को भी रूफ टॉप गर्देनिंग के लिए शोध करने और मॉडल बनाने हेतु सहायता राशि मिलेगी | 

 छात्र करेंगे खेतों में प्रयोगिक कार्य 
यहाँ के छात्र किसानों के खेतों में प्रायोगिक कार्य अपने पढाई के शुरूआती दिनों में ही करेंगे | माननीय सचिव ने कहा कि कृषि कि पढाई सिर्फ कक्षा और प्रयोगशाला तक ही सिमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि इसे पढाई के शुरुआती दौर से ही छात्रों को किसानों के खेतों में जाकर कार्य करना चाहिए | 

 व्याख्यान कक्ष का हुआ उद्घाटन :  
कार्यक्रम के शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय परिसर में छोत्रों के लिए शनदार व्याख्यान कक्ष का उद्घाटन माननीय अतिथियों ने किया | स्टेट ऑफ़ आर्ट के तर्ज पर बने कुल आठ व्याख्यान कक्ष में से दो कक्ष पूरी तरह से स्मार्ट और इंट्रेकटिव सिस्टम से लैस है…

  (Posted on 06 Aug 2023)

Bihar Agricultural University Sabour celebrated its 14th foundation day. Secretary, Department of Agriculture, Government of Bihar, Sri Sanjay Kumar Agarwal graced the occasion as the chief guest.

  (Posted on 25 Jul 2023)

The 2nd Alternative Dispute Redressal Camp organized at Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur for the speedy execution of the pending cases in the Hon'ble High Court, Patna, today on 15.07.2023, Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur (Headquarters), organized "2 nd Alternative Dispute Redressal Camp" in the chairmanship of Dr. D.R. Singh, Hon’ble Vice-Chancellor, BAU, Sabour. The session was conducted in the presence of constituted committee members viz., Registrar, Comptroller, Learned Counsel of the university, Deputy Director Administration, and Officer-in-Charge of Legal Cell. In total, 15 cases were presented by the committee for hearing in which 19 petitioners presented their cases. The petitioners were privileged to present their claims/ griefs in the context of the case. Thereafter, the committee discussed in depth about the various aspects of the related matter. After thorough discussion, and as an outcome, consent letter from the side of 18 petitioners for withdrawal of cases pending in the High Court, Patna were submitted to the university. This unparallel effort will prove to be a milestone in the direction of
reducing the pressure of pending legal cases on the university. At the same time, this effort reflects the positive thinking of the Hon'ble Vice-Chancellor in this direction, which will prove to be useful in creating work culture for the development of the University.

  (Posted on 24 Jul 2023)

Hon'ble Vice chancellors Dr. D. R. Singh visit to VKSCOA Dumraon on 24.07.2023.

  (Posted on 23 Jul 2023)

The BAU Sabour community radio station Green FM 90.8 has been awarded the National Community Radio Station Award by the government of India, ministry of information and broadcasting for program series "Poshan Shrinkhala" for the year 2022

  (Posted on 20 Jul 2023)

Hon’ble Vice-Chancellor, BAU, Sabour felicitated to students for this excellence performance intra college sports competition of CABT, Sabour during inauguration of girls hostel on 19.07.2023. The winners and runners up received medals and certificates on the award ceremony for  their performace in Badminton, Chess, Table Tennis and Carrom competition. In his address on the occasion, the Vice-Chancellor said that sports competition not only gives all-round development to the children but also gives them an opportunity to play a leading role in building the country and society. Hon’ble Vice Chancellor encouraged the students for their active participation in sports competition. The award distribution ceremony was coordinated by Dr. Ravi Ranjan, Sports In-charge, CABT, Sabour.

  (Posted on 20 Jul 2023)

The girls hostel for College of Agricultural Biotechnology, Sabour was ingaurated on 19.07.2023 by the Hon'ble Vice Chancellor. The 10 room with facilities of bed, table, chair and wardrobe etc. have also been made available for the girl students of CABT. At this auspicious occasion, Dr. R. P. Sharma, Dean (Agriculture), Dr. R. K. Sohane,Director Student Welfare, Dr. N. Chattopadhyaya, Principal Agricultural Biotechnology College, Dr. S. N. Ray, Principal, Bihar Agricultural College; Shri Amit Kumar, Deputy Director Administration, Dr. Rajesh Kumar PRO, scientists and staffs of CABT & BAC, Sabour  and students were present. While addressing the girl students, Hon’ble Vice Chancellor emphasized on on women's education and empowerment. On this occasion, while planting a tree, the Vice-Chancellor requested each student to plant a tree for a pollution-free environment. The inaugural ceremony of Girls hostel was coordinated by Dr. Dharamsheela Thakur, Hostel Superintendent and Dr. Ravi Ranjan, CABT.

