कृषि सखियों के लिए प्राकृतिक खेती पर मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में आज स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) के अंतर्गत भागलपुर जिले की चयनित 20 कृषि सखियों के लिए प्राकृतिक खेती विषय पर मास्टर ट्रेनर के रूप में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य शुभारम्भ हुआ।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर आयोजित उद्घाटन समारोह में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख हैं:
भागलपुर के माननीय सांसद श्री अजय कुमार मंडल, पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली के माननीय कुलपति डॉ. श्रीनिवास राव, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के माननीय कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह, इत्यादि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर माननीय कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा
"आज स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर भागलपुर जिले की चयनित कृषि सखियों के लिए प्राकृतिक खेती पर मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और कृषि नवाचार की अगुआ बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।"
यह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण (दिनांक 05 - 09 अगस्त, 2025) विशेष रूप से कृषि सखियों की क्षमता निर्माण हेतु आयोजित किया गया है, ताकि वे अपने-अपने ग्राम पंचायतों में प्राकृतिक खेती की प्रणेता बन सकें। इस प्रशिक्षण में उन्हें जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र, अग्नास्त्र जैसे जैविक इनपुट्स की तैयारी, मल्चिंग, नमी संरक्षण, बीज उपचार, आदि तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
साथ ही, कृषि सखियों को क्लस्टर आधारित विपणन, प्रदर्शन तकनीक और मार्गदर्शन कौशल से भी सशक्त किया जा रहा है ताकि वे अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार की प्रभावी अग्रदूत बन सकें।
प्रशिक्षण के उपरांत ये कृषि सखियाँ अपने गांवों में किसानों के खेतों पर प्रायोगिक प्रदर्शन करेंगी, उन्हें मार्गदर्शन देंगी, तथा प्राकृतिक खेती अभ्यासों को अपनाने में किसानों की सहायता करेंगी। नियमित समूह भ्रमण और निगरानी के माध्यम से ये सखियाँ स्थायी कृषि परिवर्तन की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएंगी।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला स्तर पर प्राकृतिक खेती के विस्तार में कृषि सखियों की भूमिका को सशक्त बनाएगा और सामुदायिक नेतृत्व को बढ़ावा देगा।