बीएयू के ने मनाया 16 वां स्थापना दिवस समारोह
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली के निदेशक एवं कुलपति डॉ. श्रीनिवास राव ने अध्यक्षीय संबोधन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के 15 वर्षों की यात्रा को अत्यंत प्रेरणादायक बताते हुए विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई दी।
डॉ. राव ने कहा, “हमने यहाँ की संरचनाओं, सुविधाओं, प्रयोगशालाओं एवं प्रक्षेत्रों का अवलोकन किया और यह देखकर गर्व होता है कि इतने कम समय में इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रभावशाली पहचान बनाई है। बिहार अब किसी भी राज्य से पीछे नहीं है। बिहार को कृषि उत्पादों के निर्यात के क्षेत्र में भी और बेहतर करना चाहिए।”
समारोह की प्रमुख झलकियाँ:
अतिथियों का स्वागत परंपरागत अंग-वस्त्र और पौधों के उपहार देकर किया गया, जो विश्वविद्यालय की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वागत भाषण अधिष्ठाता कृषि डॉ. ए. के. साह ने दिया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक अनुसंधान डॉ. ए. के. सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर सिंदूर की खेती पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का विमोचन पूर्व केंद्रीय मंत्री माननीय सैयद शाहनवाज़ हुसैन द्वारा किया गया। उन्होंने कहा, “परिसर की हरियाली दिल को छू लेने वाली है। ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अब विश्व स्तर तक पहुँच चुकी है और BAU द्वारा सिंदूर की खेती चर्चा भी हर ओर है।”
"नन्ही उम्मीदें" – कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, जिसे विश्वविद्यालय ने गोद लिया है, उस पर आधारित प्रेरक डॉक्यूमेंट्री का विमोचन माननीय सांसद श्री अजय मंडल द्वारा किया गया।
कतरनी चावल के एक किलोग्राम के वाटरप्रूफ जिपर बैग का भी विमोचन किया गया, जो स्थानीय कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर क्रॉप फिजियोलॉजी, कृषि अभियंत्रण, कृषि पत्रकारिता आदि विषयों पर आधारित प्रायोगिक एवं व्यावहारिक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर कृषि सखियों के लिए प्राकृतिक खेती पर मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया गया।
अतिथियों ने कतरनी चावल का वाटर प्रूफ जीप बैग का भी विमोचन किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन की मुख्य बातें:
डॉ. श्रीनिवास राव ने कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय संस्थानों जैसे IARI के साथ जुड़कर नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करने हेतु एग्री-प्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई।
कृषि शिक्षा को अधिक उद्योगोन्मुखी, डिजिटल-समर्थित और समाधान आधारित बनाने की दिशा में कार्य करने की सलाह दी।
उन्होंने बिहार को कृषि उत्पादों के निर्यात में अग्रणी बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय को नीति निर्धारण और अनुसंधान में अहम भूमिका निभाने की आवश्यकता बताई।
अन्य विशिष्ट वक्तव्य:
माननीय सांसद श्री अजय मंडल ने BAU को नीति आयोग द्वारा पूर्वोत्तर योजना की नोडल एजेंसी बनाये जाने को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा, “15 वर्षों में BAU की उपलब्धियाँ देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।”
माननीय कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में IARI और BAU के बीच हुए MoU को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे बिहार के कृषकों, वैज्ञानिकों एवं छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और राज्य में कृषि का एक नया युग प्रारंभ होगा।
समारोह में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों, छात्रों एवं बड़ी संख्या में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।