  (Posted on 20 Jul 2023)

Review of research work carried out during last five year under harvest plus research programme in colaboration with International Food Policy Research Institute, Washington, USA was held under the chairmanship of  Hon'ble Vice Chancellor Dr. D. R.  Singhalong with the research team of Harvest Plus as well as BAU, Scientist for the promotion of biofortied cereals and pulses. Meeting was attended by Director Research, Director Extension Education, Dean PGs and Assiciate dean cum principal. After thourough on establishment of center of excellence on analytical aproach of BAU.

  (Posted on 18 Jul 2023)

Dr. D. R. Singh Hon'ble Vice Chancellor paid a courtesy visit to Sri Amir Subhani, I.A.S.  the Chief Secretary, Government of Bihar.

  (Posted on 18 Jul 2023)

Dr. D. R. Singh Hon'ble Vice Chancellor paid a courtesy visit to Sri Sanjay Kumar Agarwal, I.A.S. the Secretary, Agriculture Department, Government of Bihar

  (Posted on 18 Jul 2023)

Bihar Agricultural University hosted a two-day workshop titled "Developing Grant Winning Proposals & Building Right Perspectives in Science Communication" at Sabour on July 17-18, 2023. The workshop was specifically organized for the university's scientists and aimed to enhance their skills in creating high-quality research projects to secure funding from various external agencies. A total of seventy scientists participated this workshop. Leading the workshop was Dr. P Krishnan, the Director of the Bay of Bengal Programme at the Inter-Governmental Organisation in Chennai. Dr. Krishnan is an esteemed speaker with extensive experience in the field. The primary objective of the workshop was to train scientists in crafting research proposals that would attract funding from esteemed organizations such as the Department of Science and Technology, the Department of Biotechnology, the Ministry of Science and Technology of the Government of India, as well as international funding agencies like IRRI, IFRI, BMG, and others. Notably, the Ministry of Environment and Forest and the Department of Agriculture and Farmers' Welfare could also serve as potential funding sources. In his message, Dr. D R Singh, the Hon’ble Vice Chancellor of the university, emphasized the university's support for scientists in developing high-quality projects and obtaining funding from diverse sources. The workshop was specifically organized to bring in prominent experts to facilitate learning and provide hands-on experience in creating award-winning proposals.

  (Posted on 13 Jul 2023)

Bihar Agricultural University Sabour is now sending quality seeds of paddy to the doorsteps of farmers. Inorder to facilitate it, the Kisan Gyan Rath was flagged off to Munger by the hon'ble Vice-Chancellor Dr. D. R. Singh.

  (Posted on 06 Jul 2023)

For eradication of mal-nutrition, nutri-garden is an essential component which should be set up in the premises of our homes and also in institutions and schools. Aiming at this, a nutri- garden has been established in the school premises. Seasonal vegetables will be planted year- round in the garden for supply of fresh vegetables enriched with nutrients. On 28 th June, plantation of Kharif vegetables in the nutri-garden was initiated with planting okra which was done by the students of the school under the guidance of the team of lady scientists of BAU, Sabour. The school students were also made aware of the various cropping seasons for agricultural crops and nutritional benefits of vegetables. Cowpea, cucurbits (cucumber, bitter gourd, bottle gourd, etc) will also be planted in the first fortnight of July, 2023.

  (Posted on 04 Jul 2023)

Central Canteen at Bihar Agricultural University, Sabour was inaugurated by Shri Kumar Sarvjeet, Hon'ble Minister, Department of Agriculture, Government of Bihar.

  (Posted on 04 Jul 2023)

Soil scientists from Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur, Bihar have successfully developed and patented “A PROCESS FOR FORMULATING PARTIALLY ACIDULATED NANO-PHOSPHORUS FERTILIZER” consequent to elaborate research work in the laboratory and subsequent validation in field experiments. The patent was granted on the 28th of June, 2023 for a term of 20 years from the date of filing, i.e. the 22nd of September, 2020 in accordance with the provisions of the Patents Act,1970.

Widespread deficiency and naturally low use efficiency of Phosphorus in Indian soils demands a streamlined and focussed approach for its efficient management.  Rapidly increasing exploitation of rock phosphate for phosphorus fertilizer industry is an area of concern today. It necessitates the use of alternative strategies to utilize the indigenous low grade rock phosphate coupled with novel interventions of nano-science for enhancement of Phosphorus use efficiency in major crops of India.

The team of inventors led by Dr. Kasturikasen Beura, Assistant Professor (Soil Science) also consisted of 3 other Soil Scientists from BAU, Sabour viz., Dr. Amit Kumar Pradhan, Dr. Nintu Mandal and Mr. Rajeev Padbhushan. They were able to prepare the nano-rock phosphate formulation after a series of standardization techniques and tested the performance of the product in major cereal crops viz., Rice and Wheat. They observed a high apparent Phosphorus recovery of 20-25 % upon using the nano Phosphorus fertilizer as soil application and 48-50 % under foliar application. The team feels that the success of this scientific endeavour lies in the possible utilization of low-grade rock phosphate deposits in India using nanotechnology as a novel nutrient management strategy.

Dr. D.R. Singh, Vice-Chancellor, Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur expressed immense pleasure and congratulated the team of inventors on their achievement with best wishes to excel in the field of Soil science so that they can contribute towards the upliftment of farming community in Bihar and the nation.

  (Posted on 01 Jul 2023)

Honourable Vice Chancellor, BAU, Sabour inaugurated FLOWER PROCESSING UNIT on 01.07.2023 which comprised of the inauguration of Dehydrator with 50-150 kg capacity, powder pulveriser and bend sealer (mini) machines. The motto of establishing this unit is to recycle the flower waste and to re-utilize it in making diverse natural products like dry flowers, Floral Gulal, incense sticks, floral face mask, poultry feed supplement and floral manure. On one hand this unit would assist in minimizing the pollution of water bodies, whereas on other hand augment employment generation with the production of eco-friendly, heath conscious, handmade and high market demanding products.

  (Posted on 01 Jul 2023)

A stakeholders’ meeting of Katarni Rice was held on 30.6.2023 in Mini Auditorium of BAU Sabour to discuss on the various aspects of development and promotion of this coveted rice. Around 126 Farmers including 10 women farmers involved in Katarni Farming from Banka, Bhagalpur and Munger districts participated in the meeting. Dr. D. R. Singh, Hon’ble Vice Chancellor, BAU emphasized the setup of strong market linkage for Katarni rice so that the original quality and aroma of this variety can reach to the end users and also farmers get the remunerative price.  For enhancing the brand value of Katarni, attractive packaging material of different sizes are being developed by BAU in collaboration with Indian Institute of Packaging.  Farmers of different blocks gave their feedback and valuable inputs for enhancing the brand value of Katarni and suggested a few actionable points to increase the production of Katarni to cope up the domestic market. Expert from APEDA informed about the different avenues of export of Katarni rice and suggested to organize an producers-exporters meeting for Katarni rice to design a framework of its export in the line of Basmati rice.   The seed of Bhagalpur Katarni ws distributed among sixty farmers and information about the upcoming Dwarf Variety of Katarni rice was given by Dr. Mankesh Kumar. A light on the issues and challenges associated with Katarni farming and the various majors taken by BAU to tackle these issues was given by Director Research BAU.

  (Posted on 26 Jun 2023)

His Excellency the Governor of Bihar and Chancellor BAU, Sabour observing diverse varieties of Mango cultivated in Bihar during courtesy visit of hon'ble Vice Chancellor, BAU, Sabour.

  (Posted on 26 Jun 2023)

Dr. D. R. Singh Hon'ble Vice Chancellor paid courtesy visit to Shri Rajendra Vishwanath Arlekar H.E. the Governor of Bihar and Chancellor, BAU,Sabour.

  (Posted on 20 Jun 2023)

Bihar Agricultural University has received the ISO 9001:2015 certificate by International Organization for Quality Management System. This certifies the quality of education, research and extension services of BAU, Sabour.

  (Posted on 19 Jun 2023)

KVK Manpur Gaya organized a workshop cum training programme on Cultivation of Millets under Changing Climate under Climate Resilient Agriculture  Programme on 17 June 2023  in which more than 700 farmers and stake holders of Magadh Division attended. Hon'ble Agriculture Minister,  GoB, Sri Kumar Sarvjeet was the Chief Guest and Hon'ble VC  BAU Sabour,  Dr. D R Singh presided the programme.  Respected  DEE Dr. R K Sohane,  Dr. Abhay Kumar,  PS ICAR -RCER,JDA Gaya, DAO Gaya,DWP Er. S K Raman, PRO Dr Rajesh, Dr. Shambhu Prasad and many officers from  line departments participated.

  (Posted on 08 Jun 2023)

On the third day (7th June) of the One week workshop on “Environmental Protection and Awareness (EPA-2023)” during 5th – 11th June, 2023, the Waste to Wealth Programme was carried out, where students of BAC & CABT, Sabour and Kasturba Gandhi Balika School, Sabour participated with great zeal and enthusiasm. Different products derived from waste of different sorts were presented, like liquid fertilizers from onion and other kitchen wastes, pen stands, dust bin, decorative materials from plastic bottles and paper wastes. The models depicting Waste to Wealth by the children of Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya, Sabour, the school adopted by Bau, Sabour were really very marvelous. Apart from students of BAC & CABT, school children, faculties were present to witness and judge the models for awards. The programme was coordinated by Dr. Awadhesh Kr Pal, Dr. Sareeta Nahakpam, Dr. Shashikant, Dr. R. D. Ranjan and Dr. M. P. Mandal

  (Posted on 06 Jun 2023)

Parthenium eradication and beat plastic campaign was carried out at 6 AM in the morning on the second day (6th June) of the One week workshop on “Environmental Protection and Awareness (EPA-2023)” during 5th – 11th  June, 2023. Students from BAC & CABT, Sabour, faculty members and children of Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya, Sabour participated with enthusiasm. The area surrounding the university and college building were covered for  parthenium and plastic eradication. The programme was headed by Dr. S. N. Singh, Associate Dean-cum-Principal, BAC Sabour, who participated very actively in the campaign. The programme was organized and coordinated by Dr. A. K. Pal, Dr. Sareeta Nahakpam, Dr. Shashikant, Dr. R. D. Ranajn.

  (Posted on 06 Jun 2023)

On occasion of world environment day on 5 th June 2023, College of Agricultural Biotechnology,
Sabour organised a plantation programme in front of the area of PG Lab-2. Dr. R. P. Sharma,
Dean (Agriculture) and Dr. N. Chattopadhyaya, Prinicpal, CABT, Sabour were the chief guest of
the programme. Faculties of MBGE/CABT and the students of CABT participated in the
plantation programme. Dean (Ag) and Principal, CABT appealed to the students and faculties to
plant as many saplings as possible to make the campus green and a better place for the posterity.
Dr. Vinod Kumar, Dr. Ravi Ranjan and Dr. Tushar Ranjan act as the convenors for organising
the plantation programme for making this event a grand success.

  (Posted on 05 Jun 2023)

One week (05-11th June 2023) workshop on environmental protection and awareness was inaugurated today on 5th June 2023 on the occasion of world environment day under the chairmanship of hon’ble Vice Chancellor BAU, Sabour and chief guest Dr. S. K. Choudhary, Former Dean, Faculty of Science, TMBU, Bhagalpur. The programme started with the Jal Arpan by the dignitaries sowing the importance of water conservation. Dr. Choudhary delivered plenary lecture on “Say no to plastic” where he informed about the ill effect of plastic on human and other animal health and that difficulty in its degradation. Students of Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya, the adopted school BAU, Sabour gave speech on environmental integration and management. NSS unit of BAU took oath for keeping the campus clean, green and plastic free. Hon’ble Vice Chancellor BAU, Sabour suggested many majors to control use of plastic in the campus and to raise awareness among people out of the campus.

  (Posted on 31 May 2023)

For the speedy execution of the pending cases in the Hon'ble High Court, Patna, today on 31.05.2023, Bihar Agricultural University Headquarters, Sabour, Bhagalpur, probably for the first time in the state's universities organized an "Alternative Dispute Redressal Camp" in the chairmanship of Dr. D.R. Singh, Hon’ble Vice Chancellor, BAU, Sabour, in which 15 cases were selected by the committee for the hearing. Total 11 petitioners were present during this camp to present their cases, out of the selected cases. The camp was conducted under the chairmanship of the Hon'ble Vice Chancellor, BAU, Sabour and in the presence of constituted committee members namely Registrar, Director Administration, Comptroller, Learned counsel of the university, Officer-in-Charge, Legal Cell.  The petitioners were given full opportunity to present their claims/grief in the context of the case.  Thereafter, the committee discussed in depth about the various aspects of the related matter. After thorough discussion and as an outcome, consent letter from the 9 petitioners for withdrawal of cases pending in the High Court, Patna were submitted to the university.

This effort will prove to be a milestone in the direction of reducing the pressure of unnecessary pending legal cases on the university. At the same time, this effort reflects the positive thinking of the Hon'ble Vice-Chancellor in this direction, which will prove to be useful in creating a pleasant atmosphere among the office bearers and employees in the university campus and in developing a better work culture.

  (Posted on 29 May 2023)

The Bihar Agricultural University, Sabour is host the Final Review Meeting, Symposium & Training programme under the Australian Centre for International Agricultural Research (ACIAR) sponsored research project entitled “Understanding Farm-Household Management Decision making for Increased Productivity in the Eastern Gangetic Plains or Farmer Behaviour Insights Project (FBIP)” from 28-30 May 2023. The symposium was organized on 29.05.2023.

  (Posted on 25 May 2023)

Seed production-cum-cropping programme Meeting of Bihar Agricultural University, Sabour was held on 24th May 2023 under the chairmanship of Hon'ble Vice Chancellor Dr D R Singh.

  (Posted on 20 May 2023)

24th Extension Education Council Meeting (ECM) of Bihar Agricultural University, Sabour was held on 19th May 2023 under the chairmanship of Hon'ble Vice Chancellor Dr. D. R. Singh.

  (Posted on 19 May 2023)

25th Research Council Meeting of Bihar Agricultural University, Sabour was held on 17-18 May 2023 under the chairmanship of Hon'ble Vice Chancellor Dr D R Singh. In the meeting two new varieties of paddy (Sabour Moti and Sabour Sona) and three new agricultural techniques were recommended.

  (Posted on 17 May 2023)

Competitive Examination & Guidance Cell (CEG Cell), BAU Sabour has been established in Bihar Agricultural University, Sabour first time by the initiative of Dr. D. R. Singh, Hon’ble Vice Chancellor, BAU Sabour to impart the guidance and support to all the existing students as well as former students of BAU Sabour who wish to be a part of Central/ State Administration and want to serve as an officer/ official in Government of India, Government of Bihar or other State Governments. The CEG Cell, BAU Sabour organized two workshops during the last month for UG (final semester)/ PG students to create awareness about the current advertisement notices and upcoming advertisements/ exams of UPSC and SSC and also discussed the exam strategies. Several other plans and programmes are on the way and the Cell is committed to provide the maximum facilities and support to the students to achieve their goals through various competitive examinations.

  (Posted on 12 May 2023)

The Department of Plant Pathology, BAC Sabour organized a workshop on "Shielding Plant Health with Innovative Management Strategies" to commemorate the International Day of Plant Health Management on 12th May 2023. The programme was inaugurated by Dr. D. R. Singh, Hon'ble Vice-Chancellor of the university, and Dr. S. N. Singh, the Principal of BAC Sabour. Total of 110 participants registered and attended the workshop including MSc and PhD students and scientists/teachers across disciplines. A total of 25 speakers delivered the talk.

  (Posted on 04 May 2023)

The Intra-College Indoor Games and Sports Meet-2023  for B.Tech Biotechnology students was organised by the College of Agricultural Biotechnology, Sabour during April under the chairmanship of Principal, CABT Sabour. The sports meet was inauguratied by Principal, CABT and in presence of Shri Amit Kumar, DDA and Overall I/c Sports, BAU, Sabour on April 04 at the Officers’ Club at the university’s headquarters.

The sports meet was organized under the the guidance of Dr. Y .K. Singh Kumar (O/I Games & Sports, BAC, Sabour)  by Dr Ravi Ranjan Kumar (O/I Games & Sports, CABT) and the games was organized by different committee head by Dr. Subrat Subrat Keshori Behera (Badminton) Dr. AK Pal (Table tennis), Dr. Tushar Ranjan (carrom) and Dr. Ravi Ranjan (chess) along with the students’ secretaries

 

  (Posted on 29 Apr 2023)

BAU, Sabour organized Brainstorming session on Review of Research Activities and Redesigning Research Priorities in Biotechnology on 29th April 2023.Total of three (03) teaching cum practicals were released for B.Tech (Biotechnology) students during this program.

 

  (Posted on 27 Apr 2023)

Bihar Agricultural University sabour organized first ever its Rojgar Mela for its passed out and ongoing last year students of graduation, post graduation and PhD with the great inspiration of Dr D R Singh, Hon’ble Vice Chancellor of the university. A total of seventy four graduate students, fifty one M.Sc students and five PhD students participated in this mela. Most of students are last year’s students of the academic programmes. The companies those participated in this Rojgar mela are Veticura Mankind ( Division of Mankind Pharma Ltd), DHAN Vayalagam (Tank) Foundation, Shivashakti Agritec Limited, HDFC Bank & AU Biotech and some companies also participated virtually.

  (Posted on 26 Apr 2023)

BAU, Sabour organized a workshop on quality production, storage, marketing and branding of Bhagalpuri Zardalu mangoes on 25 April 2023.

  (Posted on 25 Apr 2023)

Second alumni meet of BAU, Sabour held on 23rd and 24th April 2023. The program was inaugurated by the Hon’ble Vice Chancellor Dr. D. R. Singh.

On this occasion, the web portal of the alumni association was also inaugurated.

  (Posted on 12 Apr 2023)

The seventh convocation ceremony of university was organized on 11th April 2023. Convocation was presided over by His Excellency the Governor of Bihar and Chancellor BAU, Sabour. Shri Kumar Sarvjeet, Honorable Agriculture Minister, Government of Bihar and Dr. A. K. Singh, Deputy Director Horticulture, Indian Agricultural Research Institute, New Delhi attended were present.

  (Posted on 12 Apr 2023)

His Excellency the Governor of Bihar and Chancellor BAU, Sabour encouraged the girl students of Kasturba Vidyalaya, Sabour adopted by the University.

  (Posted on 12 Apr 2023)

On 11th April, 2023, 14 people were appointed in the university on compassionate grounds.

  (Posted on 06 Apr 2023)

Three days long training programme on Crop Monitoring and Digital Data Collection was inaugurated by Hon'ble Vice Chancellor on 06 April 2023.

  (Posted on 31 Mar 2023)

Voluntary Blood Donation Camp was Organized by Sehat Kendra (Health Centre) BAU, Sabour on 28th March 2023.

  (Posted on 31 Mar 2023)

A library for farmers was inaugurated at Uprama village in Banka district by Hon'ble Vice Chancellor of Bihar Agricultural University (BAU), Sabour, Dr. D. R. Singh on 26 March 2023.

  (Posted on 27 Mar 2023)

BAU, Sabour was Awarded with First Prize for Best Stall During Bihar Diwas 2023

  (Posted on 27 Mar 2023)

Hon’ble Vice-Chancellor courtesy visit to his Excellency the Governor of Bihar Shri Rajendra Vishwanath Arlekar 

  (Posted on 27 Mar 2023)

Regional Agriculture Fair held on BAU, Sabour during 23-25 February 2023.

  (Posted on 27 Mar 2023)

Inauguration of College of Forestry By Hon’ble Chief Minister Sri Nitish Kumar, Government of Bihar

  (Posted on 27 Mar 2023)

Inauguration of Radio Revision Programme for improving academic performance of students.

  (Posted on 27 Mar 2023)

Hon’ble Vice-Chancellor addressing the university fraternity on the occasion of 74th Republic day

  (Posted on 27 Mar 2023)

Hon’ble Vice-Chancellor visited Bhola Paswan Shastri Agricultural College, Purnea on 30th January, 2023.

  (Posted on 27 Mar 2023)

A week long indoor game competition started at Bihar Agricultural University (BAU), Sabour